| 1001 | क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है। |
| 1002 | क्रोध में न हमें कुछ बोलना चाहिए, न कोई काम करना चाहिए। |
| 1003 | क्रोध यमराज की मूर्ति है, लालच वैतरणी नदी (नरक में बहने वाली नदी) है, विद्या कामधेनु गाय है और संतोष इंद्र के नंदन वन जैसा सुख देने वाला है। |
| 1004 | क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है. जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है. |
| 1005 | क्रोध से अविवेक उत्पन्न होता हैं, अविवेक से स्मरण शक्ति भ्रमित हो जाती हैं, स्मरण शक्ति के भ्रमित हो जाने से बुद्धि का नाश हो जाता हैं और बुद्दी के नाश से व्यक्ति का ही विनाश हो जाता हैं। |
| 1006 | क्लिफ के कोने पर खड़े होने का साहस रखिए, क्योंकि वहां खड़े होने से ऐसी चीज़ें देखने को मिलती है जिन्हें बीच में खड़े होकर नहीं देखा जा सकता है। इसका अर्थ है- समस्याओं या परेशानियों को समझने के लिए अंदर तक उतरने की कोशिश करें। बाहर खड़े होने से सब ठीक-ठाक ही लगेगा। |
| 1007 | क्षमा अशक्तों के लिए गुण है और समर्थवान के लिए भूषण है। |
| 1008 | क्षमा एक ऐसा उपहार है जो हम स्वयं को देते हैं। |
| 1009 | क्षमा एक ऐसा तोहफा है जो आप स्वयं को देते हैं। |
| 1010 | क्षमा एक विचित्र चीज है। यह ह्रदय को सुकून देती है और डंक को ठंडा करती है। |
| 1011 | क्षमा कर देना दुश्मन पर विजय पा लेना है। |
| 1012 | क्षमा करना कार्यवाही और स्वतंत्रता के लिए महत्त्वपूर्ण है। |
| 1013 | क्षमा करना, एक मधुर प्रतिशोध है। |
| 1014 | क्षमा करने का मतलब है जो बीत गया उसे जाने देना। |
| 1015 | क्षमा करने वाला अपने सारे काम आसानी से कर लेता है। |
| 1016 | क्षमा का दान सबसे बड़ा दान है। वास्तव में क्षमा का जीवन में क्या महत्व है ? क्षमा कौन कर सकता है ? क्षमा का क्या लाभ है ? क्षमा करने वाले को क्या प्राप्त होता है ? क्षमा न करने से क्या हानि होती है ? क्षमा किसे करना चाहिए और किसे नहीं ? इन सभी प्रश्नो का शास्त्र-सम्मत विश्लेषण किया है हमारे मनीषियों एवं विश्वविख्यात चिंतको ने। |
| 1017 | क्षमा कोई प्रासंगिक कृत्य नहीं है। ये तो एक स्थायी प्रवृति है। |
| 1018 | क्षमा तेजस्वी पुरुषों का तेज है, क्षमा तपस्वियों का ब्रह्म है, क्षमा सत्यवादी पुरुषों का सत्य है। क्षमा यज्ञ है और क्षमा (मनोविग्रह) है। |
| 1019 | क्षमा दंड से अधिक पुरुषोचित है। |
| 1020 | क्षमा दंड से बड़ी है। दंड देता है मानव, किन्तु क्षमा प्राप्त होती है देवता से। दंड में उल्लास है पर शांति नहीं और क्षमा में शांति भी है और आनंद भी। |
| 1021 | क्षमा धर्म है, क्षमा यज्ञ है, क्षमा वेद है और क्षमा शास्त्र है। जो इस प्रकार जानता है, वह सब कुछ क्षमा क्षमा करने योग्य हो जाता है। |
| 1022 | क्षमा पर मनुष्य का अधिकार है, वह पशु के पास नहीं मिलती। प्रतिहिंसा पाशव धर्म है। |
| 1023 | क्षमा प्रतिशोध से बेहतर है, क्षमा करना विनम्र व्यवहार का सूचक है लेकिन प्रतिशोध असभ्य व्यवहार का सूचक है। |
| 1024 | क्षमा प्रेम का अंतिम रूप है। |
| 1025 | क्षमा मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ तथा सर्वोच्च गुण है, क्षमा दंड देने के समान है। |
| 1026 | क्षमा में जो महत्ता है, जो औदार्य है, वह क्रोध और प्रतिकार में कहाँ ? प्रतिहिंसा हिंसा पर ही आघात कर सकती है, उदारता पर नहीं। |
| 1027 | क्षमा विश्वास की तरह है। आपको इसे जीवित रखना होता है। |
| 1028 | क्षमा वीरों का गुण है . |
| 1029 | क्षमा वो इत्र है जिसे गुलाब मसले जाने के बाद एडी पर छोड़ देता है। |
| 1030 | क्षमा वो उपकार नहीं है जो हम दूसरों पर करते हैं। बल्कि ये उपकार हम अपने लिए करते हैं –क्षमा करो, भूल जाओ और आगे बड़ो। |
| 1031 | क्षमा वो खुशबू है जो फूल उन पैरों पर बिखेरता है जिसने उसे कुचल दिया हो। |
| 1032 | क्षमा से बढ़कर और किसी बात में पाप को पुण्य बनाने की शक्ति नहीं है। |
| 1033 | क्षमावानों के लिए यह लोक है। क्षमावानों के लिए ही परलोक है। क्षमाशील पुरुष इस जगत में सम्मान और परलोक में उत्तम गति पाते है। |
| 1034 | क्षमाशील व्यक्ति का तप बढ़ता रहता है। |
| 1035 | क्षमाशीलता आपके ह्रदय का अर्थ प्रबन्धन है...क्षमा क्रोध से होने वाले खर्चे को बचाता है.घृणा के मूल्य को कम करता है और उत्साह की फ़िज़ूलखर्ची से बचाता है. |
| 1036 | ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों. |
| 1037 | ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों। |
| 1038 | ख़ुशी परफ्यूम की तरह है। जब तक इसे खुद पर नहीं छिड़केंगे, औरों को खुश नहीं कर सकते है। |
| 1039 | खाना-पीना, निंद्रा, दर, मैथुन- स्त्री-सम्भोग और संतान उत्पन्न करना अदि सभी क्रियाएं तो पशु और मनुष्यों में समान हैं, परन्तु मनुष्यों को पशुओ से अलग करने वाला गुण हैं- धर्म और नैतिकता। |
| 1040 | खाने पीने के पदार्थो का सुलभ होना और खाने-पीने की सामर्थ्य होना, भोग-विलास की शक्ति के साथ-साथ उसकी तृप्ति के लिए सुन्दर स्त्री का मिलना और धन-सम्पति के होने पर उसके उपभोग के साथ दान आदि की प्रवृति होना, ये बातें पूर्वजन्म के संयोग के कारण ही होती हैं। |
| 1041 | खाली बैठना दुनिया में सबसे थकाने वाला काम है क्योंकि सर्वस्व त्याग देना और आराम करना असंभव है। |
| 1042 | खाली हाथ आए और खाली हाथ चले। जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है। |
| 1043 | खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। |
| 1044 | खुद के लिए कुछ अच्छा करना और इसे खुद के अंदाज़ में करने के तरीके को तभी आज़ादी कहा जाएगा जब आप दूसरे लोगों को भी ऐसा ही करने का मौका दें। |
| 1045 | खुद को आगे ले जाते जाए। खुद को आगे बढ़ाते जाए। अपने जीवन में हर व्यक्ति हर तरह की गलती करता है। हर गलती के बाद आगे बढ़ते रहना बहुत जरूरी है। |
| 1046 | खुद को जानों यह इसलिए जरुरी हैं क्योकि एक बार खुद को जान लिया तो यह सीख जायेंगे कि खुद को आगे कैसे बढ़ाना हैं। |
| 1047 | खुद को परखते रहे। जब आप किसी गम्भीर मामले में गलती करते है तब खुद को उस आधार पर परखे, जिस पर आप दूसरों को परखते हैं। |
| 1048 | खुद को बदलने का संकल्प लें |
| 1049 | खुद को भीतर से खुबसूरत बनाये और प्राथना करे कि आप बाहर और भीतर से एक जैसे रहे। |
| 1050 | खुद जल्दी सीखते है बच्चे. जल्दबाजी करना ठीक नहीं। |
| 1051 | खुद पर भरोसा रखे अपना काम ठीक से करें, अच्छी आदतों को अपनाएं साथ ही अपनी छिपी हुई प्रतिभा का विकास भी करें फिर अपने व्यक्तित्व के दुसरे पहलु की खोज करें, उसके बाद आप पायंगे की आपको खुद पर भरोसा होने लगा हैं और यह आपको अपने लक्ष्य की और बढ़ने में मदद करेगा। |
| 1052 | खुद पर भरोसा रखें। |
| 1053 | खुद पर भरोसा ही सबसे सर्वश्रेष्ठ और सबसे सुरक्षित रास्ता है। |
| 1054 | खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है। |
| 1055 | खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं। |
| 1056 | खुबसूरत तरह से गुजारी जाने वाली जिंदगी लम्बी ही गुजरती हैं |
| 1057 | खुश रहना एक विशेषता है, न कि ईनाम। |
| 1058 | खुश रहना बहुत सरल है …लेकिन सरल होना बहुत मुश्किल है। |
| 1059 | खुश रहना शरीर के लिए जरूरी है। लेकिन नई चीज़ों को जानंने की तड़प होने से दिमाग का विकास होता है। खुशी मिलती है। |
| 1060 | खुश रहने का सीधा सा मंत्र. उम्मीद अपने आप से रखो किसी और से नहीं।...ज़िंदगी में कितने भी आगे निकल जाएँ, फिर भी सैकड़ों लोगों से पीछे रहेंगे। ज़िंदगी में कितने भी पीछे रह जाएँ, फिर भी सैकड़ों लोगों से आगे होगें। ईसीलिए आप अपनी जगह का लुत्फ़ उठाएँ, बाक़ी आगे पीछे तो दुनिया में चलता रहेंगा।!!! |
| 1061 | खुश रहो लेकिन कभी संतुष्ट मत रहो । |
| 1062 | खुश हूं और सबको खुश रखता हुँ लापरवाह हुँ फिर भी सबकी परवाह करता हुँ मालुम है कोई मोल नही मेंरा फिर भी अनमोल लोगो से रिस्ता रखता हुँ |
| 1063 | खुशियां और उदासी इस बात पर निर्भर करती है कि जिन चीज़ो से हमारा जुड़ाव है या जिन चीज़ो को हम पसंद करते है, उनकी असली कीमत क्या है। |
| 1064 | खुशियां बड़ा काम नहीं करती है। लेकिन वे उदासी को करीब नहीं आने देती है। |
| 1065 | खुशी और ग़म का अनुभव करने से बहुत पहले ही हम इनका चुनाव कर चुके होते है। |
| 1066 | खुशी हम पर निर्भर करती है। |
| 1067 | खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है... |
| 1068 | खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते। लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते है। |
| 1069 | खूबसूरत लोगो में और युवाओ में समझदारी होती है, लेकिन उनमे समझदारी काफी कम होती है। |
| 1070 | खूबसूरत हाथ वे होते हैं जोकि अपना काम ईमानदारी, बहादुरी और सच्चाई के साथ करते हैं – हरेक पल, दिन भर। |
| 1071 | खेद है की टेक्नोलॉजी में विकास की रफ़्तार, लोगों में बुद्धिमानी बढ़ाने की रफ़्तार से भी ज्यादा तेज है। |
| 1072 | खेल में हम सदा ईमानदारी का पल्ला पकड़कर चलते है, पर अफ़सोस है कि कर्म में हम इस ओर ध्यान तक नहीं देते। |
| 1073 | खेलना, किस्मत के साथ प्रयोग करना है। |
| 1074 | खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं... |
| 1075 | खोज का मतलब नई चीज़ों की तलाश करना नहीं होता, लेकिन आस-पास की चीज़ों को अलग नज़रिए से देखना भी है। |
| 1076 | खड़े हो जाओ, हिम्मतवान बनो, ताकतवर बन जाओ, सब जवाबदारिया अपने सिर पर ओढ़ लो, और समझो की अपने नसीब के रचियता आप खुद हो। |
| 1077 | गंदे वस्त्र धारण करने वाले, दांतो पर मैल जमाए रखने वाले, अत्यधिक भोजन करने वाले, कठोर वचन बोलने वाले, सूर्योदय से सूर्यास्त तक सोने वाले, चाहे वह साक्षात विष्णु ही क्यों न हो, लक्ष्मी त्याग देती है। |
| 1078 | गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं |
| 1079 | गधे से ये तीन बाते सीखे 1.अपने लक्ष्य की प्राप्ति और सिद्धि के लिए प्रयत्न करते रहना चाहिए 2.फल की चिंता न करें 3.सदा संतुष्ट रहे। |
| 1080 | गन्ना और गन्ने का रस, पानी, दूध, जड़ी-बूटी, पान, फल तथा औषध आदि का सेवन करने के उपरान्त भी संध्यापुजन, दान-तर्पण आदि नित्यकर्म किये जा सकते हैं। |
| 1081 | गन्ना, तिल, क्षुद्र(मुर्ख व्यक्ति), स्त्री, सोना, धरती, चन्दन, दही और पान को जितना अधिक मसला जाये, उतने ही उनके गुणों में वृदि होती हैं। |
| 1082 | गरीबी आपको उदास करती है, तो यह बुद्धिमान भी मनाती है। |
| 1083 | गरीबी क्रांति और अपराध की जनक है। |
| 1084 | गरीबी दैवी अभिशाप नहीं बल्कि मानवरचित षडयन्त्र है । |
| 1085 | गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में। |
| 1086 | गलत काम करने का कोई सही तरीका नहीं हैं। |
| 1087 | गलत कार्यों में लगने वाले व्यक्ति को शास्त्रज्ञान ही रोक पाते है। |
| 1088 | गलत चीजो पर विश्वास हैं तो उनको खुद से अलग कर दीजिए। हर कुछ समय के बाद रुकिए और खुद से पूछिए कि सच क्या हैं? |
| 1089 | गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो। |
| 1090 | गलती करने का कारण समझना ही उन्नति की राह में आगे बढ़ने जैसा है। |
| 1091 | गलतीयां हमेशा क्षम्य होती हैं, यदि व्यक्ति में उन्हें स्वीकार करने का साहस हो। |
| 1092 | गाय के पीछे चलते बछड़े के समान सुख-दुःख भी आदमी के साथ जीवन भर चलते है। |
| 1093 | गाय के स्वभाव को जानने वाला ही दूध का उपभोग करता है। |
| 1094 | गुण भी उसी व्यक्ति को फलीभूत होते हैं जो गुणी अर्थात विवेकी होते हैं। क्योकि उसी व्यक्ति में गुणों को अपनी सार्थकता नज़र आती हैं उदाहरण के लिए सोने में जड़ा हुआ रत्न ही शोभा प्राप्त करता हैं। |
| 1095 | गुण से रूप की शोभा होती है, शील से कुल की शोभा होती है, सिद्धि से विद्या की शोभा होती है और भोग से धन की शोभा होती है। |
| 1096 | गुणवत्ता का मापदंड बनिए। कुछ लोग ऐसे वातावरण के आदि नहीं होते जहाँ उत्कृष्टता की उम्मीद की जाती है। |
| 1097 | गुणवत्ता प्रचुरता से अधिक महत्वपूर्ण है। एक छक्का दो-दो रन बनाने से कहीं बेहतर है। |
| 1098 | गुणहीन पुरुष की सुन्दरता, दुराचारी पुरुष का उच्चकुल में उत्पन्न होना, आजीविका सुलभ न कराने वाली विधा और उपभोग में न आने वाला धन व्यर्थ ही हैं इनकी न कोई उपयोगिता हैं और न इनका कोई महत्व ही हैं। |
| 1099 | गुणहीन व्यक्ति की सुंदरता व्यर्थ है, दुष्ट स्वभाव वाले व्यक्ति का कुल नष्ट होने योग्य है, यदि लक्ष्य की सिद्धि न हो तो विद्या व्यर्थ है, जिस धन का सदुपयोग न हो, वह धन व्यर्थ है। |
| 1100 | गुणी पुत्र माता-पिता की दुर्गति नहीं होने देता। |
Wednesday, January 20, 2016
#1001-1100
Tuesday, January 19, 2016
#901-1000
| 901 | किसी व्यक्ति के लिए स्वयं पर विजय पाना सभी जीतों में सबसे पहली और महान है। |
| 902 | किसी व्यक्ति को खुद जैसा बनाना चाहते है या उसे बदलना चाहते है तो उसका हाथ पकड़िए और सहीं मार्ग पर ले जाए। |
| 903 | किसी समस्या का हल ऐसे निकाले कि वे दूसरी समस्याओं को हल करने का नियम बन जाए। और उस एक नियम से दूसरी समस्याओं का हल निकाला जा सके। |
| 904 | किसी समस्या का हल निकालने के लिए उस समस्या को इतने हिस्सों में बाटे जितना की हल निकालने के लिए जरूरी है। ऐसा करने से ज्यादा हल निकल आएंगे। |
| 905 | किसी से दोस्ती करने में धीमे रहिये, लेकिन अगर दोस्ती हो जाएँ तो उसे मजबूती से निभाइए और हमेशा जरुरत के समय दोस्तों के साथ रहिये। |
| 906 | किसी से नफरत करना आसान है, मगर प्यार करना मुश्किल है। इन्हीं दो बातो के इर्द गिर्द पूरी दुनिया घूमती है। अच्छी चीजे बहुत मुश्किल से मिलती है और बुरी आदते उतनी ही मुश्किल से जाती है। |
| 907 | किसी से भी मिलते वक़्त आवशयकता से अधिक अच्छे रहो। प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह का युद्ध लड़ रहा है। |
| 908 | किसी ख़ास समुदाय को ध्यान में रखकर उत्पादों को डिजाइन करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते है की वो क्या चाहते है जब तक की आप उन्हें दिखाए नहीं। |
| 909 | की ब्राह्मण-कुल में उत्पन्न अगस्त्य ऋषि ने गुस्से में मेरे पिता समुद्र को ( जो मेरे पिता है) पी लिया। |
| 910 | कीर्ति वीरोचित कार्यो की सुगन्ध है। |
| 911 | कीड़ों तथा मलमूत्र का घर यह शरीर पुण्य और पाप को भी जन्म देता है। |
| 912 | कुछ मत पूछो , बदले में कुछ मत मांगो ,जो देना है वो दो ; वो तुम तक वापस आएगा , पर उसके बारे में अभी मत सोचो। |
| 913 | कुछ सच्चे , इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं ; जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं। |
| 914 | कुछ उपाय हैं गुस्सा कम करने के रोज नारियल पानी पियें। चन्दन के पेस्ट को अपने माथे पर लगाये। तले हुए मसालेदार खाने से परहेज करे। और लाल रंग से दूर रहने का प्रयास करें क्योकि यह आपके अन्दर गुस्सा उत्पन्न करता हैं। |
| 915 | कुछ करने का जूनून होना और समझदारी दोनों एक ही बात है। |
| 916 | कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं। |
| 917 | कुछ न समझना ही सब कुछ क्षमा कर देने का रहस्य है. |
| 918 | कुछ पढने कि इच्छा न होने के बावजूद कुछ पढ़ने से memory का नुकसान होता हैं, ऐसे में आप जो कुछ पढ़ते हैं उसमे से कुछ भी याद नहीं रहता हैं। |
| 919 | कुछ बातें ऐसी है जो एक पीढ़ी के लोगों के लिए खराब या गलत हो सकती है। लेकिन वही बातें आने वाली पीढ़ियों के लिए सही साबित हो सकती है। |
| 920 | कुछ भी उपयुक्त हासिल करने के लिए तीन महत्त्वपूर्ण चीजें हैं कड़ी मेहनत, दृढ़ता और Common sense। |
| 921 | कुछ लोग आपकी ज़िन्दगी में आशीर्वाद की तरह कुछ लोग एक सबक की तरह। |
| 922 | कुछ लोग तीन तरह के दुःख झेलते हैं- एक जो वे पहले भुगत चुके हैं, दूसरा जो अभी भुगत रहे हैं और तीसरा आने वाली समस्याओं का डर। |
| 923 | कुछ लोग निजी उद्यमों को आदमखोर शिकारी मानते है ,जिसे गोली मार देनी चाहिये।कुछ इसे ऐसी गाय मानते है, जिसका वे दूध निकाल सकते है।लेकिन बहुत कम देख पते है की वह एक स्वस्थ घोडा है जो एक भारी वेगन खींच रहा है। |
| 924 | कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं। |
| 925 | कुछ लोग सोचते हैं कि अवसर केवल किस्मत वालो को मिलते हैं लेकिन मेरा विश्वास हैं कि अवसर तो हमारें चारो तरफ हैं कुछ लोग इसको भुनाना जानते हैं और कुछ लोग खड़े रहते हैं और इसको जाने देते हैं। |
| 926 | कुछ लोगो के द्वारा प्राप्त की गई महान सफलता इस बात का प्रमाण है की बाकी सारे लोग भी इसे प्राप्त कर सकते है। |
| 927 | कुछ लोगों को लगता है की वे सब जानते है। इस किस्म के लोग उन लोगों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बनते है जो वाकई जानकार है। |
| 928 | कुछ सुखों की इच्छा ही मेरे दुःखों का अंश है। |
| 929 | कुत्ते से छः गुण ग्रहण करने चाहिए -1. बहुत अधिक खाने की शक्ति , (2) यथाप्राप्त स्वल्प भोजन से सन्तुष्ट रहना , (3) गहरी निद्रा , (4) जरा सी आहट से झटपट जाग जाना, (5) स्वामीभक्ति तथा (6) शत्रु पर शूरवीरता के साथ झपटना ।वहवाशी स्वल्पसन्तुष्टः सनिद्रो लघुचेतनः ।स्वामिभक्तश्च शूरश्च षेडते श्वानतो गुणाः ।। |
| 930 | कुमुदिनी के पत्तो के मध्य विकसित उसके पराग कणो से मस्त हुआ भौंरा, जब भाग्यवश किसी दूसरी जगह पर जाता है तो वहा मिलने वाले कटसरैया के फूलों के रस को भी अधिक महत्व देने लगता है। |
| 931 | कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है। |
| 932 | कुलटा (चरित्रहीन) स्त्रियों का प्रेम एकान्तिक न होकर बहुजनीय होता है। उनका कहना है की कुलटा स्त्रियां पराए व्यक्ति से बातचीत करती है, कटाक्षपूर्वक देखती है और अपने ह्रदय में पर पुरुष का चिंतन करती है, इस प्रकार चरित्रहीन स्त्रियों का प्रेम अनेक से होता है। |
| 933 | कुशल और निरंतर प्रचार के ज़रिये, कोई लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा सकता है या एक बिलकुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा सकता है। |
| 934 | कुशल लोगों को रोजगार का भय नहीं होता। |
| 935 | कृतघ्न अर्थात उपकार न मानने वाले व्यक्ति को नरक ही प्राप्त होता है। |
| 936 | कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये। |
| 937 | केवल आशा के सहारे ही लक्ष्मी प्राप्त नहीं होती। |
| 938 | केवल इंसानों में अपने विचारों को भौतिक वास्तविकता में बदलने की शक्ति होती है; केवल इंसान सपने देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है। |
| 939 | केवल एक गुणवान और विद्वान बेटा सैकडो गुणहीन निकम्मे बेटों से अच्छा होता हैं, जिस प्रकार एक ही चाँद रात्रि के अंधकार को दूर करता हैं असंख्य तारे मिलकर भी रात्रि के गहन अंधकार को दूर नहीं कर सकते उसी प्रकार एक गुणी पुत्र ही अपने कुल का नाम रोशन करता हैं, उसे ऊँचा उठाता हैं। |
| 940 | केवल तर्क ही शाश्वत है, बाक़ी सभी चीज़ें नष्ट हो जाती हैं। |
| 941 | केवल धन देने भर से संतुष्ट न हों, धन पर्याप्त नहीं है, वह पाया जा सकता है लेकिन उन्हें आपके प्रेम की आवश्यकता है, तो जहाँ भी आप जायें अपना प्रेम सबमे बांटे। |
| 942 | केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है। |
| 943 | केवल प्रेम ही वास्तविकता है , ये महज एक भावना नहीं है.यह एक परम सत्य है जो सृजन के ह्रदय में वास करता है। |
| 944 | केवल मृत लोगों ने युद्ध का अंत देखा है। |
| 945 | केवल वही व्यक्ति सब की उपेक्षा उत्तम रूप से करता है जो पूर्णतया निस्वार्थी है, जिसे न धन की लालसा है, न कीर्ति की और न अन्य किसी वस्तु की। |
| 946 | केवल वही, जो युवाओं का मालिक होता है, भविष्य में लाभ उठता है। |
| 947 | केवल साहस से कार्य-सिद्धि संभव नहीं। |
| 948 | कॉम्पिटिशन का सामना न करने वाले लोग ही लड़ाई-झगड़े करने लगते है। |
| 949 | कोई भी व्यक्ति उस क्षेत्र में सफलता नहीं प्राप्त कर सकता जिसे वह पसंद ना करता हो। |
| 950 | कोई अपराध इतना बड़ा नही है,जितना की श्रेष्ठ बनने की धृष्टता करना। |
| 951 | कोई आदमी कितना सच्चा है या उसकी मान्यता है यह नहीं, बल्कि वह सच्चाई तक पहुंचने के लिए क्या प्रयत्न करता है यह उसका मोल या महत्व दर्शाता है। |
| 952 | कोई आपको धोखा दें यह उसकी गलती है वही इन्सान अगर आपको दोबारा धोखा दे तो यह आपकी गलती है। |
| 953 | कोई आपको ज़ख्म देता है तो बेशक आप उसे एक बार भूल जाए, लेकिन अगर आप किसी को दर्द पहुंचाते हो तो उसे जीवन भर नहीं भूल पाते हो। |
| 954 | कोई इंसान बिना किसी कठिनाई के जीतता है तो यह केवल एक विजय है; लेकिन यदि कोई इंसान बहुत सी कठिनाइयों के बावजूद जीतता है तो यह इतिहास है। |
| 955 | कोई एक दिन निश्चित करें कि उस दिन कोई भी नेगेटिव चीजे नहीं सोचंगे Gossip झूठ या धोखा हम सबके साथ होता हैं इससे आप भी नहीं बच सकते, लेकिन कई चीजे अच्छी भी होती हैं उनके बारें में सोचिये इससे अलग तरह कि उर्जा मिलेगी। |
| 956 | कोई क़ानून या अध्यादेश समझ से शक्तिशाली नहीं हैं। |
| 957 | कोई कुछ मांगे तो उसे दे दीजिए, लेकिन आपसी समझ के आधार पर किसी को कुछ देना सबसे सर्वश्रेष्ठ है। |
| 958 | कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है. |
| 959 | कोई तर्क अकेले ही इतना मजबूत नहीं हो सकता जो मानव ज्ञान की सम्पूर्णता को बयां कर सके। |
| 960 | कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा। |
| 961 | कोई नई बात या नई चीज़ सीखना अच्छा लगता है, लेकिन किसी नए कार्य को करने से जिस तरह के आनंद का अनुभव होता है, वे अतुलनीय है। |
| 962 | कोई नया काम या किसी नई चीज की खोज यह सोचकर मत करिए कि इससे कोई फायदा होगा की। आप सिर्फ खोज करिए। अच्छी खोज दूसरों की भलाई के काम आ जाती है। |
| 963 | कोई भी अच्छा निर्णय जानकारियो पर निर्भर करता है। आंकड़ों या संख्याओ पर नहीं। |
| 964 | कोई भी इस बात से नुकसान नहीं पहुंचा सकता है की भगवान एक है, बीस है, भगवान या है ही नहीं। |
| 965 | कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है। |
| 966 | कोई भी कानून आपकी समझदारी से ज्यादा अहमियत नहीं रखता है। |
| 967 | कोई भी चीज जो बिके नहीं, मैं उसका आविष्कार नहीं करना चाहूँगा उसका बिकना उपयोगिता का प्रमाण है और उपयोगिता ही सफलता है। |
| 968 | कोई भी निर्णय लेने के पहले हज़ारों बार सोचो पर एक बार निर्णय लेने के बाद कभी उसे मत पलटो चाहे इसके लिए आपको हज़ारों तकलीफे उठानी पड़े। |
| 969 | कोई भी पुजारी या पंडित उस वक़्त तक अच्छा इंसान नहीं बन सकता है। जब तक वे अपने टाइटल को प्यार करे, न की अपने काम को। |
| 970 | कोई भी मनुष्य ख़ुशी या उत्साह के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इसलिए अगर मनुष्य को उत्साह नहीं मिले तो उसका रुझान दूसरी चीज़ों की तरफ होने लगता है। |
| 971 | कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति का दोस्त नहीं हो सकता है, जिससे उसे प्यार न मिले। |
| 972 | कोई भी व्यक्ति किसी को आसानी से नुकसान पंहुचा सकता है, लेकिन हर व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा नहीं कर सकता है। |
| 973 | कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते। |
| 974 | कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिस पर वह उत्पन्न हुई है। |
| 975 | कोई भी सुझाव, योजना, या उद्देश्य मन में विचार को बार-बार दोहरा कर बैठाया जा सकता है। |
| 976 | कोई वहां तक माफ़ करता है जहाँ तक वो प्यार करता है। |
| 977 | कोई व्यक्ति अपने अधिकारों से ज्यादा अपने हितों के लिए लडेगा। |
| 978 | कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं. |
| 979 | कोई व्यक्ति यदि कुछ मामलो में अपना विवेक नहीं खो देता है तो इसका मतलब है उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। |
| 980 | कोई व्यक्ति सिर्फ चाह कर नास्तिक नहीं बन सकता। |
| 981 | कोए से पांच बाते सीखनी चाहिए - 1 गुप्त स्थान पर मादा का भोग (2) चारो ओर दृष्टि रखना अर्थात चौकन्ना रहना, (3) उचित समय पर भविष्य के लिए संग्रह करना 4 . कभी आलस्य न करना , (5) किसी पर विश्वास न करना ।गूढमैथुन चारित्वं काले काले च संग्रहम् ।अप्रमतम विश्वासं पञ्च शिक्षेच्च वायसात् ।। |
| 982 | कोमल स्वभाव वाला व्यक्ति अपने आश्रितों से भी अपमानित होता है। |
| 983 | कोयल की कुक सबको अच्छी है। |
| 984 | कोयल की मीठी वाणी अथार्थ उसका कर्णप्रिय स्वर ही उसका रूप है कोयल भी कौए के समान काली और कुरूप होती है परन्तु उसका स्वर लोगो के कानो को इतना मधुर और प्रिय लगता हैं कि वे उसके कुरूप होने की उपेक्षा करके उससे स्नेह करने लगते हैं, इसी प्रकार स्त्रियों का सच्चा सौन्दर्य उनका पतिवर्ता होना हैं यदि रूपवती युवती चरित्रहीन हैं तो उसके रूप-सौन्दर्य का कोई लाभ नहीं, वह सुंदरी होने पर भी समाज की द्रष्टि में पतिता मानी जाती हैं। |
| 985 | कोयल की वाणी तभी तक मौन रहती है, जब तक कि सभी जनों को आनंद देने वाली वाणी प्रारम्भ नहीं हो जाती। |
| 986 | कोयल की शोभा उसके स्वर में है, स्त्री की शोभा उसका पतिव्रत धर्म है, कुरूप व्यक्ति की शोभा उसकी विद्वता में है और तपस्वियों की शोभा क्षमा में है। |
| 987 | कौवे से ये पांच बाते सीखे 1.अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे 2.नीडरता 3.उपयोगी वस्तुओ का संचय करे 4.सभी ओर द्रष्टि घुमाये 5.दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे। |
| 988 | क्या कभी किसी ने सोचा है कि वे जो चाहता था वो उन्हें इसलिए नहीं मिला क्योंकि उनके पास प्रतिभा नहीं थी, या शक्ति नहीं थी , या धीरज नही था , या प्रतिबद्धता नहीं थी ? |
| 989 | क्या तुम लोहे की धधकती छड़ सिर्फ इसलिए अपने हाथ में पकड़ सकते हो क्योंकि कोई तुम्हे ऐसा करना चाहता है ? तब , क्या तुम्हारे लिए ये सही होगा कि तुम सिर्फ अपनी इच्छा पूरी करने के लिए दूसरों से ऐसा करने को कहो। यदि तुम अपने शरीर या दिमाग पर दूसरों के शब्दों या कृत्यों द्वारा चोट बर्दाश्त नहीं कर सकते हो तो तुम्हे दूसरों के साथ अपनों शब्दों या कृत्यों द्वारा ऐसा करने का क्या अधिकार है ? |
| 990 | क्या तुम्हे मालूम है कि सात्विक प्रकृति का मनुष्य कैसे ध्यान करता है वह आधी रात को अपने बिस्तर में ध्यान करता है, जिससे लोग उसे देख ना सके। |
| 991 | क्या पैसा मुझे प्रोत्साहित करता हैं, नहीं मैं तो अपने शेयर होल्डर्स के लिए पैसा कमा रहा हूँ मुझे तो केवल उपलब्धि चाहिए, मैं हमेशा कुछ कठिन कार्य करना चाहता हूँ। |
| 992 | क्या भगवान हमें नहीं देख रहे हैं? |
| 993 | क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म-सम्मान आत्म-निर्भरता के साथ आता है? |
| 994 | क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है, न मरती है। |
| 995 | क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है। |
| 996 | क्रोध एक उपहार है। |
| 997 | क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं। |
| 998 | क्रोध की शुरुआत गलती से होती है और अंत प्रायश्चित से। |
| 999 | क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है। |
| 1000 | क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं। |
Monday, January 18, 2016
#801-900
| 801 | काम को ठीक से समझने के बाद ही उसे करने के लिए आगे आएं। काम शुरू करने के बाद उसे पूरा न कार पाना या बहाने बनाने से आपका ही अपमान होगा। कुछ करने से पहले दस बार सोचें। |
| 802 | काम छोटा हो या बड़ा, उसे एक बार हाथ में लेने के बाद छोड़ना नहीं चाहिए। उसे पूरी लगन और सामर्थ्य के साथ करना चाहिए। जैसे सिंह पकड़े हुए शिकार को कदापि नहीं छोड़ता। सिंह का यह एक गुण अवश्य लेना चाहिए। |
| 803 | काम में कमियाँ निकालने वालों पर ज्यादा ध्यान दें। |
| 804 | काम-वासना के समान दूसरा रोग नही, मोह के समान शत्रु नहीं, क्रोध के समान आग नहीं और ज्ञान से बढ़कर सुख नहीं। |
| 805 | काम-विषय-चिंतन, क्रोध (अभीष्ट प्राप्ति न होने पर आपने से बहार होना ), लोभ (धन प्राप्ति की तृष्णा), स्वाद(जिव्हा को प्रिय लगने वाले पदार्थो का सेवन), श्रंगार (सजना-धजना), कौतुक (खेल-तमाशे, सिनेमा, टीवी आदि देखना), अतिनिद्रा (बहुत अधिक सोना) और अतिसेवा किसी दुसरे की बहुत अधिक चाकरी करना इन आठ में से एक दुर्गुण भी उसे अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँचने देगा। |
| 806 | कामनाएं समुद्र की भांति अतृप्त है, पूर्ति का प्रयास करने पर उनका कोलाहल और बढ़ता है। |
| 807 | कामयाब और सफल लोगों में हमसे कुछ खास अलग नहीं होता, अलग होता है तो बस उनके काम करने का तरीका और खुद को समय के हिसाब से बदलने की आदत ये ही Secrets of success, सफल लोग अपने अंदर कुछ सकारात्मक बदलाव (Positive attitude) करते हैं जो न सिर्फ उन्हें भीड़ से अलग करते हैं बल्कि सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाते हैं। |
| 808 | कामयाबी और नाकामयाबी दोनों ज़िन्दगी के हिस्से है. दोनों ही स्थायी नहीं हैं . |
| 809 | कामी पुरुष कोई कार्य नहीं कर सकता। |
| 810 | कायर व्यक्ति को कार्य की चिंता नहीं होती। |
| 811 | कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना। |
| 812 | कार्य असफल नहीं होता, उसकी गलत दिशा सफल हो जाती है |
| 813 | कार्य उद्यम से सिद्ध होते है, मनोरथो से नही। |
| 814 | कार्य करते समय शत्रु का साथ नहीं करना चाहिए। |
| 815 | कार्य करने वाले के लिए उपाय सहायक होता है। |
| 816 | कार्य का स्वरुप निर्धारित हो जाने के बाद वह कार्य लक्ष्य बन जाता है। |
| 817 | कार्य की अधिकता से उकताने वाला व्यक्ति, कभी कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता। |
| 818 | कार्य की सिद्धि के लिए उदारता नहीं बरतनी चाहिए। |
| 819 | कार्य के अनुरूप प्रयत्न करें। |
| 820 | कार्य के मध्य में अति विलम्ब और आलस्य उचित नहीं है। |
| 821 | कार्य के लक्षण ही सफलता-असफलता के संकेत दे देते है। |
| 822 | कार्य में प्रार्थना प्यार है, कार्य में प्यार सेवा है। |
| 823 | कार्य-अकार्य के तत्वदर्शी ही मंत्री होने चाहिए। |
| 824 | कार्य-सिद्धि के लिए हस्त-कौशल का उपयोग करना चाहिए। |
| 825 | कार्यवाही बुद्धिमत्ता का असल मापदंड है। |
| 826 | काल (समय, मृत्यु) ही पंच भूतो (पृथ्वी,जल, वायु, अग्नि, आकाश) को पचाता है और सब प्राणियों का संहार भी काल ही करता है। संसार में प्रलय हो जाने पर वह सुप्तावस्था अर्थात स्वप्नवत रहता है। काल की सीमा को निश्चय ही कोई भी लांघ नहीं सकता। |
| 827 | काला रंग भावनात्मक रूप से बुरा होता है परन्तु हर ब्लैक बोर्ड विद्ध्यार्थियों की जिंदगी रौशन करता है। |
| 828 | काव्य इतिहास से ज्यादा सत्य के नज़दीक है। |
| 829 | काव्य शब्दकोष के छीटों के साथ ख़ुशी , दर्द और आश्चर्य का सौदा है। |
| 830 | कितना भाग्यापूर्ण है उन सरकारों के लिए कि जिन लोगों पर वो शासन करते हैं वे सोचते नहीं। |
| 831 | कितने दूर निकल गए, रिश्तो को निभाते निभाते.. खुद को खो दिया हमने, अपनों को पाते पाते.. |
| 832 | कितने सही रूप से क़ानून अपराध को खत्म कर सकता है ? बहुत तेजी से कारवाई करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। नियम कुछ ऐसे हो की उन्हें पकड़ो और सजा दो। |
| 833 | किसकी को हराना बहुत आसान है लेकिन किसी को जितना बहुत आसान है। |
| 834 | किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है। |
| 835 | किसी दिन , जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं। |
| 836 | किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा। |
| 837 | किसी अंतिम निर्णय का इंतज़ार न करिए, क्योंकि हर दिन नए निर्णय आते है। |
| 838 | किसी अच्छे कार्य को बार-बार करने से किसी का कोई नुकसान नहीं होता है। |
| 839 | किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है , और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है। |
| 840 | किसी आदमी का असली चरित्र तब सामने आता है जब वो नशे में होता है। |
| 841 | किसी एक व्यक्ति को त्यागने से यदि कुल की रक्षा होती हो तो उस एक को छोड़ देना चाहिए। पूरे गांव की भलाई के लिए कुल को तथा देश की भलाई के लिए गांव को और अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए सारी पृथ्वी को छोड़ देना चाहिए। |
| 842 | किसी काम को आप बीच में ही छोड़ देते है या आधा ही करते है तो आप अन्धो की दुनिया में काने राजा की तरह है। |
| 843 | किसी काम को करने का हुनर आप में नहीं है और आप इस बात की तरफ प्रेरित है तो कोई फायदा नहीं होगा। |
| 844 | किसी काम को करने के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचना अक्सर उसके बिगड़ जाने का कारण बनता है। |
| 845 | किसी काम को करने से अगर आपको ख़ुशी का एहसास होता है तो आपका काम ठीक है। लेकिन किसी काम को करने में दर्द मिलता है तो आप निश्चित ही कुछ गलत कर रहे है। |
| 846 | किसी कारण वश खुश होना एक दूसरे तरह का दुःख है क्योंकि कारण कभी भी हमसे छीना जा सकता है. |
| 847 | किसी कार्य को करने के लिए जो प्रिंसिपल बनाए गए है, अगर आप उन्हें सच समझ रहे है तो मतलब है कि आप कभी उस काम को प्रैक्टिकल रूप देने का प्रयास नही करेंगे। |
| 848 | किसी कार्य को खूबसूरती से करने के लिए मनुष्य को उसे स्वयं करना चाहिये। |
| 849 | किसी कार्यारंभ के समय को विद्वान और अनुभवी लोगों से पूछना चाहिए। |
| 850 | किसी की संगत से आप के विचार शुद्ध होने लगें.... तो समझ लेना वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है |
| 851 | किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर, 'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर.... |
| 852 | किसी की निंदा ना करें. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये। |
| 853 | किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस 'मक्खी' की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म कोछोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है। |
| 854 | किसी के अस्तित्व को मत मिटाओ। शांतिपूर्वक जिओ और दुसरो को भी जीने दो। |
| 855 | किसी के जीवन में उजाला लाओ। |
| 856 | किसी के साथ नफरत करना नर्क के द्वार पर खड़े होने जैसा है। यह बात उन लोगो के लिए सटीक है जो अपने दिल में किसी बात को छिपाते है और दूसरा व्यक्ति सबके सामने बोल देता है। |
| 857 | किसी को इतनी आज़ादी न दें की वह आपसे ऐसा कोई काम करवा ले या कुछ बोलने को मजबूर कर दें जो आपके लिए अच्छा नहीं है। |
| 858 | किसी को क्षमा करना या किसी से क्षमा पा लेने का अवर्णनीय आनंद एक ऐसा हर्षोन्माद विकसित करता है जो कि ईश्वर के प्रति ईर्ष्या को भी जगा सकता है। |
| 859 | किसी को क्षमा करने से इनकार करना खुद विश पीकर दुसरे के मरने का इंतज़ार करने जैसा है। |
| 860 | किसी को धोका न दे क्योकि ये आदत बन जाती है और आदत से व्यक्तित्व। |
| 861 | किसी को हरा देना बेहद आसान है, लेकन किसी को जीतना बेहद मुश्किल। |
| 862 | किसी चीज को पसंद या नापसंद करने से पहले उसे सही तरीके से समझना जरुरी हैं। |
| 863 | किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है। |
| 864 | किसी चीज़ की गहराई को तभी समझ पाएंगे जब आपके पास पूरी आज़ादी हो। |
| 865 | किसी चीज़ को कितनी भी बारीकी से काटिए, उसके दो टुकड़े होते ही है। |
| 866 | किसी चीज़ को महत्तवपूर्ण होने के लिए दुनिया को बदलने की जरुरत नहीं है। |
| 867 | किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है। |
| 868 | किसी झूठ को ज्यादा बार बताया जाये तो वह सच्चाई का रूप धारण कर लेता है। |
| 869 | किसी डिग्री का ना होने दरअसल फायेदेमंद है. अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं.पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है , तो आप कुछ भी कर सकते हैं। |
| 870 | किसी देश का नाश केवल जूनून के तूफ़ान से रोका जा सकता है, लेकिन केवल वो जो खुद जुनूनी होते हैं दूसरों में जूनून पैदा कर सकते हैं। |
| 871 | किसी देश को जितने के लिए सबसे पहले उसके नागरिकों को काबू में करो। |
| 872 | किसी दोस्त के लिए मर मिटना मुश्किल नहीं है, लेकिन ऐसे दोस्त की तलाश करना जिसके लिए आप वाकई मरना चाहेंगे, यह मुश्किल है। |
| 873 | किसी निन्दनीय कुकर्म के करने के उपरान्त पछताने वाले मनुष्य की जैसी निर्मल बुद्धि होती हैं, यदि वह निर्मल बुद्धि कुकर्म करने से पहले रहती तो मनुष्य का कल्याण कैसे न हो जाता? फिर उसको पश्चाताप करने की आवश्कता न पड़ती। |
| 874 | किसी नेता की प्रतीक्षा मत करो, अकेले करो, व्यक्ति से व्यक्ति द्वारा। |
| 875 | किसी प्रदेश में न रहना अच्छा हैं किन्तु किसी दुष्ट राजा के राज्य में रहना अच्छा नहीं हैं दुष्ट मित्रो की अपेक्षा कोई मित्र न होना अच्छा हैं। दुष्ट शिष्यों की अपेक्षा कोई शिष्य न होना अच्छा हैं, इसी प्रकार बुरी स्त्री के बजाय बिना स्त्री के रहना अच्छा हैं। |
| 876 | किसी प्रशन को समझ लेना आधा उत्तर है। |
| 877 | किसी बच्चे की शिक्षा अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिये, क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है। |
| 878 | किसी बात की साधना अथवा तप अकेले और एकांत स्थान में ही किया जा सकता हैं पढाई दो व्यक्तियों के बीच ;दो से अधिक होंगे तो बाते होंगी, पढाई नहीं होगी गाने के अभ्यास के लिए तीन की संख्या पर्याप्त हैं यात्रा के लिए चार की संख्या अपेक्षित हैं, क्योंकि 2-2 का मेल हो जायेगा तो यात्रा अच्छी तरह से कट जाएगी खेत बोने के लिए पांच व्यक्तियों की आवश्कता होती हैं और युद्ध के लिए बहुत से लोगो की आवश्कता होती हैं। |
| 879 | किसी भी इंसान को अपनों श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए हर साल में अपनी रणनीति बदल लेनी चाहिए। |
| 880 | किसी भी काम को लेकर इतना संकोच और डर न रखे। ज़िंदगी एक प्रयोग है। जितने ज्यादा प्रयोग करेंगे, उतने बेहतर होते जाएंगे। |
| 881 | किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब न करें। |
| 882 | किसी भी जगह हो रहा अन्याय हर स्थान पर न्याय के लिए खतरा है। |
| 883 | किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है। |
| 884 | किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया. |
| 885 | किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया। |
| 886 | किसी भी नींव का सबसे मजबूत पत्थर सबसे निचला ही होता है। |
| 887 | किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन आसान नहीं है। फिर क्या किया जाए? इससे बाहर निकलने का एक ही रास्ता है, खुद पर विश्वास रखिए। हर व्यक्ति को सोचना चाहिए कि भगवान ने उन्हें कोई न कोई खास तोहफा दिया है और उस तोहफे को बनाए रखना है। |
| 888 | किसी भी व्यक्ति को उसके और अपने विचार में नीचा दिखाए बिना क्षमा कर देना, एक बहुत ही संवेदनशील कार्य है। |
| 889 | किसी भी शिक्षक के लिए कमांड या नियंत्रण करना, पढ़ाने से ज्यादा जरूरी होता है। |
| 890 | किसी भी स्थिति में पैसे से अच्छे गुण हासिल नहीं कियें जा सकते हैं, लेकिन अच्छे गुणों से पैसा जरुर कमाया जा सकता हैं। |
| 891 | किसी मकसद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो बीज की तरह। ताकि दुबारा उगकर उसी मकसद के लिए जंग कर सको। |
| 892 | किसी मनुष्य का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, न कि उसकी सम्पत्ति। |
| 893 | किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान उसके वाचालता से होती है, तथा बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है। |
| 894 | किसी योग्य व्यक्ति को निम्न स्थान पर और अयोग्य व्यक्ति को उच्च पद पर रख देने से उनके मूल्य में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हो जाता, अपितु उससे गलत स्थान पर रखने वाले व्यक्ति की ही निन्दा होती हैं। |
| 895 | किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्माओं में बसती है। |
| 896 | किसी लक्ष्य की सिद्धि में कभी शत्रु का साथ न करें। |
| 897 | किसी विचार का मूल्य केवल उसके उपयोग में निहित है। |
| 898 | किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। |
| 899 | किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है। |
| 900 | किसी व्यक्ति के दिल और दिमाग को समझने के लिए यह न देखिए की वह क्या हासिल कर चूका है। इस बात की तरफ ध्यान दीजिए की वह क्या हासिल करने की ख्वाहिश रख रहा है। |
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