901 | किसी व्यक्ति के लिए स्वयं पर विजय पाना सभी जीतों में सबसे पहली और महान है। |
902 | किसी व्यक्ति को खुद जैसा बनाना चाहते है या उसे बदलना चाहते है तो उसका हाथ पकड़िए और सहीं मार्ग पर ले जाए। |
903 | किसी समस्या का हल ऐसे निकाले कि वे दूसरी समस्याओं को हल करने का नियम बन जाए। और उस एक नियम से दूसरी समस्याओं का हल निकाला जा सके। |
904 | किसी समस्या का हल निकालने के लिए उस समस्या को इतने हिस्सों में बाटे जितना की हल निकालने के लिए जरूरी है। ऐसा करने से ज्यादा हल निकल आएंगे। |
905 | किसी से दोस्ती करने में धीमे रहिये, लेकिन अगर दोस्ती हो जाएँ तो उसे मजबूती से निभाइए और हमेशा जरुरत के समय दोस्तों के साथ रहिये। |
906 | किसी से नफरत करना आसान है, मगर प्यार करना मुश्किल है। इन्हीं दो बातो के इर्द गिर्द पूरी दुनिया घूमती है। अच्छी चीजे बहुत मुश्किल से मिलती है और बुरी आदते उतनी ही मुश्किल से जाती है। |
907 | किसी से भी मिलते वक़्त आवशयकता से अधिक अच्छे रहो। प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह का युद्ध लड़ रहा है। |
908 | किसी ख़ास समुदाय को ध्यान में रखकर उत्पादों को डिजाइन करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते है की वो क्या चाहते है जब तक की आप उन्हें दिखाए नहीं। |
909 | की ब्राह्मण-कुल में उत्पन्न अगस्त्य ऋषि ने गुस्से में मेरे पिता समुद्र को ( जो मेरे पिता है) पी लिया। |
910 | कीर्ति वीरोचित कार्यो की सुगन्ध है। |
911 | कीड़ों तथा मलमूत्र का घर यह शरीर पुण्य और पाप को भी जन्म देता है। |
912 | कुछ मत पूछो , बदले में कुछ मत मांगो ,जो देना है वो दो ; वो तुम तक वापस आएगा , पर उसके बारे में अभी मत सोचो। |
913 | कुछ सच्चे , इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं ; जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं। |
914 | कुछ उपाय हैं गुस्सा कम करने के रोज नारियल पानी पियें। चन्दन के पेस्ट को अपने माथे पर लगाये। तले हुए मसालेदार खाने से परहेज करे। और लाल रंग से दूर रहने का प्रयास करें क्योकि यह आपके अन्दर गुस्सा उत्पन्न करता हैं। |
915 | कुछ करने का जूनून होना और समझदारी दोनों एक ही बात है। |
916 | कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं। |
917 | कुछ न समझना ही सब कुछ क्षमा कर देने का रहस्य है. |
918 | कुछ पढने कि इच्छा न होने के बावजूद कुछ पढ़ने से memory का नुकसान होता हैं, ऐसे में आप जो कुछ पढ़ते हैं उसमे से कुछ भी याद नहीं रहता हैं। |
919 | कुछ बातें ऐसी है जो एक पीढ़ी के लोगों के लिए खराब या गलत हो सकती है। लेकिन वही बातें आने वाली पीढ़ियों के लिए सही साबित हो सकती है। |
920 | कुछ भी उपयुक्त हासिल करने के लिए तीन महत्त्वपूर्ण चीजें हैं कड़ी मेहनत, दृढ़ता और Common sense। |
921 | कुछ लोग आपकी ज़िन्दगी में आशीर्वाद की तरह कुछ लोग एक सबक की तरह। |
922 | कुछ लोग तीन तरह के दुःख झेलते हैं- एक जो वे पहले भुगत चुके हैं, दूसरा जो अभी भुगत रहे हैं और तीसरा आने वाली समस्याओं का डर। |
923 | कुछ लोग निजी उद्यमों को आदमखोर शिकारी मानते है ,जिसे गोली मार देनी चाहिये।कुछ इसे ऐसी गाय मानते है, जिसका वे दूध निकाल सकते है।लेकिन बहुत कम देख पते है की वह एक स्वस्थ घोडा है जो एक भारी वेगन खींच रहा है। |
924 | कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं। |
925 | कुछ लोग सोचते हैं कि अवसर केवल किस्मत वालो को मिलते हैं लेकिन मेरा विश्वास हैं कि अवसर तो हमारें चारो तरफ हैं कुछ लोग इसको भुनाना जानते हैं और कुछ लोग खड़े रहते हैं और इसको जाने देते हैं। |
926 | कुछ लोगो के द्वारा प्राप्त की गई महान सफलता इस बात का प्रमाण है की बाकी सारे लोग भी इसे प्राप्त कर सकते है। |
927 | कुछ लोगों को लगता है की वे सब जानते है। इस किस्म के लोग उन लोगों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बनते है जो वाकई जानकार है। |
928 | कुछ सुखों की इच्छा ही मेरे दुःखों का अंश है। |
929 | कुत्ते से छः गुण ग्रहण करने चाहिए -1. बहुत अधिक खाने की शक्ति , (2) यथाप्राप्त स्वल्प भोजन से सन्तुष्ट रहना , (3) गहरी निद्रा , (4) जरा सी आहट से झटपट जाग जाना, (5) स्वामीभक्ति तथा (6) शत्रु पर शूरवीरता के साथ झपटना ।वहवाशी स्वल्पसन्तुष्टः सनिद्रो लघुचेतनः ।स्वामिभक्तश्च शूरश्च षेडते श्वानतो गुणाः ।। |
930 | कुमुदिनी के पत्तो के मध्य विकसित उसके पराग कणो से मस्त हुआ भौंरा, जब भाग्यवश किसी दूसरी जगह पर जाता है तो वहा मिलने वाले कटसरैया के फूलों के रस को भी अधिक महत्व देने लगता है। |
931 | कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है। |
932 | कुलटा (चरित्रहीन) स्त्रियों का प्रेम एकान्तिक न होकर बहुजनीय होता है। उनका कहना है की कुलटा स्त्रियां पराए व्यक्ति से बातचीत करती है, कटाक्षपूर्वक देखती है और अपने ह्रदय में पर पुरुष का चिंतन करती है, इस प्रकार चरित्रहीन स्त्रियों का प्रेम अनेक से होता है। |
933 | कुशल और निरंतर प्रचार के ज़रिये, कोई लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा सकता है या एक बिलकुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा सकता है। |
934 | कुशल लोगों को रोजगार का भय नहीं होता। |
935 | कृतघ्न अर्थात उपकार न मानने वाले व्यक्ति को नरक ही प्राप्त होता है। |
936 | कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये। |
937 | केवल आशा के सहारे ही लक्ष्मी प्राप्त नहीं होती। |
938 | केवल इंसानों में अपने विचारों को भौतिक वास्तविकता में बदलने की शक्ति होती है; केवल इंसान सपने देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है। |
939 | केवल एक गुणवान और विद्वान बेटा सैकडो गुणहीन निकम्मे बेटों से अच्छा होता हैं, जिस प्रकार एक ही चाँद रात्रि के अंधकार को दूर करता हैं असंख्य तारे मिलकर भी रात्रि के गहन अंधकार को दूर नहीं कर सकते उसी प्रकार एक गुणी पुत्र ही अपने कुल का नाम रोशन करता हैं, उसे ऊँचा उठाता हैं। |
940 | केवल तर्क ही शाश्वत है, बाक़ी सभी चीज़ें नष्ट हो जाती हैं। |
941 | केवल धन देने भर से संतुष्ट न हों, धन पर्याप्त नहीं है, वह पाया जा सकता है लेकिन उन्हें आपके प्रेम की आवश्यकता है, तो जहाँ भी आप जायें अपना प्रेम सबमे बांटे। |
942 | केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है। |
943 | केवल प्रेम ही वास्तविकता है , ये महज एक भावना नहीं है.यह एक परम सत्य है जो सृजन के ह्रदय में वास करता है। |
944 | केवल मृत लोगों ने युद्ध का अंत देखा है। |
945 | केवल वही व्यक्ति सब की उपेक्षा उत्तम रूप से करता है जो पूर्णतया निस्वार्थी है, जिसे न धन की लालसा है, न कीर्ति की और न अन्य किसी वस्तु की। |
946 | केवल वही, जो युवाओं का मालिक होता है, भविष्य में लाभ उठता है। |
947 | केवल साहस से कार्य-सिद्धि संभव नहीं। |
948 | कॉम्पिटिशन का सामना न करने वाले लोग ही लड़ाई-झगड़े करने लगते है। |
949 | कोई भी व्यक्ति उस क्षेत्र में सफलता नहीं प्राप्त कर सकता जिसे वह पसंद ना करता हो। |
950 | कोई अपराध इतना बड़ा नही है,जितना की श्रेष्ठ बनने की धृष्टता करना। |
951 | कोई आदमी कितना सच्चा है या उसकी मान्यता है यह नहीं, बल्कि वह सच्चाई तक पहुंचने के लिए क्या प्रयत्न करता है यह उसका मोल या महत्व दर्शाता है। |
952 | कोई आपको धोखा दें यह उसकी गलती है वही इन्सान अगर आपको दोबारा धोखा दे तो यह आपकी गलती है। |
953 | कोई आपको ज़ख्म देता है तो बेशक आप उसे एक बार भूल जाए, लेकिन अगर आप किसी को दर्द पहुंचाते हो तो उसे जीवन भर नहीं भूल पाते हो। |
954 | कोई इंसान बिना किसी कठिनाई के जीतता है तो यह केवल एक विजय है; लेकिन यदि कोई इंसान बहुत सी कठिनाइयों के बावजूद जीतता है तो यह इतिहास है। |
955 | कोई एक दिन निश्चित करें कि उस दिन कोई भी नेगेटिव चीजे नहीं सोचंगे Gossip झूठ या धोखा हम सबके साथ होता हैं इससे आप भी नहीं बच सकते, लेकिन कई चीजे अच्छी भी होती हैं उनके बारें में सोचिये इससे अलग तरह कि उर्जा मिलेगी। |
956 | कोई क़ानून या अध्यादेश समझ से शक्तिशाली नहीं हैं। |
957 | कोई कुछ मांगे तो उसे दे दीजिए, लेकिन आपसी समझ के आधार पर किसी को कुछ देना सबसे सर्वश्रेष्ठ है। |
958 | कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है. |
959 | कोई तर्क अकेले ही इतना मजबूत नहीं हो सकता जो मानव ज्ञान की सम्पूर्णता को बयां कर सके। |
960 | कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा। |
961 | कोई नई बात या नई चीज़ सीखना अच्छा लगता है, लेकिन किसी नए कार्य को करने से जिस तरह के आनंद का अनुभव होता है, वे अतुलनीय है। |
962 | कोई नया काम या किसी नई चीज की खोज यह सोचकर मत करिए कि इससे कोई फायदा होगा की। आप सिर्फ खोज करिए। अच्छी खोज दूसरों की भलाई के काम आ जाती है। |
963 | कोई भी अच्छा निर्णय जानकारियो पर निर्भर करता है। आंकड़ों या संख्याओ पर नहीं। |
964 | कोई भी इस बात से नुकसान नहीं पहुंचा सकता है की भगवान एक है, बीस है, भगवान या है ही नहीं। |
965 | कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है। |
966 | कोई भी कानून आपकी समझदारी से ज्यादा अहमियत नहीं रखता है। |
967 | कोई भी चीज जो बिके नहीं, मैं उसका आविष्कार नहीं करना चाहूँगा उसका बिकना उपयोगिता का प्रमाण है और उपयोगिता ही सफलता है। |
968 | कोई भी निर्णय लेने के पहले हज़ारों बार सोचो पर एक बार निर्णय लेने के बाद कभी उसे मत पलटो चाहे इसके लिए आपको हज़ारों तकलीफे उठानी पड़े। |
969 | कोई भी पुजारी या पंडित उस वक़्त तक अच्छा इंसान नहीं बन सकता है। जब तक वे अपने टाइटल को प्यार करे, न की अपने काम को। |
970 | कोई भी मनुष्य ख़ुशी या उत्साह के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इसलिए अगर मनुष्य को उत्साह नहीं मिले तो उसका रुझान दूसरी चीज़ों की तरफ होने लगता है। |
971 | कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति का दोस्त नहीं हो सकता है, जिससे उसे प्यार न मिले। |
972 | कोई भी व्यक्ति किसी को आसानी से नुकसान पंहुचा सकता है, लेकिन हर व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा नहीं कर सकता है। |
973 | कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते। |
974 | कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिस पर वह उत्पन्न हुई है। |
975 | कोई भी सुझाव, योजना, या उद्देश्य मन में विचार को बार-बार दोहरा कर बैठाया जा सकता है। |
976 | कोई वहां तक माफ़ करता है जहाँ तक वो प्यार करता है। |
977 | कोई व्यक्ति अपने अधिकारों से ज्यादा अपने हितों के लिए लडेगा। |
978 | कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं. |
979 | कोई व्यक्ति यदि कुछ मामलो में अपना विवेक नहीं खो देता है तो इसका मतलब है उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। |
980 | कोई व्यक्ति सिर्फ चाह कर नास्तिक नहीं बन सकता। |
981 | कोए से पांच बाते सीखनी चाहिए - 1 गुप्त स्थान पर मादा का भोग (2) चारो ओर दृष्टि रखना अर्थात चौकन्ना रहना, (3) उचित समय पर भविष्य के लिए संग्रह करना 4 . कभी आलस्य न करना , (5) किसी पर विश्वास न करना ।गूढमैथुन चारित्वं काले काले च संग्रहम् ।अप्रमतम विश्वासं पञ्च शिक्षेच्च वायसात् ।। |
982 | कोमल स्वभाव वाला व्यक्ति अपने आश्रितों से भी अपमानित होता है। |
983 | कोयल की कुक सबको अच्छी है। |
984 | कोयल की मीठी वाणी अथार्थ उसका कर्णप्रिय स्वर ही उसका रूप है कोयल भी कौए के समान काली और कुरूप होती है परन्तु उसका स्वर लोगो के कानो को इतना मधुर और प्रिय लगता हैं कि वे उसके कुरूप होने की उपेक्षा करके उससे स्नेह करने लगते हैं, इसी प्रकार स्त्रियों का सच्चा सौन्दर्य उनका पतिवर्ता होना हैं यदि रूपवती युवती चरित्रहीन हैं तो उसके रूप-सौन्दर्य का कोई लाभ नहीं, वह सुंदरी होने पर भी समाज की द्रष्टि में पतिता मानी जाती हैं। |
985 | कोयल की वाणी तभी तक मौन रहती है, जब तक कि सभी जनों को आनंद देने वाली वाणी प्रारम्भ नहीं हो जाती। |
986 | कोयल की शोभा उसके स्वर में है, स्त्री की शोभा उसका पतिव्रत धर्म है, कुरूप व्यक्ति की शोभा उसकी विद्वता में है और तपस्वियों की शोभा क्षमा में है। |
987 | कौवे से ये पांच बाते सीखे 1.अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे 2.नीडरता 3.उपयोगी वस्तुओ का संचय करे 4.सभी ओर द्रष्टि घुमाये 5.दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे। |
988 | क्या कभी किसी ने सोचा है कि वे जो चाहता था वो उन्हें इसलिए नहीं मिला क्योंकि उनके पास प्रतिभा नहीं थी, या शक्ति नहीं थी , या धीरज नही था , या प्रतिबद्धता नहीं थी ? |
989 | क्या तुम लोहे की धधकती छड़ सिर्फ इसलिए अपने हाथ में पकड़ सकते हो क्योंकि कोई तुम्हे ऐसा करना चाहता है ? तब , क्या तुम्हारे लिए ये सही होगा कि तुम सिर्फ अपनी इच्छा पूरी करने के लिए दूसरों से ऐसा करने को कहो। यदि तुम अपने शरीर या दिमाग पर दूसरों के शब्दों या कृत्यों द्वारा चोट बर्दाश्त नहीं कर सकते हो तो तुम्हे दूसरों के साथ अपनों शब्दों या कृत्यों द्वारा ऐसा करने का क्या अधिकार है ? |
990 | क्या तुम्हे मालूम है कि सात्विक प्रकृति का मनुष्य कैसे ध्यान करता है वह आधी रात को अपने बिस्तर में ध्यान करता है, जिससे लोग उसे देख ना सके। |
991 | क्या पैसा मुझे प्रोत्साहित करता हैं, नहीं मैं तो अपने शेयर होल्डर्स के लिए पैसा कमा रहा हूँ मुझे तो केवल उपलब्धि चाहिए, मैं हमेशा कुछ कठिन कार्य करना चाहता हूँ। |
992 | क्या भगवान हमें नहीं देख रहे हैं? |
993 | क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म-सम्मान आत्म-निर्भरता के साथ आता है? |
994 | क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है, न मरती है। |
995 | क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है। |
996 | क्रोध एक उपहार है। |
997 | क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं। |
998 | क्रोध की शुरुआत गलती से होती है और अंत प्रायश्चित से। |
999 | क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है। |
1000 | क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं। |
Tuesday, January 19, 2016
#901-1000
Monday, January 18, 2016
#801-900
801 | काम को ठीक से समझने के बाद ही उसे करने के लिए आगे आएं। काम शुरू करने के बाद उसे पूरा न कार पाना या बहाने बनाने से आपका ही अपमान होगा। कुछ करने से पहले दस बार सोचें। |
802 | काम छोटा हो या बड़ा, उसे एक बार हाथ में लेने के बाद छोड़ना नहीं चाहिए। उसे पूरी लगन और सामर्थ्य के साथ करना चाहिए। जैसे सिंह पकड़े हुए शिकार को कदापि नहीं छोड़ता। सिंह का यह एक गुण अवश्य लेना चाहिए। |
803 | काम में कमियाँ निकालने वालों पर ज्यादा ध्यान दें। |
804 | काम-वासना के समान दूसरा रोग नही, मोह के समान शत्रु नहीं, क्रोध के समान आग नहीं और ज्ञान से बढ़कर सुख नहीं। |
805 | काम-विषय-चिंतन, क्रोध (अभीष्ट प्राप्ति न होने पर आपने से बहार होना ), लोभ (धन प्राप्ति की तृष्णा), स्वाद(जिव्हा को प्रिय लगने वाले पदार्थो का सेवन), श्रंगार (सजना-धजना), कौतुक (खेल-तमाशे, सिनेमा, टीवी आदि देखना), अतिनिद्रा (बहुत अधिक सोना) और अतिसेवा किसी दुसरे की बहुत अधिक चाकरी करना इन आठ में से एक दुर्गुण भी उसे अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँचने देगा। |
806 | कामनाएं समुद्र की भांति अतृप्त है, पूर्ति का प्रयास करने पर उनका कोलाहल और बढ़ता है। |
807 | कामयाब और सफल लोगों में हमसे कुछ खास अलग नहीं होता, अलग होता है तो बस उनके काम करने का तरीका और खुद को समय के हिसाब से बदलने की आदत ये ही Secrets of success, सफल लोग अपने अंदर कुछ सकारात्मक बदलाव (Positive attitude) करते हैं जो न सिर्फ उन्हें भीड़ से अलग करते हैं बल्कि सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाते हैं। |
808 | कामयाबी और नाकामयाबी दोनों ज़िन्दगी के हिस्से है. दोनों ही स्थायी नहीं हैं . |
809 | कामी पुरुष कोई कार्य नहीं कर सकता। |
810 | कायर व्यक्ति को कार्य की चिंता नहीं होती। |
811 | कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना। |
812 | कार्य असफल नहीं होता, उसकी गलत दिशा सफल हो जाती है |
813 | कार्य उद्यम से सिद्ध होते है, मनोरथो से नही। |
814 | कार्य करते समय शत्रु का साथ नहीं करना चाहिए। |
815 | कार्य करने वाले के लिए उपाय सहायक होता है। |
816 | कार्य का स्वरुप निर्धारित हो जाने के बाद वह कार्य लक्ष्य बन जाता है। |
817 | कार्य की अधिकता से उकताने वाला व्यक्ति, कभी कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता। |
818 | कार्य की सिद्धि के लिए उदारता नहीं बरतनी चाहिए। |
819 | कार्य के अनुरूप प्रयत्न करें। |
820 | कार्य के मध्य में अति विलम्ब और आलस्य उचित नहीं है। |
821 | कार्य के लक्षण ही सफलता-असफलता के संकेत दे देते है। |
822 | कार्य में प्रार्थना प्यार है, कार्य में प्यार सेवा है। |
823 | कार्य-अकार्य के तत्वदर्शी ही मंत्री होने चाहिए। |
824 | कार्य-सिद्धि के लिए हस्त-कौशल का उपयोग करना चाहिए। |
825 | कार्यवाही बुद्धिमत्ता का असल मापदंड है। |
826 | काल (समय, मृत्यु) ही पंच भूतो (पृथ्वी,जल, वायु, अग्नि, आकाश) को पचाता है और सब प्राणियों का संहार भी काल ही करता है। संसार में प्रलय हो जाने पर वह सुप्तावस्था अर्थात स्वप्नवत रहता है। काल की सीमा को निश्चय ही कोई भी लांघ नहीं सकता। |
827 | काला रंग भावनात्मक रूप से बुरा होता है परन्तु हर ब्लैक बोर्ड विद्ध्यार्थियों की जिंदगी रौशन करता है। |
828 | काव्य इतिहास से ज्यादा सत्य के नज़दीक है। |
829 | काव्य शब्दकोष के छीटों के साथ ख़ुशी , दर्द और आश्चर्य का सौदा है। |
830 | कितना भाग्यापूर्ण है उन सरकारों के लिए कि जिन लोगों पर वो शासन करते हैं वे सोचते नहीं। |
831 | कितने दूर निकल गए, रिश्तो को निभाते निभाते.. खुद को खो दिया हमने, अपनों को पाते पाते.. |
832 | कितने सही रूप से क़ानून अपराध को खत्म कर सकता है ? बहुत तेजी से कारवाई करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। नियम कुछ ऐसे हो की उन्हें पकड़ो और सजा दो। |
833 | किसकी को हराना बहुत आसान है लेकिन किसी को जितना बहुत आसान है। |
834 | किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है। |
835 | किसी दिन , जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं। |
836 | किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा। |
837 | किसी अंतिम निर्णय का इंतज़ार न करिए, क्योंकि हर दिन नए निर्णय आते है। |
838 | किसी अच्छे कार्य को बार-बार करने से किसी का कोई नुकसान नहीं होता है। |
839 | किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है , और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है। |
840 | किसी आदमी का असली चरित्र तब सामने आता है जब वो नशे में होता है। |
841 | किसी एक व्यक्ति को त्यागने से यदि कुल की रक्षा होती हो तो उस एक को छोड़ देना चाहिए। पूरे गांव की भलाई के लिए कुल को तथा देश की भलाई के लिए गांव को और अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए सारी पृथ्वी को छोड़ देना चाहिए। |
842 | किसी काम को आप बीच में ही छोड़ देते है या आधा ही करते है तो आप अन्धो की दुनिया में काने राजा की तरह है। |
843 | किसी काम को करने का हुनर आप में नहीं है और आप इस बात की तरफ प्रेरित है तो कोई फायदा नहीं होगा। |
844 | किसी काम को करने के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचना अक्सर उसके बिगड़ जाने का कारण बनता है। |
845 | किसी काम को करने से अगर आपको ख़ुशी का एहसास होता है तो आपका काम ठीक है। लेकिन किसी काम को करने में दर्द मिलता है तो आप निश्चित ही कुछ गलत कर रहे है। |
846 | किसी कारण वश खुश होना एक दूसरे तरह का दुःख है क्योंकि कारण कभी भी हमसे छीना जा सकता है. |
847 | किसी कार्य को करने के लिए जो प्रिंसिपल बनाए गए है, अगर आप उन्हें सच समझ रहे है तो मतलब है कि आप कभी उस काम को प्रैक्टिकल रूप देने का प्रयास नही करेंगे। |
848 | किसी कार्य को खूबसूरती से करने के लिए मनुष्य को उसे स्वयं करना चाहिये। |
849 | किसी कार्यारंभ के समय को विद्वान और अनुभवी लोगों से पूछना चाहिए। |
850 | किसी की संगत से आप के विचार शुद्ध होने लगें.... तो समझ लेना वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है |
851 | किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर, 'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर.... |
852 | किसी की निंदा ना करें. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये। |
853 | किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस 'मक्खी' की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म कोछोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है। |
854 | किसी के अस्तित्व को मत मिटाओ। शांतिपूर्वक जिओ और दुसरो को भी जीने दो। |
855 | किसी के जीवन में उजाला लाओ। |
856 | किसी के साथ नफरत करना नर्क के द्वार पर खड़े होने जैसा है। यह बात उन लोगो के लिए सटीक है जो अपने दिल में किसी बात को छिपाते है और दूसरा व्यक्ति सबके सामने बोल देता है। |
857 | किसी को इतनी आज़ादी न दें की वह आपसे ऐसा कोई काम करवा ले या कुछ बोलने को मजबूर कर दें जो आपके लिए अच्छा नहीं है। |
858 | किसी को क्षमा करना या किसी से क्षमा पा लेने का अवर्णनीय आनंद एक ऐसा हर्षोन्माद विकसित करता है जो कि ईश्वर के प्रति ईर्ष्या को भी जगा सकता है। |
859 | किसी को क्षमा करने से इनकार करना खुद विश पीकर दुसरे के मरने का इंतज़ार करने जैसा है। |
860 | किसी को धोका न दे क्योकि ये आदत बन जाती है और आदत से व्यक्तित्व। |
861 | किसी को हरा देना बेहद आसान है, लेकन किसी को जीतना बेहद मुश्किल। |
862 | किसी चीज को पसंद या नापसंद करने से पहले उसे सही तरीके से समझना जरुरी हैं। |
863 | किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है। |
864 | किसी चीज़ की गहराई को तभी समझ पाएंगे जब आपके पास पूरी आज़ादी हो। |
865 | किसी चीज़ को कितनी भी बारीकी से काटिए, उसके दो टुकड़े होते ही है। |
866 | किसी चीज़ को महत्तवपूर्ण होने के लिए दुनिया को बदलने की जरुरत नहीं है। |
867 | किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है। |
868 | किसी झूठ को ज्यादा बार बताया जाये तो वह सच्चाई का रूप धारण कर लेता है। |
869 | किसी डिग्री का ना होने दरअसल फायेदेमंद है. अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं.पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है , तो आप कुछ भी कर सकते हैं। |
870 | किसी देश का नाश केवल जूनून के तूफ़ान से रोका जा सकता है, लेकिन केवल वो जो खुद जुनूनी होते हैं दूसरों में जूनून पैदा कर सकते हैं। |
871 | किसी देश को जितने के लिए सबसे पहले उसके नागरिकों को काबू में करो। |
872 | किसी दोस्त के लिए मर मिटना मुश्किल नहीं है, लेकिन ऐसे दोस्त की तलाश करना जिसके लिए आप वाकई मरना चाहेंगे, यह मुश्किल है। |
873 | किसी निन्दनीय कुकर्म के करने के उपरान्त पछताने वाले मनुष्य की जैसी निर्मल बुद्धि होती हैं, यदि वह निर्मल बुद्धि कुकर्म करने से पहले रहती तो मनुष्य का कल्याण कैसे न हो जाता? फिर उसको पश्चाताप करने की आवश्कता न पड़ती। |
874 | किसी नेता की प्रतीक्षा मत करो, अकेले करो, व्यक्ति से व्यक्ति द्वारा। |
875 | किसी प्रदेश में न रहना अच्छा हैं किन्तु किसी दुष्ट राजा के राज्य में रहना अच्छा नहीं हैं दुष्ट मित्रो की अपेक्षा कोई मित्र न होना अच्छा हैं। दुष्ट शिष्यों की अपेक्षा कोई शिष्य न होना अच्छा हैं, इसी प्रकार बुरी स्त्री के बजाय बिना स्त्री के रहना अच्छा हैं। |
876 | किसी प्रशन को समझ लेना आधा उत्तर है। |
877 | किसी बच्चे की शिक्षा अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिये, क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है। |
878 | किसी बात की साधना अथवा तप अकेले और एकांत स्थान में ही किया जा सकता हैं पढाई दो व्यक्तियों के बीच ;दो से अधिक होंगे तो बाते होंगी, पढाई नहीं होगी गाने के अभ्यास के लिए तीन की संख्या पर्याप्त हैं यात्रा के लिए चार की संख्या अपेक्षित हैं, क्योंकि 2-2 का मेल हो जायेगा तो यात्रा अच्छी तरह से कट जाएगी खेत बोने के लिए पांच व्यक्तियों की आवश्कता होती हैं और युद्ध के लिए बहुत से लोगो की आवश्कता होती हैं। |
879 | किसी भी इंसान को अपनों श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए हर साल में अपनी रणनीति बदल लेनी चाहिए। |
880 | किसी भी काम को लेकर इतना संकोच और डर न रखे। ज़िंदगी एक प्रयोग है। जितने ज्यादा प्रयोग करेंगे, उतने बेहतर होते जाएंगे। |
881 | किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब न करें। |
882 | किसी भी जगह हो रहा अन्याय हर स्थान पर न्याय के लिए खतरा है। |
883 | किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है। |
884 | किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया. |
885 | किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया। |
886 | किसी भी नींव का सबसे मजबूत पत्थर सबसे निचला ही होता है। |
887 | किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन आसान नहीं है। फिर क्या किया जाए? इससे बाहर निकलने का एक ही रास्ता है, खुद पर विश्वास रखिए। हर व्यक्ति को सोचना चाहिए कि भगवान ने उन्हें कोई न कोई खास तोहफा दिया है और उस तोहफे को बनाए रखना है। |
888 | किसी भी व्यक्ति को उसके और अपने विचार में नीचा दिखाए बिना क्षमा कर देना, एक बहुत ही संवेदनशील कार्य है। |
889 | किसी भी शिक्षक के लिए कमांड या नियंत्रण करना, पढ़ाने से ज्यादा जरूरी होता है। |
890 | किसी भी स्थिति में पैसे से अच्छे गुण हासिल नहीं कियें जा सकते हैं, लेकिन अच्छे गुणों से पैसा जरुर कमाया जा सकता हैं। |
891 | किसी मकसद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो बीज की तरह। ताकि दुबारा उगकर उसी मकसद के लिए जंग कर सको। |
892 | किसी मनुष्य का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, न कि उसकी सम्पत्ति। |
893 | किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान उसके वाचालता से होती है, तथा बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है। |
894 | किसी योग्य व्यक्ति को निम्न स्थान पर और अयोग्य व्यक्ति को उच्च पद पर रख देने से उनके मूल्य में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हो जाता, अपितु उससे गलत स्थान पर रखने वाले व्यक्ति की ही निन्दा होती हैं। |
895 | किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्माओं में बसती है। |
896 | किसी लक्ष्य की सिद्धि में कभी शत्रु का साथ न करें। |
897 | किसी विचार का मूल्य केवल उसके उपयोग में निहित है। |
898 | किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। |
899 | किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है। |
900 | किसी व्यक्ति के दिल और दिमाग को समझने के लिए यह न देखिए की वह क्या हासिल कर चूका है। इस बात की तरफ ध्यान दीजिए की वह क्या हासिल करने की ख्वाहिश रख रहा है। |
Sunday, January 17, 2016
#701-800
701 | कई बार हमारी दिनचर्या काफी व्यस्त होती हैं। कई तरह की Meetings, Phone calls, E-mails से जबाब और रोजाना के काम हमें लगातार busy रखते हैं। व्यस्त दिनचर्या महत्वपूर्ण होने का अहसास भी कराने लगती हैं लेकिन कभी-कभी यह सिर्फ भ्रम होता हैं क्योकि इतनी व्यस्तता के बीच कुछ भी उत्पादन काम (Productive work) नहीं कर पातें हैं। इसका एक ही समाधान हैं थोडा रुकियें, अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को दोहरियें, और जो सबसे जरुरी हो, उसे सबसे पहले कीजिएं और एक समय में एक ही काम कीजिए। |
702 | कई लोग इसके बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं कि वे अगले 1 साल में क्या कर सकते हैं लेकिन वे इस बारे में बहुत कम सोचते हैं कि अगले 10 सालों में किया जा सकता हैं। |
703 | कई लोग बन्दूक या हथियार रखना पसंद करते है, लेकिन सपने में भी कभी इनका व्यापार करना नहीं चाहते है। |
704 | कई लोग मानते है और मैं खुद भी मानता हूँ की मुझे इस काम के लिए ईश्वर ने चुना है। उम्र ज्यादा होने के बावजूद मैं यह काम नहीं छोड़ना चाहता। मुझे ईश्वर से प्यार है और मेरी सारी उम्मीदें उसी पर टिकी है। |
705 | कई लोगो पर असफलता का दर इतना हावी हो जाता हैं कि वे किसी भी महत्वपूर्ण काम में हाथ डालने से हिचकिचाते हैं, उनकी जुबान पर बस एक ही वाक्य रहता हैं। |
706 | कई सच ऐसे है जिनके असली अर्थ को समझना तब तक मुमकिन नहीं है जब तक निजी तौर उनसे सीखने के लिए कुछ मिल न जाए। |
707 | कच्चा पात्र कच्चे पात्र से टकराकर टूट जाता है। |
708 | कटटरपंथी वो होता है,जो अपना दिमाग बदल नही सकता और विषय वो बदलता नहीं है। |
709 | कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है जो उसे मारना चाहते हैं। |
710 | कठिन कार्य करवा लेने के उपरान्त भी नीच व्यक्ति कार्य करवाने वाले का अपमान ही करता है। |
711 | कठिन समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए। |
712 | कठिन समय में भी अपने लक्ष्य को मत छोड़िये और विपत्ति को अवसर में बदलिए। |
713 | कठिनाइयों में भी अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करें। कठिनाइयों को अवसरों में तब्दील करें. असफलताओं के बावजूद, अपना मनोबल ऊँचा रखें. अंत में सफलता आपको अवश्य मिलेगी। |
714 | कठीन समय मे समझदार व्यक्ति रास्ता खोजता है ओर कायर बहाना। |
715 | कठोर दंड से सभी लोग घृणा करते है। |
716 | कठोर वाणी अग्निदाह से भी अधिक तीव्र दुःख पहुंचाती है। |
717 | कड़ी मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। |
718 | कथन के अनुसार ही उत्तर दें। |
719 | कन्या का विवाह अच्छे कुल में करना चाहिए। पुत्र को विध्या के साथ जोड़ना चाहिए। दुश्मन को विपत्ति में डालना चाहिए और मित्र को अच्छे कार्यो में लगाना चाहिए। |
720 | कभी नहीं , कभी नहीं , कभी नहीं हार मानो। |
721 | कभी कभी कक्षा से बंक मारकर दोस्तों के साथ मस्ती करना अच्छा होता है, क्योंकि आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो ये सिर्फ हंसाता ही नहीं है, बल्कि अच्छी यादे भी देता है। |
722 | कभी कभी ज़िंदगी आपके सर में पत्थर से चोट करती है। पर विश्वास मत खोना। |
723 | कभी नाकाम नहीं होना सबसे बड़ी ख़ुशी की बात नहीं है। सबसे बड़ी ख़ुशी की बात यह है कि आप हर बार नाकाम हो और फिर से उठ खड़े हो। |
724 | कभी नैतिक मूल्यों को सही काम करने के रास्ते में आने न दीजिए। |
725 | कभी भी अपने पास रखे तीन संसाधनों को मत भूलिए: प्रेम, प्रार्थना, और क्षमा। |
726 | कभी भी चीज़ों की गहराई में उतरने से डरिए नहीं, क्योंकि सच हमेशा सबसे नीचे ही कहीं दबा होता है। |
727 | कभी भी जब आपका शत्रु कोई गलती कर रहा हो तो उसके काम में बाधा मत डालिए। |
728 | कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्वाद करती है. |
729 | कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्वाद करती है। |
730 | कभी भी यह न सोचे की आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है। |
731 | कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है. अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं. |
732 | कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है.अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं. |
733 | कभी यह न सोचिए की आपको कुछ नहीं आता या आपकी कोई अहमियत नहीं है। क्योंकि लोग आपको उसी तरीके से लेते हैं जैसा आप खुद के बारे में सोचते है। |
734 | कभी ये न कहिए - मैंने सच ढूंढ लिया है। ये बोलिए- मैंने एक सच की तलाश कर ली है। |
735 | कभी-कभार, class छोड़ कर दोस्तों के साथ वक़्त गुजारना भी अच्छा होता है, क्योंकि अब, जब मैं वापस पलट कर देखता हूँ, तो marks कभी मुझे हंसा नहीं पाते जबकि यादें मेरे चहरे पर मुस्कान ला देती हैं। |
736 | कभी-कभो सपने देखना खतरनाक है तो उसका तोड़ यह नहीं की सपने देखना ही छोड़ दें। सपने देखने। ज्यादा सपने देखें। हर वक़्त, हर समय सपनो की दुनिया में रहे। |
737 | कम चीजो के साथ जीवन जीना सबसे बड़ी दौलत है। |
738 | कम से कम दो गरीब बच्चों को आत्मर्निभर बनाने के लिए उनकी शिक्षा में मदद करो। |
739 | कम ही लोग इस बात की तरफ ध्यान देते हैं कि क्या हो चुका है, जबकि ज्यादातर लोगों की रुचि इसी बात में रहती है कि क्या बाकी रह गया है। |
740 | कम ही लोग मंदिर, मस्जिद या चर्च में प्रार्थना करने के लिए आते है। ज्यादातर लोग भगवान के सपने देखने यहाँ आते हैं। |
741 | कमज़ोर लोग सुरक्षा की तलाश में रहते है जबकि विजेता अवसरों की |
742 | कमजोर आदमी हर काम को असम्भव समझता है जबकि वीर साधारण। |
743 | कमजोर लोग भाग्य में यकीं करते है जबकि साहसी आदमी अपनी मेहनत में यकीं करते है। |
744 | कमजोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं कर सकता, क्षमा करना शक्तिशाली व्यक्ति का गुण है। |
745 | कमाए हुए धन का दान करते रहना ही उसकी रक्षा है। जैसे तालाब के पानी का बहते रहना उत्तम है। |
746 | कर्जदार पिता शत्रु है, व्यभिचारिणी माता शत्रु है, मूर्ख लड़का शत्रु है और सुन्दर स्त्री शत्रु है। |
747 | कर्म करना बहुत अच्छा है, पर वह विचारो से आता है, इसलिए अपने मस्तिष्क को उच्च विचारो एवं उच्चतम आदर्शो से भर लो, उन्हें रात-दिन अपने सामने रखो, उन्हीं में से महान कर्मो का जन्म होगा। |
748 | कर्म करने और उसका फल पाने के बीच लम्बा समय लगता है, जिसकी प्रतीक्षा धैर्य पूर्वक करनी पड़ती है। बीज को वृक्ष बनने में कुछ समय लगता है। अखाड़े में दाखिल होते ही कोई पहलवान नहीं हो जाता। विद्यालय में प्रवेश पाते ही कोई ज्ञानी नहीं हो जाता। कामयाबी धैर्य से मिलती है, कर्मक्षेत्र चाहे कोई भी हो। |
749 | कर्म करने मे ही अधिकार है, फल मे नही। |
750 | कर्म करने वाले को मृत्यु का भय नहीं सताता। |
751 | कर्म करने से ही तत्त्वज्ञान को समझा जा सकता है। |
752 | कर्म का मूल्य उसके बाहरी रूप और बाहरी फल में इतना नहीं है, जितना की उसके द्वारा हमारे भीतर दिव्यता की वृद्धि होने में है। |
753 | कर्म का सिद्धांत कहता है - 'जैसा कर्म वैसा फल'. आज का प्रारब्ध पुरुषार्थ पर अवलम्बित है। 'आप ही अपने भाग्यविधाता है'. यह बात ध्यान में रखकर कठोर परिश्रम पुरुषार्थ में लग जाना चाहिये। |
754 | कर्म की परिसमाप्ति ज्ञान में और कर्म का मूल भक्ति अथवा सम्पूर्ण आत्म-समर्पण में है। |
755 | कर्म के बिना दूरदर्शिता एक दिवास्वप्न है। दूरदर्शिता के बिना कर्म दुःस्वप्न है। |
756 | कर्म के लिए भक्ति का आधार होना आवश्यक है। |
757 | कर्म वह आइना है, जो हमारा स्वरूप हमे दिखा देता है। अतः हमे कर्म का अहसानमंद होना चाहिए। |
758 | कर्म सदैव सुख न ला सके परन्तु कर्म के बिना सुख नहीं मिलता। |
759 | कर्म सरल है, विचार कठिन। |
760 | कर्म ही पूजा है और कर्तव्य- पालन भक्ति है। |
761 | कर्म ही मनुष्य के जीवन को पवित्र और अहिंसक बनाता है। |
762 | कर्मठ इहलोक-परलोक का ध्यान कर कर्म नहीं करता, वह तो बस क्रियारत रहता है। |
763 | कर्मयोगी अपने लिए कुछ करता ही नहीं। अपने लिए कुछ भी नहीं चाहता और अपना कुछ मानता भी नहीं। इसलिए उसमे कामनाओं का नाश सुगमता पूर्वक हो जाता है। |
764 | कर्मशील लोग शायद ही कभी उदास रहते हो। कर्मशीलता और उदासी दोनों साथ-साथ नहीं रहती है। |
765 | कर्मशील व्यक्ति के लिए हवाएँ मधु बहाती है, नदियों में मधु बहता है और ओषधियाँ मधुमय हो जाती है। |
766 | कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं.... |
767 | कल ऐसी चीज़ है जिनके जरिए हम खुद के बारे में जान सकते हैं और हमें यह भी पता चलता है की दूसरा व्यक्ति क्या देख रहा है या किस बारे में सोच रहा है। |
768 | कल का कार्य आज ही कर ले। |
769 | कल की हज़ार कौड़ियों से आज की एक कौड़ी भली। अर्थात संतोष सबसे बड़ा धन है। |
770 | कल के मोर से आज का कबूतर भला। अर्थात संतोष सब बड़ा धन है। |
771 | कल गिर गए थे तो क्या हुआ, आज फिर से खड़े हो जाइए। |
772 | कल जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, हमारे पास केवल आज है, चलिए शरुआत करते हैं। |
773 | कल जो चीजें मुमकिन थी, वे आज मुमकिन हो सकती हैं। |
774 | कला क्या है ? यह इंसान की रचनात्मक आत्मा की यथार्थ के पुकार के प्रति प्रतिक्रिया है। |
775 | कला जो स्पष्ठ और अच्छी तरह से ज्ञात है उससे रहस्य और छिपे हुए की तरफ बढाया हुआ एक कदम है। |
776 | कला में व्यक्ति खुद को उजागर करता है कलाकृति को नहीं। |
777 | कलियुग के दस हजार वर्ष बीतने पर श्री विष्णु (पालनकर्ता) इस पृथ्वी को छोड़ देते है, उसके आधा बीतने पर गंगा का जल समाप्त हो जाता है और उसके आधा बीतने पर ग्राम के देवता भी पृथ्वी को छोड़ देते है। |
778 | कल्पना दुनिया पर शासन करती है। |
779 | कल्पना शक्ति का विस्तार करे। आपका मस्तिष्क बहुत से स्त्रोतों से ideas को ग्रहण करता हैं परन्तु कल्पना शक्ति का विस्तार करने के लिए उन विचारों को छोड़ना पड़ता हैं जिनके साथ आप वर्षो से चिपके हुए हैं, ऐसा करने से ही आपके मस्तिष्क में नए विचार आने शुरू हो जाएंगे। |
780 | कवि का दर्ज़ा बहुत ऊचा होता हैं वह ऐसी उपमा देता हैं कि लोग सोच भी नहीं सकते, उसकी सूझ वहां तक पहुचती हैं जहाँ पर सामान्य जन नहीं पहुच सकते, स्त्री जो भी कर गुजरे कम हैं शराबी का क्या पता कब क्या बकने लगे और कौए को यह नहीं पता होता की क्या खाने योग्य हैं और क्या नहीं। |
781 | कविता बहुत अधिक ख़ुशी और दुःख में ही उत्पन्न होती हैं। |
782 | कवी ऐसी महान और ज्ञान भरी बातें कहते हैं जो वो खुद नहीं समझते। |
783 | कष्ट सह कर ही सबसे मजबूत लोग निर्मित होते हैं ; सबसे महान चरित्रों पर घाव के निशान होते हैं। |
784 | कस्तूरी मृग उस गंध के स्रोत को पूरी दुनिया भर में खोजता है, जोकि स्वयं उसमें से आती हैं। |
785 | कहने की प्रकृति छोडो, करने का अभ्यास करो। |
786 | कांसे का पात्र राख द्वारा मांजने से शुद्ध होता है, तांबे का पात्र खटाई के रगड़ने से शुद्ध होता है। स्त्री रजस्वला होने से पवित्र होती है और नदी तीव्र गति से बहने से निर्मल हो जाती है। |
787 | कांसे के पात्र को यदि राख से साफ़ किया जाए तो वह चमकने लगेगा इसी प्रकार तांबे के बर्तन को शुद्ध करने के लिए खटाई की आवश्कता होती हैं, स्त्री की शुद्धता के लिए आवश्यक हैं कि वह रजोदर्शन कर चुकी हो, इसी प्रकार नदी की शुद्धि उसके वेगपूर्ण बहाव में होती हैं। |
788 | कानून ऐसी व्यवस्था है जिसमे आप किसी को दर्द नहीं पहुंचाते और न ही किसी को दर्द पहुचाने की इजाजत देते है। |
789 | कानून के प्रति इज्जत बरकरार रखना चाहते है तो उनके बनने की प्रक्रिया को कभी मत देखिये। |
790 | कानून बनाने का एक मात्र उद्देश्य उन लोगों का शोषण करना है जो इनके बारे में नहीं जानते। ताकि वे चुपचाप अपने दुखों को सहते रहे। |
791 | कानून बनाने का मतलब किसी चीज को जड़ से खत्म करना नहीं होता है। इसका मतलब आजादी के दायरे को फैलाना और इसे महफूज रखने से है। |
792 | कानून-व्यवस्था न्याय की स्थापना के लिए होते है और जब वे इसमें नाकाम रहते है तो वे खतरनाक ढंग से बने बांध की तरह हो जाते है, जो सामाजिक प्रगति के प्रवाह को थाम लेते हैं। |
793 | काभी-कभी लोग कुछ कह कर अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं, और कभी-कभी लोग चुप रहकर अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं। |
794 | काम से आपकी पहचान मिलती है, आपसे काम की पहचान नहीं होती। |
795 | काम (व्यभिचार), क्रोध (अभीष्ट की प्राप्ति न होने पर आपे से बाहर होना), लालच (धन-प्राप्ति की लालसा), स्वाद (जिह्वा को प्रिय लगने वाले पदार्थो का सेवन), श्रृंगार (सजना-धजना), खेल और अत्यधिक सेवा (दुसरो की चाकरी) आदि दुर्गुण विद्यार्थी के लिए वर्जित है। विद्यार्थी को इन आठों दुर्गुणों का सर्वथा त्याग कर देना चाहिए। |
796 | काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है। |
797 | काम की शुरुआत करना ही उसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। |
798 | काम कीजिए! जिम्मेदारी उठाइए! जिन चीजों में आप भरोसा करते हैं उन चीजों के लिए काम कीजिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो फिर आप अपनी किस्मत दुसरे लोगों के हवाले कर रहे हैं। |
799 | काम के बिना जीवन बेकार है। लेकिन काम बेकार हो तो ज़िन्दगी बेमतलब है। |
800 | काम को आरम्भ करो और अगर काम शुरू कर दिया है, तो उसे पूरा करके ही छोड़ो। |
Subscribe to:
Posts (Atom)