2801 | यह नहीं कहा जा सकता हैं कि प्रत्येक पर्वत पर मणि-माणिक्य की प्राप्त होंगे, इसी प्रकार प्रत्येक हाथी के मस्तक से मुक्ता–मणि नहीं प्राप्त होती। संसार में मनुष्यों की कमी न होने पर भी अच्छे पुरुष सब जगह नहीं मिलते। इसी प्रकार चन्दन के कुछ वन तो हैं, परन्तु सभी वनों में चन्दन के वृक्ष उपलब्ध नहीं होते। |
2802 | यह निश्चय करना की आपको क्या नहीं करना है उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना की यह निश्चय करना की आप को क्या करना है। |
2803 | यह निश्चय है कि बंधन अनेक है, परन्तु प्रेम का बंधन निराला है। देखो, लकड़ी को छेदने में समर्थ भौंरा कमल की पंखुड़ियों में उलझकर क्रियाहीन हो जाता है, अर्थात प्रेमरस से मस्त हुआ भौंरा कमल की पंखुड़ियों को नष्ट करने में समर्थ होते हुए भी उसमे छेद नहीं कर पाता। |
2804 | यह निश्चित है की शरीरधारी जीव के गर्भकाल में ही आयु, कर्म, धन, विध्या, मृत्यु इन पांचो की सृष्टि साथ-ही-साथ हो जाती है। |
2805 | यह बच्चों के साथ ही संभव है की आप तर्क, गणित भौतिक ज्ञान के विकास की प्रक्रिया को समझ सकते है |
2806 | यह बात कई बार कही जा चुकी हैं कि बाहरी चीजों में खुशिया न तलाशें। अगले साल में प्रवेश करने से पहले इस बात को गाँठ बांध लीजिये। |
2807 | यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो, जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है.. |
2808 | यह मधु मक्खी जो कमल की नाजुक पंखडियो में बैठकर उसके मीठे मधु का पान करती थी, वह अब एक सामान्य कुटज के फूल पर अपना ताव मारती है।क्यों की वह ऐसे देश में आ गयी है जहा कमल है ही नहीं, उसे कुटज के पराग ही अच्छे लगते है। |
2809 | यह मन, यह विश्वास जिसमे हैं, वे ही कह सकते हैं कि दरिद्रता ही हमारी प्रतिज्ञा हैं |
2810 | यह महत्वपूर्ण नहीं है आपने कितना दिया, बल्कि यह है की देते समय आपने कितने प्रेम से दिया। |
2811 | यह महत्वपूर्ण नहीं है की आपके पास क्या नहीं है। आपके पास क्या है और आप उसका कैसे उपयोग करते हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। |
2812 | यह महान आदमी की निशानी है कि वह तुच्छ चीजों को तुच्छ की तरह और महत्वपूर्ण बातों को महत्वपूर्ण की तरह महत्व देते है। |
2813 | यह मानव-जीवन सीमित हैं और कार्यो और ज्ञान की सीमा अनंत हैं इस स्थिति में मनुष्य को शास्त्रों का सार ही ग्रहण करना चाहिए।उसी प्रकार जैसे हंस पानी छोड़कर उसमे मिला हुआ दूध पी लेता है। |
2814 | यह विधि की विडम्बना हैं कि स्वर्ण में गन्ध, गन्ने में फल और चन्दन में फूल नहीं होते, इसी प्रकार विद्वान धनी नहीं होते और राजा दीर्घायु नहीं होते। |
2815 | यह संसार आशा के सहारे बंधा है। |
2816 | यह संसार की रीति हैं कि पंडितों से मुर्ख ईर्ष्या करते हैं, निर्धन बड़े बड़े धनिकों से अकारण द्वेष करते हैं वैश्याए तथा व्यभिचारिणी स्त्रिया पतिव्रताओ से तथा सौभाग्यवती स्त्रियों से विधवाएं द्वेष करती हैं। |
2817 | यह संसार नश्वर हैं, अनित्य हैं, नष्ट होने वाला हैं, तो भी लोभी मनुष्य अधर्माचरण में लिप्त रहता हैं चाणक्य ने कहा हैं की शरीर अनित्य हैं ऐसी स्थिति में मनुष्य को यथाशीघ्र धर्म-संग्रह में प्रवर्त हो जाना चाहिए जीवन के उपरान्त धर्म ही मनुष्य का सच्चा मित्र हैं। |
2818 | यह सच है कि उद्यमशीलता जोखिम लेने से ही आता है। |
2819 | यह सही हैं की सफलता का जश्न आप मनाये पर अपने पुराने बुरे समय को याद रखते हुए। |
2820 | यहाँ चाणक्य बन्धु-बान्धवों, मित्रो और परिजनों की पहचान बताते हुए कहते हैं की जब व्यक्ति को कोई असाध्य रोग घेर लेता हैं, जब वह किसी बुरी लत में पड़ जाता हैं अथवा उसे खाने-पीने की चीजो का आभाव हो जाता है, वह अकाल का ग्रास बन जाता है, उस पर किसी प्रकार का शत्रु आक्रमण करता हैं, राजा और सरकार की ओर से उस पर कोई case अथवा अभियोग लगाया जाता हैं और जब वह अपने किसी प्रियजन को उसकी मुर्त्यु पर श्मशान-भूमि ले जाता हैं, ऐसे समय में जो लोग उसका साथ देते हैं, वही वास्तव में उसके बन्धु-बान्धव होते हैं |
2821 | यही आप वह पाना चाहते हो जो लोगो के पास नहीं है तो आपको वह करना होगा जिसे लोग नहीं करना चाहते- |
2822 | यही दुनिया है! यदि तुम किसी का उपकार करो तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यो ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरंत तुम्हे बदमाश साबित करने में नहीं हिचकिचाएंगे। |
2823 | याचक कंजूस-से-कंजूस धनवान को भी नहीं छोड़ते। |
2824 | याचकों का अपमान अथवा उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। |
2825 | यीशु ने कहा है की एक दूसरे से प्रेम करो। उन्होंने यह नहीं कहा की समस्त संसार से प्रेम करो। |
2826 | यीशु समझकर सबकी सेवा कर पाने पर ही विश्व में शान्ति के दवार खुलेंगे |
2827 | युग के अंत में सुमेरु पर्वत का चलायमान होना संभव हैं, कल्प के अन्त में सातों समुन्द्रो का अपनी मर्यादा का त्याग संभव हैं, परन्तु सज्जन महात्मा युग-युगान्तर में भी अपनी संकल्प एवम अपनी प्रतिज्ञा से कभी विचलित नहीं होते वे अपने निश्चय पर सैदव अडिग रहते हैं अत: उनका कथन सैदव विश्वसनीय होता हैं। |
2828 | युद्ध मुख्या रूप से भूलों की एक सूची है। |
2829 | युद्ध में सत्य इतना कीमती होता है की उसे हमेशा झूठ के बॉडीगॉर्ड के साथ ही होना चाहिये। |
2830 | युद्ध असभ्यों का व्यापार है। |
2831 | युद्ध किसी भी समस्या का स्थाई हल नहीं है। |
2832 | युद्ध जितना पर्याप्त नहीं है, शांति कायम करना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। |
2833 | युद्ध में आप एक ही बार मारे जा सकते हैं , लेकिन राजनीति में कई बार। |
2834 | युद्ध ही शान्ति है। आज़ादी का मतलब दासता है। अज्ञानता ताकत है। |
2835 | युद्ध, किसी भी किसी समस्या का स्थाई हल नहीं होता। |
2836 | युवा आसानी से धोखा खाते है क्योंकि वो शीघ्रता से उम्मीद लगाते है। |
2837 | युवा उद्यमियों को मेरी सलाह है कि हार स्वीकार ना करें और चुनौतियों और नकारात्मक बलों का पूर्ण आशा और आत्मविश्वास के साथ सामना करें। |
2838 | युवाओं के लिए कलाम का विशेष संदेशः अलग ढंग से सोचने का साहस करो, आविष्कार का साहस करो, अज्ञात पथ पर चलने का साहस करो, असंभव को खोजने का साहस करो और समस्याओं को जीतो और सफल बनो। ये वो महान गुण हैं जिनकी दिशा में तुम अवश्य काम करो। |
2839 | युवाओं को एक अच्छा वातावरण दीजिये। उन्हें प्रेरित कीजिये। उन्हें जो चाहिए वो सहयोग प्रदान कीजिये। उसमे से हर एक आपार उर्जा का श्रोत है। वो कर दिखायेगा। |
2840 | यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे पता नही था की, 'कीमत चेहरों की होती है!!' |
2841 | यूनीवर्सल एजुकेशन सबसे अधिक नुक्सान पहुंचाने वाला ज़हर है जिसका उदारवाद ने अपने विनाश के लिए आविष्कार किया है। |
2842 | ये आठ गुण मनुष्य को यश देने वाले हैं –सद्विवेक, कुलीनता, निग्रह, सत्संग पराक्रम कम बोलना यथाशक्ति दान और कृतज्ञता। |
2843 | ये आठो कभी दुसरो का दुःख नहीं समझ सकते। |
2844 | ये एक आम कहावत है, और सभी कहते हैं, की ज़िन्दगी केवल कुछ समय के लिए पड़ाव है। |
2845 | ये कारण है, ना कि मौत, जो किसी को शहीद बनाता है। |
2846 | ये जानने में की जीवन खुद से करने का प्रोजेक्ट है, आधी ज़िन्दगी चली जाती है। |
2847 | ये दुनिया बड़ी ही भयानक है, उन लोगो के कारण नहीं जो बुरा करते है बल्कि उन लोगो के कारण जो बुरा होते देखते है और बुरा होने देते है। |
2848 | ये बेरहम दुनिया है और इसका सामना करने के लिए तुम्हे भी बेरहम होना होगा। |
2849 | ये मत भूलो की धरती तुम्हारे पैरों को महसूस करके खुश होती है और हवा तुम्हारे बालों से खेलना चाहती है। |
2850 | ये मायने नहीं रखता की आप दुनिया में कैसे आये, ये मायने रखता है की आप यहाँ हैं. |
2851 | ये सचमुच सत्य है कि आप दूसरों को सफल होने में मदद करके सबसे तेजी और अच्छे से सफल हो सकते हैं. |
2852 | ये सोच है हम इसांनो की कि एक अकेला क्या कर सकता है पर देख जरा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है। |
2853 | ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए. |
2854 | ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों.... यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है. |
2855 | योग्य सहायकों के बिना निर्णय करना बड़ा कठिन होता है। |
2856 | योग्यता से बिताए हुए जीवन को,हमें वर्षों से नहीं बल्कि कर्मों के पैमाने से तौलना चाहिए। |
2857 | यौवन, धन-संपत्ति, अधिकार और स्वामित्व और विवेकहीनता मानव को अनर्थ की ओर प्रेरित करते हैं। इन्हें पाकर मनुष्य को विन्रम और सावधान रहना चाहिए, यदि मनुष्य विवेक का पल्ला छोड़ देता हैं तो उसका विनाश होने में एक पल भी नहीं लगता। |
2858 | रचनात्मक (creativity) पर ध्यान दें। जब आप अपने मस्तिष्क का सही उपयोग करते हैं तब आप हकीकत में रचनात्मक बन जाते हैं क्यों कि एकाग्रता से ही रचनात्मक बना जा सकता हैं और ये ही क्वालिटी से आपके दिमाग के सारे बंद दरवाजे खोल देती हैं। |
2859 | रत्न कभी खंडित नहीं होता। अर्थात विद्वान व्यक्ति में कोई साधारण दोष होने पर उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। |
2860 | रत्नों की प्राप्ति बहुत कठिन है। अर्थात श्रेष्ठ नर और नारियों की प्राप्ति अत्यंत दुर्लभ है। |
2861 | राज अग्नि दूर तक जला देती है। |
2862 | राजकुल में सदैव आते-जाते रहना चाहिए। |
2863 | राजधन की ओर आँख उठाकर भी नहीं देखना चाहिए। |
2864 | राजनीति करना किसी खूबसूरत कला की तरह है। |
2865 | राजनीति को विज्ञान कहना बिलकुल सही है। |
2866 | राजनीति में कभी पीछे ना हटें, कभी अपने शब्द वापस ना लें…और कभी अपनी गलती ना मानें। |
2867 | राजनीति में तब तक किसी बात पर विश्वास मत करिये जब तक उस बात की घोषणा नहीं हो जाती है। |
2868 | राजनीति में भाग ना लेने का दंड यह है की आपको अपने से निम्न लोगों द्वारा शासित होना पड़ता है। |
2869 | राजनीति में मूर्खता एक बाधा नहीं है। |
2870 | राजनीति, आपके चरित्र को तबाह कर सकती है। |
2871 | राजपरिवार से द्वेष अथवा भेदभाव नहीं रखना चाहिए। |
2872 | राजपुत्रों से नम्रता, पंडितों से मधुर वचन, जुआरियों से असत्य बोलना और स्त्रियों से धूर्तता सीखनी चाहिए। |
2873 | राजपुरुषों से संबंध बनाए रखें। |
2874 | राजसेवा में डरपोक और निकम्मे लोगों का कोई उपयोग नहीं होता। |
2875 | राजहंस दूध पी लेता है और पानी छोड़ देता है दूसरे पक्षी ऐसा नहीं कर सकते। इसी प्रकार साधारण पुरुष मोह-माया के जाल में फंसकर परमात्मा को नहीं देख सकता। केवल परमहंस जैसा मनुष्य ही माया को छोड़कर परमात्मा के दर्शन पाकर देवी सुख का अनुभव करते हैं। |
2876 | राजा अपनी आज्ञा बार-बार नहीं दोहराता वह एक ही बार आज्ञा देता हैं, जो उसके मुख से निकलता हैं वह आदेश होता हैं और उस पर वह स्थिर रहता हैं। पंडित लोग एक बार ही किसी कार्य की पूर्ति के लिए कहते हैं इसी प्रकार माता-पिता अपनी कन्या का विवाह –सम्बन्ध भी एक बार ही स्थिर करते हैं, इस सम्बन्ध में जो बात एक बार निश्चित हो जाती हैं, कन्या उसी की हो जाती हैं इस प्रकार राजा, विद्वान तथा कन्याओ के विवाह–सम्बन्ध आदि के लिए माता-पिता का वचन अटल होता हैं तीनो –राजा, पण्डित तथा माता-पिता द्वारा बोले वचन लौटाए नहीं जाते, अपितु निभाए जाते हैं। |
2877 | राजा अपनी प्रजा के द्वारा किए गए पाप को, पुरोहित राजा के पाप को, पति अपनी पत्नी के द्वारा किए गए पाप को और गुरु अपने शिष्य के पाप को भोगता है। |
2878 | राजा अपने गुप्तचरों द्वारा अपने राज्य में होने वाली दूर की घटनाओ को भी जान लेता है। |
2879 | राजा अपने बल-विक्रम से धनी होता है। |
2880 | राजा का कर्तव्य है कि वह अपने राज्य के विभिन्न प्रदेशों में घूम-घूम कर अपनी प्रजा के सम्बन्ध में सब तरह की जानकारी प्राप्त करे, इसी प्रकार जो साधु अथवा योगी पुरुष विभिन्न स्थानों पर घूमते हैं तो लोग उनकी पूजा करते हैं किन्तु बिना कारण इधर-उधर घुमने वाली स्त्री पतन का ही शिकार हो जाती हैं। |
2881 | राजा का यह कर्तव्य है की वह अपने राज्य में पाप-कर्म न होने दे उसका यह भी कर्तव्य है की वह अपराधियों और दुष्टो को दंड दे तथा प्रजा को पापकर्म से अलग रखे यदि वह ऐसा नहीं कर पाता तो प्रजा द्वारा किये गए पापकर्मो के लिए उसे ही दोषी ठहराया जायेगा और उसे उन पापो का फल भुगतना होगा। |
2882 | राजा की आज्ञा का कभी उल्लंघन न करे। |
2883 | राजा की पत्नी, गुरु की स्त्री, मित्र की पत्नी, पत्नी की माता (सास) और अपनी जननी ----ये पांच माताएं मानी गई है। इनके साथ मातृवत् व्यवहार ही करना चाहिए। |
2884 | राजा की भलाई के लिए ही नीच का साथ करना चाहिए। |
2885 | राजा की शक्ति उसके बाहुबल में, ब्राह्मण की शक्ति उसके तत्व ज्ञान में और स्त्रियों की शक्ति उनके सौंदर्य तथा माधुर्य में होती है। |
2886 | राजा के दर्शन देने से प्रजा सुखी होती है। |
2887 | राजा के दर्शन न देने से प्रजा नष्ट हो जाती है। |
2888 | राजा के पास खाली हाथ कभी नहीं जाना चाहिए। |
2889 | राजा के प्रतिकूल आचरण नहीं करना चाहिए। |
2890 | राजा धर्मात्मा होता हैं तो प्रजा भी धार्मिक होती हैं। राजा के पापी होने पर प्रजा में पापाचार फ़ैल जाता हैं और राजा के धर्म-अधर्म, पुण्य-पाप से उदासीन अथार्त धर्मविमुख हो जाती हैं, यह नियम घर में भी लागु होता हैं घर में भी माँ-बाप जैसे काम करेंगे संतान भी वही करेगी। |
2891 | राजा योग्य अर्थात उचित दंड देने वाला हो। |
2892 | राजा लोग एक ही बार बोलते है (आज्ञा देते है), पंडित लोग किसी कर्म के लिए एक ही बार बोलते है (बार-बार श्लोक नहीं पढ़ते), कन्याएं भी एक ही बार दी जाती है। ये तीन एक ही बार होने से विशेष महत्व रखते है। |
2893 | राजा लोग और राजपुरुष महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट राजकीय सेवाओं में कुलीन पुरुषो की नियुक्ति को इसलिए प्राथमिकता देते हैं, क्योकि वे अपने उच्च संस्कारो तथा परंपरागत शिक्षा–दीक्षा के कारण राजा का संग कभी नहीं छोड़ते वे उसकी उन्नति, सामन्य अवस्था और कठिनाई के समय में भी उसका साथ देते है वे हर अवस्था में समान भाव के साथ निभाते हैं वे न कभी अपने स्वामियों को छोड़ते हैं और न ही उन्हें धोखा देते हैं । |
2894 | राजा शासन तो करता है, लेकिन हुकूमत नहीं करता है। |
2895 | राजा से बड़ा कोई देवता नहीं। |
2896 | राजा, अग्नि, गुरु और स्त्री, इनसे सामान्य व्यवहार करना चाहिए क्योंकि अत्यंत समीप होने पर यह नाश के कारण होते है और दूर रहने पर इनसे कोई फल प्राप्त नहीं होता। |
2897 | राजा, गुप्तचर और मंत्री तीनो का एक मत होना किसी भी मंत्रणा की सफलता है। |
2898 | राजा, वेश्या, यमराज, अग्नि, चोर, बालक, भिक्षु और आठों गांव का कांटा, ये दूसरे के दुःख को नहीं जानते। |
2899 | राजाज्ञा से सदैव डरते रहे। |
2900 | राज्य के गठन का हमारा ध्येय सभी का परम आनंद है,किसी श्रेणी विशेष का नहीं। |
Sunday, July 3, 2016
#2801-2900
Friday, May 13, 2016
#2701-2800
2701 | मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है। |
2702 | मौत से डरो मत, यह आधे-अधूरे जीवन की तुलना में कम भयावह होती है। |
2703 | मौत हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है क्योकि जब तक हम जीवित है उसका कोई अस्तित्व नहीं है और जब वो आएगी तब हम नहीं रहेंगे। |
2704 | मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी। |
2705 | मौसम में बदलाव आने के साथ खुद को बदलना सीखे और नई दुनिया बनाएं। |
2706 | यज्ञ न करने वाले का वेद पढ़ना व्यर्थ है। बिना दान के यज्ञ करना व्यर्थ है। बिना भाव के सिद्धि नहीं होती इसलिए भाव अर्थात प्रेम ही सब में प्रधान है। |
2707 | यथार्थ महापुरुष वह आदमी है जो न दूसरे को अपने अधीन रखता है और न स्वयं दूसरों के अधीन होता है। |
2708 | यथार्थ में अच्छा वही है जो उन सब लोगों से मिलकर रहता है जो बुरे समझे जाते हैं। |
2709 | यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी. |
2710 | यदि आप नरक से गुज़र रहे हों तो चलते जाइये। |
2711 | यदि आप सचमुच विश्व – स्तरीय होना चाहते हैं – जितने अच्छे हो सकते हैं होना चाहते हैं तो अंतत: ये आपकी तैयारी और अभ्यास पर निर्भर करेगा. |
2712 | यदि आपकी कोई विशेष निष्ठा या धर्म है, तो अच्छा है। लेकिन आप उसके बिना भी जी सकते हैं। |
2713 | यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता , तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता। |
2714 | यदि हम भूत और भविष्य के विवाद में फंसते हैं तो हम पायेंगे कि हमने भविष्य खो दिया है। |
2715 | यदि अतिथि नहीं होते तो सब घर कब्र बन जाते। |
2716 | यदि आप 100 शेरो की एक सेना बनाते है जिसका सेनापति एक कुत्ता है तो युद्ध में सारे शेर कुत्तों की मौत मारे जाएंगे। लेकिन यदि आप 100 कुत्तों की एक सेना बनाते है जिसका सेनापति एक शेर है तो सारे कुत्ते युद्ध में शेर की तरह लड़ेंगे। |
2717 | यदि आप अपनी ड्यूटी को सैल्यूट करोगे तो आपको किसी भी व्यक्ति को सैल्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन यदि आप अपनी ड्यूटी को पोल्यूट करेंगे तो आपको हर किसी को सैल्यूट करना पडेगा। |
2718 | यदि आप अपने सपने पुरे नहीं करोंगे तो कोई और आपको अपने सपने पुरे करने के काम में लगाएगा। |
2719 | यदि आप एक अच्छे काठ साज़ बनना चाहते है तो सबसे खराब घोड़े की काठ बनाए ; यदि आप ने उस एक को वश में कर लिया तो आप सब को वश में कर सकते है। |
2720 | यदि आप एक बड़ा झूठ बोलते हैं और उसे अक्सर बोलते हैं तो उस पर यकीन कर लिया जायेगा। |
2721 | यदि आप एक बार अपने साथी का भरोसा तोड़ दें तो फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे। |
2722 | यदि आप किसी चीज़ को साधारण तरीके से नहीं समझा सकते है तो इसका मतलब है की आप उसको सही ढंग से नहीं समझ पाए हैं। |
2723 | यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करें जो वो समझता है , तो बात उसके सर में जाती है , यदि आप उससे उसकी भाषा में बात करते हैं, तो बात उसके दिल तक जाती है। |
2724 | यदि आप केवल मुस्कुराएंगे तो आप पाएंगे की ज़िन्दगी अभी भी मूल्यवान है । |
2725 | यदि आप गरीब जन्मे है तो यह आपकी गलती नहीं है लेकिन यदि आप गरीब मरते है तो यह आपकी गलती है। |
2726 | यदि आप जीतते है तो आप को कुछ भी एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं होती है लेकिन यदि आप हार जाते है तो आपको वहां एक्सप्लेन करने के लिए नहीं होना चाहिए। |
2727 | यदि आप दुसरो को खुश देखना चाहते है तो सहानुभूति को अपनाइये। यदि आप खुश होना चाहते है तो सहानुभूति अपनाइये। |
2728 | यदि आप दूसरों की मदद कर सकते हैं, तो अवश्य करें; यदि नहीं कर सकते हैं तो कम से कम उन्हें नुकसान नही पहुचाइए। |
2729 | यदि आप दूसरों को प्रसन्न देखना चाहते हैं तो करुणा का भाव रखें। यदि आप स्वयं प्रसन्न रहना चाहते हैं तो भी करुणा का भाव रखें। |
2730 | यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी. |
2731 | यदि आप दृढ़ संकल्प के साथ और पूर्णता के साथ काम करते हैं, तो सफलता आपका पीछा करेगी। |
2732 | यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनों। |
2733 | यदि आप प्रसन्नतापूर्वक जीना चाहते हो तो इसे एक व्यक्ति या वस्तु के बजाय एक लक्ष्य से बांधो। |
2734 | यदि आप रोते हो क्योंकि सूरज आपके जीवन से बाहर चला गया है और आपके आँसू आपको सितारों को देखने के लिए रोकेंगे। |
2735 | यदि आप वास्तव में बहुत बारीकी से देखोगे तो आप पाओगे की रातो रात मिलने वाली अधिकतर सफलताओ में बहुत लम्बा वक़्त लगा है। |
2736 | यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा। |
2737 | यदि आप सौ लोगो को नहीं खिला सकते तो एक को ही खिलाइए। |
2738 | यदि आपकी नज़र लाभ पर रहेगी तो आपका ध्यान उत्पाद की गुणवत्ता से हट जायेगा। लेकिन यदि आप एक अच्छा उत्पाद बनाने पर ध्यान लगाओगे तो लाभ अपने आप आपका अनुसरण करेंगा। |
2739 | यदि आपको अपने चुने हुए मार्ग पर विश्वास है, इस पर चलने का साहस है और मार्ग की हर कठिनाई को जीतने की शक्ति है; तो आपका सफल होना निश्चित है। |
2740 | यदि आपको लगता है कि आप कर सकते हैं - तो आप कर सकते हैं! अगर आपको लगता है कि आप नहीं कर सकते - तो आप नहीं कर सकते दोनों ही सूरतों में आप सही हैं |
2741 | यदि आपने अपनी मनोवृतियों पर विजय प्राप्त नहीं की, तो मनोवृत्तियां आप पर विजय प्राप्त कर लेंगी। |
2742 | यदि उद्देश्य नेक ना हो तो ज्ञान बुराई बन जाता है। |
2743 | यदि एक ही कर्म से समस्त संसार को वश में करना चाहते हो तो पंद्रह मुखों से विचरण करने वाले मन को रोको, अर्थात उसे वश में करो। पंद्रह मुख है ------मुंह, आँख, नाक, कान, जीभ, त्वक, हाथ, पैर, लिंग, गुदा, रस, गंध, स्पर्श और शब्द। |
2744 | यदि काम किसी काम के लिए माकूल अवसर, आईडिया या परिस्थियों की प्रतीक्षा कर रहे है तो आप कुछ भी हासिल नहीं कर पायेंगे। |
2745 | यदि किसी कार्य के सम्बन्ध में कोई योजना बनाई हो तो उसे वाणी से प्रकट नहीं करना चाहिए अथार्त उसे कार्यरूप में परिणत करने तक गुप्त मात्र के समान सुरक्षित रखना चाहिए। |
2746 | यदि किसी को अपने मित्र के रहस्य यानि गुप्तकार्य मालूम हैं तो उन्हें प्रकट नहीं करना चाहिए, इससे कोई लाभ नहीं केवल शत्रुता पैदा होती हैं, जिससे दोनों को हानि होती हैं। |
2747 | यदि किसी रहस्य को बनाए रखना चाहते है, तो इसे खुद से भी छुपा कर रखिए। |
2748 | यदि कोई अपना पूरा समय मुझमें लगाता है और मेरी शरण में आता है तो उसे अपने शरीर या आत्मा के लिए कोई भय नहीं होना चाहिए. |
2749 | यदि कोई दुर्बल मनुष्य अपमान करे तो उसे क्षमा कर दो, क्योंकि क्षमा करना ही वीरो का काम है, परन्तु यदि अपमान करने वाला बलवान हो तो उसको अवश्य दंड दो। |
2750 | यदि जनरल मोटर्स कम्प्यूटर इंडस्ट्री के हिसाब से अपनी टेक्नोलॉजी का विकास करता तो आज हम $25 की कार चला रहे होते जो 1000 माईल्स पर गैलन के हिसाब से चलती। |
2751 | यदि जन्म-जन्मांतर से प्राणी ने दान देने तथा शास्त्रों के अध्ययन और तप करने का जो अभ्यास किया होता हैं तो नया शरीर मिलने पर उसी अभ्यास के कारण ही वह सत्कर्मो की ओर परवर्त होता हैं। |
2752 | यदि तुम अपने अंदर कुछ लिखने की प्रेरणा का अनुभव करो तो तुम्हारे भीतर ये बातें होनी चाहिए- 1. ज्ञान कला का जादू, 2. शब्दों के संगीत का ज्ञान और 3. श्रोताओं को मोह लेने का जादू। |
2753 | यदि तुम ईश्वर की दी हुई शक्तियो का सदुपयोग नहीं करोगे तो वह अधिक नहीं देगा। इसलिए प्रयत्न आवश्यक है ईश-कृपा के योग्य बनने के लिए भी पुरुषार्थ चाहिए। |
2754 | यदि तुम उड़ नहीं सकते हो तो दौड़ो, यदि तुम दौड़ नहीं सकते हो तो चलो, यदि तुम चल नहीं सकते हो तो रेंगो। लेकिन, तुम जैसे भी करो, तुम्हे आगे बढ़ना ही होगा। |
2755 | यदि तुम जाति, देश और व्यक्तिगत पक्षपातों से जरा ऊँचे उठ जाओ तो निःसंदेह तुम देवता के समान बन जाओगे। |
2756 | यदि तुम्हारे हाथ रुपए से भरे हुए हैं तो फिर वे परमात्मा की वंदना के लिए कैसे उठ सकते हैं। |
2757 | यदि तुम्हारे हृदय में ईर्ष्या, घृणा का ज्वालामुखी धधक रहा है, तो तुम अपने हाथों में फूलों के खिलने की आशा कैसे कर सकते हो? |
2758 | यदि परिवार के एक व्यक्ति के बलिदान अथवा परित्याग से कुल की रक्षा होती हैं तो उसके परित्याग में संकोच नहीं करना चाहिए, क्योकि एक से अनेक का महत्व अधिक हैं। यदि पूरे परिवार के त्याग-बलिदान से गाँव की रक्षा होती हैं को कुल के बलिदान में सोच-विचार नहीं करना चाहिए इसी प्रकार यदि अपने बचाव के लिए परिवार के एक व्यक्ति की नहीं, पुरे परिवार की नहीं, गाँव की नहीं अपुतु यदि पुरे संसार की भी बलि देनी पड़े तो निसंकोच दे देनी चाहिए क्योकि अपने के बढ़कर कुछ नहीं। |
2759 | यदि पुत्र हो तो पिता का भक्त हो अथार्त माता-पिता के दुखों को दूर करने में जो सहायक होता है, वही पुत्र कहलाने का अधिकारी होता हैं इसी प्रकार संतान का भरण-पोषण करने वाला, उनके सुख-दुःख का ध्यान रखने वाला व्यक्ति ही सच्चे अर्थो में पिता कहला सकता हैं। विश्वास करने योग्य व्यक्ति को ही अच्छा मित्र कहा गया है और अपने पति को सुख देने वाली स्त्री को ही सच्चे अर्थो में पत्नी माना गया हैं। |
2760 | यदि पुराने आइडिया को भी नए तरीके से पेश कर सके तो इसका मतलब है कि हमारा दिमाग सक्रिय है। |
2761 | यदि भगवान जगत के पालनकर्ता है तो हमें जीने की क्या चिंता है? यदि वे रक्षक न होते तो माता के स्तनों से दूध क्यों निकलता? यही बार-बार सोचकर हे लक्ष्मीपति ! अर्थात विष्णु ! मै आपके चरण-कमल में सेवा हेतु समय व्यतीत करना चाहता हूं। |
2762 | यदि भारत को एक महान राष्ट्र बनना चाहता है, तो हमें भरोसा करने का साहस होना चाहिए. यह मेरा विश्वास है। |
2763 | यदि मद मस्त हाथी अपने माथे से टपकने वाले रस को पीने वाले भौरों को कान हिलाकर उड़ा देता है, तो भौरों का कुछ नहीं जाता, वे कमल से भरे हुए तालाब की ओर ख़ुशी से चले जाते है। हाथी के माथे का श्रृंगार कम हो जाता है उसी प्रकार धनी लोगो को चाहिए कि याचको को निराश न लौटाएं। |
2764 | यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है। |
2765 | यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए। |
2766 | यदि मानव जीवन को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी। |
2767 | यदि मानवो में पृथ्वी के समान क्षमाशील पुरुष न हो तो मानवों में कभी संधि हो ही नही सकती, क्योंकि झगडे की जड़ तो क्रोध ही है। |
2768 | यदि मुक्ति चाहते हो तो समस्त विषय-वासनाओं को विष के समान छोड़ दो और क्षमाशीलता, नम्रता, दया, पवित्रता और सत्यता को अमृत की भांति पियो अर्थात अपनाओ। |
2769 | यदि मेहनत करने के बाद भी सपने पुरे न हो तो रास्ता बदलो सिद्धान्त नहीं, क्योंकि वृक्ष भी हमेशा पते बदलते है अपना मूल नही | |
2770 | यदि ये सात व्यक्ति – विधार्थी, नौकर, राह चलने वाले मुसाफिर, भूखा, भय से घबराया हुआ, भण्डारी अथार्त भोजन-सामाग्री के संग्रालय का अधिकारी तथा द्वारपाल – सो रहे हो, तो इन्हें निसंकोच भाव से जगा देना चाहिए, क्योकि इनके कर्तव्य-कर्म का निर्वाह इनके जागते रहने में ही है, सोने में नहीं। इनका सोना इनके प्रमाद का सूचक और हानिकारक है। यही कारण है कि इन सोये हुओ को जगाने पर कृतज्ञता मिलती है जगाने वाले को अच्छा ही कहा जायेगा। |
2771 | यदि लोगों को पता लग जाए की अपनी कला महारत हासिल करने के लिए मुझे कितनी मेहनत करनी पड़ी है तो उन्हें यह इतनी खूबसूरत नहीं लगेगी। |
2772 | यदि विष में भी अमृत की प्राप्ति होती हैं तो उसको ग्रहण कर लेना चाहिए,उसका परित्याग नहीं करना चाहिए इसी प्रकार यही किसी गन्दी जगह सोना आदि मूल्यवान वस्तु पड़ी हो तो उसको उठा लेना चाहिए, अथार्थ यदि किसी नीच व्यक्ति के पास अच्छी विधा हैं अच्छा गुण हैं तो उसको ग्रहण करने में संकोच नहीं करना चाहिए और कोई नीच कुल की शालीन स्त्री अच्छे गुण से युक्त हैं तो उसको ग्रहण करने में कोई हानि नहीं हैं |
2773 | यदि व्यक्ति ज्ञान के अनुरूप आचरण नहीं करता तो वह ज्ञान व्यर्थ हैं, अज्ञानी मनुष्य का जीवन व्यर्थ हैं सेनापति के बिना सेना व्यर्थ हैं और पुरुष अथार्थ पति के बिना स्त्री का जीवन व्यर्थ हैं। |
2774 | यदि व्यक्ति संसार के सभी प्राणियों के वशीकरण का मंत्र सचमुच में ही जानना चाहता हैं तो एक बड़ा ही सरल और सर्वथा अव्यर्थ जाने वाला उपाय यह हैं कि व्यक्ति को अपनी वाणी को परनिंदा से बचाना चाहिए। दूसरों को अपने वश में करने के इच्छुक व्यक्ति को कभी किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए। |
2775 | यदि शत्रु अपने से अधिक बलवान हो तो उसके साथ विनय और दुष्ट शत्रु को बल–प्रयोग द्वारा वश में किया जाए इसका अर्थ यह है कि मनुष्य को समय के अनुरूप बल अथवा विनय का प्रयोग करना चाहिए। |
2776 | यदि स्त्री सुन्दर हो और घर में लक्ष्मी हो, पुत्र विनम्रता आदि गुणों से युक्त हो और पुत्र का पुत्र घर में हो तो इससे बढ़कर सुख तो इन्द्रलोक में भी नहीं। ऐसी स्थिति में स्वर्ग घर में ही है। |
2777 | यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए। |
2778 | यदि हम अपने काम में लगे रहे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं. |
2779 | यदि हम भूत और भविष्य के विवाद में फंसते है तो हम पाएंगे की हमने भविष्य खो दिया है। |
2780 | यदि हम युद्ध को खत्म नहीं करेंगे तो वह हमें खत्म कर देगा। |
2781 | यदि हम विश्वास के साथ लड़ते हैं तो हमारी शक्ति दुगनी हो जाती है। |
2782 | यदि हम सवतंत्र नहीं है तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा। |
2783 | यदि हम हर वो चीज कर दें जिसके हम सक्षम हैं, तो सचमुच हम खुद को ही चकित कर देंगे। |
2784 | यदि हम ज़िन्दगी मिलने से खुश हैं तो मृत्यु के लिए भी शिकायत नहीं करनी चाहिए क्योंकि दोनों देनेवाला तो एक ही है। |
2785 | यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दुसरे के हैं। |
2786 | यद्पि मेरी बुद्धि देववाणी (संस्कृत) में श्रेष्ठ है, तब भी मै दूसरी भाषा का लालची हूं। जैसे अमृत पीने पर भी देवताओं की इच्छा स्वर्ग की अप्सराओं के ओष्ट रूपी मद्ध को पीने की बनी रहती है। |
2787 | यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है। |
2788 | यवन से बढ़कर अथार्थ धर्मविरोधी व्यक्ति से बढ़कर संसार में कोई और बड़ा नीच नहीं हैं इसलिए उससे तो सवर्था दूर ही रहना चाहिए। |
2789 | यश शरीर को नष्ट नहीं करता। |
2790 | यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है। |
2791 | यह आश्चर्यजनक बात है बहुत से लोगों ने अपने दिमाग से सुव्यस्थित निश्चित रूप से कार्य करने के लिए प्रयास किया हैं। |
2792 | यह उचित है की हर व्यक्ति को वह दिया जाये जिसके वो योग्य है। |
2793 | यह एक निश्चित तथ्य है कि बहुत से लोगो का समूह ही शत्रु पर विजय प्राप्त करता है, जैसे वर्षा की धार को धारण करने वाले मेघों के जल को तिनको के द्वारा (तिनके का बना छप्पर) ही रोका जा सकता है। |
2794 | यह एक रणक्षेत्र है, मेरा शरीर, जिसने बहुत कुछ सहा है. |
2795 | यह काम वैसे तो आसन नहीं हैं लेकिन ये है बहुत ही जरुरी, अगर आप बात बात अपना आपा खो देंगे तो लोक-वयवहार में कमी आएगी और आपको अपने लक्ष्य प्राप्त करने में ज्यादा समय लगेगा। |
2796 | यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना सभव हो अच्छा करें। इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयंगी। |
2797 | यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दुसरो के लिए जीते है, वे वास्तव में जीते है। |
2798 | यह दुनिया एक किताब की तरह है, जो लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते नहीं है, वह इस किताब का सिर्फ एक ही पन्ना पढ़ते है। |
2799 | यह दुनिया खुशियों से भर जाएगी अगर मनुष्य के पास चुप रहने की उतनी ही ताकत हो, जितनी बोलने की है। |
2800 | यह नश्वर शरीर जब तक निरोग व स्वस्थ है या जब तक मृत्यु नहीं आती, तब तक मनुष्य को अपने सभी पुण्य-कर्म कर लेने चाहिए क्योँकि अंत समय आने पर वह क्या कर पाएगा। |
Thursday, May 12, 2016
#2601-2700
2601 | मेरा विश्वास है की यदि आप लोगो को समस्याएं दिखाओंगे और उनका हल सुझाओगे, तो लोग उसको अपनाने के लिए आकर्षित होंगे। |
2602 | मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता। |
2603 | मेरी चिंता ये नहीं है की भगवान मेरे साथ है या नहीं। मेरी चिंता ये है की मै भगवान के साथ हूं या नहीं। क्योंकि भगवान हमेशा सही होता है। |
2604 | मेरी ज़िन्दगी में कई तकलीफे है पर मेरे होठ उनको नहीं जानते है। वो हमेशा मुस्कुराते है। |
2605 | मेरे काम शुरू करने से पहले ही पत्थर के अंदर कलाकृति मौजूद होती है, मैं तो केवल बेकार की चीज़ें बाहर निकालता हूँ। |
2606 | मेरे देश में लोग पहले जेल जाते हैं और फिर राष्ट्रपति बन जाते हैं। |
2607 | मेरे पास वो दोस्त हैं, जिनकी दोस्ती को दुनिया के राजाओं तक के पक्ष के लिए बदला नहीं किया जा सकता हैं। |
2608 | मेरे पीछे न चलिए, शायद मैं नेतृत्व न कर पाऊं। मेरे आगे न चलिए, शायद मैं पीछा करने में विफल रहूँ। एक दोस्त बनकर मेरे साथ, कंधे से कन्धा मिलाकर चलिए। जीवन सुंदर बन जाएगा। |
2609 | मेरे भूत, वर्तमान और भविष्य के बीच एक आम कारक है – रिश्ते और विश्वास| यही हमारे विकास की नीव हैं. |
2610 | मेरे मन में ऐसा कोई विचार नहीं आता जिसमें मौत कीछाया नहीं दिखती हो। |
2611 | मेरे लिए नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज़ नहीं है। |
2612 | मेरे शब्दकोष में असंभव शब्द नहीं है। |
2613 | मेहनत हमेशा धन से पहले और धन से स्वतंत्र है। धन तो मेहनत का केवल एकमात्र फल है। और अगर मेहनत नहीं की जाती तो ये कभी अस्तित्व में नहीं आता। मेहनत धन से बड़ी है, और उससे ज्यादा महत्व रखती है। |
2614 | मै आगे भी श्रीमदभागवत गीता के articles share करूँगा, अगर आपको ये पोस्ट पसंद आये तो share करना मत भूलियेगा। |
2615 | मै जानता हूं वो किताबो में है। सच्चा दोस्त वो है जो मुझे ऐसी किताब लेकर दे, जो मैने अभी तक नहीं पड़ी। |
2616 | मै हमेशा सीखने के लिये तैयार हू ,पर मै हमेशा सिखाया जाना पसंद नहीं करता। |
2617 | मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं। |
2618 | मैं यकीन नहीं करता कि जनता जानती है कि उसे क्या चाहिए; मैंने अपने करीयर से यही निष्कर्ष निकाला है। |
2619 | मैं अपनी सबसे बड़ी ख़ुशी और अपना इनाम उस काम में प्राप्त कर लेता हूँ, जिसे दुनिया सफलता कहती है। |
2620 | मैं अपनी साड़ी सफलता का श्रेय इस तथ्य को देता हूँ कि मेरे कार्यस्थल पर कभी घड़ी नही रहती थी। |
2621 | मैं अपने जीवन को एक पेशा नहीं मानता। मैं कर्म में विश्वास रखता हूं। मैं परिस्थितियों से शिक्षा लेता हूं। यह पेशा या नौकरी नहीं है यह तो जीवन का सार है। |
2622 | मैं असफल नहीं हुआ हूँ बल्कि मैंने बस 10, 000 ऐसे तरीके खोज लिए हैं जो काम नहीं करते हैं। |
2623 | मैं आपको एक सत्य बताता हूँ आप इस दुनिया में हैं इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं परन्तु आपको अपना ध्यान भगवान की और लगाना चाहिए नहीं तो आप सफल नहीं हो पाओगे। एक हाथ से अपने कर्तव्य का निर्वाह करों और दुसरे हाथ से भगवान की भक्ति करते रहो, जब आपकी ड्यूटी ख़तम हो जाएगी तो आप अपने दोनों हाथों से भगवान की भक्ति कर पाओगे। |
2624 | मैं इतना अच्छा इंसान हूँ कि तुम्हे क्षमा कर दूं पर इतना मूर्ख नहीं कि तुम्हारा विश्वास करूँ। |
2625 | मैं ईश्वर के साथ शांति से हूँ। मेरा टकराव इंसानों के साथ है। |
2626 | मैं उस आदमी को पसंद करता हूँ जो झगड़ते वक़्त मुस्कुराता है। |
2627 | मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए.... |
2628 | मैं एक आशावादी होने का अपना ही संसकरण बन गया हूँ. यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाता तो दुसरे से जाऊंगा- या एक नया दरवाजा बनाऊंगा. वर्तमान चाहे जितना भी अंधकारमय हो कुछ शानदार सामने आएगा। |
2629 | मैं एक कठिन काम को करने के लिए एक आलसी इंसान को चुनुंगा क्योकि आलसी इंसान उस काम को करने का एक आसान तरीका खोज लेगा। |
2630 | मैं एक गरीब आदमी हूँ। साधारण हैसियत वाला। ईश्वर ने मुझे एक कला दी है। उसी के सहारे अपनी ज़िन्दगी को लम्बा खीचने की कोशिश कर रहा हूँ। |
2631 | मैं एक गरीब राजा की तुलना में जल्द ही एक सफल धूर्त कहलाना चाहूँगा। |
2632 | मैं एक छोटी पेंसिल के समान हूँ जो ईश्वर के हाथ में है जो इस संसार को प्रेम का सन्देश भेज रहे हैं। |
2633 | मैं एक बेवकूफ स्वर्ग की अपेक्षा बुद्धिमान नरक को पसंद करूँगा। |
2634 | मैं एक विजेता हूँ। |
2635 | मैं एक हैंडसम इंसान नहीं हूँ लेकिन मैं अपना हैंड उस किसी भी व्यक्ति को दे सकता हूँ जिसको की मदद की जरूरत है। सुंदरता हृदय में होती है, चेहरे में नहीं। |
2636 | मैं ऐसी सुन्दरता के साथ धैर्यपूर्वक नहीं रह सकता जिसे समझने के लिए किसी को व्याख्या करनी पड़े। |
2637 | मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारा सीखाये . |
2638 | मैं कभी कारवाई के बारे में चिंता नहीं करता हूँ , पर निष्क्रियता के बारे में करता हूँ। |
2639 | मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है। |
2640 | मैं कभी लोमड़ी बनता हूँ तो कभी शेर। शासन का पूरा रहस्य ये जानने में है कि कब क्या बनना है। |
2641 | मैं कभी शेयर बाज़ार से पैसे बनाने की कोशिश नहीं करता. मैं इस धारणा के साथ शेयर खरीदता हूँ कि बाज़ार अगले दिन बंद हो जायेगा और पाच साल तक नहीं खुलेगा. |
2642 | मैं किसी को भी कुछ नहीं सीखा सकता हूँ, मैं उन्हें केवल सोचने लायक बना सकता हूँ। |
2643 | मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा। |
2644 | मैं केवल उस चीज़ के लिए लड़ सकता हूँ जिसे मैं प्यार करता हूँ, उसे प्यार करता हूँ जिसे मैं आदर देता हूँ, और उसे आदर देता हूँ जो मैं जानता हूँ। |
2645 | मैं गीता में जीता हूँ। |
2646 | मैं चाहता हूँ की आप अपने पडोसी के लिए भी चिंतित हों, क्या आप जानते हैं की आपका पडोसी है कौन ? |
2647 | मैं जातिवाद से घृणा करता हूँ, मुझे यह बर्बरता लगती है , फिर चाहे वह अश्वेत व्यक्ति से आ रही हो या श्वेत व्यक्ति से। |
2648 | मैं जानता हूँ, ये दुनिया अनंत बुद्धि द्वारा शासित होती है। हमारे आस -पास जो। कुछ भी है और जिस किसी चीज का भी अस्तित्व है वह यह साबित करता है कि उसके पीछे असंख्य नियम हैं। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता। ये अपनी सटीकता में गणितीय है। |
2649 | मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है. |
2650 | मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है। |
2651 | मैं ज्यादातर लोगों के लिए भावना का प्रयोग करता हूँ और कुछ के लिए कारण बचा कर रखता हूँ। |
2652 | मैं झूठ बोल सकता हूँ कि मेरी बीवी मेरे लिए खाना बनाती है , लेकिन ऐसा नहीं है . मेरी बीवी ने कभी खाना बनाना नहीं सीखा लेकिन उसके पास घर पे बहुत अच्छे कुक्स हैं . |
2653 | मैं डगमगाता या हिलता नहीं हूँ. |
2654 | मैं तुमसे प्रेम करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो , अपने मंदिर में घुटने टेकते हो , अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं , और यही भावना है। |
2655 | मैं तुम्हे एक नया आदेश देता हूँ: एक दूसरे से प्रेम करो. जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, तुम एक दूसरे से प्रेम करो. |
2656 | मैं तुम्हे शांति का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हे प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ.मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ.मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ। |
2657 | मैं तैयारी करूँगा और मेरा मौका आएगा। |
2658 | मैं नकारात्मक परिणाम भी प्राप्त करना चाहता हूँ ये भी सकारात्मक परिणाम कि ही तरह मूल्यवान हैं। मुझे सबसे अच्छी कार्य करने वाली वस्तु तब तक नहीं मिल सकती जब तक कि वो सब (चीजे) नहीं मिल जाती जो कि कार्य अच्छे नहीं कर सकती। |
2659 | मैं नहीं जानता मेरे दादाजी कौन थे; मेरा सारा ध्यान यह जानने में है की उनका पोता क्या होगा। |
2660 | मैं परीक्षा में कुछ विषयो में फ़ैल हो गया। और मेरे सभी दोस्त पास हो गये! अब वे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में इंजीनियर है और मै माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी का मालिक हूँ। |
2661 | मैं पैसों के लिए बिजनेस में गया, और वहीँ से कला पैदा हुई। यदि इस टिपण्णी से लोगों का मोह भंग होता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। यही सच है। |
2662 | मैं भारत को एक महान आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना देखता हूँ। |
2663 | मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ। |
2664 | मैं माफ़ कर सकता हूँ लेकिन भूल नहीं सकता, मैं माफ़ नहीं करूँगा कहने का एक और तरीका है। |
2665 | मैं यह कर सकता हूँ। |
2666 | मैं ये पता कर लेता हूँ कि दुनिया को क्या चाहिए। फिर मैं आगे बढ़ता हूँ और उसका आविष्कार करने का प्रयास करता हूँ। |
2667 | मैं लोगों के लिए हूँ। इसका मैं कुछ नहीं कर सकता। |
2668 | मैं वहां से कार्य शुरू करता हूँ जहाँ से आखिरी प्रयासरत व्यक्ति ने छोड़ा था। |
2669 | मैं वास्तव में यकीन करता हूँ कि मेरा काम ये सुनिश्चित करना है की लोग हंसें। |
2670 | मैं शायद ही कभी ऐसे गणितज्ञ से मिला हूँ जो तर्क करना जानता हो। |
2671 | मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करता मैं सच्चाई के लिए करता हूँ। |
2672 | मैं सबसे अच्छे से आसानी से संतुष्ट हो जाता हूँ। |
2673 | मैं सबसे अच्छा हूँ। |
2674 | मैं सभी जीवित लोगों में सबसे बुद्धिमान हूँ, क्योंकि मैं ये जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता हूँ। |
2675 | मैं सम्पूर्ण नहीं हूँ, मैं गलतियाँ करता हूँ, मैं लोगों को ठेस पहुंचता हूँ, लेकिन जब मैं किसी से क्षमा मांगता हूँ तो मैं दिल से मांगता हूँ। |
2676 | मैं सिर्फ और सिर्फ एक चीज रहता हूँ और वो है एक जोकर। ये मुझे राजनीतिज्ञों की तुलना में कहीं ऊँचे स्थान पर स्थापित करता है। |
2677 | मैं सोया और स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है. मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है. मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है। |
2678 | मैं हमेंशा इसी बात से परेशान रहता हूँ कि मानव स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण मापदण्ड क्या होने चाहिए। |
2679 | मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता। |
2680 | मैं हमेशा पहले से भविष्यवाणी करने से बचता हूँ , क्योंकि घटना घट जाने के बाद भविष्यवाणी करना काफी बेहतर होता है। |
2681 | मैं हमेशा बरसात में घूमना पसंद करता हूँ ताकि कोई मुझे रोते हुए ना देख पाए। |
2682 | मैं हर एक वस्तु में हूँ और उससे परे भी. मैं सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ. |
2683 | मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है। |
2684 | मैं ७ फुट के अवरोध को पार करने की नहीं सोचता: मैं १ फुट का अवरोध ढूंढता हूँ जिसे मैं पार कर सकूँ. |
2685 | मैं-मैं करने से कोई लाभ नहीं, कर्म ही जीवन हैं |
2686 | मैंने अपने जीवन में एक भी दिन काम नहीं किया जो किया। वो सब तो मनोरंजन था। |
2687 | मैंने ऊपर श्रीमदभागवत गीता के कुछ श्लोक का Hindi Translation प्रस्तुत किया हैं आशा हैं आपको पसंद आएगा। |
2688 | मैंने कभी भी कोई करने योग्य चीज संयोग से नहीं की, ना ही मेरे कोई आविष्कार इत्तफाक से हुए, वो काम करने से आये। |
2689 | मैंने कुछ भी दुर्घटनावश नहीं किया, ना ही मेरे कोई आविष्कार दुर्घटना की वजह से हुए;वे सब काम द्वारा आये और कार्य करने का ही परिणाम हैं। |
2690 | मैंने पत्थर में परी को देखा और तब तक तराशता रहा जब तक की वह पत्थर से बाहर नहीं निकल आई। |
2691 | मैंने प्रेम को ही अपनाने का निर्णय किया है। द्वेष करना तो बेहद बोझिल काम है। |
2692 | मैंने बातूनियों से शांत रहना सीखा है , असहिष्णु व्यक्तियों से सहनशीलता सीखी है , निर्दयी व्यक्तियों से दयालुता सीखी है ; पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ। |
2693 | मैंने ये जाना है कि डर का ना होना साहस नही है , बल्कि डर पर विजय पाना साहस है. बहादुर वह नहीं है जो भयभीत नहीं होता , बल्कि वह है जो इस भय को परास्त करता है। |
2694 | मैथुन गुप्त स्थान में करना चाहिए, छिपकर चलना चाहिए, समय-समय पर सभी इच्छित वस्तुओं का संग्रह करना चाहिए, सभी कार्यो में सावधानी रखनी चाहिए और किसी का जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए। ये पांच बातें कौवे से सीखनी चाहिए। |
2695 | मैले-कुचैले वस्त्र पहनने वाला, गन्दे-मैले दांतों वाला, अधिक खाने वाला, कानो पर हथौड़ा पड़ने जैसी कर्कश वाणी बोलने वाला, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोता रहने वाला यदि साक्षात् विष्णु भी हो तो लक्ष्मी भी उसे अवश्य छोड़ देती हैं।दूसरों के विषय में तो फिर कहना ही क्या। |
2696 | मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना, और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना... |
2697 | मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते है। जब नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है। |
2698 | मौकों की तलाश करने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं मौके पैदा करना। |
2699 | मौत कुछ भी नहीं है , लेकिन हार कर और लज्जित होकर जीना रोज़ मरने के बराबर है। |
2700 | मौत के बाद ज़िन्दगी कैसी होगी, इस बारे में सोचने की जरुरत नहीं है। ऐसा करने से आप न तो नरक से भयभीत होंगे और न ही स्वर्ग की बोरियत के बारे में सोचेंगे। |
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