2701 | मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है। |
2702 | मौत से डरो मत, यह आधे-अधूरे जीवन की तुलना में कम भयावह होती है। |
2703 | मौत हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है क्योकि जब तक हम जीवित है उसका कोई अस्तित्व नहीं है और जब वो आएगी तब हम नहीं रहेंगे। |
2704 | मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी। |
2705 | मौसम में बदलाव आने के साथ खुद को बदलना सीखे और नई दुनिया बनाएं। |
2706 | यज्ञ न करने वाले का वेद पढ़ना व्यर्थ है। बिना दान के यज्ञ करना व्यर्थ है। बिना भाव के सिद्धि नहीं होती इसलिए भाव अर्थात प्रेम ही सब में प्रधान है। |
2707 | यथार्थ महापुरुष वह आदमी है जो न दूसरे को अपने अधीन रखता है और न स्वयं दूसरों के अधीन होता है। |
2708 | यथार्थ में अच्छा वही है जो उन सब लोगों से मिलकर रहता है जो बुरे समझे जाते हैं। |
2709 | यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी. |
2710 | यदि आप नरक से गुज़र रहे हों तो चलते जाइये। |
2711 | यदि आप सचमुच विश्व – स्तरीय होना चाहते हैं – जितने अच्छे हो सकते हैं होना चाहते हैं तो अंतत: ये आपकी तैयारी और अभ्यास पर निर्भर करेगा. |
2712 | यदि आपकी कोई विशेष निष्ठा या धर्म है, तो अच्छा है। लेकिन आप उसके बिना भी जी सकते हैं। |
2713 | यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता , तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता। |
2714 | यदि हम भूत और भविष्य के विवाद में फंसते हैं तो हम पायेंगे कि हमने भविष्य खो दिया है। |
2715 | यदि अतिथि नहीं होते तो सब घर कब्र बन जाते। |
2716 | यदि आप 100 शेरो की एक सेना बनाते है जिसका सेनापति एक कुत्ता है तो युद्ध में सारे शेर कुत्तों की मौत मारे जाएंगे। लेकिन यदि आप 100 कुत्तों की एक सेना बनाते है जिसका सेनापति एक शेर है तो सारे कुत्ते युद्ध में शेर की तरह लड़ेंगे। |
2717 | यदि आप अपनी ड्यूटी को सैल्यूट करोगे तो आपको किसी भी व्यक्ति को सैल्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन यदि आप अपनी ड्यूटी को पोल्यूट करेंगे तो आपको हर किसी को सैल्यूट करना पडेगा। |
2718 | यदि आप अपने सपने पुरे नहीं करोंगे तो कोई और आपको अपने सपने पुरे करने के काम में लगाएगा। |
2719 | यदि आप एक अच्छे काठ साज़ बनना चाहते है तो सबसे खराब घोड़े की काठ बनाए ; यदि आप ने उस एक को वश में कर लिया तो आप सब को वश में कर सकते है। |
2720 | यदि आप एक बड़ा झूठ बोलते हैं और उसे अक्सर बोलते हैं तो उस पर यकीन कर लिया जायेगा। |
2721 | यदि आप एक बार अपने साथी का भरोसा तोड़ दें तो फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे। |
2722 | यदि आप किसी चीज़ को साधारण तरीके से नहीं समझा सकते है तो इसका मतलब है की आप उसको सही ढंग से नहीं समझ पाए हैं। |
2723 | यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करें जो वो समझता है , तो बात उसके सर में जाती है , यदि आप उससे उसकी भाषा में बात करते हैं, तो बात उसके दिल तक जाती है। |
2724 | यदि आप केवल मुस्कुराएंगे तो आप पाएंगे की ज़िन्दगी अभी भी मूल्यवान है । |
2725 | यदि आप गरीब जन्मे है तो यह आपकी गलती नहीं है लेकिन यदि आप गरीब मरते है तो यह आपकी गलती है। |
2726 | यदि आप जीतते है तो आप को कुछ भी एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं होती है लेकिन यदि आप हार जाते है तो आपको वहां एक्सप्लेन करने के लिए नहीं होना चाहिए। |
2727 | यदि आप दुसरो को खुश देखना चाहते है तो सहानुभूति को अपनाइये। यदि आप खुश होना चाहते है तो सहानुभूति अपनाइये। |
2728 | यदि आप दूसरों की मदद कर सकते हैं, तो अवश्य करें; यदि नहीं कर सकते हैं तो कम से कम उन्हें नुकसान नही पहुचाइए। |
2729 | यदि आप दूसरों को प्रसन्न देखना चाहते हैं तो करुणा का भाव रखें। यदि आप स्वयं प्रसन्न रहना चाहते हैं तो भी करुणा का भाव रखें। |
2730 | यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी. |
2731 | यदि आप दृढ़ संकल्प के साथ और पूर्णता के साथ काम करते हैं, तो सफलता आपका पीछा करेगी। |
2732 | यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनों। |
2733 | यदि आप प्रसन्नतापूर्वक जीना चाहते हो तो इसे एक व्यक्ति या वस्तु के बजाय एक लक्ष्य से बांधो। |
2734 | यदि आप रोते हो क्योंकि सूरज आपके जीवन से बाहर चला गया है और आपके आँसू आपको सितारों को देखने के लिए रोकेंगे। |
2735 | यदि आप वास्तव में बहुत बारीकी से देखोगे तो आप पाओगे की रातो रात मिलने वाली अधिकतर सफलताओ में बहुत लम्बा वक़्त लगा है। |
2736 | यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा। |
2737 | यदि आप सौ लोगो को नहीं खिला सकते तो एक को ही खिलाइए। |
2738 | यदि आपकी नज़र लाभ पर रहेगी तो आपका ध्यान उत्पाद की गुणवत्ता से हट जायेगा। लेकिन यदि आप एक अच्छा उत्पाद बनाने पर ध्यान लगाओगे तो लाभ अपने आप आपका अनुसरण करेंगा। |
2739 | यदि आपको अपने चुने हुए मार्ग पर विश्वास है, इस पर चलने का साहस है और मार्ग की हर कठिनाई को जीतने की शक्ति है; तो आपका सफल होना निश्चित है। |
2740 | यदि आपको लगता है कि आप कर सकते हैं - तो आप कर सकते हैं! अगर आपको लगता है कि आप नहीं कर सकते - तो आप नहीं कर सकते दोनों ही सूरतों में आप सही हैं |
2741 | यदि आपने अपनी मनोवृतियों पर विजय प्राप्त नहीं की, तो मनोवृत्तियां आप पर विजय प्राप्त कर लेंगी। |
2742 | यदि उद्देश्य नेक ना हो तो ज्ञान बुराई बन जाता है। |
2743 | यदि एक ही कर्म से समस्त संसार को वश में करना चाहते हो तो पंद्रह मुखों से विचरण करने वाले मन को रोको, अर्थात उसे वश में करो। पंद्रह मुख है ------मुंह, आँख, नाक, कान, जीभ, त्वक, हाथ, पैर, लिंग, गुदा, रस, गंध, स्पर्श और शब्द। |
2744 | यदि काम किसी काम के लिए माकूल अवसर, आईडिया या परिस्थियों की प्रतीक्षा कर रहे है तो आप कुछ भी हासिल नहीं कर पायेंगे। |
2745 | यदि किसी कार्य के सम्बन्ध में कोई योजना बनाई हो तो उसे वाणी से प्रकट नहीं करना चाहिए अथार्त उसे कार्यरूप में परिणत करने तक गुप्त मात्र के समान सुरक्षित रखना चाहिए। |
2746 | यदि किसी को अपने मित्र के रहस्य यानि गुप्तकार्य मालूम हैं तो उन्हें प्रकट नहीं करना चाहिए, इससे कोई लाभ नहीं केवल शत्रुता पैदा होती हैं, जिससे दोनों को हानि होती हैं। |
2747 | यदि किसी रहस्य को बनाए रखना चाहते है, तो इसे खुद से भी छुपा कर रखिए। |
2748 | यदि कोई अपना पूरा समय मुझमें लगाता है और मेरी शरण में आता है तो उसे अपने शरीर या आत्मा के लिए कोई भय नहीं होना चाहिए. |
2749 | यदि कोई दुर्बल मनुष्य अपमान करे तो उसे क्षमा कर दो, क्योंकि क्षमा करना ही वीरो का काम है, परन्तु यदि अपमान करने वाला बलवान हो तो उसको अवश्य दंड दो। |
2750 | यदि जनरल मोटर्स कम्प्यूटर इंडस्ट्री के हिसाब से अपनी टेक्नोलॉजी का विकास करता तो आज हम $25 की कार चला रहे होते जो 1000 माईल्स पर गैलन के हिसाब से चलती। |
2751 | यदि जन्म-जन्मांतर से प्राणी ने दान देने तथा शास्त्रों के अध्ययन और तप करने का जो अभ्यास किया होता हैं तो नया शरीर मिलने पर उसी अभ्यास के कारण ही वह सत्कर्मो की ओर परवर्त होता हैं। |
2752 | यदि तुम अपने अंदर कुछ लिखने की प्रेरणा का अनुभव करो तो तुम्हारे भीतर ये बातें होनी चाहिए- 1. ज्ञान कला का जादू, 2. शब्दों के संगीत का ज्ञान और 3. श्रोताओं को मोह लेने का जादू। |
2753 | यदि तुम ईश्वर की दी हुई शक्तियो का सदुपयोग नहीं करोगे तो वह अधिक नहीं देगा। इसलिए प्रयत्न आवश्यक है ईश-कृपा के योग्य बनने के लिए भी पुरुषार्थ चाहिए। |
2754 | यदि तुम उड़ नहीं सकते हो तो दौड़ो, यदि तुम दौड़ नहीं सकते हो तो चलो, यदि तुम चल नहीं सकते हो तो रेंगो। लेकिन, तुम जैसे भी करो, तुम्हे आगे बढ़ना ही होगा। |
2755 | यदि तुम जाति, देश और व्यक्तिगत पक्षपातों से जरा ऊँचे उठ जाओ तो निःसंदेह तुम देवता के समान बन जाओगे। |
2756 | यदि तुम्हारे हाथ रुपए से भरे हुए हैं तो फिर वे परमात्मा की वंदना के लिए कैसे उठ सकते हैं। |
2757 | यदि तुम्हारे हृदय में ईर्ष्या, घृणा का ज्वालामुखी धधक रहा है, तो तुम अपने हाथों में फूलों के खिलने की आशा कैसे कर सकते हो? |
2758 | यदि परिवार के एक व्यक्ति के बलिदान अथवा परित्याग से कुल की रक्षा होती हैं तो उसके परित्याग में संकोच नहीं करना चाहिए, क्योकि एक से अनेक का महत्व अधिक हैं। यदि पूरे परिवार के त्याग-बलिदान से गाँव की रक्षा होती हैं को कुल के बलिदान में सोच-विचार नहीं करना चाहिए इसी प्रकार यदि अपने बचाव के लिए परिवार के एक व्यक्ति की नहीं, पुरे परिवार की नहीं, गाँव की नहीं अपुतु यदि पुरे संसार की भी बलि देनी पड़े तो निसंकोच दे देनी चाहिए क्योकि अपने के बढ़कर कुछ नहीं। |
2759 | यदि पुत्र हो तो पिता का भक्त हो अथार्त माता-पिता के दुखों को दूर करने में जो सहायक होता है, वही पुत्र कहलाने का अधिकारी होता हैं इसी प्रकार संतान का भरण-पोषण करने वाला, उनके सुख-दुःख का ध्यान रखने वाला व्यक्ति ही सच्चे अर्थो में पिता कहला सकता हैं। विश्वास करने योग्य व्यक्ति को ही अच्छा मित्र कहा गया है और अपने पति को सुख देने वाली स्त्री को ही सच्चे अर्थो में पत्नी माना गया हैं। |
2760 | यदि पुराने आइडिया को भी नए तरीके से पेश कर सके तो इसका मतलब है कि हमारा दिमाग सक्रिय है। |
2761 | यदि भगवान जगत के पालनकर्ता है तो हमें जीने की क्या चिंता है? यदि वे रक्षक न होते तो माता के स्तनों से दूध क्यों निकलता? यही बार-बार सोचकर हे लक्ष्मीपति ! अर्थात विष्णु ! मै आपके चरण-कमल में सेवा हेतु समय व्यतीत करना चाहता हूं। |
2762 | यदि भारत को एक महान राष्ट्र बनना चाहता है, तो हमें भरोसा करने का साहस होना चाहिए. यह मेरा विश्वास है। |
2763 | यदि मद मस्त हाथी अपने माथे से टपकने वाले रस को पीने वाले भौरों को कान हिलाकर उड़ा देता है, तो भौरों का कुछ नहीं जाता, वे कमल से भरे हुए तालाब की ओर ख़ुशी से चले जाते है। हाथी के माथे का श्रृंगार कम हो जाता है उसी प्रकार धनी लोगो को चाहिए कि याचको को निराश न लौटाएं। |
2764 | यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है। |
2765 | यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए। |
2766 | यदि मानव जीवन को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी। |
2767 | यदि मानवो में पृथ्वी के समान क्षमाशील पुरुष न हो तो मानवों में कभी संधि हो ही नही सकती, क्योंकि झगडे की जड़ तो क्रोध ही है। |
2768 | यदि मुक्ति चाहते हो तो समस्त विषय-वासनाओं को विष के समान छोड़ दो और क्षमाशीलता, नम्रता, दया, पवित्रता और सत्यता को अमृत की भांति पियो अर्थात अपनाओ। |
2769 | यदि मेहनत करने के बाद भी सपने पुरे न हो तो रास्ता बदलो सिद्धान्त नहीं, क्योंकि वृक्ष भी हमेशा पते बदलते है अपना मूल नही | |
2770 | यदि ये सात व्यक्ति – विधार्थी, नौकर, राह चलने वाले मुसाफिर, भूखा, भय से घबराया हुआ, भण्डारी अथार्त भोजन-सामाग्री के संग्रालय का अधिकारी तथा द्वारपाल – सो रहे हो, तो इन्हें निसंकोच भाव से जगा देना चाहिए, क्योकि इनके कर्तव्य-कर्म का निर्वाह इनके जागते रहने में ही है, सोने में नहीं। इनका सोना इनके प्रमाद का सूचक और हानिकारक है। यही कारण है कि इन सोये हुओ को जगाने पर कृतज्ञता मिलती है जगाने वाले को अच्छा ही कहा जायेगा। |
2771 | यदि लोगों को पता लग जाए की अपनी कला महारत हासिल करने के लिए मुझे कितनी मेहनत करनी पड़ी है तो उन्हें यह इतनी खूबसूरत नहीं लगेगी। |
2772 | यदि विष में भी अमृत की प्राप्ति होती हैं तो उसको ग्रहण कर लेना चाहिए,उसका परित्याग नहीं करना चाहिए इसी प्रकार यही किसी गन्दी जगह सोना आदि मूल्यवान वस्तु पड़ी हो तो उसको उठा लेना चाहिए, अथार्थ यदि किसी नीच व्यक्ति के पास अच्छी विधा हैं अच्छा गुण हैं तो उसको ग्रहण करने में संकोच नहीं करना चाहिए और कोई नीच कुल की शालीन स्त्री अच्छे गुण से युक्त हैं तो उसको ग्रहण करने में कोई हानि नहीं हैं |
2773 | यदि व्यक्ति ज्ञान के अनुरूप आचरण नहीं करता तो वह ज्ञान व्यर्थ हैं, अज्ञानी मनुष्य का जीवन व्यर्थ हैं सेनापति के बिना सेना व्यर्थ हैं और पुरुष अथार्थ पति के बिना स्त्री का जीवन व्यर्थ हैं। |
2774 | यदि व्यक्ति संसार के सभी प्राणियों के वशीकरण का मंत्र सचमुच में ही जानना चाहता हैं तो एक बड़ा ही सरल और सर्वथा अव्यर्थ जाने वाला उपाय यह हैं कि व्यक्ति को अपनी वाणी को परनिंदा से बचाना चाहिए। दूसरों को अपने वश में करने के इच्छुक व्यक्ति को कभी किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए। |
2775 | यदि शत्रु अपने से अधिक बलवान हो तो उसके साथ विनय और दुष्ट शत्रु को बल–प्रयोग द्वारा वश में किया जाए इसका अर्थ यह है कि मनुष्य को समय के अनुरूप बल अथवा विनय का प्रयोग करना चाहिए। |
2776 | यदि स्त्री सुन्दर हो और घर में लक्ष्मी हो, पुत्र विनम्रता आदि गुणों से युक्त हो और पुत्र का पुत्र घर में हो तो इससे बढ़कर सुख तो इन्द्रलोक में भी नहीं। ऐसी स्थिति में स्वर्ग घर में ही है। |
2777 | यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए। |
2778 | यदि हम अपने काम में लगे रहे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं. |
2779 | यदि हम भूत और भविष्य के विवाद में फंसते है तो हम पाएंगे की हमने भविष्य खो दिया है। |
2780 | यदि हम युद्ध को खत्म नहीं करेंगे तो वह हमें खत्म कर देगा। |
2781 | यदि हम विश्वास के साथ लड़ते हैं तो हमारी शक्ति दुगनी हो जाती है। |
2782 | यदि हम सवतंत्र नहीं है तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा। |
2783 | यदि हम हर वो चीज कर दें जिसके हम सक्षम हैं, तो सचमुच हम खुद को ही चकित कर देंगे। |
2784 | यदि हम ज़िन्दगी मिलने से खुश हैं तो मृत्यु के लिए भी शिकायत नहीं करनी चाहिए क्योंकि दोनों देनेवाला तो एक ही है। |
2785 | यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दुसरे के हैं। |
2786 | यद्पि मेरी बुद्धि देववाणी (संस्कृत) में श्रेष्ठ है, तब भी मै दूसरी भाषा का लालची हूं। जैसे अमृत पीने पर भी देवताओं की इच्छा स्वर्ग की अप्सराओं के ओष्ट रूपी मद्ध को पीने की बनी रहती है। |
2787 | यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है। |
2788 | यवन से बढ़कर अथार्थ धर्मविरोधी व्यक्ति से बढ़कर संसार में कोई और बड़ा नीच नहीं हैं इसलिए उससे तो सवर्था दूर ही रहना चाहिए। |
2789 | यश शरीर को नष्ट नहीं करता। |
2790 | यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है। |
2791 | यह आश्चर्यजनक बात है बहुत से लोगों ने अपने दिमाग से सुव्यस्थित निश्चित रूप से कार्य करने के लिए प्रयास किया हैं। |
2792 | यह उचित है की हर व्यक्ति को वह दिया जाये जिसके वो योग्य है। |
2793 | यह एक निश्चित तथ्य है कि बहुत से लोगो का समूह ही शत्रु पर विजय प्राप्त करता है, जैसे वर्षा की धार को धारण करने वाले मेघों के जल को तिनको के द्वारा (तिनके का बना छप्पर) ही रोका जा सकता है। |
2794 | यह एक रणक्षेत्र है, मेरा शरीर, जिसने बहुत कुछ सहा है. |
2795 | यह काम वैसे तो आसन नहीं हैं लेकिन ये है बहुत ही जरुरी, अगर आप बात बात अपना आपा खो देंगे तो लोक-वयवहार में कमी आएगी और आपको अपने लक्ष्य प्राप्त करने में ज्यादा समय लगेगा। |
2796 | यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना सभव हो अच्छा करें। इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयंगी। |
2797 | यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दुसरो के लिए जीते है, वे वास्तव में जीते है। |
2798 | यह दुनिया एक किताब की तरह है, जो लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते नहीं है, वह इस किताब का सिर्फ एक ही पन्ना पढ़ते है। |
2799 | यह दुनिया खुशियों से भर जाएगी अगर मनुष्य के पास चुप रहने की उतनी ही ताकत हो, जितनी बोलने की है। |
2800 | यह नश्वर शरीर जब तक निरोग व स्वस्थ है या जब तक मृत्यु नहीं आती, तब तक मनुष्य को अपने सभी पुण्य-कर्म कर लेने चाहिए क्योँकि अंत समय आने पर वह क्या कर पाएगा। |
Friday, May 13, 2016
#2701-2800
Thursday, May 12, 2016
#2601-2700
2601 | मेरा विश्वास है की यदि आप लोगो को समस्याएं दिखाओंगे और उनका हल सुझाओगे, तो लोग उसको अपनाने के लिए आकर्षित होंगे। |
2602 | मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता। |
2603 | मेरी चिंता ये नहीं है की भगवान मेरे साथ है या नहीं। मेरी चिंता ये है की मै भगवान के साथ हूं या नहीं। क्योंकि भगवान हमेशा सही होता है। |
2604 | मेरी ज़िन्दगी में कई तकलीफे है पर मेरे होठ उनको नहीं जानते है। वो हमेशा मुस्कुराते है। |
2605 | मेरे काम शुरू करने से पहले ही पत्थर के अंदर कलाकृति मौजूद होती है, मैं तो केवल बेकार की चीज़ें बाहर निकालता हूँ। |
2606 | मेरे देश में लोग पहले जेल जाते हैं और फिर राष्ट्रपति बन जाते हैं। |
2607 | मेरे पास वो दोस्त हैं, जिनकी दोस्ती को दुनिया के राजाओं तक के पक्ष के लिए बदला नहीं किया जा सकता हैं। |
2608 | मेरे पीछे न चलिए, शायद मैं नेतृत्व न कर पाऊं। मेरे आगे न चलिए, शायद मैं पीछा करने में विफल रहूँ। एक दोस्त बनकर मेरे साथ, कंधे से कन्धा मिलाकर चलिए। जीवन सुंदर बन जाएगा। |
2609 | मेरे भूत, वर्तमान और भविष्य के बीच एक आम कारक है – रिश्ते और विश्वास| यही हमारे विकास की नीव हैं. |
2610 | मेरे मन में ऐसा कोई विचार नहीं आता जिसमें मौत कीछाया नहीं दिखती हो। |
2611 | मेरे लिए नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज़ नहीं है। |
2612 | मेरे शब्दकोष में असंभव शब्द नहीं है। |
2613 | मेहनत हमेशा धन से पहले और धन से स्वतंत्र है। धन तो मेहनत का केवल एकमात्र फल है। और अगर मेहनत नहीं की जाती तो ये कभी अस्तित्व में नहीं आता। मेहनत धन से बड़ी है, और उससे ज्यादा महत्व रखती है। |
2614 | मै आगे भी श्रीमदभागवत गीता के articles share करूँगा, अगर आपको ये पोस्ट पसंद आये तो share करना मत भूलियेगा। |
2615 | मै जानता हूं वो किताबो में है। सच्चा दोस्त वो है जो मुझे ऐसी किताब लेकर दे, जो मैने अभी तक नहीं पड़ी। |
2616 | मै हमेशा सीखने के लिये तैयार हू ,पर मै हमेशा सिखाया जाना पसंद नहीं करता। |
2617 | मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं। |
2618 | मैं यकीन नहीं करता कि जनता जानती है कि उसे क्या चाहिए; मैंने अपने करीयर से यही निष्कर्ष निकाला है। |
2619 | मैं अपनी सबसे बड़ी ख़ुशी और अपना इनाम उस काम में प्राप्त कर लेता हूँ, जिसे दुनिया सफलता कहती है। |
2620 | मैं अपनी साड़ी सफलता का श्रेय इस तथ्य को देता हूँ कि मेरे कार्यस्थल पर कभी घड़ी नही रहती थी। |
2621 | मैं अपने जीवन को एक पेशा नहीं मानता। मैं कर्म में विश्वास रखता हूं। मैं परिस्थितियों से शिक्षा लेता हूं। यह पेशा या नौकरी नहीं है यह तो जीवन का सार है। |
2622 | मैं असफल नहीं हुआ हूँ बल्कि मैंने बस 10, 000 ऐसे तरीके खोज लिए हैं जो काम नहीं करते हैं। |
2623 | मैं आपको एक सत्य बताता हूँ आप इस दुनिया में हैं इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं परन्तु आपको अपना ध्यान भगवान की और लगाना चाहिए नहीं तो आप सफल नहीं हो पाओगे। एक हाथ से अपने कर्तव्य का निर्वाह करों और दुसरे हाथ से भगवान की भक्ति करते रहो, जब आपकी ड्यूटी ख़तम हो जाएगी तो आप अपने दोनों हाथों से भगवान की भक्ति कर पाओगे। |
2624 | मैं इतना अच्छा इंसान हूँ कि तुम्हे क्षमा कर दूं पर इतना मूर्ख नहीं कि तुम्हारा विश्वास करूँ। |
2625 | मैं ईश्वर के साथ शांति से हूँ। मेरा टकराव इंसानों के साथ है। |
2626 | मैं उस आदमी को पसंद करता हूँ जो झगड़ते वक़्त मुस्कुराता है। |
2627 | मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए.... |
2628 | मैं एक आशावादी होने का अपना ही संसकरण बन गया हूँ. यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाता तो दुसरे से जाऊंगा- या एक नया दरवाजा बनाऊंगा. वर्तमान चाहे जितना भी अंधकारमय हो कुछ शानदार सामने आएगा। |
2629 | मैं एक कठिन काम को करने के लिए एक आलसी इंसान को चुनुंगा क्योकि आलसी इंसान उस काम को करने का एक आसान तरीका खोज लेगा। |
2630 | मैं एक गरीब आदमी हूँ। साधारण हैसियत वाला। ईश्वर ने मुझे एक कला दी है। उसी के सहारे अपनी ज़िन्दगी को लम्बा खीचने की कोशिश कर रहा हूँ। |
2631 | मैं एक गरीब राजा की तुलना में जल्द ही एक सफल धूर्त कहलाना चाहूँगा। |
2632 | मैं एक छोटी पेंसिल के समान हूँ जो ईश्वर के हाथ में है जो इस संसार को प्रेम का सन्देश भेज रहे हैं। |
2633 | मैं एक बेवकूफ स्वर्ग की अपेक्षा बुद्धिमान नरक को पसंद करूँगा। |
2634 | मैं एक विजेता हूँ। |
2635 | मैं एक हैंडसम इंसान नहीं हूँ लेकिन मैं अपना हैंड उस किसी भी व्यक्ति को दे सकता हूँ जिसको की मदद की जरूरत है। सुंदरता हृदय में होती है, चेहरे में नहीं। |
2636 | मैं ऐसी सुन्दरता के साथ धैर्यपूर्वक नहीं रह सकता जिसे समझने के लिए किसी को व्याख्या करनी पड़े। |
2637 | मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारा सीखाये . |
2638 | मैं कभी कारवाई के बारे में चिंता नहीं करता हूँ , पर निष्क्रियता के बारे में करता हूँ। |
2639 | मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है। |
2640 | मैं कभी लोमड़ी बनता हूँ तो कभी शेर। शासन का पूरा रहस्य ये जानने में है कि कब क्या बनना है। |
2641 | मैं कभी शेयर बाज़ार से पैसे बनाने की कोशिश नहीं करता. मैं इस धारणा के साथ शेयर खरीदता हूँ कि बाज़ार अगले दिन बंद हो जायेगा और पाच साल तक नहीं खुलेगा. |
2642 | मैं किसी को भी कुछ नहीं सीखा सकता हूँ, मैं उन्हें केवल सोचने लायक बना सकता हूँ। |
2643 | मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा। |
2644 | मैं केवल उस चीज़ के लिए लड़ सकता हूँ जिसे मैं प्यार करता हूँ, उसे प्यार करता हूँ जिसे मैं आदर देता हूँ, और उसे आदर देता हूँ जो मैं जानता हूँ। |
2645 | मैं गीता में जीता हूँ। |
2646 | मैं चाहता हूँ की आप अपने पडोसी के लिए भी चिंतित हों, क्या आप जानते हैं की आपका पडोसी है कौन ? |
2647 | मैं जातिवाद से घृणा करता हूँ, मुझे यह बर्बरता लगती है , फिर चाहे वह अश्वेत व्यक्ति से आ रही हो या श्वेत व्यक्ति से। |
2648 | मैं जानता हूँ, ये दुनिया अनंत बुद्धि द्वारा शासित होती है। हमारे आस -पास जो। कुछ भी है और जिस किसी चीज का भी अस्तित्व है वह यह साबित करता है कि उसके पीछे असंख्य नियम हैं। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता। ये अपनी सटीकता में गणितीय है। |
2649 | मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है. |
2650 | मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है। |
2651 | मैं ज्यादातर लोगों के लिए भावना का प्रयोग करता हूँ और कुछ के लिए कारण बचा कर रखता हूँ। |
2652 | मैं झूठ बोल सकता हूँ कि मेरी बीवी मेरे लिए खाना बनाती है , लेकिन ऐसा नहीं है . मेरी बीवी ने कभी खाना बनाना नहीं सीखा लेकिन उसके पास घर पे बहुत अच्छे कुक्स हैं . |
2653 | मैं डगमगाता या हिलता नहीं हूँ. |
2654 | मैं तुमसे प्रेम करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो , अपने मंदिर में घुटने टेकते हो , अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं , और यही भावना है। |
2655 | मैं तुम्हे एक नया आदेश देता हूँ: एक दूसरे से प्रेम करो. जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, तुम एक दूसरे से प्रेम करो. |
2656 | मैं तुम्हे शांति का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हे प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ.मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ.मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ। |
2657 | मैं तैयारी करूँगा और मेरा मौका आएगा। |
2658 | मैं नकारात्मक परिणाम भी प्राप्त करना चाहता हूँ ये भी सकारात्मक परिणाम कि ही तरह मूल्यवान हैं। मुझे सबसे अच्छी कार्य करने वाली वस्तु तब तक नहीं मिल सकती जब तक कि वो सब (चीजे) नहीं मिल जाती जो कि कार्य अच्छे नहीं कर सकती। |
2659 | मैं नहीं जानता मेरे दादाजी कौन थे; मेरा सारा ध्यान यह जानने में है की उनका पोता क्या होगा। |
2660 | मैं परीक्षा में कुछ विषयो में फ़ैल हो गया। और मेरे सभी दोस्त पास हो गये! अब वे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में इंजीनियर है और मै माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी का मालिक हूँ। |
2661 | मैं पैसों के लिए बिजनेस में गया, और वहीँ से कला पैदा हुई। यदि इस टिपण्णी से लोगों का मोह भंग होता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। यही सच है। |
2662 | मैं भारत को एक महान आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना देखता हूँ। |
2663 | मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ। |
2664 | मैं माफ़ कर सकता हूँ लेकिन भूल नहीं सकता, मैं माफ़ नहीं करूँगा कहने का एक और तरीका है। |
2665 | मैं यह कर सकता हूँ। |
2666 | मैं ये पता कर लेता हूँ कि दुनिया को क्या चाहिए। फिर मैं आगे बढ़ता हूँ और उसका आविष्कार करने का प्रयास करता हूँ। |
2667 | मैं लोगों के लिए हूँ। इसका मैं कुछ नहीं कर सकता। |
2668 | मैं वहां से कार्य शुरू करता हूँ जहाँ से आखिरी प्रयासरत व्यक्ति ने छोड़ा था। |
2669 | मैं वास्तव में यकीन करता हूँ कि मेरा काम ये सुनिश्चित करना है की लोग हंसें। |
2670 | मैं शायद ही कभी ऐसे गणितज्ञ से मिला हूँ जो तर्क करना जानता हो। |
2671 | मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करता मैं सच्चाई के लिए करता हूँ। |
2672 | मैं सबसे अच्छे से आसानी से संतुष्ट हो जाता हूँ। |
2673 | मैं सबसे अच्छा हूँ। |
2674 | मैं सभी जीवित लोगों में सबसे बुद्धिमान हूँ, क्योंकि मैं ये जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता हूँ। |
2675 | मैं सम्पूर्ण नहीं हूँ, मैं गलतियाँ करता हूँ, मैं लोगों को ठेस पहुंचता हूँ, लेकिन जब मैं किसी से क्षमा मांगता हूँ तो मैं दिल से मांगता हूँ। |
2676 | मैं सिर्फ और सिर्फ एक चीज रहता हूँ और वो है एक जोकर। ये मुझे राजनीतिज्ञों की तुलना में कहीं ऊँचे स्थान पर स्थापित करता है। |
2677 | मैं सोया और स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है. मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है. मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है। |
2678 | मैं हमेंशा इसी बात से परेशान रहता हूँ कि मानव स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण मापदण्ड क्या होने चाहिए। |
2679 | मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता। |
2680 | मैं हमेशा पहले से भविष्यवाणी करने से बचता हूँ , क्योंकि घटना घट जाने के बाद भविष्यवाणी करना काफी बेहतर होता है। |
2681 | मैं हमेशा बरसात में घूमना पसंद करता हूँ ताकि कोई मुझे रोते हुए ना देख पाए। |
2682 | मैं हर एक वस्तु में हूँ और उससे परे भी. मैं सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ. |
2683 | मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है। |
2684 | मैं ७ फुट के अवरोध को पार करने की नहीं सोचता: मैं १ फुट का अवरोध ढूंढता हूँ जिसे मैं पार कर सकूँ. |
2685 | मैं-मैं करने से कोई लाभ नहीं, कर्म ही जीवन हैं |
2686 | मैंने अपने जीवन में एक भी दिन काम नहीं किया जो किया। वो सब तो मनोरंजन था। |
2687 | मैंने ऊपर श्रीमदभागवत गीता के कुछ श्लोक का Hindi Translation प्रस्तुत किया हैं आशा हैं आपको पसंद आएगा। |
2688 | मैंने कभी भी कोई करने योग्य चीज संयोग से नहीं की, ना ही मेरे कोई आविष्कार इत्तफाक से हुए, वो काम करने से आये। |
2689 | मैंने कुछ भी दुर्घटनावश नहीं किया, ना ही मेरे कोई आविष्कार दुर्घटना की वजह से हुए;वे सब काम द्वारा आये और कार्य करने का ही परिणाम हैं। |
2690 | मैंने पत्थर में परी को देखा और तब तक तराशता रहा जब तक की वह पत्थर से बाहर नहीं निकल आई। |
2691 | मैंने प्रेम को ही अपनाने का निर्णय किया है। द्वेष करना तो बेहद बोझिल काम है। |
2692 | मैंने बातूनियों से शांत रहना सीखा है , असहिष्णु व्यक्तियों से सहनशीलता सीखी है , निर्दयी व्यक्तियों से दयालुता सीखी है ; पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ। |
2693 | मैंने ये जाना है कि डर का ना होना साहस नही है , बल्कि डर पर विजय पाना साहस है. बहादुर वह नहीं है जो भयभीत नहीं होता , बल्कि वह है जो इस भय को परास्त करता है। |
2694 | मैथुन गुप्त स्थान में करना चाहिए, छिपकर चलना चाहिए, समय-समय पर सभी इच्छित वस्तुओं का संग्रह करना चाहिए, सभी कार्यो में सावधानी रखनी चाहिए और किसी का जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए। ये पांच बातें कौवे से सीखनी चाहिए। |
2695 | मैले-कुचैले वस्त्र पहनने वाला, गन्दे-मैले दांतों वाला, अधिक खाने वाला, कानो पर हथौड़ा पड़ने जैसी कर्कश वाणी बोलने वाला, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोता रहने वाला यदि साक्षात् विष्णु भी हो तो लक्ष्मी भी उसे अवश्य छोड़ देती हैं।दूसरों के विषय में तो फिर कहना ही क्या। |
2696 | मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना, और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना... |
2697 | मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते है। जब नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है। |
2698 | मौकों की तलाश करने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं मौके पैदा करना। |
2699 | मौत कुछ भी नहीं है , लेकिन हार कर और लज्जित होकर जीना रोज़ मरने के बराबर है। |
2700 | मौत के बाद ज़िन्दगी कैसी होगी, इस बारे में सोचने की जरुरत नहीं है। ऐसा करने से आप न तो नरक से भयभीत होंगे और न ही स्वर्ग की बोरियत के बारे में सोचेंगे। |
Wednesday, May 11, 2016
#2501-2600
2501 | मल का त्याग करने वाली इन्द्रिय को कितनी ही बार स्वच्छ किया जाये, साबुन पानी से सैकड़ो बार धोने पर भी वह स्पर्श करने योग्य नहीं बन पाती, इसी प्रकार इस संसार में दुर्जनों को सुधरने का प्रयास निरर्थक ही हैं। |
2502 | मलेच्छ अर्थात नीच की भाषा कभी शिक्षा नहीं देती। |
2503 | मलेच्छ अर्थात नीच व्यक्ति की भी यदि कोई अच्छी बात हो अपना लेना चाहिए। |
2504 | मशवरा तो खूब देते हो "खुश रहा करो" कभी कभी वजह भी दे दिया करो... |
2505 | मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....अभिमान मर जाएगा | आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए .....पत्थर दिल पिघल जाएगा | दांतों को आराम देकर देखिए ........स्वास्थ्य सुधर जाएगा | जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए .....क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा | इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए ......खुशियों का संसार नज़र आएगा | पूरी जिंदगी हम इसी बात में गुजार देते हैं कि "चार लोग क्या कहेंगे", और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि "राम नाम सत्य है |
2506 | मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं ; चमक उठती हैं। |
2507 | महत्व विद्या का हैं, वंश का नहीं, हाँ यदि वंश भी श्रेष्ठ हो और व्यक्ति विद्वान और चरित्रवान भी हो तो वह निश्चित रूप से उत्कष्ट और आदरणीय होता हैं शास्त्रों ने कहा भी हैं कि विधाहीन व्यक्ति पशु के समान हैं। |
2508 | महर्षि वशिष्ठ राम से कहते है ------'हे राम ! धर्म के निर्वाह में सदैव तत्पर रहने, मधुर वचनों का प्रयोग करने, दान में रूचि रखने, मित्र से निश्छल व्यवहार करने, गुरु के प्रति सदैव विनम्रता रखने, चित्त में अत्यंत गंभीरता को बनाए रखने, ओछेपन को त्यागने, आचार-विचार में पवित्रता रखने, गुण ग्रहण करने के प्रति सदैव आग्रह रखने, शास्त्रों में निपुणता प्राप्त करने तथा शिव के प्रति सदा भक्ति-भाव रखने के गुण केवल तुम्हारे भीतर ही दिखलाई पड़ते है इसीलिए लोग तुम्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहते है।' |
2509 | महाजन द्वारा अधिक धन संग्रह प्रजा को दुःख पहुँचाता है। |
2510 | महात्मा को पराए बल पर साहस नहीं करना चाहिए। |
2511 | महात्मा लोग बहुत विचित्र होते हैं वे एक ओर तो लक्ष्मी को तिनके के समान तुच्छ समझते हैं, उन्हें धन की चिंता नहीं होती और दूसरी और यदि उनके पास लक्ष्मी आ जाती हैं तो वे अत्यधिक नम्र हो जाते हैं। |
2512 | महान और अच्छा कभी – कभार ही एक ही आदमी होता है। |
2513 | महान असत्यवादी महान जादूगर भी होते हैं। |
2514 | महान आदमी हमेशा उदास प्रकर्ति के होते है। |
2515 | महान कार्य के लिए लम्बे समय तक धैर्य बनाए रखना जरुरी है। |
2516 | महान कार्य शक्ति से नहीं, अपितु उधम से सम्पन्न होते हैं। |
2517 | महान कार्ये करने का एक मात्र तरीका यह है की आप अपने काम से प्यार करे। |
2518 | महान विचार तो मांसपेशियों में उत्पन्न होते हैं। |
2519 | महान व्यक्तियों का उपहास नहीं करना चाहिए। |
2520 | महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा पूरे होते हैं । |
2521 | महापुरुषों के अनमोल विचार / सफलता के अचूक मंत्र / सर्वश्रेष्ठ विचार |
2522 | मांस खाना सभी के लिए अनुचित है। |
2523 | माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती.. यहाँ आदमी आदमी से जलता है...! |
2524 | माता द्वारा प्रताड़ित बालक माता के पास जाकर ही रोता है। |
2525 | माता-पिता अपने बच्चों को वसीयत में धन नहीं बल्कि श्रद्धा की भावना दें। |
2526 | माता-पिता और बच्चे के बीच का सम्बन्ध केवल बंदिशों का नहीं होता। इसमें आपसी स्नेह की बड़ी भूमिका होती है जिसे देखकर बच्चा उदारता और त्याग जैसी चीजे सीखती है। |
2527 | मानव की प्रगति कभी अपने आप नहीं होती। न्याय के लक्ष्य की ओर बढ़ाए गए हर कदम पर बलिदान, संघर्ष और तकलीफे होती है। लक्ष्य के लिए समर्पित व्यक्तियों का अथक परिश्रम और जूनून होता है। |
2528 | मानव के जीवन में सभी बातें पूर्व-निर्धारित होती हैं अर्थात जब जीव माँ के गर्भ में आता हैं, तो उसी समय अर्थात उसके जन्म लेने से पूर्व ही उस प्राणी की पांच बातें – कितने समय उसे इस धरती पर जीना हैं, उसकी मृत्यु का स्थान, समय और प्रकार, उसके कर्मो के मिलने वाले अच्छे बुरे फल अर्थात सुख-दुःख, हानि लाभ, यश – अपयश आदि, उसके भाग्य का धन तथा उसे प्राप्त होने वाली विधा-भगवान् पहले से ही लिख देते हैं। |
2529 | मानव को जन्म देने वाला, यज्ञोपवित संस्कार करने वाला पुरोहित, विद्या देने वाला आचार्य, अन्न देने वाला व्यक्ति तथा भय से मुक्ति दिलाने अथवा रक्षा करने वाला, ये पांचो पिता के समान माने जाते हैं। |
2530 | मानव को दान का, तप का, शूरता का, विद्धता का, सुशीलता का और नीतिपुणता का कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योकि इस धरती पर एक से बढ़कर एक दानी, तपस्वी, शूरवीर और विद्वान आदि हैं। |
2531 | मानव विकास के दो चरण हैं- कुछ होने से कुछ ना होना;और कुछ ना होने से सबकुछ होना. यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है. |
2532 | मानव सभ्यता का इतिहास धीरे-धीरे शिक्षा और विनाश के बीच दौड़ बनता जा रहा हैं। |
2533 | मानव-समाज के लिए यज्ञ जहाँ महान उपकारक हैं, बादलो को जन्म देकर अन्न और धन-धान्य की बढ़ोतरी करता हैं, वही यदि उसमे सावधानी न बरती जाएँ, उसे ठीक ढंग से न किया जाए और उसके संपादन में त्रुटिया रह जाए तो वह शत्रु के समान हानिकारक भी होता हैं उसी तरह यदि पुरोहित यज्ञ में ठीक से उच्चारण ना करे तो यज्ञ उसे खत्म कर देता है. और यदि यजमान लोगो को दान एवं भेटवस्तू ना दे तो वह भी यज्ञ द्वारा खत्म हो जाता है. |
2534 | मानवजाति शाश्वत संघर्ष से शक्तिशाली हुई है और ये सिर्फ अनंत शांति के माध्यम से नष्ट होगी। |
2535 | मानवता एक हास्य भूमिका है। |
2536 | मानवता कभी उतनी सुन्दर नहीं होती जितनी की जब वो क्षमा के लिए प्रार्थना करती है, या जब किसी को क्षमा करती है। |
2537 | मानवतावाद मूर्खता और कायरता की अभिव्यक्ति है। |
2538 | माफ करने के लिए एक व्यक्ति की ज़रुरत होती है, पुनः संगठित होने के लिए दो की। |
2539 | माफ़ करना बहादुरों का गुण है। |
2540 | माफ़ करने का मतलब किसी कैदी को आज़ाद करना है और ये जानना है कि आप ही वो कैदी थे। |
2541 | माफ़ करने जैसा पूर्ण कोई बदला नहीं है। |
2542 | माफ़ी मांगने का मतलब ये नहीं है कि आप गलत हैं और दूसरा व्यक्ति सही है। इसका मतलब ये है कि आप अपने अहम् से ज्यादा अपने सम्बंधों की कदर करते हैं। |
2543 | माफ़ी मांगने के लिए व्यक्ति को मजबूत होना पड़ता है और एक मजबूत व्यक्ति ही माफ़ कर सकता है। |
2544 | मिटटी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आज़ादी नहीं है। |
2545 | मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो, और आवश्यकता पड़ने पर उसकी सहायता करो। |
2546 | मित्र क्षमा नहीं किये जाते, शत्रु को क्षमा भले ही मिल जाए। |
2547 | मित्र बनाने का एक ही तरीका है, खुद दूसरों के मित्र बनिए। |
2548 | मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं जो आपके शत्रु हैं। |
2549 | मित्रता का मतलब है तालमेल, न कि अनुबंध। इसका मतलब है क्षमा करना न कि भूला देना। इसका मतलब है सम्पर्क टूट जाने के बाद भी अमिट स्मृतियाँ। |
2550 | मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती। |
2551 | मित्रता बराबर वालों में शोभा पाती है,नौकरी राजा की अच्छी होती है, व्यवहार में कुशल व्यापारी और घर में सुंदर स्त्री शोभा पाती है। |
2552 | मित्रों के संग्रह से बल प्राप्त होता है। |
2553 | मिली थी जिन्दगी , किसी के काम आने के लिए….. पर वक्त बीत रहा है , “कागज” के “टुकड़े” “कमाने” के लिए……… |
2554 | मुझे इस तथ्य पर गर्व है कि मैंने कभी भी हत्या करने के लिए हथियारों का आविष्कार नहीं किया। |
2555 | मुझे उस ज्ञान से दूर रखो जो रोता न हो , उस दर्शन से दूर रखो जो हँसता न हो और उस महानता से दूर रखो जो बच्चों के सामने सर न झुकाता हो। |
2556 | मुझे कैरेक्टर के बारे में कुछ पता नहीं था। लेकिन जैसे ही मैं तैयार हुआ, कपडे और मे-कप मुझे उस व्यक्ति की तरह महसूस कराने लगे। मैं उसे जानने लगा, और स्टेज पे जाते-जाते वो पूरी तरह से पैदा हो गया। |
2557 | मुझे बताइए , यहाँ का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? भारत में हम अपनी अच्छाइयों, अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में इतना शर्मिंदा क्यों होते हैं? हम एक माहान राष्ट्र हैं. हमारे पास ढेरों सफलता की गाथाएँ हैं, लेकिन हम उन्हें नहीं स्वीकारते. क्यों? |
2558 | मुझे यकीन है कि सफल और असफल उद्यमियों में आधा फर्क तो केवल दृढ विश्वास का ही है। |
2559 | मुझे लगता है कि सही समय पर गलत काम करना जीवन की विडंबनाओं में से एक है। |
2560 | मुझे लगता है हम लोगो का दुखी होना अच्छा है, मेरे लिए यह यीशु के चुम्बन की तरह है। |
2561 | मुझे सफलताओ से मत आंकिए, बल्कि जितनी बार गिरा हुँ और गिरकर उठा हुँ उस बल पर आंकिए। |
2562 | मुनष्य को ऐसे स्थान पर नहीं रहना चाहिए जहां लोगो का लोक और परलोक की प्रति अथवा ईश्वर की विधमानता में कोई भरोसा न हो उन्हें किसी प्रकार के कर्म में लज्जा अथवा भय नहीं हो जहां के लोग चतुर न हो, उनमें त्याग करने की भावना न हो |
2563 | मुर्ख गलती से सीखता है, समझदार दुसरो की गलती से। |
2564 | मुर्ख लोग कार्यों के मध्य कठिनाई उत्पन्न होने पर दोष ही निकाला करते है। |
2565 | मुर्ख लोगों का क्रोध उन्हीं का नाश करता है। |
2566 | मुर्ख व्यक्ति उपकार करने वाले का भी अपकार करता है। इसके विपरीत जो इसके विरुद्ध आचरण करता है, वह विद्वान कहलाता है। |
2567 | मुर्ख व्यक्ति को अपने दोष दिखाई नहीं देते, उसे दूसरे के दोष ही दिखाई देते हैं। |
2568 | मुर्ख व्यक्ति से बचना चाहिए। वह प्रत्यक्ष में दो पैरों वाला पशु है। जिस प्रकार बिना आँख वाले अर्थात अंधे व्यक्ति को कांटे भेदते है, उसी प्रकार मुर्ख व्यक्ति अपने कटु व अज्ञान से भरे वचनों से भेदता है। |
2569 | मुर्ख शिष्य को उपदेश देने, दुष्ट और कुलटा स्त्री के भरण-पोषण करने तथा दुखी व्यक्तियों के संग में रहने से बुद्धिमान व्यक्ति को भी कष्ट हो सकता हैं यहाँ चाणक्य ने यह स्पष्ट किया है की मुर्ख शिष्य को भली बात के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए इसी प्रकार दुष्ट आचरण वाली स्त्री का संग करना भी अनुचित हैं और दुखी व्यक्तियों के पास बैठने-उठने समागम से ज्ञानवान पुरुषो को भी दुःख उठाना पड़ सकता है |
2570 | मुर्गे से ये चार बाते सीखे 1.सही समय पर उठ 2.नीडर बने और लढे 3.संपत्ति का रिश्तेदारों से उचित बटवारा करे 4.अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करे। |
2571 | मुश्किल परिस्थितियों में रोने की जरुरत नहीं है। जरुरत है तो उन परिस्थितियों को खूबसूरती के साथ समझनें की। |
2572 | मुश्किल से मुश्किल काम भी अगर कई छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर किया जाएँ तो वह भी आसन हो जाता हैं। जैसे कि आप खुद को बदलना चाहते हैं, तो पहले छोटे और सकारात्मक बदलाव कीजियें और ऐसे छोटे बदलाव को लगातार करते रहियें। अच्छा पौष्टिक भोजन कीजियें, कसरत कीजियें, धीरे –धीरे और Productive आदत विकसित कीजियें यह सब आप में उत्साह पैदा करेगी और आपको और अधिक सफलता की और बढ़ने में सहयता करेगी। |
2573 | मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का..... |
2574 | मुस्करा कर देखो तो सारा जहाॅ रंगीन है वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है। |
2575 | मुस्कुराओ..... क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं। |
2576 | मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं यारों, इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखो!!! |
2577 | मूर्ख छात्रों को पढ़ाने तथा दुष्ट स्त्री के पालन पोषण से और दुखियों के साथ संबंध रखने से, बुद्धिमान व्यक्ति भी दुःखी होता है। तात्पर्य यह कि मूर्ख शिष्य को कभी भी उपदेश नहीं देना चाहिए, पतित आचरण करने वाली स्त्री की संगति करना तथा दुःखी मनुष्यो के साथ समागम करने से विद्वान तथा भले व्यक्ति को दुःख ही उठाना पड़ता है। |
2578 | मूर्ख व्यक्ति की समृद्धता से समझदार व्यक्ति का दुर्भाग्य कहीं अधिक अच्छा होता है |
2579 | मूर्खता और बुद्धिमता में यह फर्क है की बुद्धिमता की एक सीमा होती है। |
2580 | मूर्खो के पंडित, दरिद्रो के धनी, विधवाओं की सुहागिनें और वेश्याओं की कुल-धर्म रखने वाली पतिव्रता स्त्रियां शत्रु होती है। |
2581 | मूलतः, वही इंसान सफल है जो कुछ काम कर रहा है यही बात फर्क पैदा करती है। |
2582 | मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने और पीने के लिए जीते हैं; मूल्यवान व्यक्ति केवल जीने के लिए खाते और पीते हैं। |
2583 | मृत व्यक्ति का औषधि से क्या प्रयोजन। |
2584 | मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है? |
2585 | मृतिका पिंड (मिट्टी का ढेला) भी फूलों की सुगंध देता है। अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवशय पड़ता है जैसे जिस मिटटी में फूल खिलते है उस मिट्टी से भी फूलों की सुगंध आने लगती है। |
2586 | मृत्यु को किसी व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं होता है। क्योंकि जब तक हम जीवित होते है मौत हमारे इर्द गिर्द नहीं होती है। जब हम मर जाते है तो हमारे होने का कोई अर्थ नहीं रहता है। |
2587 | मृत्यु संभवतः मानवीय वरदानो में सबसे महान है। |
2588 | मृत्यु हर प्रकार की समस्याओं का अंत है। न मनुष्य, न ही कोई समस्या। |
2589 | मृदंग से आवाज निकलती हैं धिक्तन -इसका संस्कृत में अर्थ हैं -उन्हें धिक्कार हैं इसके आगे कवि कल्पना करता हैं कि जिन लोगो का भगवान श्रीकृष्ण के चरणकमलों में अनुराग हैं, जिनकी जिव्हा को श्री राधा जी और गोपियों के गुणगान में आनन्द नहीं आता, जिनके कान श्रीकृष्ण की सुन्दर कथा को सुनने के लिए सदा उत्सुक नहीं रहते, मृदंग भी उन्हें धिक्कार हैं धिक्कार हैं कहता हैं। |
2590 | मेरा एक सपना है की मेरे चारो बच्चे एक दिन ऐसे राष्ट्र में रहेंगे जहां उन्हें कोई भी उनकी स्किन के रंग से नहीं पहचानेगा बल्कि उनके चरित्र के गुणों से पहचानेगा। |
2591 | मेरा जीवन मेरा सन्देश है। |
2592 | मेरा दर्द किसी के हंसने का कारण हो सकता है पर मेरी हंसी कभी भी किसी के दर्द कारण नहीं होनी चाहिए। |
2593 | मेरा धर्म बहुत सरल है। मेरा धर्म दयालुता है। |
2594 | मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। |
2595 | मेरा नज़रिया यह है की जवानी में हम अधिक आशावादी और कल्पनाशील होते है और हम दूसरों से कम प्रभावित होते है। |
2596 | मेरा मानना है कि पैसे से सब कुछ नहीं बल्कि केवल थोडा बहुत किया जा सकता, ये मेरा हर जगह का अनुभव है। |
2597 | मेरा मानना है की आपका मौन सहमति है। |
2598 | मेरा मानना है कि आज मेरा आचरण सर्वशक्तिमान निर्माता की इच्छा के अनुसार है। |
2599 | मेरा यह सन्देश विशेष रूप से युवाओ के लिए है। उनमे अलग सोच रखने का साहस, नए रास्तो पर चलने का साहस, आविष्कार करने का साहस होना चाहिए। उन्हें समस्याओ से लड़ना और उनसे जीतना आना चाहिए। ये सभी महान गुण है और युवाओ को इन गुणों को अपनाना चाहिए। |
2600 | मेरा वायदा है कि सबसे सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन प्रदान करूँगा। |
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