3201 | शेर से यह बढ़िया बात सीखे कि कार्य छोटा हो या बड़ा उसे पूरा करने के लिए पूरा सामर्थ्य लगा देना चाहिए किसी भी कार्य को महत्वहीन समझना और उसकी उपेक्षा करना अच्छी बात नहीं। |
3202 | शौक और दुःख देने वाले बहुत से पुत्रों को पैदा करने से क्या लाभ है ? कुल को आश्रय देने वाला तो एक पुत्र ही सबसे अच्छा होता है। |
3203 | श्रदावान और जितेन्द्र्य व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता हैं, ज्ञान प्राप्त करने पर शीघ्र परम शान्ति मिलती हैं। |
3204 | श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास। |
3205 | श्रेष्ठ और सुहृदय जन अपने आश्रित के दुःख को अपना ही दुःख समझते है। |
3206 | श्रेष्ठ व्यक्ति अपने समान ही दूसरों को मानता है। |
3207 | श्रेष्ठ स्त्री के लिए पति ही परमेश्वर है। |
3208 | संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है. |
3209 | संकट में बुद्धि ही काम आती है। |
3210 | संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार। |
3211 | संगठित होने पर क्षुद्र प्राणियों का एक छोटा समूह भी बड़े-बड़े शत्रुओ को पराजीत कर देता हैं। इसके विपरीत बलशाली होने पर भी अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। |
3212 | संतान को जन्म देने वाली स्त्री पत्नी कहलाती है। |
3213 | संतुष्टि प्रकर्ति की दौलत हैं और वैभव इंसान के द्वारा बनायीं हुई गरीबी वे ही धनवान हैं जो कम में संतुष्टि करना जानते हैं। |
3214 | संधि और एकता होने पर भी सतर्क रहे। |
3215 | संधि करने वालो में तेज़ ही संधि का हेतु होता है। |
3216 | संपन्न और दयालु स्वामी की ही नौकरी करनी चाहिए। |
3217 | संभव की सीमा जानने केवल एक ही तरीका है असम्भव से आगे निकल जाना। |
3218 | संयोग भगवान का बचा हुआ गोपनीय रास्ता है। |
3219 | संयोग से तो एक कीड़ा भी स्तिथि में परिवर्तन कर देता है। |
3220 | संविधान छोटा और अस्पष्ट होना चाहिए। |
3221 | संसार का विरोध करके कोई इससे मुक्त नहीं हुआ। बोध से ही इससे ज्ञानीजनों ने पार पाया है। संसार को छोड़ना नहीं, बस समझना है। परमात्मा ने पेड़-पौधे, फल-फूल, नदी, वन, पर्वत, झरने और ना जाने क्या- क्या हमारे लिए नहीं बनाया ? हमारे सुख के लिए, हमारे आनंद के लिए ही तो सबकी रचना की है। |
3222 | संसार की निंदा करने वाला अप्रत्यक्ष में भगवान् की ही निंदा कर रहा है। किसी चित्र की निंदा चित्र की नहीं अपितु चित्रकार की ही निंदा तो मानी जाएगी। हर चीज भगवान् की है, कब, कैसे, कहाँ, क्यों और किस निमित्त उसका उपयोग करना है यह समझ में आ जाये तो जीवन को महोत्सव बनने में देर ना लगेगी। |
3223 | संसार की प्रत्येक वास्तु नाशवान है। |
3224 | संसार के उद्धार के लिए जिन लोगो ने विधिपूर्वक परमेश्वर का ध्यान नहीं किया, स्वर्ग में समर्थ धर्म का उपार्जन नहीं किया, स्वप्न में भी सुन्दर युवती के कठोर स्तनों और जंघाओं के आलिंगन का भोग नहीं किया, ऐसे व्यक्ति का जन्म माता के यौवन रूपी वन को काटने वाली कुल्हाड़ी के समान है। |
3225 | संसार के चारो कोनो में यात्रा कीजियें, लेकिन फिर भी आपको कहीं भी कुछ भी नहीं मिलेगा। जो आप प्राप्त करना चाहते हैं वह तो यही आपके अन्दर विराजमान हैं। |
3226 | संसार के विषयों पर ज्ञान, सामान्य रूप से मनुष्य को जिद्दी बना देता हैं, ज्ञान का अभिमान एक बंधन हैं। |
3227 | संसार को चलाने के लिए पहले हमें स्वयं को चलना होगा। |
3228 | संसार में अत्यंत सरल और सीधा होना भी ठीक नहीं है। वन में जाकर देखो की सीधे वृक्ष ही काटे जाते है और टेढ़े-मेढे वृक्ष यों ही छोड़ दिए जाते है। |
3229 | संसार में आजतक कोई भी व्यक्ति धन, जीवन, स्त्रियों तथा खाने-पीने के उत्तम पदार्थों से न तो तृप्त हुआ हैं। और न ही होगा और न हो रहा हैं भूतकाल में इन विषयों में सभी प्राणी अतृप्त होकर ही गए हैं। और वर्तमान में भी अतृप्त ही दिखाई देते हैं तथा भविष्य में भी यहीं स्थिति बनी रहेगी। |
3230 | संसार में ऐसा कौन व्यक्ति है जिसके वंश में कोई न कोई दोष, या अवगुण न हो, कहीं न कहीं कोई दोष निकल ही आता हैं। संसार में कोई ऐसा प्राणी भी नहीं है जो कभी न कभी, किसी न किसी रोग से पीड़ित न हुआ हो, अथार्त रोग कभी न कभी सभी मनुष्यों को घेर ही लेता हैं। संसार में ऐसा कौन व्यक्ति हैं जिसे कोई न कोई व्यसन न हो अथार्त जब वह संकट में न पड़ा हो संसार में किसी को लगातार सुख भी नहीं मिलता, कभी न कभी कोई संकट अथवा कष्ट आ ही जाता हैं। |
3231 | संसार में ऐसे अपराध कम ही है जिन्हे हम चाहे और क्षमा न कर सके। |
3232 | संसार में कुछ दुःख ऐसे हैं जिन्हें मुनष्य अपने जीवन में सरलतापूर्वक न भुला पता हैं और न उन्हें सहन कर सकता हैं ये दुःख हैं – अपनी पत्नी से अलग होना, अपने परिवार वालें और सम्बन्धियों से अपमानित होना, क़र्ज़ का न चूका पाना, दुष्ट स्वामी की नौकरी करना तथा दरिद्र बन कर मूर्खो के समाज में रहना। |
3233 | संसार में केवल दो तत्व हैं- एक सौंदर्य और दूसरा सत्य। सौंदर्य प्रेम करने वालों के हृदय में है और सत्य किसान की भुजाओं में। |
3234 | संसार में जिसके पास धन है, उसी के सब मित्र होते है, उसी के सब बंधु-बांधव होते है, वहीं श्रेष्ठ पुरुष गिना जाता है और वही ठाठ-बाट से जीता है। |
3235 | संसार में निर्धन व्यक्ति का आना उसे दुखी करता है। |
3236 | संसार में प्रत्येक कार्य, प्रत्येक गुण, प्रत्येक बात की एक सीमा होती हैं प्रत्येक अच्छी-बुरी वस्तु अपनी सीमा में ही शोभा देती हैं जहां सीमा का अतिक्रमण होता हैं वहा अति करने वाले को दुर्गति का शिकार होता पड़ता हैं इसीलिए आचार्य ने कहा हैं कि अति का तो सभी जगह से परित्याग कर देना चाहिए। |
3237 | संसार में मानव के लिए क्षमा एक अलंकार है। |
3238 | संसार में लोग जान-बूझकर अपराध की ओर प्रवर्त्त होते हैं। |
3239 | संसार में विद्वान की ही प्रशंसा होती है, विद्वान व्यक्ति ही सभी जगह पूजे जाते है। विद्या से ही सब कुछ मिलता है, विद्या की सब जगह पूजा होती है। |
3240 | संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है. |
3241 | सकारात्मक सोच (पॉजिटिव थिंकिंग) के साथ सकारात्मक किर्या (पॉजिटिव एक्शन) का परिणाम सफलता है। |
3242 | सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को वहां भी रोशनी दिखाई देती है जहां रोशनी का का कोई स्त्रोत नहीं होता है। लेकिन जाने क्यों एक नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हमेशा उस रोशनी को रोकने के लिए भागता है। |
3243 | सच और समय का गहरा नाता है। दोनों बातों को अपने जीवन में उतारने को लेकर कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। |
3244 | सच कहूँ तो मैं कभी आइकन , सुपरस्टार , इत्यदि विश्लेषणों के चक्कर में नहीं पड़ा. मैं हमेशा खुद को एक अभिनेता के रूप में देखता हूँ जो अपनी काबीलियत के अनुसार जितना अच्छा कर सकता है कर रहा है. |
3245 | सच में हंसने के लिए आपको अपनी पीड़ा के साथ खेलने में सक्षम होना चाहिए। |
3246 | सच्चा काम अहंकार और स्वार्थ को छोड़े बिना नहीं होता। |
3247 | सच्चा ज्ञान केवल यह जानने में है की आप कुछ नहीं जानते है। |
3248 | सच्चा ज्ञान दृढ़ संकल्प है। |
3249 | सच्चाई तक पहुंचने के लिए सबसे पहले उस बात पर विश्वास मत करिए, उससे मुंह फेरिए और उस पर विश्वास भी मत करिए। |
3250 | सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता , पूर्ण रूप से निस्स्वार्थ व्यक्ति , सबसे सफल है। |
3251 | सच्ची आध्यात्मिकता, जिसकी शिक्षा हमारे पवित्र ग्रंथो में दी हुई है, वह शक्ति है, जो अंदर और बाहर के पारस्परिक शांतिपूर्ण संतुलन से निर्मित होती है। |
3252 | सच्ची क्षमा तब है जब आप कह सके – उन सारे अनुभवों के लिए धन्यवाद। |
3253 | सच्ची बुद्धिमानी उसी वक्त आ सकती हैं, जब हम यह मान ले कि हम जिन्दगी खुद के बारे में और हमारे आस-पास कि दुनिया के बारें में कितना कम जानते हैं कुछ ही जानते हैं। |
3254 | सच्ची शिक्षा का लक्ष्य चरित्र के साथ बुद्धिमता का विकास करना है। पूरी एकाग्रता से विचार करने की क्षमता देना ही शिक्षा का कार्य है। |
3255 | सच्ची ख़ुशी कैंसर को हराने से या चाँद-सितारों की चढ़ाई करने से नहीं होगी, लेकिन पुरानी सभ्यता को महफूज रखने से अद्भुत ख़ुशी का अनुभव जरुरु होगा। |
3256 | सच्चे दोस्त से तुलना करना मुश्किल है। |
3257 | सच्चे लोगो के लिए कुछ भी अप्राप्य नहीं। |
3258 | सज्जन की राय का उल्लंघन न करें। |
3259 | सज्जन को बुरा आचरण नहीं करना चाहिए। |
3260 | सज्जन तिल बराबर उपकार को भी पर्वत के समान बड़ा मानकर चलता है। |
3261 | सज्जन थोड़े-से उपकार के बदले बड़ा उपकार करने की इच्छा से सोता भी नहीं। |
3262 | सज्जन दुर्जनों में विचरण नही करते। |
3263 | सत वाणी से स्वर्ग प्राप्त होता है। |
3264 | सतत प्रयास – न कि ताकत या बुद्धिमानी – ही हमारे सामर्थ्य को साकार करने की कुंजी है। |
3265 | सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों-ज्यों सेवा की जाती है, त्यों-त्यों उसमे अनेक फल आते हुए नजर आते है, उनका अंत ही नहीं होता। |
3266 | सत्य एक है, मार्ग कई। |
3267 | सत्य और ज्ञान की खोज में लगे रहना ही किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी विशेषता हो सकती है। |
3268 | सत्य और तथ्य में बहुत बड़ा अंतर है. तथ्य सत्य को छिपा सकते हैं. |
3269 | सत्य कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो। |
3270 | सत्य का क्रियान्वन ही न्याय है। |
3271 | सत्य की कोई भाषा नहीं है। भाषा सिर्फ मनुष्य का निर्माण है। लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं, आविष्कार है। सत्य को बनाना या प्रमाणित नहिं करना पड़ता, सिर्फ़ उघाड़ना पड़ता है। |
3272 | सत्य की खोज इसे पाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। |
3273 | सत्य की परिभाषा क्या है ? सत्य की इतनी ही परिभाषा है की जो सदा था, जो सदा है और जो सदा रहेगा। |
3274 | सत्य के मार्ग पे चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है; पूरा रास्ता ना तय करना, और इसकी शुरआत ही ना करना। |
3275 | सत्य को जानना चाहिए पर उसको कहना कभी-कभी चाहिए। |
3276 | सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा। |
3277 | सत्य पर पृथ्वी टिकी है, सत्य से सूर्य तपता है, सत्य से वायु बहती है, संसार के सभी पदार्थ सत्य में निहित है। |
3278 | सत्य पर संसार टिका हुआ है। |
3279 | सत्य पर ही देवताओं का आशीर्वाद बरसता है। |
3280 | सत्य बताते समय बहुत ही एक्राग और नम्र होना चाहिए क्योकि सत्य के माध्यम से भगवान का अहसास किया जा सकता हैं। |
3281 | सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है। |
3282 | सत्य भी यदि अनुचित है तो उसे नहीं कहना चाहिए। |
3283 | सत्य मेरी माता है, पिता मेरा ज्ञान है, धर्म मेरा भाई है, दया मेरी मित्र है, शांति मेरी पत्नी है और क्षमा मेरा पुत्र है, ये छः मेरे बंधु-बांधव है। |
3284 | सत्य से बढ़कर कोई तप नहीं। |
3285 | सत्य से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। |
3286 | सत्संग से स्वर्ग में रहने का सुख मिलता है। |
3287 | सदा सांसारिक कार्यो में व्यस्त रहने वाला, पशुओ का पालक, व्यापार तथा कृषि-कर्म से अपनी आजीविका चलाने वाला ब्राह्मण, ब्राह्मण –कुल में उत्पन्न होकर भी वैश्य कहलाता हैं। |
3288 | सदाचार से मनुष्य का यश और आयु दोनों बढ़ती है। |
3289 | सदैव आर्यों (श्रेष्ठ जन) के समान ही आचरण करना चाहिए। |
3290 | सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे। |
3291 | सपने के बारे में ध्यान से सोचे। सुबह उठ कर सबसे पहले अपने उस सपने के बारे में सोचे, जो आपने जागने से पहले देखा था उससे आपको एक अदभुद शक्ति प्राप्त होगी फिर उनकी व्याख्या करे यदि वह आपको अच्छा लगे, तब उस पर काम करना शुरू कर दे फिर आपका वह सपना हकीकत में बदलना शुरू हो जायेगा। |
3292 | सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखते हो, सपने वो है जो आपको सोने नहीं देते। |
3293 | सफर करने का मतलब दूसरी दुनिया के लोगो से मिलना और उनके जैसे बनना है। |
3294 | सफल लोग और अधिक सफल होते हैं क्योकि वो सीक्रेट ऑफ़ सक्सेस / Secrets of success जानते हैं जबकि दुसरे लोग असफल हो जाते हैं और फिर उनकी स्थिति उस मकड़ी के समान हो जाती हैं, जो एक हवा के झोकें से नीचे गिर पड़ती हैं। |
3295 | सफल लोग सफलता के लिए सिर्फ काम और मेहनत ही नहीं करते हैं बल्कि उनका आकलन (Work evaluation) भी करते हैं वे अपने कामों को लगातार जांचते रहते हैं दूसरों से Advice भी लेते हैं इस तरह से उनको पता रहता की आगे क्या करना हैं और कहाँ गलती हुई हैं जब तक आप अपने काम की जांच और आकलन नहीं कर लेते, आप उसे नियंत्रित नहीं कर सकते। |
3296 | सफल व्यक्ति वही है जो बगुले के समान अपनी सम्पूर्ण इन्द्रियों को संयम में रखकर अपना शिकार करता है। उसी के अनुसार देश, काल और अपनी सामर्थ्य को अच्छी प्रकार से समझकर सभी कार्यो को करना चाहिए। बगुले से यह एक गुण ग्रहण करना चाहिए, अर्थात एकाग्रता के साथ अपना कार्य करे तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी, अर्थात कार्य को करते वक्त अपना सारा ध्यान उसी कार्य की और लगाना चाहिए, तभी सफलता मिलेगी। |
3297 | सफलता अंत नहीं है , असफलता घातक नहीं है! लगे रहने का साहस ही मायने रखता है। |
3298 | सफलता की ख़ुशी मानना अच्छा है पर उससे ज़रूरी है अपनी असफलता से सीख लेना . |
3299 | सफलता एक ऐसी चीज हैं जिसे हर एक व्यक्ति पाना चाहता हैं, लोग कैसे एक के बाद एक सफलता हासिल करते जातें हैं? वो ऐसा क्या अलग करते हैं, क्या आपने कभी जाना, वो सब भी प्रकृति द्वारा निर्मित मनुष्य हैं आइयें जानते हैं और आप कैसे उनसे प्रेरणा ले सकते हैं? |
3300 | सफलता एक घटिया शिक्षक है। यह लोगों में यह सोच विकसित कर देता है कि वो असफल नहीं हो सकते। |
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Thursday, July 7, 2016
#3201-3300
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