Saturday, January 16, 2016

#601-700


601 एक कॉमेडी फिल्म बनाने के लिए मुझे बस एक पार्क , एक पुलिसकर्मी और एक सुन्दर लड़की की ज़रुरत होती है।
602 एक खुबसूरत शरीर का अंत हो सकता हैं।लेकिन Art-Work कभीख़त्म नहीं होता।
603 एक गलत कानून को कानून कहना ही गलत है। कानून वही है जो न्याय करता है।
604 एक गलत विचार का समर्थन जारी रखने से अच्छा है आप अपनी राय बदल लें।
605 एक गलती करने में एक क्षण लगता है लेकिन उस गलती को भूलने की कोशिश में पूरा जीवन बीत जाता है।
606 एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली.. वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
607 एक छोटी सी चिंटी आपके पैर को काट सकती है,पर आप उसके पैर को नहीं काट सकते ! इसलिए जीवन में किसी को छोटा ना समझे  ! क्योकि वह जो कर सकता ,शायद आप ना कर पाये !!
608 एक छोटे से विवाद से एक महान रिश्ते को घायल मत होने देना।
609 एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है।
610 एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है।
611 एक तयशुदा उम्र के बाद मनुष्य जैसा है उसका जिम्मेदार वह खुद होता है।
612 एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है। 
613 एक दार्शनिक की ज़िम्मेदारी है की वह हर बात में सच्चाई ढूंढ निकाले।
614 एक दिन धीरूभाई चला जायेगा लेकिन Reliance के कर्मचारी और शेयर होल्डर इसको चलाते रहेंगे, रिलायंस अब एक विचार है जिसमे अम्बानियों का कोई अर्थ नहीं है।
615 एक दूसरे से प्रेम करें ,  लेकिन प्रेम का कोई बंधन ना बाधेंबल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बीच एक बहते हुए सागर के सामान रहने दें।
616 एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।
617 एक देश नारे लगाने से महान नहीं बन जाता।
618 एक दोस्त आपकी दूसरी आत्मा है।
619 एक दोस्त को क्षमा करने की अपेक्षा एक दुश्मन को क्षमा करना आसान है। 
620 एक दोस्त क्या है? दो शरीर में रहने वाली एक आत्मा।
621 एक दोस्त जो आपके सुख-दुःख को समझे और मुश्किलो में साथ निभाए, ऐसा दोस्त आपके जीवन में भाई-बहन की तरह होते है।
622 एक नायक (Hero) एक इंसान से ज्यादा बहादुर नहीं होता है, लेकिन वो पांच मिनिट ज्यादा बहादुर रहता है।
623 एक नायक बनो, और सदैव कहो - "मुझे कोई डर नहीं है"।
624 एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान व्यक्ति हज़ारों में एक पाया जाता है, लेकिन एक सम्पूर्ण व्यक्ति शायद एक लाख लोगों में भी ना मिले।
625 एक निराशावादी को हर अवसर में कठिनाई दिखती है और आशावादी को हर कठिनाई में अवसर।
626 एक निश्चित बिंदु के बाद, पैसे का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
627 एक नेता की परिभाषा है कि उसके पास एक सफल द्रष्टिकोण हों, एक जूनून हो, जो किसी परेशानी से ना डरे बल्कि परेशानियों को हराना जानता हो। और सबसे महत्वपूर्ण बात कि वो ईमानदार हो ।
628 एक प्रेरित जनशक्ति(motivated manpower) सबसे महत्वपूर्ण बात है।
629 एक बड़े पहाड़  पर चढ़ने के बाद यही पता चलता है कि अभी ऐसे कई पहाड़  चढ़ने के लिए बाकी हैं।
630 एक बहादुर व्यक्ति की अपेक्षा डरपोक व्यक्ति के झगड़े ज्यादा होते है।
631 एक बार आपने कोई फैसला कर लिया, सारी प्रकति उसे पूरा करने में जुट जाती है।
632 एक बार में एक ही चीज करे पूरा ध्यान एक ही चीज पर होगा तो perfection आएगा, काम की तारीफ होगी और ख़ुशी मिलेगी।
633 एक बिगड़ैल गाय सौ कुत्तों से ज्यादा श्रेष्ठ है।  अर्थात एक विपरीत स्वाभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ लोगों से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते है।
634 एक बैंक की स्थापना करके लोगों को लूटना ज्यादा आसान है, बजाय इसके की बैंक क्लर्क को बंधक बना के लूटा जाए।
635 एक मनुष्य को चारो वेद और सभी धर्मं शास्त्रों का ज्ञान है लेकिन उसे यदि उसे अपनी आत्मा की अनुभूति नहीं हुई तो वह उसी चमचे के समान है। जिसने अनेक पकवानों को हिलाया तो सही लेकिन किसी का स्वाद नहीं चखा।
636 एक मनुष्य जैसे जीता है, उन दोनों के बीच के संबंध को ख़ुशी कहते है।
637 एक मात्र स्थिर अवस्था वो है जिसमे सभी इंसान कानून के समक्ष बराबर है।
638 एक मुर्ख जीनियस बन सकता है यदि वो समझता है की वो मुर्ख है लेकिन एक जीनियस मुर्ख बन सकता है यदि वो समझता है की वो जीनियस है।
639 एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन ; भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए?
640 एक लीडर आशा का व्यापारी होता है। 
641 एक विचार लो  . उस  विचार  को  अपना जीवन  बना  लो - उसके  बारे  में  सोचो  उसके  सपने  देखो , उस  विचार  को  जियो  . अपने  मस्तिष्क , मांसपेशियों , नसों , शरीर  के  हर  हिस्से  को  उस विचार में  डूब  जाने  दो , और  बाकी  सभी विचार को  किनारे  रख  दो . यही सफल  होने  का तरीका  है।
642 एक व्यक्ति एक साथ कई कलाओं में सफल नहीं हो सकता।
643 एक व्यक्ति को छोड़कर बाकी सभी लोगो की सोच एक जैसी है तो उस एक व्यक्ति को शांत करना आसान है, लेकिन अगर उस एक व्यक्ति को कुछ पावर मिल जाए तो वह बाकी सब को चुप करा सकता है।
644 एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है।  वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है।  लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हश्र  होने वाला है।  वह आदमी मूर्ख है।
645 एक व्यक्ति में जितनी काबिलियत होती है, उसे उससे कहीं अधिक अवसर प्राप्त होते हैं।
646 एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो।
647 एक शानदार idea प्राप्त करना चाहते हो तो, पहले ढेर सारे ideas सोचो।
648 एक शुद्ध निःस्वार्थ जीवन जीने के लिए, एक व्यक्ति को प्रचुरता में भी कुछ भी अपना नहीं है ऐसा भरोसा करना चाहिए।
649 एक श्लोक, आधा श्लोक, श्लोक का एक चरण, उसका आधा अथवा एक अक्षर ही सही या आधा अक्षर प्रतिदिन पढ़ना चाहिए।
650 एक सच यह भी है की लोग आपको उसी वक़्त ताक याद करते है जैब ताक सांसें चलती हैं।  सांसों के रुकते ही सबसे क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त, यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है।
651 एक सच्चा आदमी किसी से नफरत नहीं करता। 
652 एक सच्चा लीडर लोगो के विचारों के पीछे नहीं चलता बल्कि वो लोगो के विचारो को बदल देता है।
653 एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो। बल्कि मूल्यों पर चलने वाले इंसान बनो।
654 एक समझदार व्यक्ति के द्वारा की गई आलोचना, सौ साधारण आदमियों द्वारा दिए गए समर्थन से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
655 एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
656 एक सांसारिक आदमी जो कि ईमानदारी से भगवान के प्रति समर्पित नहीं है, को अपने जीवन में कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
657 एक सिंघासन महज मखमल से ढंकी एक बेंच है। 
658 एक सिपाही एक रंगीन रिबन के लिए दिलो जान से लडेगा। 
659 एक सेना अपने पेट के बल पर आगे बढती है। 
660 एक हाथ की शोभा गहनों से नहीं दान देने से है। निर्मलता चन्दन का लेप लगाने से नहीं जल से नहाने से आती है। एक व्यक्ति भोजन खिलाने से नहीं सम्मान देने से संतुष्ट होता है। मुक्ति खुद को सजाने से नहीं होती, अध्यात्मिक ज्ञान को जगाने से होती है।
661 एक ही गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का निकट संपर्क, ब्रह्मचर्य को नष्ट कर सकता है।
662 एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है। 
663 एक ही नक्षत्र अथवा समय में और एक ही माँ के गर्भ से उत्पन्न जुड़वाँ बच्चे भी समान स्वभाव के नहीं होते, उदाहरण के लिए बेर के वृक्ष में बेर के फल भी उत्पन्न होते हैं और कांटे भी उगते हैं, पर उन दोनों का स्वभाव भिन्न हैं फल तो लोगो को स्वाद और तृप्ति देते हैं परन्तु कांटे चुभन पैदा करने के रूप में दुःख देते हैं।
664 एक ही पदार्थ को देखने वाले प्राणी उसे विभिन्न दृष्टिकोण से देखते हैं स्त्री का शरीर योगियों के लिए शवरूप हैं तो कामियो के लिए सौदर्य का भंडार और कुत्तो के लिए मांसपिंड।
665 एक ही माता के पेट से और एक ही नक्षत्र में जन्म लेने वाली संतान समान गुण और शील वाली नहीं होती, जैसे बेर के कांटे।
666 एक ही वस्तु को तीन दृष्टियों से देखा जा सकता है। जैसे सुंदर स्त्री को योगी मृतक के रूप में देखता है, कामुक व्यक्ति उसे कामिनी के रूप में देखता है और कुत्ते के द्वारा वह मांस के रूप में देखी जाती है।
667 एक ही सुगन्धित फूल वाले वृक्ष से जिस प्रकार सारा वन सुगन्धित हो जाता है, उसी प्रकार एक सुपुत्र से सारा कुल सुशोभित हो जाता है। 
668 एकमात्र अच्छाई केवल ज्ञान हैं और एकमात्र बुराई केवल अज्ञान हैं।
669 एकमात्र ईश्वर ही विश्व का पथ प्रदर्शक और गुरु है।
670 एडिसन इलेक्ट्रिक बल्ब बनाने में १०,००० बार विफल हुए। यदि आप कुछ बार विफल हो जाते हैं तो हिम्मत मत हारिये।
671 ऐश्वर्य पैशाचिकता से अलग नहीं होता।
672 ऐसा काम न करे जिसके बारे में सोचकर पछतावा हो।  गलती से हो गया है तो उसे दोहराएं नहीं। 
673 ऐसा क्यूँ हैं कि जिस व्यक्ति को हम नाममात्र के लिए जानते हैं उसे क्षमा करना बहुत आसान होता है और जिस व्यक्ति से हम ढंग से परिचित होते हैं उसे माफ़ करना मुश्किल होता है।
674 ऐसा वक्त जरूर आएगा जब आप मुश्किल वक्त को भी खुश होकर सुनाएंगे।
675 ऐसा समुदाय जहाँ ना गरीबी है ना समृद्धि हमेशा महान सिद्धांतो से बना होता है।
676 ऐसी फिलोसोफी का कोई मतलब नही है जो दुसरो की दुःख तकलीफे कम करने में असमर्थ हो।
677 ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
678 ऐसे माता-पिता को बेटे का शत्रु ही माना जाता हैं, जो उसे शिक्षित नहीं करते। अशिक्षित पुत्र अथवा व्यक्ति बुद्धिमान व्यक्तियों की सभा में उसी प्रकार शोभित नहीं होता जिस प्रकार हंसो के झुण्ड में बगुला अच्छा नहीं लगता। जो माता-पिता अपनी संतान को सुशिक्षित नहीं करतें, वे बच्चे के शुभचिन्तक अथवा मित्र नहीं कहे जा सकते, एक प्रकार से वे उसके शत्रु ही होते हैं।
679 ऐसे लोग हैं जिन्हें पूँजीवाद पसंद नहीं है, और ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पर्सनल कम्प्यूटर्स पसंद नहीं है। पर ऐसा कोई भी नहीं है जिसे पी सी पसंद हो और वो माइक्रोसोफ्ट को पसंद ना करता हो।
680 ऐसे लोगो के मन में ज़िन्दगी-भर इस बात का दुःख रहता हैं की एक बार प्रयास करके देख लेते तो शायद बात बन जाती।
681 ऐसे लोगो को दूर रखें जो केवल अपनी सुविधा से आपके लिए समय निकलते हैं। दूसरों से attention पाने कि जबरदस्त कोशिश ना करें, न ही अनचाहे लोगो को अपने पास रखें।
682 ऐसे लोगो से दुरी बनाये रखे जो आपको पसंद नहीं करते या जिन्हें आप पसंद नहीं करते, भले ही वो कोई सहकर्मी या रिश्तेदार ही क्यों न हो। कोई आपकी भावनाओ का अपमान करें, नीची निगाहों से देखे या परेशान करने की कोशिश करें तो उसे अपने आस-पास भी न रखें।
683 ऐसे लोगों की तरह बनिए जो सोचते हैं कि दूसरों की मदद करने से या किसी के प्रति स्नेह की भावना रखने से ज्यादा खुशी मिलती है। इसकी तुलना किसी दूसरी चीज़ से नहीं की जा सकती है।
684 ऐसे व्यक्ति से आपकी मुलाकात कभी-भी नहीं होगी जो पूछेगा कि जंग ताकत से जीती या स्ट्रेटजी बनाकर।
685 ऐसे व्यक्ति से सावधान रहिए जो कुछ नया सीखना चाहता है और सीखता भी है।  लेकिन उसे खुद में कोई सुधार महसूस नहीं होता है।
686 ओउम् इतेकक्षर ब्रह्म अथार्त ब्रह्म का नाम ओउम हैं अथवा तत्वमसि अथार्त तू ही ब्रह्म हैं। इस प्रकार एक मंत्र के रूप में सच्चे तत्त्व ज्ञान का उपदेश देने वाले गुरु की जो व्यक्ति वंदना नहीं करता, वह सौ बार कुत्ते की योनी में जन्म लेने के उपरान्त चाण्डाल योनि में उत्पन्न होता हैं।
687 ओरों में बहुत कुछ क्षमा कर दीजिये, खुद में कुछ भी नहीं। 
688 और क्या कभी यह जाना गया है कि प्रेम स्वयं अपनी गहराई नहीं जानता है जब तक कि बिछड़ने का वक़्त ना आये ?
689 और यह समझो कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ; हाँ, काल के अंत तक.
690 औरत की उम्र कोई मायने नहीं रखती है क्योकि बढ़िया धुनें पुरानी वायलिन से ही निकलती है।
691 औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी की वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ।
692 कई कम्पनियों ने छंटनी करने का फैसला किया है,शायद उनके लिए ये सही होगा। हमने अलग रास्ता चुना है। हमारा विश्वास है कि अगर हम कस्टमर के सामने अच्छे प्रोडक्ट्स रखते रहेंगे तो वो अपना पर्स खोलते रहेंगे। 
693 कई बार अपनी इच्छा को पूरा करने के बजाय एक इंसान बनना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।
694 कई बार कुछ न बोलकर भी आप दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते है। वैसे चाहे बोलकर हो या न बोलकर, चोट हमेशा दूसरे व्यक्ति को ही लगती है।
695 कई बार जीवन में ऐसे पल आते हैं जब हम खुद की काबिलियत पर शक करने लगते हैं जो गलत हैं अच्छा महसूस करने के लिए इन बातों को याद रखिएं…
696 कई बार दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास में हम जीने का तरीका ही भूल जाते हैं। यदि आपके चलते किसी को दुःख नहीं हो रहा हैं, तो जिन्दगी को अपने तरीके से जीने में कोई बुराई नहीं हैं। रिश्ते खत्म होने में समय नहीं लगता लेकिन अपनी जिन्दगी हमें खुद ही जीनी हैं।
697 कई बार मुश्किल परिस्थितियों में आपने जबर्दस्त प्रदर्शन दिया हैं।
698 कई बार लगता है की ज़िन्दगी बेकार या खराब है।  लेकिन हर व्यक्ति यहाँ किसी न किसी उद्देश्य के साथ आया है, लेकिन बहुत बार हम अपने उद्देश्य से भटक जाते है।
699 कई बार हम दूसरों कि जरूरतों को खुद से आगें रख देते हैं यह गलत हैं खुद की जरूरतों को प्राथमिकता दें।
700 कई बार हम नियमित और रोजमर्रा के काम में इतने ज्यादा आदी हो जाते हैं कि दुसरे काम करना और दायरें से बाहर जाना पसंद नहीं करते हैं, इस चक्कर में अवसर आते हैं और चले जाते हैं। कोई मौका आता हैं तो उसे पकड़ने के लिए आगे कदम नहीं बढ़ा पातें, हमें भ्रम(Doubt) हो जाता हैं कि इसके लियें ख़ास तरह के ज्ञान और योग्यता की जरुरत हैं, हम असहज हो जाते हैं और अवसर निकल जाता हैं। जबकि सच्चाई यह हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी अवसर को आजमाने की लिए 100 प्रतिशत तैयार नहीं होता हैं, सफल व्यक्ति अपने Comfort zone से बाहर निकलता हैं, risk लेता हैं और नई चीजें सीखता हैं आगे बढ़ जाता हैं।

Monday, January 11, 2016

#501-600


501 इस संसार में जब तक मनुष्य का शरीर निरोग और स्वस्थ रहता हैं, जब तक मृत्यु समीप नहीं आती, तब तक मनुष्य को आत्मकल्याण अथवा मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए उसे दान, तीर्थसेवन, सत्संग व्रत पूजा आदि शुभ कर्म कर लेने चाहिए क्योकि जब तक जीवन हैं और शरीर स्वस्थ है तब तक ही मनुष्य कुछ करने में समर्थ हो सकता हैं शरीर के व्याधिग्रस्थ हो जाने पर अथवा मृत्यु के निकट आने पर मनुष्य के लिए कुछ भी करना सम्भव नहीं होगा।
502 इस संसार में दुःखो से दग्ध प्राणी को तीन बातों से सुख शांति प्राप्त हो सकती है - सुपुत्र से, पतिव्रता स्त्री से और सद्संगति से।
503 इस संसार में मनुष्य की सभी इच्छाए पूरी नहीं होती। किसी को भी मनचाहा सुख नहीं मिलता वस्तुतः सुख-दुःख की प्राप्ति मनुष्य के अपने हाथ में न होकर ईश्वर के अधीन हैं। यह सोचकर मनुष्य को जितना भी मिलता हैं उतने से ही सन्तोष करना चाहिए।
504 इस संसार में विद्वान की ही प्रशंसा और विद्वान की ही सब कहीं पूजा होती हैं वस्तुत: विधा से संसार की सभी दुर्लभ वस्तुए भी प्राप्त हो सकती हैं यही कारण हैं कि इस संसार में विधा का और विधावान का सब कहीं आदर-सम्मान होता हैं।
505 इस संसार में वे ही लोग सुख और सम्मान का जीवन व्यतीत करते हैं, जो सम्बन्धियों के प्रति उदारता, सेवको के प्रति दया और दुर्जनों के प्रति कठोरता बरतते हैं जो सज्जन पुरूषों में अनुराग रखते हैं, नीच पुरूषों के प्रति अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते हैं और विद्वानों के प्रति विनयशीलता बरतते हैं, शत्रुओं को अपनी शूरता का परिचय देते हैं, गुरुओ के प्रति सहनशीलता दिखाते हैं तो स्त्रियों पर अधिक विश्वास न करके उनके साथ चातुर्यपूर्ण व्यवहार करते हैं।
506 इस संसार में सबसे अधिक बलवान काल अथवा समय हैं काल का चक्र स्रष्टि के आदि से अन्त तक चलता रहता हैं वह कभी रुकता नहीं जो उनकी उपेक्षा करता हैं काल उसको पीछे छोड़ कर आगे निकल जाता हैं।
507 इस संसार में सभी प्रकार के दान, यज्ञ, होम तथा बलिदान कर्मफल-भोग के उपरान्त नष्ट हो जाते हैं, परन्तु सत्पात्र को दिया गया दान तथा जीवों को दिया गया अभयदान भी नष्ट नहीं होता और न ही क्षीण होता हैं। उनका फल अक्षय होता हैं।
508 इस संसार में.... सबसे बड़ी सम्पत्ति "बुद्धि " सबसे अच्छा हथियार "धेर्य" सबसे अच्छी सुरक्षा "विश्वास" सबसे बढ़िया दवा "हँसी" और आश्चर्य की बात कि "ये सब निशुल्क हैं "
509 इस संसार मैं लक्ष्मी अस्थिर हैं, प्राण अनित्य हैं, जीवन भी सदा रहने वाला नहीं, घर परिवार भी नष्ट हो जाने वाला हैं सब पदार्थ अनित्य और नश्वर हैं केवल धर्म ही नित्य और शाश्वत हैं।
510 इस संसार रूपी विष-वृक्ष पर दो अमृत के समान मीठे फल लगते है। एक मधुर और दूसरा सत्संगति। मधुर बोलने और अच्छे लोगो की संगति करने से विष-वृक्ष का प्रभाव नष्ट हो जाता है और उसका कल्याण हो जाता है।
511 इस संसार सागर को पार करने के लिए ब्राह्मण रूपी नौका प्रशंसा के योग्य है, जो उल्टी दिशा की और बहती है। इस नाव में ऊपर बैठने वाले पार नहीं होते, किन्तु नीचे बैठने वाले पार हो जाते है। अतः सदा नम्रता का ही व्यवहार करना चाहिए।
512 इस संसाररूपी वृक्ष के दो फल हैं, जो अमृत के समान मधुर होने से ग्रहणीय हैं प्रथम –अच्छी भाषा और अच्छे बोल और दूसरा –साधु पुरुषो का संग।
513 इसका मतलब है, जो लोग उच्च और जिम्मेदार पदों पर है, अगर वे धर्म के खिलाफ जाते है, तो धर्म ही एक विध्वंसक के रूप में तब्दील हो जाएगा। 
514 इसके साथ ये लोग बचपन से ही मेरी सौत सरस्वती की उपासना करते रहते हैं। और ये लोग शंकर की उपासना करने के लिए प्रतिदिन मेरा घर (कमलपुष्प) ही उजाड़ते रहते हैं।
515 इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जो जिसके गुणों के महत्त्व को नहीं जानता, वह सदैव निंदा करता है। जैसे जंगली भीलनी हाथी के गंडस्थल से प्राप्त मोती को छोड़कर गुंजाफल की माला को पहनती है।
516 इसलिए उम्र के लिहाज से काम करने के बारे में सोचना बंद कर दे।
517 इससे पहले कि आपके सपने सच हो आपको सपने देखने होगे।
518 इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे।
519 इसी प्रकार मुर्ख व्यक्ति का ह्रद्य उदार भावों-दया, करुणा तथा ममता आदि से सर्वथा शून्य होता हैं।
520 इसीलिए राजा खानदानी लोगो को ही अपने पास एकत्र करता है क्योंकि कुलीन अर्थात अच्छे खानदान वाले लोग प्रारम्भ में, मध्य में और अंत में, राजा को किसी दशा ने भी नहीं त्यागते।
521 ईख, जल, दूध, मूल (कंद), पान, फल और दवा आदि का सेवन करके भी, स्नान-दान आदि क्रियाए की जा सकती है।
522 ईख, तिल, क्षुद्र, स्त्री, स्वर्ण, धरती, चंदन, दही,और पान, इनको जितना मसला या मथा जाता है, उतनी गुण-वृद्धि होती है।
523 ईमानदारी अधिकतर बेईमानी से कम लाभदायक होती है।
524 ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
525 ईर्ष्या आत्मा का अल्सर है।
526 ईर्ष्या करने वाले दो समान व्यक्तियों में विरोध पैदा कर देना चाहिए।
527 ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।
528 ईश्वर ने ही मुझे इस मार्ग पर चलाया हैं, यह विश्वास मेरे हर्द्य में बहुत पहले ही हो गया था
529 ईश्वर मुझे माफ़ कर देगा। ये उसका काम है। 
530 ईश्वर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना होना क्योकि ईश्वर वह नही देता जो आपको अच्छा लगता है बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा होता है।
531 ईश्वर, मुझे ऐसी ताकत दो की मैं हासिल करने से ज्यादा की चाहत रख सकू। 
532 उच्च कुल में उत्पन्न और गुण संपन्न व्यक्ति भी यदि दान नहीं करता तो उसे जीवन में यश नहीं मिलता। अत: इस लोक में यश और सुख तथा पारलौकिक कल्याण के लिए दान सर्वोतम साधन हैं यह सब उसी तरह से हैं, जैसे समुद्र शंख का पिता है और उसके पास सभी रत्नों का भण्डार है और देवी लक्ष्मी शंख की बहन है। लेकिन फिर भी शंख दर दर पर भीख मांगने वालो के हाथ में होता हैं।
533 उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।
534 उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो , तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो , तुम तत्व  नहीं हो , ना ही शरीर हो , तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
535 उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
536 उत्कंठा ज्ञान की शुरुआत है।
537 उत्कृष्टता एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है कोई संयोग नहीं।
538 उत्कृष्टता वो कला है जो प्रशिक्षण और आदत से आती है। हम इस लिए सही कार्य नहीं करते कि हमारे अन्दर अच्छाई या उत्कृष्टता है, बल्कि वो हमारे अन्दर इसलिए हैं क्योंकि हमने सही कार्य किया है। हम वो हैं जो हम बार बार करते हैं, इसलिए उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है।
539 उत्तम कर्म करते हुए एक पल का जीवन भी श्रेष्ठ है, परन्तु  लोक-परलोक  में दुष्कर्म करते हुए  हजारों वर्षो का जीना  भी श्रेष्ठ नहीं है।
540 उत्तम स्वभाव से ही देवता, सज्जन और पिता संतुष्ट होते है। बंधु-बांधव खान-पान से और श्रेष्ठ वार्तालाप से पंडित अर्थात विद्वान प्रसन्न होते है। मनुष्य को अपने मृदुल स्वभाव को बनाए रखना चाहिए।
541 उत्साह कामयाबी का सबसे ताकतवर हथियार है। किसी भी काम को पुरे उत्साह से करे।  पूरी आत्मा इसमें लगा दे। उस काम में आपका व्यक्तित्व झलके। ऊर्जावान रहे। विश्वास से भरे हो। बगैर उत्साह के दुनिया में कुछ भी हासिल नहीं किया गया है।
542 उत्साह मनुष्य की भाग्यशीलता का पैमाना है।
543 उत्साहहीन व्यक्ति का भाग्य भी अंधकारमय हो जाता है।
544 उदारता जितना आप दे सकते हैं उससे अधिक देना है , और गर्व जितना आप ले सकते हैं उससे कम लेना है।
545 उद्देश्यपूर्ण जीवन जिए। सफल जिंदगी जीने के लिए जीवन में कोई न कोई उद्देश्य अवश्य बनाएं।
546 उद्धयोग-धंधा करने पर निर्धनता नहीं रहती है। प्रभु नाम का जप करने वाले का पाप नष्ट हो जाता है। चुप रहने अर्थात सहनशीलता रखने पर लड़ाई-झगड़ा नहीं होता और वो जागता रहता है अर्थात सदैव सजग रहता है उसे कभी भय नहीं सताता।
547 उन तर्कों पर हम ज्यादा जल्दी विश्वास करते है जिनका आविष्कार खुद करते है, क्योंकि हम उनकी सच्चाई जानते है। 
548 उन लोगो के साथ रहे, जो आपको समझते हैं जिनको यह पता हैं कि आप किन चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
549 उन लोगों कि बातों पर ध्यान मत दीजिए, जो आप के काम और आचरण की प्रशंसा करते हैं बल्कि उन लोगो कि बातों पर ध्यान दीजिए जो आप के काम में कमियां निकालते हैं
550 उन लोगों में से एक बनिए जिन्हें कर्म में ही सुंदरता दिखती है। जैसे मुझे साइंस से ज्यादा खूबसूरत कुछ नहीं लगता है।
551 उनमे से हर कोई किसी न किसी भेस में भगवान है.
552 उन्नति और अवनति वाणी के अधीन है।
553 उपकार  का बदला चुकाने के भय से दुष्ट व्यक्ति शत्रु बन जाता है।
554 उपकार का बदला उपकार से देना चाहिए और हिंसा वाले के साथ हिंसा करनी चाहिए। वहां दोष नहीं लगता क्योंकि दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना ही ठीक रहता है।
555 उपदेश देना सरल है, पर उपाय बताना कठिन।
556 उपहार से नहीं इच्छा से आप दाता बनते है।
557 उपाय से सभी कार्य पूर्ण हो जाते है।  कोई  कार्य कठिन नहीं रहता।
558 उपायों को जानने वाला कठिन कार्यों को भी सहज बना लेता है।
559 उपार्जित धन का त्याग ही उसकी रक्षा है।  अर्थात उपार्जित धन को लोक हित के कार्यों में खर्च करके सुरक्षित कर लेना चाहिए।
560 उम्मीदे प्रथम श्रेणी के सत्य का एक रूप है: यदि लोग कुछ होने का विश्वास करते हैं तो वह सचमुच होता है।
561 उम्र के अनुरूप ही वेश धारण करें।
562 उम्र के साथ अपना नजिरया भी विकसित करना आवश्यक हैं। अपने दिल कि आवाज सुनिए और लीक से हटकर काम कीजिये।
563 उम्र बढ़ना किसी निराशा से काम नहीं है।  इसकी कोई दवा भी उपलब्ध नहीं है।  अगर आप यह न समझे हंसना ही हर बात का इलाज़ है।
564 उलाहना देती हुई, एक गोपी श्रीकृष्ण को कहती हैं, हे श्रीकृष्ण! तुमने एक बार गोवर्धन नामक किसी एक छोटे से पर्वत को क्या उठा लिए की इस लोक में ही नहीं बल्कि स्वर्गलोक में भी गोवर्धनधारी के रूप में प्रसिद्ध हो गए। परन्तु आश्चर्य ही है की में तीनो लोको को धारण करने वाले तुम्हे अपने ह्रदय में धारण करती हूँ परन्तु मुझे कोई त्रिलोकधारी जैसी पदवी नहीं देता वास्तव में यश-सम्मान तो पुण्य और भाग्य से ही मिलता हैं।
565 उस धन-सम्पति से क्या लाभ जो कुलवधू के समान केवल स्वामी के अपने ही उपभोग में आती हैं। लक्ष्मी तो वही उत्तम हैं जो वेश्या के समान न केवल सभी नगरवासियों के उपभोग में आएं, बल्कि पथिको का भी हित करें।
566 उस मनुष्य का ठाट-बाट जिसे लोग प्यार नहीं करते, गांव के बीचोबीच उगे विषवृक्ष के समान है।
567 उस रास्ते पर मत चलो जो पहले से बना है।  वहां चलो, जहां कोई नहीं चला  रास्ता बनाओ।
568 उस लक्ष्मी (धन) से क्या लाभ जो घर की कुलवधू के समान केवल स्वामी के उपभोग में ही आए। उसे तो उस वेश्या के समान होना चाहिए, जिसका उपयोग सब कर सके।
569 उस वक्त तक डरने की कोई जरूरत नहीं है जब तक आप जानते हैं कि जो कर रहे हैं वह बिल्कुल सही है। उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंच रहा है।
570 उस व्यक्ति के लिए कुछ भी बहुत ज्यादा नहीं होता जिसके लिए ज्यादा का मतलब ही कम होता है।
571 उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी  सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
572 उसकी धन दौलत से नहीं।
573 उसके(भगवान के) अनुग्रह की हवा दिन और रात आपके सिर के ऊपर बह रही है। अपनी नाव(मन) के पाल खोलो, यदि आप जीवन रूपी सागर के माध्यम से तेजी से प्रगति करना चाहते हैं।
574 उसी व्यक्ति का यकीन करिए जो वैसी ही मुश्किल से गुज़र चुका हो।
575 उसी व्यक्ति को हीरो कहा जा सकता है, जिसे मालूम हो की सिर्फ एक मिनट तक टंगे रहने का क्या फायदा है।
576 उसी वक़्त आप खुद के साथ समय गुजारना चाहते है जब आपको कई लोगो के साथ रहने को कहा जाता है।
577 ऋण, शत्रु  और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।
578 ए बुरे वक़्त ! ज़रा “अदब” से पेश आ !! “वक़्त” ही कितना लगता है “वक़्त” बदलने में………
579 ए मुसीबत जरा सोच के आना मेरे करीब कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये....
580 एक  महान  आदमी  एक  प्रतिष्ठित  आदमी  से  इस  तरह  से  अलग  होता  है  कि  वह  समाज  का  नौकर  बनने  को  तैयार  रहता  है .
581 एक  समय  में  एक  काम  करो , और  ऐसा  करते  समय  अपनी  पूरी  आत्मा  उसमे  डाल  दो  और  बाकी  सब  कुछ  भूल  जाओ।
582 एक creative व्यक्ति के हाथो में और दिमाग में पूरी दुनिया होती हैं।
583 एक अकेला पहिया नहीं चला करता।
584 एक अच्छा इंसान और एक अच्छा नागरिक बनना एक बात नहीं है।
585 एक अच्छा और समझदार व्यक्ति सिर्फ knowledge की ख्वाहिश रखता हैं।
586 एक अच्छा दिमाग और एक अच्छा दिल हमेशा से विजयी जोड़ी रहे हैं।
587 एक अच्छा नॉवल, किसी फिलोसोफी को इमेजिस में डालने जैसा होता है।
588 एक अच्छा पेशेवर इंजीनियर बनने के लिए आपको अपनी परीक्षा की तैयारी हमेशा देर से शुरू करनी चाहिए क्योंकि यह आपको समय को मैनेज करना और इमरजेंसी को हैंडल करना सिखाएगा।
589 एक अच्छा शिक्षक अपने छात्रों के लिए पढ़ाई आसान बना देता है।  यहां तक की शिक्षक के जाने के बाद भी छात्र उनके पढाए पाठ के बारे में हैं।
590 एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक पुस्तकालय के बराबर होता है।
591 एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय)  के बराबर होता है
592 एक आदमी एक दीपक की रोशनी से भी भागवत पढ़ सकता है, और एक ओर बहुत प्रकाश में भी कोई जालसाजी कर सकता हैं इन सबसे दीपक अप्रभावित रहता है। सूरज दुष्ट और गुणी व्यक्ति के लिए प्रकाश में कोई अंतर नहीं लाता और दोनों पर समान प्रकाश डालता है।
593 एक आम इंसान कुछ लोगों से ज्यादा प्यार करता है। उसके लिए इसके बिना प्यार का कोई मतलब नहीं होता।
594 एक आवारा, एक सज्जन, एक कवि, एक सपने देखने वाला, एक अकेला आदमी, हमेशा रोमांस और रोमांच की उम्मीद करते है।
595 एक इंसान जो अपने हाथों से काम करता है वो एक श्रमिक है; एक इंसान जो अपने हाथों और दिमाग से काम करता है वो एक कारीगर है; लेकिन एक इंसान जो अपने हाथों, दिमाग और दिल से काम करता है वो एक कलाकार है।
596 एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है।
597 एक ईसाई होने के नाते मुझे खुद को ठगे जाने से बचाने का कोई कर्तव्य नहीं है, लेकिन सत्य और न्याय के लिए लड़ने का मेरा कर्तव्य है। 
598 एक औंस किया गया कार्य एक टन बात करने के बराबर है।
599 एक कलाकार की पहचान उसके काम से होती है, न कि काम की पहचान कलाकार के नाम से।
600 एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।

Sunday, January 10, 2016

#401-500


401 आपको बड़ा पाना है या बड़ा बनना हैं तो बड़ा जोखिम लेना सीखो।
402 आपको लगता हैं कि आपका टीचर सख्त हैं तो अपने Boss का इंतजार करें।
403 आपको लोगों को क्षमा करना होगा, इसलिए नहीं कि वे इस के योग्य हैं बल्कि इसलिए कि आप उनसे मुक्ति के योग्य हैं।
404 आपको शक्ति (पॉवर) की तभी जरूरत होती है जब आप किसी को नुकसान पहुंचाना चाहे, अन्यथा प्यार काफी है हर काम को करने के लिए।
405 आपकों खुद की skills पर मेहनत करने की जरुरत हैं।
406 आपत्ति से बचने के लिए धन की रक्षा करे क्योंकि पता नहीं कब आपदा आ जाए। लक्ष्मी तो चंचल है। संचय किया गया धन कभी भी नष्ट हो सकता है।
407 आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे भूल जाओ। और कभी किसी ने आपका बुरा किया हो तो उसे भूल जाओ।
408 आपमें चाहे कितनी भी योग्यता क्यों ना हो, आप एकाग्रचित्त होकर ही अपना महान कार्य कर सकते हैं।
409 आपात स्थिति में मन को डगमगाना नहीं चाहिये।
410 आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।
411 आमतौर पर महान उपलब्धियां महान बलिदानों का फल होती हैं, और कभी भी स्वार्थ का परिणाम नहीं होतीं।
412 आमतौर पर सिपाही लड़ाइयाँ जीतते हैं; सेनापति उसका श्रेय ले जाते हैं। 
413 आयु सोचती है, जवानी करती है।
414 आलसी का न वर्तमान होता है, न भविष्य।
415 आलसी राजा अपने विवेक की रक्षा  नहीं कर सकता।
416 आलसी राजा अप्राप्त लाभ को प्राप्त नहीं करता।
417 आलसी राजा की प्रशंसा उसके सेवक भी नहीं करते।
418 आलसी राजा प्राप्त वास्तु की रक्षा करने में असमर्थ होता है।
419 आलसी व्यक्ति से सबसे कठिन कार्य करवाओ वो उस काम को सबस आसान रास्ते से उसको हल करेगा और आपको वह कार्य करने का आसान मार्ग मिल जायेगा।
420 आलस्य के कारण तथा अभ्यास के अभाव में प्राप्त विद्या भी नष्ट हो जाती हैं, दुसरे के हाथ में गया हुआ धन काम नहीं आता और न लौट कर वापस ही आता हैं, थोडा बीज डालने से खेत फलता-फूलता नहीं है तथा सेनापतिरहित सेना विजयी नहीं होती।
421 आलस्य में जीवन बिताना आत्महत्या के समान है।
422 आलस्य से  विध्या नष्ट हो जाती है। दूसरे के पास गई स्त्री, बीज की कमी से खेती और सेनापति के न होने से सेना नष्ट हो जाती है।
423 आलस्‍य में दरिद्रता बसती है, लेकिन जो, व्‍यक्ति आलस्‍य नहीं करते उनकी मेहनत में लक्ष्‍मी का निवास होता है।
424 आलोचना से बचने का एक ही तरीका हैकुछ मत करो, कुछ मत कहो और कुछ मत बनों।
425 आवश्यकता, आविष्कार की जननी है।
426 आवाप अर्थात दूसरे राष्ट्र से संबंध नीति का परिपालन मंत्रिमंडल का कार्य है।
427 आविष्कार करने के लिए, आपको एक अच्छी कल्पना और कबाड़ के ढेर की जरूरत होती है।
428 आशा जागते हुए देखा गया स्वप्न है।
429 आशावादी बने। मैं ऐसा चाहता हूँ की जगह में आशा करता हूँ कहें यह आपके अन्दर आशावादी  द्रष्टिकोण (hope) पैदा करेगा।
430 आश्चर्य , दार्शनिक की भावना है और दर्शन आश्चर्य से शुरू होता है। 
431 आश्चर्य, भय, तोड़-फोड़, हत्या के ज़रिये दुश्मन को अन्दर से हतोत्साहित कर दो। यह भविष्य का युद्ध है।
432 आसमान को छूने के लिए संकल्प की जरुरत होती हैं, मेहनत की नहीं। पक्के इरादों की जरुरत होती हैं, संसाधनों की नहीं। होंसलो की जरुरत होती हैं, ताकत की नहीं।
433 आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है।
434 आज़ाद होने के लिए पूरी दुनिया में कोई भी आसान रास्ता नहीं है।
435 आज़ादी खुद को बेहतर बनाने के तरीके से ज्यादा कुछ नहीं है।
436 इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।
437 इंतज़ार मत करिए, सही समय कभी नहीं आता।
438 इंतजार करने वाले लोगो को केवल उतना मिलता है, जितना कोशिश करने वाले लोग छोड़ देते है।
439 इंतजार करने वालो को केवल प्राप्त होता है, जो मेहनत करने वाले छोड़ जाते है। 
440 इंद्रियों के अत्यधिक प्रयोग से बुढ़ापा आना शुरू हो जाता है।
441 इंसान की तरह बोलना न आये तो जानवर की तरह मौन रहना अच्छा है।
442 इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं.
443 इंसान को जीवन में मुश्किलों की जरुरत हैं क्यूंकि यही मुश्किलें सफलता का सुख अनुभव कराती हैं।
444 इंसान को सबसे बड़ा धोखा अपने विचारो से ही मिलता हैं।
445 इंसान खुश तभी रह सकता है जब वह इस जीवन का उद्देश्य समझना छोड़ दे।
446 इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक की वो अपने दिमाग में हार ना मान ले।
447 इंसान भीतर से जितना मजबूत होगा उतना ही उसका कद ऊंचा होगा।
448 इंसान वो है जो की उनकी माँ उन्हें बनाती है।
449 इंसानो को नियंत्रित करने के लिए यदि क़ानून जरुरी हो जाए तो फिर ऐसे कानून से स्वतंत्रता की अपेक्षा न रखे।
450 इंसानों की नफरत ख़तम हो जाएगी, तानाशाह मर जायेंगे, और जो शक्ति उन्होंने लोगों से छीनी वो लोगों के पास वापस चली जायेगी। और जब तक लोग मरते रहेंगे, स्वतंत्रता कभी ख़त्म नहीं होगी।
451 इच्छा आधा जीवन है और उदासीनता आधी मौत।
452 इच्छा और ख्वाहिशों के अनुरूप हर व्यक्ति अपना भगवान खुद बनाता है।
453 इच्छा ही सभी उपलब्धियों का प्रारंभिक बिंदु है।   
454 इच्छाओं को काबू में रखने से खुशियों का अनुभव होता है। इच्छाओं को पूरा करते रहने की दौड़ में नुकसान पहुँचता है।
455 इतनी चाहत तो लाखो रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......
456 इतिहास  पढ़िए ,इतिहास  पढ़िए . इतिहास  में  ही  राज्य  चलाने  के  सारे  रहस्य  छिपे  हैं।
457 इतिहास को पढ़ने से पता चलता है की सरकार कितनी बुरी होती है।
458 इतिहास विजेताओं द्वारा लिखा गया हैं। 
459 इतिहास सहमती से किया गया झूठ का संग्रह है। 
460 इतिहास से हम क्या सिख सकते है, यही की कोई व्यक्ति इतिहास से कभी -कुछ नहीं सीख सकता है।
461 इतिहास, जीतेने  वालों  द्वारा  लिखा  जाता  है।
462 इन छ: चीजों से सावधानी बरतनी चाहिए ये हैं आग, जल, स्त्री, मुर्ख पुरुष, सर्प और राजकुल से व्यवहार। क्योकि जहा ये अनुकूल होने पर अभीष्ट फल देती हैं, वहीँ थोड़ी सी असावधानी होने पर तक्षण प्राण भी हर लेती हैं।
463 इन सातो को जगा दे यदि ये सो जाए 1. विद्यार्थी 2. सेवक 3. पथिक 4. भूखा आदमी 5. डरा हुआ आदमी 6. खजाने का रक्षक 7. खजांची
464 इन सातो को नींद से नहीं जगाना चाहिए1. साप 2. राजा 3. बाघ 4. डंख करने वाला कीड़ा 5. छोटा बच्चा 6. दुसरो का कुत्ता 7. मुर्ख
465 इन्द्रियों को वश में करना ही तप का सार है। 
466 इन्द्रियों पर विजय का आधार विनर्मता है।
467 इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए.
468 इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए।
469 इन्स्पीरेशन  सोच  है जबकि मोटीवेशन कार्रवाई है।
470 इरादों में मजबूती होने से आगे बढ़ना आसान होता है, लेकिन व्यर्थ बैठे रहने से कुछ भी हासील नहीं हो पाता है।
471 इस  दस्तावेज़  की  लम्बाई  इस  पढ़े  जाने  के  जोखिम  से  बचाती  है।
472 इस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, आग नहीं जला सकती, जल गीला नहीं कर सकता और वायु सुखा नहीं सकती, इस संसार में ज्ञान के समान कोई पविता वस्तु नहीं हैं उस ज्ञान को योग से सिद्ध और समय से व्यक्ति स्वयं आत्मा में प्राप्त करता हैं।
473 इस कार्य को करने का एक बेहतर तरीका है – उसे खोजो।
474 इस खूबसूरत धरती से बेहतर स्वर्ग का रास्ता मेरे लिए नहीं हो सकता। 
475 इस जगत में क्षमा वशीकरण रूप है। भला क्षमा से क्या नहीं सिद्ध होता ? जिसके हाथ में शांति रूपी तलवार है, उसका दुष्ट पुरुष क्या कर लेंगे। 
476 इस जीवन को जी-जान से प्यार करना होगा दरिद्रता को आभूषण बनाकर हर एक के बीच काम करने के लिए जाना होगा भगवान के प्रति प्यार की मूर्ति ही यह कार्य हैं हमारे प्यार का स्पर्श किसी न किसी के लिए तो निर्दिर्ष्ट हैं ही
477 इस दुनिया मे कोई किसी का हम दर्द नहीं होता लोग ज़नाजे के साथ भी होते हैं तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने केलिए 
478 इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं।😔"और कितना वक़्त लगेगा"...
479 इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।
480 इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं। 
481 इस धरती पर कर्म करते हुए सौ साल तक जीने की इच्छा रखो, क्योंकि कर्म करने वाला ही जीने का अधिकारी है। जो कर्मनिष्ठा छोड़कर भोगवृत्ति रखता है, वह मृत्यु का अधिकारी बनता है।  
482 इस धरती पर कोई भी दो चीजे पूर्ण रूप से सामान नहीं होती 
483 इस पृथ्वी पर तीन ही रत्न है -----जल, अन्न, और मधुर वचन ! बुद्धिमान व्यक्ति इनकी समझ रखता है, परन्तु मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ो को ही रत्न कहते है।
484 इस पृथ्वी पर दुर्जन व्यक्ति को सज्जन बनाने का कोई उपाय नहीं है, जैसे सैकड़ो बार धोने के उपरांत भी गुदा-स्थान शुद्ध इन्द्री नहीं बन सकता।
485 इस बात को भी खुद से जाने दीजिए कि सभी काम एक ही पल में पुरे हो जायेंगे, हर काम को करने में अलग अलग समय लगता हैं।
486 इस बात को याद रखना की मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी ज़िन्दगी  के बड़े निर्णय लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार मौत के बारे में सोचता हूँ तब सारी उम्मीद, सारा गर्व, असफल होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है। इस बात को याद करना की एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा  तरीका है। आप पहले से ही नंगे हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है की आप अपने दिल की ना सुने। 
487 इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.
488 इस बात में कोई सच्चाई नहीं की सभी रूढ़िवादी, बेवकूफ होते है। यह सच है की सभी बेवकूफ, रूढ़िवादी जरूर होते है।
489 इस बात से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई भी बात हो सकती जब दो लोग एक-दूसरे की आँखों में आँखे डाल कर देखते है, घर को अपनेपन से भर देते है, दुश्मनो को घर से बाहर और दोस्तों को भरपूर प्यार देते है।
490 इस मक्कार दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है, यहाँ तक की हमारी परेशानिया भी नहीं।
491 इस राजनीति शास्त्र का विधिपूर्वक अध्ययन करके यह जाना जा सकता है कि कौनसा कार्य करना चाहिए और कौनसा कार्य नहीं करना चाहिए। यह जानकर वह एक प्रकार से धर्मोपदेश प्राप्त करता है कि किस कार्य के करने से अच्छा परिणाम निकलेगा और किससे बुरा। उसे अच्छे बुरे का ज्ञान हो जाता है।
492 इस विचार को खुद से अलग कर दे कि दूसरे लोगों के पास आपसे बेहतर चीजें हैं क्योकिं जैसा आप सोच रहे हैं, वैसा ही अगला व्यक्ति भी सोच रहा होगा।
493 इस विचार को भी अपने दिल से जाने दे कि आपकी तुलना में दूसरा व्यक्ति ज्यादा कमजोर हैं हर व्यक्ति मज़बूत होता हैं और कोई भी कमजोर नहीं हैं।
494 इस विचार को भी छोड़ दीजिए कि सभी लोग आपकों पसंद करें ही ये मुमकिन नहीं हैं अत: इसे छोड़ दें।
495 इस संसार के दुखो से संतप्त लोगो को तीन बातों से ही शान्ति मिल सकती हैं – अच्छी संतान, पतिवर्ता स्त्री और सज्जन महात्माओं की संगति।
496 इस संसार में आज तक किसी को भी प्राप्त धन से, इस जीवन से, स्त्रियों से और खान-पण से पूर्ण तृप्ति कभी नहीं मिली। पहले भी, अब भी और आगे भी इन चीजो से संतोष होने वाला नहीं है। इनका जितना अधिक उपभोग किया जाता है, उतनी ही तृष्णा बढ़ती है।
497 इस संसार में ऐसा कोई मूल्यवान पदार्थ नहीं हैं। जिसे गुरु को अर्पण करके शिष्य गुरु के इस ऋण (एकाक्षर का ज्ञान अथार्त मिथ्या मायामोह से हटाकर ब्रह्म से साक्षात्कार कराना) से उऋण हो सके।
498 इस संसार में कामवासना के समान कोई भयंकर रोग नहीं हैं काम एक ऐसा रोग हैं जो मनुष्य के शरीर को खोखला करके उसे सवर्था अशक्त बना देता हैं, मोह जैसा कोई अजेय-शत्रु नहीं, क्रोध जैसी कोई दूसरी आग नहीं ज्ञान से बढ़कर कोई सुख नहीं।
499 इस संसार में कोई भाग्यशाली व्यक्ति ही मोह-माया से छूटकर मोक्ष प्राप्त करता है। उनका कहना है -----'धन-वैभव को प्राप्त करके ऐसा कौन है जो इस संसार में अहंकारी न हुआ हो, ऐसा कौनसा व्यभिचारी है, जिसके पापो को परमात्मा ने  नष्ट न कर दिया हो, इस पृथ्वी पर ऐसा कौन धीर पुरुष है, जिसका मन स्त्रियों के प्रति व्याकुल न हुआ हो, ऐसा कौन पुरुष है, जिसे मृत्यु ने न दबोचा हो, ऐसा कौन सा भिखारी है जिसे बड़प्पन मिला हो, ऐसा कौनसा दुष्ट है जो अपने सम्पूर्ण दुर्गुणों के साथ इस संसार से कल्याण-पथ पर अग्रसर हुआ हो।'
500 इस संसार में कोई मनुष्य स्वभावतः किसी के लिए उदार, प्रिय या दुष्ट नहीं होता। अपने कर्म ही मनुष्य को संसार में गौरव अथवा पतन की ओर ले जाते है।