301 | आत्मसम्मान के हनन से विकास का विनाश हो जाता है। |
302 | आत्मस्तुति अर्थात अपनी प्रशंसा अपने ही मुख से नहीं करनी चाहिए। |
303 | आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है। |
304 | आत्मा और शरीर दो भिन्न चीज हैं। जब व्यक्ति को यह ज्ञान होता हैं तो वह इस संसार से अपने को पृथक् समझने लगता हैं परमतत्व ज्ञान प्राप्त कर लेने पर जब मनुष्य का देहाभिमान नष्ट हो जाता हैं अथार्त वह अपने को शरीर न मानकर उससे भिन्न मानने लगता हैं तब वह उस स्थति में उसका मन जहाँ कहीं भी जाता हैं, वही उसे समाधि की अनुभूति होती हैं। अथार्त वह जाग्रत अवस्था में ही समाधि की स्थति में आ जाता हैं। |
305 | आत्मा कभी भी मानसिक चित्र के बिना नहीं सोचती है। |
306 | आत्मा जो चाहती है वो पा लेती है। |
307 | आत्मानुशासन आपके इरादों और विचारों पर विजय पाने से शुरू होती है। आप जो सोचते है अगर उसे नियंत्रित नहीं करते है, तो आप जो करते है उसे भी नियंत्रित नहीं कर सकेंगे। साधारणतः आत्मानुशासन आपको पहले सोचने और फिर आगे बढ़ने के योग्य बनाती है। |
308 | आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फ़लां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो। |
309 | आदमी अपनी अच्छाइयों से ज्यादा अपनी बुराइयों द्वारा आसानी से शासित होता है। |
310 | आदमी एक मात्र प्राणी है जो कभी उस तरह से नहीं रहना चाहता जैसा वह है। |
311 | आदमी एक लक्ष्यों की मांग करने वाला प्राणी है उसकी ज़िन्दगी का तभी अर्थ है जब वो अपने लक्ष्यों के लिए प्रयास करता रहे और उन्हें प्राप्त करता रहे। |
312 | आदमी की पहचान इससे होती है कि वो पॉवर के साथ क्या करता है। |
313 | आदमी प्रायः सच से टकराकर लड़खड़ा जाता है पर ज्यादातर लोग खुद को संभालकर आगे बढ़ जाते है। ऐसे जैसे की कुछ हुआ ही नहीं। |
314 | आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी और उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता। |
315 | आनंद तभी मिलता आनंद कि तालाश नही कर रहे होते है। |
316 | आप बंद मुट्ठी से हाथ नहीं मिला सकते . |
317 | आप अच्छे leader बनना चाहते हैं, ये भी चाहते हैं, कि लोग आपकी बात सुने तो जयादा बातचीत न करें चुप्पी को हथियार बनायें। |
318 | आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका फ्यूचर बदल देगी। |
319 | आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका भविष्य बदल देगी। |
320 | आप अपने रहस्य यदि पवन पर खोल देते हैं तो वृक्षों में बात फैल जाने का दोष पवन पर मत मढ़ें। |
321 | आप अपने लक्ष्य के अनुरूप व्यवहार करें, फिर ईश्वर आपकी सहायता के लिए खुद जमीन पर उतर आएंगे, आपको अपने आप से एक वादा करना होगा कि आप कभी भी अपने लक्ष्य को नहीं भूलेंगे और उसी दिशा में हमेशा प्रयास करते रहेंगे। |
322 | आप अपने लक्ष्य तक कभी नहीं पहुच पाओगें यदि आप हर भौकने वाले कुते को पत्थर मारोगे, बेहतर तो यह हैं कि इनको बिस्कुट दो और आगे बढ़ो। |
323 | आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है। |
324 | आप आज जो करेंगे वह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें आप अपने जीवन का एक दिन लगा रहे हैं। |
325 | आप उन्हीं चीज़ों की तरफ आकर्षित होते हैं जो आपको समझ में नहीं आती। |
326 | आप एक युद्ध नेतृत्व नहीं कर सकते यदि आप सोचते है की आप घोड़े पर बैठे हुए मुर्ख दिख रहे है। |
327 | आप कभी भी एक इन्द्रधनुष नहीं ढूंढ पाएंगे यदि आप नीचे देख रहे है। |
328 | आप का नग्न शरीर केवल उन लोगो से सम्बंधित होना चाहिए जो आपकी नग्न आत्मा से प्यार करते है। |
329 | आप किसका अर्थ जानना चाहते हैं ? ज़िन्दगी इच्छा है, अर्थ नहीं। |
330 | आप किसी चीज़ या व्यक्ति को खुल कर प्यार नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है की आपने अब तक खुलकर प्यार नहीं किया। |
331 | आप किसी व्यक्ति के बारे में एक साल के वार्तालाप की बजाये एक घंटे के खेल में अधिक जान सकते हैं। |
332 | आप किसी व्यक्ति से जिस भाषा को वह समझता हो उसमें बात करें तो बात उसकी समझ में आती है। लेकिन आप अगर उससे उसकी मातृभाषा में बात करें तो वह उसके दिल में जाती है। |
333 | आप किसी से प्यार करते है तो हर हाल मेंकरें। जब देने को कुछ न हो, तब भी प्यार तो दे ही सकते है। |
334 | आप कौन है? क्या यह सत्य जानते हैं आप। इसो जानने के लिए पूछिए मत, सिर्फ एक्शन लीजिए। क्योंकि आपके कार्य से ही आपके बारे में पता चलता है। |
335 | आप क्या कुछ जानते हैं इस बात से किसी व्यक्ति को फर्क नहीं पड़ता, फर्क इससे पड़ता है कि आप क्या कर सकते हैं या अभी क्या कर रहे हैं। |
336 | आप खुद को 10 फीसदी जान लेते है तो जीवन जीने का क्या मतलब रह जाता है। |
337 | आप ग्राहक से पूंछकर उसकी पसंद के उत्पाद नहीं बना सकते क्योंकि जब तक आप वो बनाएंगे वो कुछ नया चाहने लगेंगे। |
338 | आप चाहते है कि आने वाला कल, बीते हुए कल से अलग हो तो अतीत को पढ़ाना शुरू कीजिये। |
339 | आप चाहते है की दूसरे लोग आपके बारे में अच्छा सोचे तो आप खुद के बारे में अच्छा बोलना बिलकुल छोड़ दीजिए। |
340 | आप चाहे कितने भी अच्छे काम करो या कितने भी इमानदार बनो.,.. पर दुनिया तो आपकी एक गलती का इन्तजार कर रही है। |
341 | आप जहां भी जाएं, तीन प्रतीक हैं, जिन्हे हर कोई जानता है: यीशु मसीह, पेले और कोका कोला। |
342 | आप जिन चीजो की चिंता करते है, उनमे मास्टरी प्राप्त करते है। |
343 | आप जिस धर्म का अनुसरण करते है उसमें पूरी तरह उतर जाए। इसका मतलब यह नहीं है की बाकी धर्मों की तरफ सम्मान से न देखें। हर धर्म के प्रति सम्मान का भाव रखिए। |
344 | आप जो कुछ भी देखते हैं उसका संग्रह हूँ मैं. |
345 | आप जो पढ़ते हैं उससे परिवर्तित हो जायेंगे. |
346 | आप जो हैं वो ही आपके काम में दिखाई देगा। |
347 | आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते। |
348 | आप दिन में 24 घंटे भी कुछ नया सीख रहे हैं तो भी दिमाग को थकान नहीं होगी। |
349 | आप दुनिया में प्रेम फ़ैलाने के लिए क्या कर सकते हैं ? घर जाइये और अपने परिवार से प्रेम कीजिये ! |
350 | आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है। |
351 | आप पर्यावरण के बारे में नहीं सोच रहे है तो इसका मतलब है की आप खुद को सुंदरता से दूर रखना पसंद करते है। |
352 | आप पाएंगे, भगवान भी मेहनती लोगों की ही मदद करता है। यह नियम बिलकुल स्पष्ट है। |
353 | आप बिना प्यार के और आधे-अधूरे मन से काम कर रहे हैं तो बेहतर है की आप उस काम को करना छोड़ दें। |
354 | आप भी इस बात को जानते हैं की टीम का नेतृत्व पीछे से ही किया जा सकता है। |
355 | आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता। |
356 | आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते। |
357 | आप लगातार कोशिश करते जा रहें हैं। |
358 | आप वही बनते है जिसके बारे में आप पूरा दिन सोचते है। |
359 | आप वही बने रहें जो आप हैं और वही कहें जैसा आप महसूस करते हैं, ... क्योंकि ... जिन्हें बुरा लगता है उनकी कोई अहमियत नहीं और जिनकी अहमियत है वे बुरा नहीं मानते... |
360 | आप वो है जो आप रह चुके है, आप वो होंगे जो आप करेंगे। |
361 | आप शादीशुदा हैं, अपना कॅरिअर बना रही हैं तो अकसर लोग पूछेंगे कि घर और काम को कैसे बैलेंस करती हैं। आपका जवाब सिर्फ इतना-सा होना चाहिए कि यह बिल्कुल आसान नहीं है। |
362 | आप सारे लोगो को कुछ देर धोखा दे सकते है। या कुछ लोगो को हमेशा धोखे में रख सकते है। पर आप सभी लोगो को हमेशा धोखे में नहीं रख सकते। |
363 | आप स्वयं के अलावा कोई भी इंसान आपकी जिंदगी में ख़ुशी नहीं ला सकता है। |
364 | आप हर मिनट गुस्से में होते है तो आप जिंदगी के 60 सेकंड ख़ुशी के खो देते है। |
365 | आप ही खुद के साथ तुलना कर सकते हैं, कोई दूसरा नहीं। |
366 | आपका इन्तजार किसी पर्वत की ऊँचाई को कम नहीं कर देगा |
367 | आपका दिल ज्वालामुखी की तरह है। उसमे गुस्सा भरा है आप अपने हाथों में फूलों के खिलने की उम्मीद भी कैसे कर सकते है। |
368 | आपका दोस्त आपकी ज़रूरतों का जवाब है। |
369 | आपका बड़ा अवसर शायद वहीँ हो जहाँ अभी आप हैं। |
370 | आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये। बेकार की सोच में मत फंसिए,अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए। औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने इन्ट्यूशन को मत डूबने दीजिए। वे पहले से ही जानते हैं की तुम सच में क्या बनना चाहते हो। बाकि सब गौण है। |
371 | आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच, आसक्ति और नफरत। |
372 | आपकी कड़ी मेहनत बेकार नहीं जाती है। |
373 | आपकी कीमत इसमें है कि आप क्या हैं, इसमें बिल्कुल नहीं कि आपके पास क्या है। |
374 | आपकी जिस काम में पहले से महारत है और उससे आगे बढ़कर अगर आपने कुछ अलग प्रयास नहीं किए तो आप कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। |
375 | आपकी बुद्धि ही आपकी गुरु है। |
376 | आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं,आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं,आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं,आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है। |
377 | आपकी मूर्ती का टूट कर धूल में मिल जाना इस बात को साबित करता है कि इश्वर की धूल आपकी मूर्ती से महान है। |
378 | आपकी योग्यता और लक्ष्यों पर संदेह करने वालो लोगो से परहेज रखें आपको जीवन में क्या और कैसे हासिल करना हैं, इसकी बिन मांगे सलाह देने वाले अच्छे दोस्त नहीं हो सकते। |
379 | आपकी सारी कोशिशे, सभी प्रयास आपके मकसद के लिए ही होने चाहिए दुसरे भ्रमित करे ऐसे हालत न बनने दे। |
380 | आपके सबसे असंतुष्ट कस्टमर आपके सीखने का सबसे बड़ा श्रोत हैं . |
381 | आपके अस्तित्व में आने से पहले आपके माता-पिता इतने उबाऊ नहीं थे। वे आपके बिल भर-भर कर, आपके कपडे धो-धो कर और आपकी बातें सुन कर ऐसे हो चुके हैं। इसलिए बेहतर हैं कि अपने आपको ठीक करें। |
382 | आपके ऊपर तब तक कोई सवार नहीं हो सकता जब तक की आपकी कमर झुकी नहीं हो, इसीलिए अपनी कमर सीधी करे और लक्ष्य के किए काम में जुट जाए। |
383 | आपके जीवन में आज़ादी नहीं है तो आप उस शरीर की तरह है जिसमें से आत्मा गायब है। |
384 | आपके दिमाग में हर बात बिलकुल साफ़ और स्पष्ट है तो इसका मतलब हुआ की आप अपने जूनून को लेकर बिलकुल स्पष्ट हैं। इसलिए साफ़ दिल वाला व्यक्ति ही प्यार करने का हुनर रखता हैं। |
385 | आपके पास अच्छी किताबें है तो आप किसी यूनिवर्सिटी से कम नहीं है। |
386 | आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती। |
387 | आपके पास जो कुछ है उसको आपके पास जो नहीं है उसकी इच्छा करके नष्ट मत करो; याद रखो की आज आपके पास जो है वो भी कभी उन चीज़ों में शुमार था जिसकी आपको इच्छा थी। |
388 | आपके पास जो कुछ है, उसका मजा उठाए। उसके स्वाद को ये कहकर खराब न करे कि आपके पास क्या नहीं है। |
389 | आपके पास ज्ञान है तो आप इस दुनिया में भगवान का एक रूप हैं। |
390 | आपके पीछे क्या है, आपके आगे क्या है। इसके कोई मायने नहीं है। महत्वपूर्ण यह है की आपके अंदर क्या है। |
391 | आपके शत्रु है?अच्छी बात है इसका मतलब है आप जीवन मै किसी मूल्य के लिये कभी न कभी दृढ़ता से खड़े हुए है। |
392 | आपके सबसे असंतुष्ट ग्राहक आपके सीखने का सबसे बड़ा स्त्रोत हैं। |
393 | आपके सम्मान की चिंता दुनिया नहीं करती हैं। दुनिया यह अपेक्षा करती हैं कि आप खुद के बारें में अच्छा महसूस करें, इससे पहले आप कोई काम पूरा कर लें। |
394 | आपको अपने अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना पड़ेगा। कोई भी आपको यह नहीं सीखा सकता, और न ही कोई आपको आध्यात्मिक बन सकता है। आपकी अपनी अंतरात्मा के अलावा आपका कोई शिक्षक नही है। |
395 | आपको अपने किसी भी दुशमन से ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़नी चाहिए, अन्यथा आप उसे अपना पूरा युद्ध कौशल सीखा देंगे। |
396 | आपको कमाने के लिए कुछ का कुछ calculated risk तो लेना ही पड़ेगा। |
397 | आपको किसी चीज़ के प्रति तड़प है तो ही उसे पूरी करने के लिए कदम बढ़ाएंगे। |
398 | आपको गेम के नियम सीखने चाहिए। और तब आप किसी भी खिलाडी से अच्छा खेलेंगे। |
399 | आपको पता है की आप कुछ गलत बोलने जा रहे हैं तो भी दो बार सोचिये जरूर। इससे आपको मालूम चलेगा की आपकी बात का कितना गहरा प्रभाव पड़ सकता है। |
400 | आपको पैसे का प्रबंधन करना चाहिए। विशेष रूप से बाजार की अर्थव्यवस्थाओं के साथ। हो सकता है कि आपके पास बहुत अच्छे उत्पाद(Products) हों लेकिन अगर आपकी नींव कमजोर है तो आप फेल हो जायेंगे। |
Saturday, January 9, 2016
#301-400
Friday, January 8, 2016
201-300
201 | अपने मद से अंधा हुआ हाथी यदि अपनी मंदबुद्धि के कारण, अपने मस्तक पर बहते मद को पीने के इच्छुक भौरों को, अपने कानों को फड़फड़ाकर भगा देता है तो इसमें भौरों की क्या हानि हुई है? अर्थात कोई हानि नहीं हुई। वहां से हटकर वे खिले हुए कमलों का सहारा ले लेते है और उन्हें वहां पराग रस भी प्राप्त हो जाता है, परन्तु भौरों के न रहने से हाथी के मस्तक की शोभा नष्ट हो जाती है। |
202 | अपने मित्रों को सावधानी से चुने। हमारे व्यक्तित्व की झलक न सिर्फ हमारी संगत से झलकती है बल्कि, जिन संगतों से हम दूर रहते है उनसे भी झलकती है। |
203 | अपने मिशन में सफल होने के लिए तुम्हे अपने लक्ष्य की तरफ एकाग्रचित्त होकर कार्य करना चाहिए। |
204 | अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें। दूसरों पर निर्भर ना रहे। |
205 | अपने लक्ष्य (Goal) पर ध्यान दें। |
206 | अपने वचन को निभाने का सबसे अच्छा तरीका है कि वचन ही ना दें। लेकिन वह काम कर दीजिये। |
207 | अपने विचारों की ऊंचाई आकाश जितनी रखिए, लेकिन छवि जमीन पर ही दिखती है। इसलिए अपने क़दमों को ज़मीन पर टिका कर रखिए। |
208 | अपने विचारों में इमानदार रहें। समझदार बने, अपने विचारों के अनुसार कार्य करें, आप निश्चित रूप से सफल होंगे। एक ईमानदार और सरल हृदय के साथ प्रार्थना करो, और आपकी प्रार्थना सुनी जाएगी। |
209 | अपने व्यवसाय में सफल नीच व्यक्ति को भी साझीदार नहीं बनाना चाहिए। |
210 | अपने संतान के प्रति पिता का कर्तव्य है कि अपने बच्चे को पांच वर्ष की आयु तक लाड-प्यार से रखे छः से पन्द्रह वर्ष तक उसकी ताड़ना करे, क्योकि यही उम्र पढने –लिखने की, सीखने और चरित्र निर्माण की तथा अच्छी प्रवर्ती को अपनाने की होती हैं बच्चे के सोलवे वर्ष में आते ही पिता मित्र जैसा व्यवहार करे उसे अच्छे बुरे की पहचान करायें इस अवस्था में आने पर पिता को चाहिए कि वह पुत्र को मित्र की भातिं केवल परामर्श दे, उससे झगड़ा आदि न करे और न ही उस पर हाथ उठाये। |
211 | अपने सुख-दुःख अनुभव करने से बहुत पहले हम स्वयं उन्हें चुनते हैं। |
212 | अपने से अधिक शक्तिशाली और समान बल वाले से शत्रुता न करे। |
213 | अपने से शक्तिशाली शत्रु को विनयपूर्वक उसके अनुसार चलकर, दुर्बल शत्रु पर अपना प्रभाव डालकर और समान बल वाले शत्रु को अपनी शक्ति से या फिर विनम्रता से, जैसा अवसर हो उसी के अनुसार व्यवहार करके अपने वश में करना चाहिए। |
214 | अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना। |
215 | अपने स्थान पर बने रहने से ही मनुष्य पूजा जाता है। |
216 | अपने स्वामी के स्वभाव को जानकार ही आश्रित कर्मचारी कार्य करते है। |
217 | अपने हाथों से गुंथी हुई माला, अपने हाथो से घिसा हुआ चंदन और अपने हाथ से लिखा स्त्रोत, इन सबको अपने ही कार्य में लगाने से, देवताओं के राजा इंद्र की श्रीलक्ष्मी (धन-सम्पत्ति-ऐश्वर्य) भी नष्ट हो जाती है। |
218 | अपने हुनर को विकसित करे। हर मनुष्य के अन्दर कोई न कोई हुनर छिपा होता हैं लेकिन जरुरत होती हैं उसे विकसित करने की। इसलिए उस हुनर को खोजें और उसे पूरा करने का संकल्प लें। |
219 | अपने होसले को ये मत बताओ की तुम्हारी तकलीफ कितनी. बडी है अपनी तकलीफ को बताओ की तुम्हारा होंसला कितना बडा है। |
220 | अपमान कराकर जीने की अपेक्षा मर जाना बेहतर हैं क्योकि मरने का दुःख तो एक क्षण का होता हैं। परन्तु अपमानित होकर जीने का दुःख तो जीवनपर्यन्त पल-पल सताता हैं, सम्मानित जीवन ही जीने के योग्य होता हैं और वहीँ सत्य हैं। |
221 | अपमान कराके जीने से तो अच्छा मर जाना है क्योंकि प्राणों के त्यागने से केवल एक ही बार कष्ट होगा, पर अपमानित होकर जीवित रहने से जीवनपर्यन्त दुःख होगा। |
222 | अपराध के अनुरूप ही दंड दें। |
223 | अप्राप्त लाभ आदि राज्यतंत्र के चार आधार है। |
224 | अब मैं आज्ञा का पालन नहीं कर सकता, मैंने आज्ञा देने का स्वाद चखा है, और मैं इसे छोड़ नहीं सकता। |
225 | अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला, मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है। |
226 | अभाग्य से हमारा धन, नीचता से हमारा यश, मुसीबत से हमारा जोश, रोग से हमारा स्वास्थ्य, मृत्यु से हमारे मित्र हमसे छीने जा सकते है, किन्तु हमारे कर्म मृत्यु के बाद भी हमारा पीछा करेंगे। |
227 | अभिनेता ठुकराए जाने की तालाश करते हैं। यदि उन्हें ये नहीं मिलता तो वे खुद को ठुकरा देते हैं। |
228 | अभी ये अंत नहीं है। यहाँ तक की ये अंत की शुरआत भी नहीं है , बल्कि शायद ये शुरआत का अंत है। |
229 | अमीर की बेटी पार्लर में जितना दे आती है, उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती है.... |
230 | अमेरिका अवसर का दूसरा नाम है। |
231 | अमेरिका को कभी बाहर से नष्ट नहीं किया जा सकेगा। यदि हम लड़खड़ाते है और अपनी स्वतंत्रता खो देते है तो यह सिर्फ इसलिए होगा क्योंकि हम स्वयं अपने आप को नष्ट कर रहे है। |
232 | अर्थ कार्य का आधार है। |
233 | अर्थ, धर्म और कर्म का आधार है। |
234 | अवसर किसी काम में नहीं आप में छिपा होता है |
235 | अवसर के बिना काबिलियत कुछ भी नहीं है। |
236 | अविद्या से संसार की उत्पत्ति होती है। संसार से घिरा जीव विषयो में आसक्त रहता है। विषयासक्ति के कारण कामना और कर्म निरंतर दबाव बना रहता है। कर्म शुभ और अशुभ दो प्रकार के हो सकते है और शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के कर्मो का फल मिलता है। |
237 | अविनीत व्यक्ति को स्नेही होने पर भी अपनी मंत्रणा में नहीं रखना चाहिए। |
238 | अविनीत स्वामी के होने से तो स्वामी का न होना अच्छा है। |
239 | अविवेकी व्यक्ति अपने अज्ञान के कारण किसी सुन्दरी को अपने में ही अनुरक्त समझने का भ्रम पाल लेता हैं। वह अपनी इस मुर्खता के कारण उसके अधीन होकर मनोरंजन के लिए पाले हुए पक्षी के समान उसके संकेतों पर नाचने के लिए विवश हो जाता हैं। |
240 | अविश्वसनीय लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। |
241 | अव्यवस्थित कार्य करने वाले को न तो समाज में और न वन में सुख प्राप्त होता है क्योंकि समाज में लोग उसे भला-बुरा कहकर जलते है और निर्जन वन में अकेला होने के कारण वह दुःखी होता है। |
242 | अशुभ कार्य न चाहने वाले स्त्रियों में आसक्त नहीं होते। |
243 | अशुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए। |
244 | असंतोष ही प्रगति की पहली आवश्यकता है। |
245 | असंतोषी ब्राह्मण और संतोषी राजा (जल्दी ही) नष्ट हो जाते है। लज्जाशील वेश्या और निर्लज्ज कुलीन स्त्री नष्ट हो जाती है। |
246 | असंभव चीज़ो को हासिल करने के लिए ही हम भगवान की तरफ देखते है। |
247 | असंभव शब्द सिर्फ बेवकूफों के शब्दकोष में पाया जाता है। |
248 | असंशय की स्तिथि में विनाश से अच्छा तो संशय की स्तिथि में हुआ विनाश होता है। |
249 | असफलता कभी मुझे पछाड़ नहीं सकती, क्योंकि मेरी सफलता की परिभाषा बहुत मजबूत है। |
250 | असफलता के समय "आँसू" पौछने वाली एक उगंली... उन दस उगंलियौ से अधिक महत्वपुर्ण है जो सफलता के समय एक साथ ताली बजाती है..। |
251 | असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं. |
252 | असफलता महत्त्वहीन है। अपना मजाक बनाने के लिए हिम्मत चाहिए होती है। |
253 | असफलताओ के बावजूद , हर बार उत्साह के साथ उठ कर चलना ही सफलता है। |
254 | असली जोखिम से ही विश्वास की पहचान होती है। |
255 | असली ख़ुशी का अनुभव करने के लिए चीजो को समझना शुरू कीजिये। |
256 | असहाय पथिक बनकर मार्ग में न जाएं। |
257 | अस्थायी क्रोध को स्थायी भूल बनाने की जरूरत नहीं है। जितना जल्दी हो सके क्षमा कीजिये, आगे बढिए और कभी भी मुस्कराना और विश्वास करना मत भूलिए। |
258 | अस्थिर मन वाले की सोच स्थिर नहीं रहती। |
259 | अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये.... |
260 | अहंकार से बड़ा मनुष्य का कोई शत्रु नहीं। |
261 | अहसास इश्क ए हक़ीक़ी का सब से जुदा देखा, इन्सान ढ़ूँढें मँदिर मस्जिद मैंने हर रूह में ख़ुदा देखा.. |
262 | अहिंसा उच्चतम नैतिकता तक ले जाती है, जो कि क्रमिक विकास का लक्ष्य है। जब तक हम अन्य सभी जीवित प्राणियों को नुक्सान पहुंचाना नहीं छोड़ते, तब तक हम जंगली हैं। |
263 | अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है। |
264 | अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है। |
265 | अहिंसा, सत्य, क्रोध न करना, त्याग, शान्ति, निंदा न करना, दया लोभ का अभाव, मृदुलता लोक और सदाचार के विरुद्ध कार्य न करना, चंचलता का अभाव – ये मनुष्य के गुण हैं। |
266 | अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ो की लाज रखेंगे और उनमे प्राण फूकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है। |
267 | अहो ! आश्चर्य है कि बड़ो के स्वभाव विचित्र होते है, वे लक्ष्मी को तृण के समान समझते है और उसके प्राप्त होने पर, उसके भार से और भी अधिक नम्र हो जाते है। |
268 | आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी। |
269 | आँखों के बिना शरीर क्या है? |
270 | आंखें ही देहधारियों की नेता है। |
271 | आंखों के समान कोई ज्योति नहीं। |
272 | आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके। |
273 | आओ आने वाले कल में कुछ नया करते है बजाए इसकी चिंता करने के, की कल क्या हुआ था। |
274 | आकांक्षा , अज्ञानता , और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं। |
275 | आकाश की तरफ देखिये. हम अकेले नहीं हैं. सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है। |
276 | आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करते हैं। |
277 | आग के कारण लगने वाले घाव समय के साथ भर जाएंगें, लेकिन जो घाव शब्दों से आते है, वे कभी भरते नहीं हैं। |
278 | आग में आग नहीं डालनी चाहिए। अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए। |
279 | आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है। |
280 | आग से जलते हुए सूखे वृक्ष से सारा वन जल जाता है जैसे की एक नालायक (कुपुत्र) लड़के से कुल का नाश होता है। |
281 | आगे बढ़ी , कभी रुको मत , क्योंकि आगे बढ़ना पूर्णता है . आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत , क्योंकि वे सिर्फ गन्दा खून निकालते हैं . |
282 | आगे बढ़ने का रास्ता न ही आसान होता है और न छोटा, पर नतीजे अच्छे मिलते हैं। |
283 | आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले पीछे आइये। आप ऐसी इमारत खड़ी करना चाहते है जो इतनी ऊँची हो कि बादलों को चीर कर ऊपर जाये तो उसके लिए पहले प्यार, अपनेपन और इंसानियत की नींव बनाइये। |
284 | आज अपने देश को आवशयकता है - लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की। हम बहुत दिनों तक रो चुके, अब और रोने की आवश्यकता नहीं, अब अपने पैरों पर खड़े होओ और मनुष्य बनो। |
285 | आज का दिन मेरा दिन है। |
286 | आज को संभाल कर रखिए, इसी से आने वाला वक्त खूबसूरत बनेगा। |
287 | आज जो समस्या है, आने वाले समय में मजाक से ज्यादा कुछ नहीं होगा। |
288 | आज तक न तो किसी ने सोने का मृग बनाया हैं और न पहले से बना हुआ देखा और सुना ही हैं, फिर भी श्रीराम उसे पाने के लिए उत्सुक हो उठे और उसके पीछे भाग खड़े हुए। सच तो यह हैं की विनाश-काल आने के समय मनुष्य के सोचने की शक्ति जाती रहती हैं। |
289 | आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके. |
290 | आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है. पूरे देश को मजबूत होना होगा. |
291 | आजादी का असली मतलब वह बताने का अधिकार है जो लोग सुनना नहीं चाहते। |
292 | आजीविका की चिंता न करके धर्म-साधन की ही चिंता करनी चाहिए। |
293 | आज्ञा देने की क्षमता प्राप्त करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति को आज्ञा का पालन करना सीखना चाहिए। |
294 | आत्म-सम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है। |
295 | आत्मज्ञान सभी ज्ञानो की जननी है। |
296 | आत्मरक्षा से सबकी रक्षा होती है। |
297 | आत्मविजयी सभी प्रकार की संपत्ति एकत्र करने में समर्थ होता है। |
298 | आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है। |
299 | आत्मविश्वास(self-confidence) से भरपूर रहे। संकल्प को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरुरी हैं इसलिए अपने मन में दोहराएं “मैं अपना लिया गया संकल्प पूरा करूँगा”। |
300 | आत्मसंयम क्या है ? आंखो को दुनियावी चीज़ों कि ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना। |
Thursday, January 7, 2016
101-200
101 | अच्छी तरह देखकर पैर रखना चाहिए, कपड़े से छानकर पानी पीना चाहिए, शास्त्र से (व्याकरण से) शुद्ध करके वचन बोलना चाहिए और मन में विचार करके कार्य करना चाहिए। |
102 | अच्छी तरह से जान लीजिये आपको आपके सिवा कोई और सफलता नहीं दिला सकता। |
103 | अच्छी शुरुआत से आधा काम हो जाता है। |
104 | अच्छी संगति से दुष्टों में भी साधुता आ जाती है। उत्तम लोग दुष्ट के साथ रहने के बाद भी नीच नहीं होते। फूल की सुगंध को मिट्टी तो ग्रहण कर लेती है, पर मिट्टी की गंध को फूल ग्रहण नहीं करता। |
105 | अच्छे आदमी के साथ बुरा नहीं हो सकता, ना इस जीवन में ना मरने के बाद। |
106 | अच्छे और विनर्म शब्दों की जानकारी होने के बावजूद दूसरों के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल करना वैसा ही है जैसे पेड़ पर पके हुए फल लगे होने के बावजूद कच्चे फल खाना। |
107 | अच्छे कर्म स्वयं को शक्ति देते हैं और दूसरों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देते हैं। |
108 | अच्छे कार्य करने के लिए कभी शुभ मुहूर्त मत पूछो। |
109 | अच्छे दोस्त आपको हर परिस्थिति का सामना करना सिखाते है, वे भी पुरे साहस के साथ। |
110 | अच्छे लीडर्स और लीडर्स बनाने की चेष्ठा करते हैं, बुरे लीडर्स और फालोवार्स बनाने की चेष्ठा करते हैं। |
111 | अच्छे लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करे, लेकिन मूर्खों के बीच चुप्पी अपनाएं। |
112 | अच्छे लोगों को जिम्मेदारी से रहने के लिए कहने हेतु क़ानून की ज़रुरत नहीं पड़ती, और बुरे लोग क़ानून से बच कर काम करने का रास्ता निकाल लेते हैं। |
113 | अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है … अन्यथा हम हमारे मन को मजबूत और साफ रखने के लिए सक्षम नहीं हो पाएंगे। |
114 | अच्छे, सच्चे,ईमानदार व्यक्ति के साथ और ज्यादा अच्छे तरीके से, पूरी सच्चाई के साथ और ईमानदारी से पेश आइए। एक धोखेबाज़ व्यक्ति के साथ उससे भी ज्यादा धोखेबाज़ी करिये। |
115 | अजीब दस्तूर है ज़माने का... अच्छी यादें पेनड्राइव में. और... बुरी यादें दिल में रखते हैं...।। |
116 | अजीर्ण की स्थिति में भोजन दुःख पहुंचाता है। |
117 | अज्ञान के कारण आत्मा सीमित लगती है, लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है। |
118 | अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है. |
119 | अज्ञानता, सभी बुराइयों का मूल कारण है। |
120 | अज्ञानी आदमी एक बैल है। ज्ञान में नहीं, वह आकार में बढ़ता है। |
121 | अज्ञानी और मूढ़ पुत्र की लम्बी आयु की अपेक्षा उसका उत्पन्न होते ही मर जाना अच्छा हैं, क्योंकि जन्म लेकर मरने वाले का दुःख तो थोड़े समय के लिए होता हैं –थोड़ी देर रोने-धोने के बाद माता-पिता मन को समझा लेते हैं और सम्बन्धियों की बात मानकर अपने कार्य के लग जाते हैं, परन्तु मुर्ख पुत्र जब तक जीता हैं, तब तक सभी को कष्ट देता हैं इसलिए मुर्ख पुत्र के उत्पन्न होने से उसका न होना अच्छा। |
122 | अज्ञानी लोगों द्वारा प्रचारित बातों पर चलने से जीवन व्यर्थ हो जाता है। |
123 | अज्ञानी व्यक्ति के कार्य को बहुत अधिक महत्तव नहीं देना चाहिए। |
124 | अति आसक्ति दोष उत्पन्न करती है। |
125 | अति सुंदर होने के कारण सीता का हरण हुआ, अत्यंत अहंकार के कारण रावण मारा गया, अत्यधिक दान के कारण राजा बलि बांधा गया। अतः सभी के लिए अति ठीक नहीं है। 'अति सर्वथा वर्जयते।' अति को सदैव छोड़ देना चाहिए। |
126 | अतीत पे धयान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो। |
127 | अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो. |
128 | अत्यंत क्रोध करना, कड़वी वाणी बोलना, दरिद्रता और अपने सगे-संबन्धियों से वैर-विरोध करना, नीच पुरुषो का संग करना, छोटे कुल के व्यक्ति की नौकरी अथवा सेवा करना-----ये छः दुर्गुण ऐसे है जिनसे युक्त मनुष्य को पृथ्वीलोक में ही नरक के दुःखो का आभास हो जाता है। |
129 | अत्यंत थक जाने पर भी बोझ को ढोना, ठंडे-गर्म का विचार न करना, सदा संतोषपूर्वक विचरण करना, ये तीन बातें गधे से सीखनी चाहिए। |
130 | अत्यधिक आदर-सत्कार से शंका उत्पन्न हो जाती है। |
131 | अत्यधिक भार उठाने वाला व्यक्ति जल्दी थक जाता है। |
132 | अत्यधिक लाड़-प्यार से पुत्र और शिष्य गुणहीन हो जाते है और ताड़ना से गुनी हो जाते है। भाव यही है कि शिष्य और पुत्र को यदि ताड़ना का भय रहेगा तो वे गलत मार्ग पर नहीं जायेंगे। |
133 | अत्यन्त क्रोध करना, कड़वी वाणी बोलना, दरिद्रता और अपने सगे सम्बन्धियों से वैर-विरोध करना, नीच पुरुषो का संग करना, छोटे कुल के व्यक्ति की नौकरी अथवा सेवा करना – ये छह दुर्गुण ऐसे हैं जिनसे पृथ्वीलोक में ही नरक के दुखो का आभास हो जाता हैं। |
134 | अथार्त आदमी परदेश में जाकर धन कमाता हैं परन्तु वहां उसे अनेक कष्ट भी उठाने पड़ते हैं इसलिए व्यक्ति को चाहिए की वह अपनी आय को समय के अनुरूप ढाल लें। |
135 | अधम, नीच व छोटे व्यक्ति इस संसार में धन को ही महत्व देते हैं बीच के, मध्यम स्तर के व्यक्ति धन के साथ मान को भी महत्व देते हैं, इन दोनों के विपरीत उत्तम पुरुष धन की अपेक्षा सम्मान-प्राप्ति को ही अधिक महत्व देते हैं उनके जीवन का लक्ष्य सम्मान प्राप्त करना होता हैं और इसे ही वे सबसे बड़ा धन समझते हैं। |
136 | अधर्म बुद्धि से आत्मविनाश की सुचना मिलती है। |
137 | अधिकतर आपकी गहन इच्छाओं से ही घोर नफरत पैदा होती है। |
138 | अधिकतर मनुष्यों के पास सम्पति या ताकत अर्जित करने के साधन नहीं होते, लेकिन ज्ञान अर्जन करने की क्षमता सबके पास होती है। |
139 | अधिकतर महान लोगों ने अपनी सबसे बड़ी सफलता अपनी सबसे बड़ी विफलता के एक कदम आगे हांसिल की है। |
140 | अधिकतर लोग उतने ही खुश होते है जितना की वे होना चाहते है। |
141 | अधिकांश लोग कहते है की वो बुद्धि है जो एक महान वैज्ञानिक बनाती है। वो गलत है चरित्र ही एक महान वैज्ञानिक बनाता है। |
142 | अनकहे शब्दों के तो हम मालिक है लेकिन मुंह से फिसले शब्दों केगुलाम। |
143 | अनजानी राहो पर वीर ही आगे बड़ा करते है कायर तो परिचित राह पर ही तलवार चमकाते है। |
144 | अनुभव हमें सिखाता है कि कब्ज़ा जमाने के बाद दुश्मन को हटाने की तुलना में उसे कब्ज़ा करने से रोकना कहीं आसान है. |
145 | अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच पुल है। |
146 | अनुशासन से स्वतंत्रता आती है। |
147 | अनेक अनर्थो की जड़ होने के कारण मुर्खता बहुत कष्ट देने वाली हैं। इसी प्रकार यौवन भी कष्टकर होता हैं, परन्तु दूसरे व्यक्ति के घर में किसी विवशता के कारण रहना सर्वाधिक कष्टकर कार्य हैं। |
148 | अनेक जन्मो से किया गया दान, अध्ययन और तप का अभ्यास, अगले जन्म में भी उसी अभ्यास के कारण मनुष्य को सत्कर्मी की ओर बढाता है, अर्थात वह दूसरे जन्म में भी शास्त्रों के अध्ययन को दान देने की प्रवृति को और तपस्यारत जीवन को दुसरो के पास तक पहुंचाता है। |
149 | अनेक बातें गुप्त रखने की होती हैं बुद्दिमान व्यक्ति को निमंलिखित छ: बातें कभी किसी से नहीं कहनी चाहिए इन्हें अपने तक ही सीमित रखना चाहिए और दूसरों से यथासम्भव छिपाने की चेष्टा करनी चाहिए – |
150 | अनेक रंग और रूपों वाले पक्षी सायं काल एक वृक्ष पर आकर बैठते है और प्रातःकाल दसों दशाओं में उड़ जाते है। ऐसे ही बंधु-बांधव एक परिवार में मिलते है और बिछुड़ जाते है। इस विषय में शौक कैसा ? |
151 | अन्न और जल का दान अप्रितम दान हैं। भूखे को भोजन करा देना और प्यासे को पानी पिला देना से बाद कोई दूसरा दान नहीं हैं। द्वादशी जैसी को उत्तम तिथि नहीं हैं और गायत्री मंत्र से बड़ा कोई दूसरा मंत्र नहीं हैं। साप के दंश में विष होता है। कीड़े के मुह में विष होता है। बिच्छू के पूंछ में विष होता है। लेकिन दुष्ट व्यक्ति तो पूर्ण रूप से विष से भरा होता है। |
152 | अन्न की अपेक्षा उसके चूर्ण अथार्थ पिसे हुए आटे में दस गुना अधिक शक्ति होती हैं, दूध में आटे से भी दस गुना ज्यादा शक्ति होती हैं, मांस में दूध से भी आठ गुना ज्यादा शक्ति होती हैं और घी में मांस से भी दस गुना ज्यादा बल हैं। |
153 | अन्न की अपेक्षा उसके चूर्ण अर्थात पिसे हुए आटे में दस गुना अधिक शक्ति होती है। दूध में आटे से भी दस गुना अधिक शक्ति होती है। मांस में दूध से भी आठ गुना अधिक शक्ति होती है। और घी में मांस से भी दस गुना अधिक बल है। |
154 | अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है। |
155 | अन्न दान करने से भ्रूण हत्या (गर्भपात) के पाप से मुक्ति मिल जाती है। |
156 | अन्नदान व जलदान से बड़ा कोई अन्य दान नहीं, द्वादशी तिथि के समान कोई अन्य तिथि नहीं, गायत्री मंत्र के समान कोई अन्य मंत्र नहीं और माता के समान कोई दूसरा देवता नहीं। |
157 | अन्नहीन यज्ञ राजा को, मंत्रहीन यज्ञ करने वाले ऋत्विजों को और दानहीन यज्ञ यजमान को जलाता है। यज्ञ के बराबर कोई शत्रु नहीं है। |
158 | अन्याय से उपार्जित किया गया धन दस वर्ष तक रहता है। ग्यारहवें वर्ष के आते ही जड़ से नष्ट हो जाता है। |
159 | अन्याय,धूर्तता अथवा बेईमानी से जोड़ा-कमाया धन अधिक से अधिक दस वर्षो तक रहता हैं। ग्यारवे वर्ष में वह बढ़ा हुआ धन मूल के साथ ही नष्ट हो जाता हैं। |
160 | अपच में, भोजन पच जाने पर तथा भोजन के बीच तो जल का सेवन लाभप्रद हैं, परन्तु भोजन समाप्त करते ही अधिक जल पीना हानिकारक हैं अत: ऐसा नहीं करना चाहिए। |
161 | अपच होने पर पानी दवा है, पचने पर बल देने वाला है, भोजन के समय थोड़ा-थोड़ा जल अमृत के समान है और भोजन के अंत में जहर के समान फल देता है। |
162 | अपना एक विज़न रखो। ये अदृश्य को देखने की एक आवश्यक योग्यता है। और यदि आप अदृश्य द्देख सकते है तो आप असंभव भी प्राप्त कर सकते है। |
163 | अपना काम अच्छे तरीके से करने के बाद संतुष्ट होकर आराम कीजिए। दूसरे आपके बारे में क्या बात करते है, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए। |
164 | अपना काम उसी वजह से करें जिस वजह से सांस लेते है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो ज़िंदा रहना मुश्किल होगा। |
165 | अपना समय औरों के लेखों से खुद को सुधारने में लगाइए, ताकि आप उन चीजों को आसानी से जान पाएं जिसके लिए औरों ने कठिन मेहनत की है। |
166 | अपनी आत्मा से द्वेष करने से मनुष्य की मृत्यु हो जाती है----दुसरो से अर्थात शत्रु से द्वेष के कारण धन का नाश और राजा से द्वेष करने से अपना सर्वनाश हो जाता है, किन्तु ब्राह्मण से द्वेष करने से सम्पूर्ण कुल ही का नाश हो जाता है। |
167 | अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए एक निश्चित योजना बनाएं, और तुरंत इसे क्रियान्वित करने की शुरुआत कर दें, चाहे आप तैयार हों या नहीं। |
168 | अपनी क्षमता का ध्यान रखकर काम करे और जब जरुरी हो तभी इसका प्रदर्शन भी करे। |
169 | अपनी क्षमताओं को जान कर और उनमे यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं। |
170 | अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है। |
171 | अपनी दासी को ग्रहण करना स्वयं को दास बना लेना है। |
172 | अपनी पहली सफलता के बाद विश्राम मत करो क्योकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतज़ार में होंगे की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी। |
173 | अपनी बुद्धिमता को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है। |
174 | अपनी शक्ति को जगाये। कभी भी दूसरों पर निर्भर न रहे और न चीजों को खुद अपने तरीको से अकेले में करने की कोशिश करे, जो आपको मुश्किल लगती हैं। |
175 | अपनी शक्ति को जानकार ही कार्य करें। |
176 | अपनी सर्वोत्तम क्षमताओ के अनुसार राजनितिक मामलो में दोषसिद्धि हर नागरिक का कर्तव्य है। |
177 | अपनी सीमा अथार्थ आय के साधनों की उपेक्षा करके अन्धाधुन्ध खर्च करने वाला, सहायको के न होने पर भी दूसरों से झगडा बढ़ने वाला और सभी स्त्रियों (बाला, युवती, वृदा, स्वस्थ-अस्वस्थ, सुंदरी-असुन्दरी, उच्चवर्ण तथा निम्नवर्ण ) से सम्भोग करने वाला व्यक्ति शीघ्र ही नष्ट हो जाता हैं। |
178 | अपनी सेवा से स्वामी की कृपा पाना सेवकों का धर्म है। |
179 | अपनी सोच के अलावा किसी चीज़ पर हमारा पूरा नियंत्रण नहीं होता। |
180 | अपनी स्त्री, भोजन और धन, इन तीनों में संतोष करना चाहिए और विद्या पढ़ने, जप करने और दान देने, इन तीनो में संतोष नहीं करना चाहिए। |
181 | अपने Job से प्यार करो पर अपनी Company से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते कि कब आपकी Company आपको प्यार करना बंद कर दे। |
182 | अपने अन्दर के बच्चे को जीवित रखें। ऐसा करने से आप जीवन के हर मोड़ पर मिलने वाली छोटी-बड़ी ख़ुशी का लुफ्त उठा पायेंगे और यह आपको हमेशा जवान रहने का अहसास करायेगा। |
183 | अपने अहम के प्रकाश में हम सब सम्राट है। |
184 | अपने आचरण से शोक और संताप उत्पन करने वाले बहुत से पुत्रो की अपेक्षा तो कुल को ऊँचा उठाने वाला और कुल के सदस्यों को सुख देने वाला एक ही पुत्र अच्छा होता हैं। |
185 | अपने आप की तुलना किसी से मत करो, यदि आप ऐसा कर रहे है तो आप स्वयं अपनी बेइज़्ज़ती कर रहे है। |
186 | अपने आप को क्षमा कर देना साहस का सर्वोच्च कार्य है। उन सब कार्यों के लिए जो मैं नहीं कर सकता था लेकिन मैंने किया। |
187 | अपने काम में सुन्दरता तलाशो. उससे सुंदर और कुछ हों ही नहीं सकता। |
188 | अपने कार्य की योजना बनाएं तथा अपनी योजना पर कार्य करें। |
189 | अपने कार्य की शीघ्र सिद्धि चाहने वाला व्यक्ति नक्षत्रों की परीक्षा नहीं करता। |
190 | अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा । |
191 | अपने कुल अर्थात वंश के अनुसार ही व्यवहार करें। |
192 | अपने जीवन में उच्चतम एवं श्रेष्ठ लक्ष्य रखो और उसे प्राप्त करो। |
193 | अपने जॉब से प्यार करो पर अपनी कम्पनी से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते की कब आपकी कम्पनी आपको प्यार करना बंद कर दे। |
194 | अपने ज्ञान के प्रति ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है। |
195 | अपने दिल में यह बात बैठा लो की आज का दिन जिंदगी का सबसे अच्छा दिन है। |
196 | अपने दुश्मन के साथ शान्ति से रेहाना चाहते हैं तो उसके साथ काम करना शुरू कर दें। इस तरह से वो आपका |
197 | अपने दुश्मनों को क्षमा कर दीजिये, पर कभी उनके नाम मत भूलिए। |
198 | अपने दुश्मनों को हमेशा माफ़ कर दीजिये। उन्हें इससे अधिक और कुछ नहीं परेशान कर सकता। |
199 | अपने धर्म के लिए ही कोई सत्पुरुष कहलाता है। |
200 | अपने प्रयोजन में द्रढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है। |
Monday, January 4, 2016
1-100
1 | Age को कभी बाधा न बनने दें। |
2 | Body Language को ठीक रखे। अपनी body language ठीक रखे क्योकि body language एक व्यक्ति के बारे में सब कुछ बयां कर देता हैं इसलिए संकोची प्रवर्ती को छोड़ कर अपने अन्दर आत्मविश्वास जगाये और दूसरों पर अच्छा प्रभाव छोड़ने के लिए इशारों को समझे। |
3 | Business World में Enter करने का ये सबसे अच्छा समय है क्योंकि अगले 10 सालों में Business World में इतना बदलाव होने जा रहा है जितना पिछले 50 सालों नहीं हुआ था। |
4 | Computer से अधिक दोस्ती न करे।Computer आपकी जिन्दगी का एक सबसे महतवपूर्ण हिस्सा बन चूका हैं परन्तु जरुरत से जयादा इसका इस्तेमाल करने से आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। |
5 | Creativity भविष्य की सफलता की कुंजी हैं और प्राथमिक शिक्षा के दौरान एक शिक्षक ही इस Creativity को बच्चों में उत्पन्न कर सकता हैं। |
6 | E-mail शिष्टाचार का ध्यान रखे। E-mail आज के समय में संचार का सबसे तेज तरीका बन चूका हैं इसलिए अनुमान लगाया जा रहा हैं की दुनिया भर में रोजाना लगभग तीन अरब से भी अधिक emails भेजी जाती हैं लेकिन e-mail भेजने से पहले गलतियों पर ध्यान दे फिर spell-check tool का प्रयोग करें परन्तु e-mail का जबाब जल्दी दे और यदि जयादा परेशानी हो तो अगले दिन जरुर भेज दे। |
7 | Health के प्रति सचेत रहें। सेहत से सुन्दरता का गहरा रिश्ता हैं इसलिए संकल्प ले कि समय पर सोयंगे समय पर जागेंगे, समय पर भोजन करेंगे और नियमित रूप से morning walk पर भी जायेंगे या फिर exercise के लिए भी समय निकालेंगे। |
8 | High school से बाहर निकलते ही आप हजारो रूपये नहीं कमा सकते हैं। जब तक आप कमाते नहीं हैं तब तक Car और Phone नहीं ले सकते हैं। |
9 | IT professionls |
10 | Knowledge होने का यह मतलब नहीं हैं कि आप आगे बढ़ रहे हैं आगे बढ़ने का मतलब हैं कि knowledge के जरिये आपके जीवन में बदलाव आ रहे हैं। |
11 | Microsoft लालच के बारे में नहीं है, यह Innovation और निष्पक्षता के बारे में है। |
12 | Professional बनने की कोशिश करे। अपनी बातचीत और प्रदर्शन को प्रभावशाली बनाने के लिए अमीर लोगो से प्रेरणा ले, क्योंकि केवल व्यावसायिक सूट पहनना आपके पेशेवर होने को परिभाषित नहीं करता। |
13 | Science, Army का एक कप्तान और Practice सैनिको की तरह होती है। |
14 | Smoking करने से पहले आप cool नज़र नहीं आएंगे। वरन इससे आप उलटे कमज़ोर बुद्धि के लगेंगे। अगली बार जब आप बाहर जाएँ तो हो सकता हैं की 11 साल का बच्चा भी मुहं में कोई खिलौना लिए दिखे। आप भी ऐसे ही दिखेंगे, बस उम्र 20 की होगी, उस बच्चे को देख कर जो विचार आपने मन में आएंगे, वही दूसरों के मन में आपको smoking करते देखकर आ सकते हैं। |
15 | TV, कोई वास्तविक जीवन नहीं हैं। असली जीवन में लोगो को coffee shop का खुशनुमा माहौल छोड़ कर नौकरी पर जाना ही पड़ता हैं। |
16 | Time management अपनाये। सभी व्यक्तियों के लिए दिन में 24 घंटे ही होते हैं लेकिन फिर भी कई लोग कहते हैं की time नहीं मिलता, मुझे समय नहीं मिला, इसलिए time management |
17 | अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं. मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे. |
18 | अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं। मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे। |
19 | अंत में वो आपकी ज़िन्दगी के साल नहीं है जो गिने जाते है बल्कि वो आपके सालों में ज़िन्दगी है जो गिनी जाती है। |
20 | अंधकार से अंधकार को दूर नहीं किया जा सकता है, केवल प्रकाश से ही ऐसा किया जा सकता है. नफरत से नफरत को नहीं हटाया जा सकता है, केवल प्यार से ही ऐसा किया जा सकता है। |
21 | अंधो के देश में एक आँख वाला ही राजा होता है। |
22 | अंहकार और पेट जब बढ़ जाता है तो इंसान चाह कर भी गले नहीं मिल सकता. |
23 | अकारण किसी के घर में प्रवेश न करें। |
24 | अकुलीन धनिक भी कुलीन से श्रेष्ठ है। |
25 | अकेलापन और किसी के द्वारा न चाहने की भावना का होना भयानक गरीबी के सामान है। |
26 | अकेले फूल को कई काँटों से इर्ष्या करने की ज़रुरत नहीं होती। |
27 | अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं , साथ में कितना ज्यादा. |
28 | अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद। |
29 | अक्सर आपको अपने अंतर्ज्ञान पर ही भरोसा करना होगा। |
30 | अक्सर क्षमा माँगना, अनुमति मांगने से आसान होता है। |
31 | अगम्भीर विद्वान को संसार में सम्मान नहीं मिलता। |
32 | अगर अच्छाई की मांग नहीं होगी तो लोग ज्यादा समय तक अच्छे नहीं बनना चाहेंगे। |
33 | अगर आज मैं यहाँ एक क्रांतिकारी के रूप में खड़ा होता हूँ तो यह क्रांति के खिलाफ एक क्रांतिकारी के खड़े होने के सामान होगा। |
34 | अगर आप Fail हो जाएँ तो कभी भी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L का अर्थ होता है “सीखने की आपकी पहली कोशिश” – End भी अंत नहीं होता, क्योंकि E.N.D का अर्थ होता है “कोशिश कभी बेकार नहीं जाती” – अगर आपको जवाब दिया जाता है No, तो भी कोई बात नहीं क्योंकि N.O का अर्थ होता है “अगला अवसर”। इसलिए हमेशा positive बने रहिए। |
35 | अगर आप अच्छा नहीं बना सकते तो कम से कम ऐसा तो कीजिए कि वह अच्छा दिखे। |
36 | अगर आप अच्छा नहीं बना सकते तो कम- से- कम ऐसा तो कीजिए कि वह अच्छा दिखे। |
37 | अगर आप अपनी समृद्धि की कल्पना नहीं करते है तो आप उसे अपने बैंक के खातों में कभी देख नहीं पाएंगे। |
38 | अगर आप ईश्वर को अपने भीतर और दूसरे वन्य जीवो में नहीं देख पाते, तो आप ईश्वर को कही नहीं पा सकते। |
39 | अगर आप किसी चीज पर विश्वास नही करते है, तो खुद पर भी मत करिये। |
40 | अगर आप कुछ सोच रहे है तो ही आप जीवित है। |
41 | अगर आप गरीब पैदा होते हैं, ये आपकी गलती नहीं है लेकिन आप गरीब मर रहे हैं तो ये आपकी गलती है। |
42 | अगर आप चाहते हैं कि कोई चीज अच्छे से हो तो उसे खुद कीजिये। |
43 | अगर आप पहले से ही कोई लक्ष्य बना के चलते तो क्या आपको लगता हैं, कि आप उसे अब तक पूरा कर लेते। |
44 | अगर आप यह देखेंगे की लोग कैसे हैं तो आप के पास उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा। |
45 | अगर आप यह सोचते है की आप बहुत छोटे है तो एक मच्छर के साथ सोकर देखिये। |
46 | अगर आप संतुष्ट है तो आप आजाद रहेंगे। आजादी ही संतुष्टि का फल है। |
47 | अगर आप संतुष्ट है तो आपकी गिनती दुनिया सबसे अमीर लोगो में होगी। |
48 | अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये. |
49 | अगर आप समस्या को टालने में विश्वास रखते हैं तो इस आदत को 2016 में ही छोड़ दे, कोई समस्या या परेशानी हैं तो उसी वक्त उसका समाधान निकालें। |
50 | अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं, तो आपको पहले सूर्य की तरह ही जलना भी होगा। |
51 | अगर आप से कोई गलती हो गई हैं तो यह आपको parents की गलती नहीं हैं। अपनी गलतियों पर रोने के बजाय उनसे सीखे। |
52 | अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं-तो आप कर सकते हैं !अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते हैं- तो आप नहीं कर सकते हैं ! और किसी भी तरह से …आप सही हैं ! |
53 | अगर आपका Business, Internet पर आधारित नहीं है तो आपका Business, Business से बाहर हो जाएगा। |
54 | अगर आपका दुश्मन बिना हथियारों के लड़ने आया है तो अच्छी बात है। लेकिन अगर वह हथियार छोड़ना नहीं चाहता है तो उसके हथियारों को खुद उतारने की तैयारी करके जाइये। |
55 | अगर आपको कोई महत्व नहीं देता है तो चिंता कीजिए, पर महत्व प्राप्त करने के लिए कोशिश जारी रखिए। |
56 | अगर आपको पता चल जाए की आपका दोस्त पीठ के पीछे क्या बोल रहा है तो कम ही लोगों के अच्छे और सच्चे दोस्त होंगे। |
57 | अगर आपने अपना कोई रहस्य किसी एक व्यक्ति को बताया है, तो आप उसे अपने इस रहस्य को दूसरे लोगो को बताने से रोक नहीं सकते है। |
58 | अगर इंसान शिक्षा की उपेक्षा करता है तो वह लंगडाते हुए अपने जीवन के अंत की तरफ बढ़ता है। |
59 | अगर एक अच्छा व्यक्ति आपके साथ कुछ बुरा करता है तो ऐसे बर्ताव कीजिये जैसे आपने ध्यान ही नहीं दिया। वो व्यक्ति जरूर इस बात पर ध्यान देगा और आगे से आपके शक के दायरे में ही नहीं रहेगा। |
60 | अगर औरते नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती। |
61 | अगर कप्तान का केंद्र जहाज को सुरक्षित रखना है तो वे जहाज को कभी समुद्र में नहीं उतरने देगा। उसे पोर्ट में ही रखेगा। |
62 | अगर किसी देश को भ्रष्टाचार-मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं- पिता, माता और गुरु। |
63 | अगर कुछ महत्व रखता है तो वह है कर्म और प्रेम। |
64 | अगर कुत्ते की पूँछ को पैर कहें, तो कुत्ते के कितने पैर हुए ? चार। पूछ को पैर कहने से वो पैर नहीं हो जाती। |
65 | अगर कोई व्यक्ति खुद के साथ खुश है तो वह शादीशुदा जीवन और परिवार का मज़ा लेने के काबिल बनता है। |
66 | अगर कोई व्यक्ति पढ़ना पसंद नहीं करता है तो वह जिंदगी के अंतिम दिनों में बिलकुल अकेला दिखाई देता है। |
67 | अगर जरूरत के वक़्त पर थोड़ी सी मदद मिल जाए तो उससे ज्यादा महत्वपूर्ण या बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता है। |
68 | अगर तथ्य सिद्धांत से नही मिलते है तो तथ्य को बदल डालिये। |
69 | अगर तुम पूर्व की ओर जाना चाहते हो तो पश्चिम की ओर मत जाओ। |
70 | अगर दुनिया में वाकई किसी तरह की शिक्षा है तो वह है खुद को शिक्षित करना। |
71 | अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है. |
72 | अगर नॉलेज होने से समस्याएं बढ़ने लगती है तो फिर अनजान होने से उन समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। |
73 | अगर बात स्टाइल की है तो पानी के बहाव की तरह बहते जाएं। लेकिन अगर बात सिद्धांतों की है तो चट्टान की तरह खड़े रहे। |
74 | अगर मेरा अस्तित्व किसी के नष्ट होने का कारण बनता है तो मौत मुझे अधिक आकर्षक और प्रिय होगी। |
75 | अगर मैं एक दिन मर जाऊं तो मैं ख़ुशी से जाऊँगा क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की। मेरे खेल ने मुझे ऐसा करने दिया क्योंकि ये दुनिया का सबसे बड़ा खेल है। |
76 | अगर मैं पहले से कोई अंतिम लक्ष्य बना के चलता तो क्या आपको नहीं लगता है कि मैं उसे सालों पहले पूरा कर चुका होता। |
77 | अगर शांती चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए। |
78 | अगर हम अगली सदी की तरफ देखें तो लीडर वो होंगे जो दूसरों को सशक्त बना सकें। |
79 | अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं, तो हम समस्या हैं। |
80 | अगर हर एक चीज में कुछ क्षमा करने को है तो कुछ निंदा करने को भी है। |
81 | अगर हर एक व्यक्ति अपनी प्राकृतिक योग्यता के अनुसार,बिना और चीजों में पड़े, सही समय पर और सिर्फ एक काम करता तो चीजें कहीं गुना बेहतर और ज्यादा होतीं। |
82 | अगली दुनिया में हम सेनापतियों से ज्यादा चिकित्सकों को लोगों की जिंदगियों के लिए जवाब देना होगा। |
83 | अग्नि के समान तेजस्वी जानकर ही किसी का सहारा लेना चाहिए। |
84 | अग्नि देव ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वेश्यो के देवता है। ऋषि मुनियों के देवता ह्रदय में है। अल्प बुद्धि वालों के देवता मूर्तियों में है और सारे संसार को समान रूप से देखने वालों के देवता सभी जगह निवास करते है। |
85 | अग्नि में दुर्बलता नहीं होती। |
86 | अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, बूढ़े और बच्चे को कभी पैर नहीं लगाने चाहिए उन्हें पैर से छुना अनुचित हैं। |
87 | अग्नि, पानी, स्त्रियां, मूर्ख, सांप और राजाकुल से निकट संबंध सावधानी के साथ करना चाहिए क्योंकि ये छः तत्काल प्राणों को हरने वाले है। |
88 | अचानक दूर से आये थके-हारे पथिक से बिना पूछे ही जो भोजन कर लेता है, वह चांडाल होता है। |
89 | अच्छा जीवन जीने के लिए काम में अच्छा होना जरुरी है। अपनी गतिविधियों को अच्छा रखिए। |
90 | अच्छा दिमाग नही, दिमाग का अच्छा उपयोग करना महत्वपूर्ण है। |
91 | अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह। |
92 | अच्छा व्यक्ति मृत्यु के बाद मिलने वाले पुरस्कार और दंड से बेख़ौफ़ होकर जीवन जीता है। |
93 | अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है। |
94 | अच्छाई, बुराई के बिना रह सकती है, लेकिन बुराई कभी अच्छाई के बिना नहीं रह सकती हैं। |
95 | अच्छी किताबे पढ़ने का मतलब है-आप दुनिया के सबसे ज्ञानी लोगो के बीच है और उनके साथ बातचीत कर रहे है। |
96 | अच्छी चीज को दुबारा करने में कोई नुकसान नहीं है। |
97 | अच्छी जिंदगी जीना या अच्छे तरीके से मरना, दोनों एक जैसी कला है। |
98 | अच्छी जिन्दगी जीने के दो ही तरीके है, जो पसन्द है उसे हासिल कर लो, जो हासिल है उसे पसन्द करना सीख लो। |
99 | अच्छी तरह जांच-पड़ताल करने पर यदि यह सिद्ध हो जाए कि अमुक अपराध अनजाने में ही हो गया है, तो उसे क्षमा के ही योग्य बताया गया है। |
100 | अच्छी तरह जीने की कला और अच्छी तरह मरने की कला एक ही है। |
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