2201 | बन्दूक या बम की तुलना में आइडिया सबसे ज्यादा ताकतवर है। अगर हम चाहते है कि हमारे दुश्मन के पास बन्दूक या हथियार न हो तो हमे यह क्यों चाहते है कि उनके पास अच्छा आइडिया हो। |
2202 | बर्तन में रखा पानी चमकता है; समुद्र का पानी अस्पष्ट होता है. लघु सत्य स्पष्ठ शब्दों से बताया जा सकता है, महान सत्य मौन रहता है। |
2203 | बर्बाद करना(waste), नुकसान(loss) से भी बदतर है, नुकसान मतलब आपने प्रयास तो किया समय आने पर जब व्यक्ति अपनी क्षमता का दावा रखेगा, तो समय उससे बर्बादी(waste) करने के सवाल रखेगा, बचत की गुंजाइश असीम है। |
2204 | बल प्रयोग के स्थान पर क्षमा करना अधिक प्रशंसनीय होता है। |
2205 | बलवान से युद्ध करना हाथियों से पैदल सेना को लड़ाने के समान है। |
2206 | बस वही जीते हैं ,जो दूसरों के लिए जीते हैं। |
2207 | बस इसलिए कि कोई वस्तु वो काम नहीं करती, जिस काम के लिए आपने उसे बनाया था, इसका ये मतलब कतई नहीं कि वो बेकार है। |
2208 | बहुत आगे देखना गलत है। एक बार में नियति की श्रृंखला की एक कड़ी से ही निपटा जा सकता है। |
2209 | बहुत ज्यादा पैदल चलना मनुष्यों को बुढ़ापा ला देता है, घोड़ो को एक ही स्थान पर बांधे रखना और स्त्रियों के साथ पुरुष का समागम न होना और वस्त्रों को लगातार धुप में डाले रखने से बुढ़ापा आ जाता है। |
2210 | बहुत बार लोग अलग-अलग परिस्थितियों में फंस जाते है और उनके पास कोई जवाब नहीं होता है। |
2211 | बहुत बार लोगों को लगता है की दुनिया में कई चीज़ें चल रही है या कुछ ऐसा हो रहा है जो उनकी समझ से बाहर है। |
2212 | बहुत बड़ा कनेर का वृक्ष भी मूसली बनाने के काम नहीं आता। |
2213 | बहुत बड़ी आयु वाले मूर्ख पुत्र की अपेक्षा पैदा होते ही जो मर गया, वह अच्छा है क्योंकि मरा हुआ पुत्र कुछ देर के लिए ही कष्ट देता है, परन्तु मूर्ख पुत्र जीवनभर जलाता है। |
2214 | बहुत भोजन करने की शक्ति रखने पर भी थोड़े भोजन से ही संतुष्ट हो जाए, अच्छी नींद सोए, परन्तु जरा-से खटके पर ही जाग जाए, अपने रक्षक से प्रेम करे और शूरता दिखाए, इन छः गुणों को कुत्ते से सीखना चाहिए। |
2215 | बहुत मुश्किल हैं मैं नहीं कर पाऊंगा इसे- Leave this attitude |
2216 | बहुत समय से पानी से भरे हुए तालाब को सड़ांध, दुर्गन्ध और कीचड से बचाने के लिए आवश्यक हैं कि उसके पानी को बदला जाए इसी प्रकार बहुत यत्न से जोड़े हुए धन को भी दान देने से ही बचाया जा सकता हैं। |
2217 | बहुत सारे लोग आपके साथ शानदार गाड़ियों में घूमना चाहते हैं, पर आप चाहते हैं की कोई ऐसा हो जो गाड़ी खराब हो जाने पर आपके साथ बस में जाने को तैयार रहे. |
2218 | बहुत से गुणों को एक ही दोष ग्रस लेता है। |
2219 | बहुत-सी स्त्रियाँ पुरुषों के मन को मोह लेती हैं। परंतु बिरली ही स्त्रियाँ हैं जो अपने वश में रख सकती हैं। |
2220 | बहुमत का विरोध करने वाले एक व्यक्ति का अनुगमन नहीं करना चाहिए। |
2221 | बादल के जल के समान दूसरा जल नहीं है, आत्मबल के समान दूसरा बल नहीं है, अपनी आँखों के समान दूसरा प्रकाश नहीं है और अन्न के समान दूसरा प्रिय पदार्थ नहीं है। |
2222 | बादलो से बरसते हुए जल के समान कोई दूसरा स्वच्छ पानी नहीं होता, आत्मबल के समान कोई दूसरा बल नहीं होता, आँखों की ज्योति के समान कोई दूसरा उत्कृष्ट प्रकाश नहीं होता तथा अन्न के समान कोई दूसरा कोई भोज्य पदार्थ रुचिकर नहीं हो सकता। |
2223 | बार बार असफल होने पर भी उत्साह न खोने में ही सफलता है। |
2224 | बार-बार अभ्यास न करने से विध्या विष बन जाती है। बिना पचा भोजन विष बन जाता है, दरिद्र के लिए स्वजनों की सभा या साथ और वृद्धो के लिए युवा स्त्री विष के समान होती है। |
2225 | बारात मे दुल्हे सबसे पीछे और दुनिया आगे चलती है, मय्यत मे जनाजा आगे और दुनिया पीछे चलती है.. यानि दुनिया खुशी मे आगे और दुख मे पीछे हो जाती है..! |
2226 | बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है। समस्याए कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है। |
2227 | बावड़ी, कूप तलब बैग और देव मंदिरों को तोड़ने –फोड़ने में संकोच न करने वाला ब्राह्मण अपने निक्रस्त कर्मो के कारण म्लेच्छ कहलाता हैं। |
2228 | बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है। |
2229 | बाहरी दुनिया के बारें में ज्ञान की शुरुआत इसी से होती है कि आप जरूरी चीजों को इस्तेमाल करने का तरीका समझ ले, लेकिन इसके साथ ही खुद को समझने की प्रक्रिया रुक जाती है। |
2230 | बाहरी सुंदरता से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। यह हमेशा नहीं रहती है। |
2231 | बिंदी 1 रुपये की आती है व ललाट पर लगायी जाती है। पायल की कीमत हजारों में आती है पर पैरों में पहनी जाती है। इन्सान आदरणीय अपने कर्म से होता है, |
2232 | बिना जोखिम कुछ नहीं मिलता . और जोखिम वही उठाते हैं जो साहसी होते हैं . |
2233 | बिना अधिकार के किसी के घर में प्रवेश न करें। |
2234 | बिना उपाय के किए गए कार्य प्रयत्न करने पर भी बचाए नहीं जा सकते, नष्ट हो जाते है। |
2235 | बिना किसी स्वार्थ के काम करने वाले आदमी, वास्तव में खुद के लिए हमेशा अच्छा करता है। |
2236 | बिना कुछ करे कल्पना का कोई मतलब नहीं है। |
2237 | बिना कोई स्पष्ट सवाल पूंछे "हाँ" में जवाब मिलने को ही लुभाना कहते है। |
2238 | बिना क्रिया के ज्ञान व्यर्थ है, ज्ञानहीन मनुष्य मृतक के समान है, सेनापति के बिना सेना नष्ट हो जाती है और पति के बिना स्त्रियां पतित हो जाती है, अर्थात पति के बिना उनका जीवन व्यर्थ है। |
2239 | बिना क्षमा के कोई प्रेम नहीं है, और बिना प्रेम के कोई क्षमा नहीं है। |
2240 | बिना क्षमा के कोई भविष्य नहीं है। |
2241 | बिना जोते हुए स्थान के फल, अर्थात ईश्वर की कृपा से प्राप्त हर भोजन से संतुष्ट होने वाला, निरन्तर वन से प्रेम रखने वाला और प्रतिदिन श्राद्ध करने वाला ब्राह्मण ऋषि कहलाता है। |
2242 | बिना तराशा हुआ पत्थर महान कलाकार की हर सोच को स्वरुप दे सकता है। |
2243 | बिना दिल को शिक्षित किए दिमाग को शिक्षित करना, वास्तव में शिक्षा नहीं है। |
2244 | बिना न्याय के ज्ञान को बुद्धिमानी नहीं चालाकी कहा जाना चाहिए। |
2245 | बिना पागलपन के स्पर्श के किसी भी महान दिमाग का अस्तित्व नहीं होता है। |
2246 | बिना प्रयत्न किए धन प्राप्ति की इच्छा करना बालू में से तेल निकालने के समान है। |
2247 | बिना प्रयत्न के जहां जल उपलब्ध हो, वही कृषि करनी चाहिए। |
2248 | बिना प्रयास के कभी सफलता नहीं मिलती और सच्चा प्रयास कभी असफल नहीं होता। |
2249 | बिना प्रेम के कार्य करना दासता है। |
2250 | बिना राज्य के रहना उत्तम है, परन्तु दुष्ट राजा के रहना अच्छा नहीं है। बिना मित्र के रहना अच्छा है, किन्तु दुष्ट मित्र के साथ रहना उचित नहीं है। बिना शिष्य के रहना ठीक है, परन्तु नीच शिष्य को ग्रहण करना ठीक नहीं है। बिना स्त्री के रहना उचित है, किन्तु दुष्ट और कुल्टा स्त्री के साथ रहना उचित नहीं है। |
2251 | बिना विचार कार्ये करने वालो को भाग्यलक्ष्मी त्याग देती है। |
2252 | बिना विचार के खर्च करने वाला, अकेले रहकर झगड़ा करने वाला और सभी जगह व्याकुल रहने वाला मनुष्य शीघ्र ही नष्ट हो जाता है। |
2253 | बिना सत्य बोले तो भगवान को प्राप्त ही नहीं किया जा सकता, क्योकि सत्य ही भगवान हैं। |
2254 | बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है; बस पीड़ा की एक स्थिति है- मौत की छवि है। |
2255 | बीज के ह्रदय में प्रतीक्षा करता हुआ विश्वास जीवन में एक महान आश्चर्य का वादा करता है, जिसे वह उसी समय सिद्ध नहीं कर सकता। |
2256 | बीता हुआ कल आज की स्मृति है , और आने वाला कल आज का स्वप्न है। |
2257 | बीते हुए कल से सीखना, आज में जीना, कल के लिए आशा रखना। सबसे महत्तवपूर्ण चीज़ है, प्रशन पूंछना बंद मत करना। |
2258 | बीते हुए का शोक नहीं करना चाहिए और भविष्य में जो कुछ होने वाला है, उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। आए हुए समय को देखकर ही विद्वान लोग किसी कार्य में लगते है। |
2259 | बीते हुए वक़्त पर नियंत्रण है तो ही आने वाले समय पर नियंत्रण रहेगा। |
2260 | बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह जाती है जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और खरगोश की तरह जाता है! |
2261 | बीमारी में, विपत्तिकाल में,अकाल के समय, दुश्मनो से दुःख पाने या आक्रमण होने पर, राजदरबार में और श्मशान-भूमि में जो साथ रहता है, वही सच्चा भाई अथवा बंधु है। |
2262 | बुद्दिमान व्यक्तियों को चाहिए की वे अपने पुत्रो को चरित्र निर्माण करने वाले कार्यो में लगाएं, क्योकि नीति को समझने वाले, श्रदालु तथा शील सवभाव वाले व्यक्ति ही विश्व में पूज्य समझे जाते हैं। |
2263 | बुद्धि आश्चर्ये में शुरू होती है। |
2264 | बुद्धि कभी किसी से मिल नहीं सकती, न ही आप इसे किसी से ले सकते हैं। यह ऐसा सफर है जिस पर आपको खुद और अकेले ही चलना पड़ता है। |
2265 | बुद्धि का सही संकेत ज्ञान नहीं बल्कि कल्पनाशीलता है। |
2266 | बुद्धिजीवी व्यक्ति का दिमाग हर वक़्त खुद के दिमाग की तरफ ध्यान देता है। |
2267 | बुद्धिमता का अर्थ कोई गलती न करना नहीं है, बल्कि आप कितनी जल्दी गलती को सुधारते है, वह बुद्धिमता है। |
2268 | बुद्धिमान पुरूष को बगुले से एक गुण सीखना चाहिए कि अपनी सारी इन्द्रियो( चितवृतियो) को नियन्त्रण मे करके तथा स्थान , समय और अपनी शक्ति का अनुमान लगाकर कार्यसिद्धि मे जुट जाना चाहिए ।अर्थात एकाग्रता स्थान की उपयुक्तता, समय की अनुकलता तथा अपनी सामर्थ्य के नापतोल किए बिना कार्यसिद्धि संदिग्ध है।इन्द्रियाणी च संयम्य बकवत् पण्डितो नरः। देशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत् ।। |
2269 | बुद्धिमान आदमी बोलता है क्योंकि उसके पास कहने के लिए कुछ होता है जबकि मुर्ख आदमी बोलता है क्योंकि उसे कुछ कहना होता है। |
2270 | बुद्धिमान का उद्देश्य ख़ुशी को सुरक्षित रखना नहीं होता है बल्कि दुःख को दूर रखना होता है। |
2271 | बुद्धिमान पुरुष अपने दिन का प्रातःकाल महाभारत के, मध्यान्ह काल रामायण के और रात्रि का समय श्रीमदभागवत पुराण के अध्ययन-श्रवण से सार्थक करते हैं। |
2272 | बुद्धिमान पुरुष को चाहिए की वह खाने-पीने की चिंता न करके एकमात्र धर्म के अनुष्ठान में ही प्रवर्त रहे, क्योंकि आहार तो मनुष्य के जन्म के साथ उत्पन्न होता हैं अथार्थ जो उसके भाग्य में हैं वह तो उसे मिलना ही हैं अत: |
2273 | बुद्धिमान पुरुष को भोजन की चिंता नहीं करनी चाहिए। उसे केवल एक धर्म का ही चिंतन-मनन करना चाहिए। वास्तव में मनुष्य का आहार (माँ का दूध)तो उसके जन्म के साथ-साथ ही पैदा होता है। |
2274 | बुद्धिमान पुरुष धन के नाश को, मन के संताप को, गृहिणी के दोषो को, किसी धूर्त ठग के द्वारा ठगे जाने को और अपमान को किसी से नहीं कहते। |
2275 | बुद्धिमान लोग बोलते हैं क्योंकि की उनके पास कुछ कहने को होता है, जबकि बेवकूफ इसलिए क्योंकि उन्हें कुछ कहना होता है। |
2276 | बुद्धिमान लोगो का कर्तव्य होता है की वे अपनी संतान को अच्छे कार्य-व्यापार में लगाएं क्योंकि नीति के जानकार व सद्व्यवहार वाले व्यक्ति ही कुल में सम्मानित होते है। |
2277 | बुद्धिमान वही है जो अति सिद्ध दवा को, धर्म के रहस्य को, घर के दोष को, मैथुन अर्थात सम्भोग की बात को, स्वादहीन भोजन को और अतिकष्टकारी मृत्यु को किसी को न बताए। भाव यह है कि कुछ बातें ऐसी होती है, जिन्हे समाज में छिपाकर ही रखना चाहिए। |
2278 | बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करे। |
2279 | बुद्धिमान व्यक्ति को कुलीन घर की कन्या से ही विवाह करना चाहिए, उसे सोंदर्य के पीछे नहीं भागना चाहिए कुलीन घर की कन्या का रूप भले ही सामान्य हो, परन्तु व्यक्ति को अपना सम्बन्ध कुलीन घराने की कन्या से ही करना चाहिए इसके विपरीत नीच कुल की सुन्दर कन्या से केवल उसका रूप देखकर सम्बन्ध स्थापित करना उचित नहीं |
2280 | बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी पुत्री का विवाह अच्छे परिवार में करे उसको चाहिए कि वह अपनी संतान को अच्छी शिक्षा दे तथा उसे खूब पढाये-लिखाये चाणक्य ने यहाँ गूढ़नीति की बात कही है, कि व्यक्ति को चाहिए कि वह शत्रु को कोई ऐसी लत लगा दे जिससे उसका पिंड छुटना मुश्किल हो जाए इसी प्रकार यह भी प्रयत्न करना चाहिए कि उसका मित्र धर्माचरण करता रहे और धर्माचरण में आने वाले कष्ट भी उसे धर्य से विमुख न होने दे। |
2281 | बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए की बार-बार यह सोचता रहे कि हमारे मित्र कितने हैं, हमारा समय कैसा हैं-अच्छा हैं या बुरा और यदि बुरा हैं तो उसे अच्छा कैसे बनाया जाए, हमारा निवास स्थान कैसा हैं, हमारी आय कितनी हैं और व्यय कितना हैं, मैं कौन हूं आत्मा हूं अथवा शरीर, स्वाधीन हूं अथवा पराधीन तथा मेरी शक्ति कितनी हैं। |
2282 | बुद्धिमान व्यक्ति को तब तक ही भय से डरना या घबराना चाहिए, जब तक भय उसके सामने नहीं आ जाता, जब एक बार भय अथवा या कष्ट आ ही जाए तो उसका डट कर मुकाबला करना चाहिए भय के सामने आ जाने पर शंकित होना अथवा घबराना समझदारी का काम नहीं। |
2283 | बुद्धिमान व्यक्ति को बार-बार यह सोचना चाहिए कि हमारे मित्र कितने है, हमारा समय कैसा है-अच्छा है या बुरा और यदि बुरा है तो उसे अच्छा कैसे बनाया जाए। हमारा निवास-स्थान कैसा है (सुखद,अनुकूल अथवा विपरीत), हमारी आय कितनी है और व्यय कितना है, मै कौन हूं- आत्मा हूं, अथवा शरीर, स्वाधीन हूं अथवा पराधीन तथा मेरी शक्ति कितनी है। |
2284 | बुद्धिमान व्यक्ति को मुर्ख, मित्र, गुरु और अपने प्रियजनों से विवाद नहीं करना चाहिए। |
2285 | बुद्धिमान व्यक्ति को मुर्ग से निम्नोक्त चार गुण सीखने चाहिए - 1 ) ठीक समय पर जागना ( 2) शत्रु से युद्ध के लिए सदा तैयार रहना । 3. अपने परिवार के लोगो मे बाँट कर खाना , (4) आक्रामक मुद्रा मे प्रेयसी का भोग करना ।प्रत्युत्थानं च युद्धं च संविभागं च बन्धुषु।स्वयमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्वत्वारि कुक्कुटात् ।। |
2286 | बुद्धिमान व्यक्ति वही हैं जिसमें कुछ सहन-शक्ति हो, वह अपने धन के नष्ट होने से प्राप्त दुःख, दुश्चरित्र पत्नी अथवा किसी व्यक्ति द्वारा ठगे जाने और नीच शब्दों का प्रयोग किए जाने से हुए दुःख को किसी पर प्रकट नहीं करता। |
2287 | बुद्धिमानी से जीने वाले को मौत से भी डर नही लगता है। |
2288 | बुद्धिमानों के शत्रु नहीं होते। |
2289 | बुद्धिहीन ब्राह्मण वैसे तो चारों वेदो और अनेक शास्त्रों का अध्ययन करते है, पर आत्मज्ञान को वे नहीं समझ पाते या उसे समझने का प्रयास ही नहीं करते। ऐसे ब्राह्मण उस कलछी की तरह होते है, जो तमाम व्यंजनों में तो चलती है, पर रसोई के रस को नहीं जानती। |
2290 | बुद्धिहीन व्यक्ति को अच्छे कुल में जन्म लेने वाली कुरूप कन्या से भी विवाह कर लेना चाहिए, परन्तु अच्छे रूप वाली नीच कुल की कन्या से विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि विवाह संबंध समान कुल में ही श्रेष्ठ होता है। |
2291 | बुद्धिहीन व्यक्ति पिशाच अर्थात दुष्ट के सिवाय कुछ नहीं है। |
2292 | बुरा आचरण अर्थात दुराचारी के साथ रहने से, पाप दॄष्टि रखने वाले का साथ करने से तथा अशुद्ध स्थान पर रहने वाले से मित्रता करने वाला शीघ्र नष्ट हो जाता है। |
2293 | बुराई अवश्य रहना चाहिए जभी जो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है। |
2294 | बुराई कभी भी किसी की भी मत करो। क्योकिँ बुराई नाव मे छेद समान है।। बुराई छोटी हो बडी नाव तोह डुबो ही देती है..! |
2295 | बुरी संगत में रहने से अच्छा अकेले रहना है . |
2296 | बुरे ग्राम का वास, झगड़ालू स्त्री, नीच कुल की सेवा, बुरा भोजन, मूर्ख लड़का, विधवा कन्या, ये छः बिना अग्नि के भी शरीर को जला देते है। |
2297 | बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे-अच्छे दोस्त परखे जाते है। |
2298 | बुरे वक़्त की अपनी एहमियत है, ये ऐसे अवसर होते है जिन्हे कोई भी अच्छा शिक्षार्थी कभी नहीं खोना चाहेगा। |
2299 | बुरे व्यक्ति और सांप में मुकाबला किया जाये या दोनों में से किसी एक को चुनना पड़े तो सांप को चुनना चाहिए। |
2300 | बुरे व्यक्ति पर क्रोध करने से पूर्व अपने आप पर ही क्रोध करना चाहिए। |
Tuesday, March 29, 2016
#2201-2300
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