601 | एक कॉमेडी फिल्म बनाने के लिए मुझे बस एक पार्क , एक पुलिसकर्मी और एक सुन्दर लड़की की ज़रुरत होती है। |
602 | एक खुबसूरत शरीर का अंत हो सकता हैं।लेकिन Art-Work कभीख़त्म नहीं होता। |
603 | एक गलत कानून को कानून कहना ही गलत है। कानून वही है जो न्याय करता है। |
604 | एक गलत विचार का समर्थन जारी रखने से अच्छा है आप अपनी राय बदल लें। |
605 | एक गलती करने में एक क्षण लगता है लेकिन उस गलती को भूलने की कोशिश में पूरा जीवन बीत जाता है। |
606 | एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली.. वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!! |
607 | एक छोटी सी चिंटी आपके पैर को काट सकती है,पर आप उसके पैर को नहीं काट सकते ! इसलिए जीवन में किसी को छोटा ना समझे ! क्योकि वह जो कर सकता ,शायद आप ना कर पाये !! |
608 | एक छोटे से विवाद से एक महान रिश्ते को घायल मत होने देना। |
609 | एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है। |
610 | एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है। |
611 | एक तयशुदा उम्र के बाद मनुष्य जैसा है उसका जिम्मेदार वह खुद होता है। |
612 | एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है। |
613 | एक दार्शनिक की ज़िम्मेदारी है की वह हर बात में सच्चाई ढूंढ निकाले। |
614 | एक दिन धीरूभाई चला जायेगा लेकिन Reliance के कर्मचारी और शेयर होल्डर इसको चलाते रहेंगे, रिलायंस अब एक विचार है जिसमे अम्बानियों का कोई अर्थ नहीं है। |
615 | एक दूसरे से प्रेम करें , लेकिन प्रेम का कोई बंधन ना बाधेंबल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बीच एक बहते हुए सागर के सामान रहने दें। |
616 | एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है। |
617 | एक देश नारे लगाने से महान नहीं बन जाता। |
618 | एक दोस्त आपकी दूसरी आत्मा है। |
619 | एक दोस्त को क्षमा करने की अपेक्षा एक दुश्मन को क्षमा करना आसान है। |
620 | एक दोस्त क्या है? दो शरीर में रहने वाली एक आत्मा। |
621 | एक दोस्त जो आपके सुख-दुःख को समझे और मुश्किलो में साथ निभाए, ऐसा दोस्त आपके जीवन में भाई-बहन की तरह होते है। |
622 | एक नायक (Hero) एक इंसान से ज्यादा बहादुर नहीं होता है, लेकिन वो पांच मिनिट ज्यादा बहादुर रहता है। |
623 | एक नायक बनो, और सदैव कहो - "मुझे कोई डर नहीं है"। |
624 | एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान व्यक्ति हज़ारों में एक पाया जाता है, लेकिन एक सम्पूर्ण व्यक्ति शायद एक लाख लोगों में भी ना मिले। |
625 | एक निराशावादी को हर अवसर में कठिनाई दिखती है और आशावादी को हर कठिनाई में अवसर। |
626 | एक निश्चित बिंदु के बाद, पैसे का कोई अर्थ नहीं रह जाता। |
627 | एक नेता की परिभाषा है कि उसके पास एक सफल द्रष्टिकोण हों, एक जूनून हो, जो किसी परेशानी से ना डरे बल्कि परेशानियों को हराना जानता हो। और सबसे महत्वपूर्ण बात कि वो ईमानदार हो । |
628 | एक प्रेरित जनशक्ति(motivated manpower) सबसे महत्वपूर्ण बात है। |
629 | एक बड़े पहाड़ पर चढ़ने के बाद यही पता चलता है कि अभी ऐसे कई पहाड़ चढ़ने के लिए बाकी हैं। |
630 | एक बहादुर व्यक्ति की अपेक्षा डरपोक व्यक्ति के झगड़े ज्यादा होते है। |
631 | एक बार आपने कोई फैसला कर लिया, सारी प्रकति उसे पूरा करने में जुट जाती है। |
632 | एक बार में एक ही चीज करे पूरा ध्यान एक ही चीज पर होगा तो perfection आएगा, काम की तारीफ होगी और ख़ुशी मिलेगी। |
633 | एक बिगड़ैल गाय सौ कुत्तों से ज्यादा श्रेष्ठ है। अर्थात एक विपरीत स्वाभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ लोगों से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते है। |
634 | एक बैंक की स्थापना करके लोगों को लूटना ज्यादा आसान है, बजाय इसके की बैंक क्लर्क को बंधक बना के लूटा जाए। |
635 | एक मनुष्य को चारो वेद और सभी धर्मं शास्त्रों का ज्ञान है लेकिन उसे यदि उसे अपनी आत्मा की अनुभूति नहीं हुई तो वह उसी चमचे के समान है। जिसने अनेक पकवानों को हिलाया तो सही लेकिन किसी का स्वाद नहीं चखा। |
636 | एक मनुष्य जैसे जीता है, उन दोनों के बीच के संबंध को ख़ुशी कहते है। |
637 | एक मात्र स्थिर अवस्था वो है जिसमे सभी इंसान कानून के समक्ष बराबर है। |
638 | एक मुर्ख जीनियस बन सकता है यदि वो समझता है की वो मुर्ख है लेकिन एक जीनियस मुर्ख बन सकता है यदि वो समझता है की वो जीनियस है। |
639 | एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन ; भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए? |
640 | एक लीडर आशा का व्यापारी होता है। |
641 | एक विचार लो . उस विचार को अपना जीवन बना लो - उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो , उस विचार को जियो . अपने मस्तिष्क , मांसपेशियों , नसों , शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो , और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो . यही सफल होने का तरीका है। |
642 | एक व्यक्ति एक साथ कई कलाओं में सफल नहीं हो सकता। |
643 | एक व्यक्ति को छोड़कर बाकी सभी लोगो की सोच एक जैसी है तो उस एक व्यक्ति को शांत करना आसान है, लेकिन अगर उस एक व्यक्ति को कुछ पावर मिल जाए तो वह बाकी सब को चुप करा सकता है। |
644 | एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है। लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हश्र होने वाला है। वह आदमी मूर्ख है। |
645 | एक व्यक्ति में जितनी काबिलियत होती है, उसे उससे कहीं अधिक अवसर प्राप्त होते हैं। |
646 | एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो। |
647 | एक शानदार idea प्राप्त करना चाहते हो तो, पहले ढेर सारे ideas सोचो। |
648 | एक शुद्ध निःस्वार्थ जीवन जीने के लिए, एक व्यक्ति को प्रचुरता में भी कुछ भी अपना नहीं है ऐसा भरोसा करना चाहिए। |
649 | एक श्लोक, आधा श्लोक, श्लोक का एक चरण, उसका आधा अथवा एक अक्षर ही सही या आधा अक्षर प्रतिदिन पढ़ना चाहिए। |
650 | एक सच यह भी है की लोग आपको उसी वक़्त ताक याद करते है जैब ताक सांसें चलती हैं। सांसों के रुकते ही सबसे क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त, यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है। |
651 | एक सच्चा आदमी किसी से नफरत नहीं करता। |
652 | एक सच्चा लीडर लोगो के विचारों के पीछे नहीं चलता बल्कि वो लोगो के विचारो को बदल देता है। |
653 | एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो। बल्कि मूल्यों पर चलने वाले इंसान बनो। |
654 | एक समझदार व्यक्ति के द्वारा की गई आलोचना, सौ साधारण आदमियों द्वारा दिए गए समर्थन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। |
655 | एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है.. |
656 | एक सांसारिक आदमी जो कि ईमानदारी से भगवान के प्रति समर्पित नहीं है, को अपने जीवन में कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। |
657 | एक सिंघासन महज मखमल से ढंकी एक बेंच है। |
658 | एक सिपाही एक रंगीन रिबन के लिए दिलो जान से लडेगा। |
659 | एक सेना अपने पेट के बल पर आगे बढती है। |
660 | एक हाथ की शोभा गहनों से नहीं दान देने से है। निर्मलता चन्दन का लेप लगाने से नहीं जल से नहाने से आती है। एक व्यक्ति भोजन खिलाने से नहीं सम्मान देने से संतुष्ट होता है। मुक्ति खुद को सजाने से नहीं होती, अध्यात्मिक ज्ञान को जगाने से होती है। |
661 | एक ही गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का निकट संपर्क, ब्रह्मचर्य को नष्ट कर सकता है। |
662 | एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है। |
663 | एक ही नक्षत्र अथवा समय में और एक ही माँ के गर्भ से उत्पन्न जुड़वाँ बच्चे भी समान स्वभाव के नहीं होते, उदाहरण के लिए बेर के वृक्ष में बेर के फल भी उत्पन्न होते हैं और कांटे भी उगते हैं, पर उन दोनों का स्वभाव भिन्न हैं फल तो लोगो को स्वाद और तृप्ति देते हैं परन्तु कांटे चुभन पैदा करने के रूप में दुःख देते हैं। |
664 | एक ही पदार्थ को देखने वाले प्राणी उसे विभिन्न दृष्टिकोण से देखते हैं स्त्री का शरीर योगियों के लिए शवरूप हैं तो कामियो के लिए सौदर्य का भंडार और कुत्तो के लिए मांसपिंड। |
665 | एक ही माता के पेट से और एक ही नक्षत्र में जन्म लेने वाली संतान समान गुण और शील वाली नहीं होती, जैसे बेर के कांटे। |
666 | एक ही वस्तु को तीन दृष्टियों से देखा जा सकता है। जैसे सुंदर स्त्री को योगी मृतक के रूप में देखता है, कामुक व्यक्ति उसे कामिनी के रूप में देखता है और कुत्ते के द्वारा वह मांस के रूप में देखी जाती है। |
667 | एक ही सुगन्धित फूल वाले वृक्ष से जिस प्रकार सारा वन सुगन्धित हो जाता है, उसी प्रकार एक सुपुत्र से सारा कुल सुशोभित हो जाता है। |
668 | एकमात्र अच्छाई केवल ज्ञान हैं और एकमात्र बुराई केवल अज्ञान हैं। |
669 | एकमात्र ईश्वर ही विश्व का पथ प्रदर्शक और गुरु है। |
670 | एडिसन इलेक्ट्रिक बल्ब बनाने में १०,००० बार विफल हुए। यदि आप कुछ बार विफल हो जाते हैं तो हिम्मत मत हारिये। |
671 | ऐश्वर्य पैशाचिकता से अलग नहीं होता। |
672 | ऐसा काम न करे जिसके बारे में सोचकर पछतावा हो। गलती से हो गया है तो उसे दोहराएं नहीं। |
673 | ऐसा क्यूँ हैं कि जिस व्यक्ति को हम नाममात्र के लिए जानते हैं उसे क्षमा करना बहुत आसान होता है और जिस व्यक्ति से हम ढंग से परिचित होते हैं उसे माफ़ करना मुश्किल होता है। |
674 | ऐसा वक्त जरूर आएगा जब आप मुश्किल वक्त को भी खुश होकर सुनाएंगे। |
675 | ऐसा समुदाय जहाँ ना गरीबी है ना समृद्धि हमेशा महान सिद्धांतो से बना होता है। |
676 | ऐसी फिलोसोफी का कोई मतलब नही है जो दुसरो की दुःख तकलीफे कम करने में असमर्थ हो। |
677 | ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो। |
678 | ऐसे माता-पिता को बेटे का शत्रु ही माना जाता हैं, जो उसे शिक्षित नहीं करते। अशिक्षित पुत्र अथवा व्यक्ति बुद्धिमान व्यक्तियों की सभा में उसी प्रकार शोभित नहीं होता जिस प्रकार हंसो के झुण्ड में बगुला अच्छा नहीं लगता। जो माता-पिता अपनी संतान को सुशिक्षित नहीं करतें, वे बच्चे के शुभचिन्तक अथवा मित्र नहीं कहे जा सकते, एक प्रकार से वे उसके शत्रु ही होते हैं। |
679 | ऐसे लोग हैं जिन्हें पूँजीवाद पसंद नहीं है, और ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पर्सनल कम्प्यूटर्स पसंद नहीं है। पर ऐसा कोई भी नहीं है जिसे पी सी पसंद हो और वो माइक्रोसोफ्ट को पसंद ना करता हो। |
680 | ऐसे लोगो के मन में ज़िन्दगी-भर इस बात का दुःख रहता हैं की एक बार प्रयास करके देख लेते तो शायद बात बन जाती। |
681 | ऐसे लोगो को दूर रखें जो केवल अपनी सुविधा से आपके लिए समय निकलते हैं। दूसरों से attention पाने कि जबरदस्त कोशिश ना करें, न ही अनचाहे लोगो को अपने पास रखें। |
682 | ऐसे लोगो से दुरी बनाये रखे जो आपको पसंद नहीं करते या जिन्हें आप पसंद नहीं करते, भले ही वो कोई सहकर्मी या रिश्तेदार ही क्यों न हो। कोई आपकी भावनाओ का अपमान करें, नीची निगाहों से देखे या परेशान करने की कोशिश करें तो उसे अपने आस-पास भी न रखें। |
683 | ऐसे लोगों की तरह बनिए जो सोचते हैं कि दूसरों की मदद करने से या किसी के प्रति स्नेह की भावना रखने से ज्यादा खुशी मिलती है। इसकी तुलना किसी दूसरी चीज़ से नहीं की जा सकती है। |
684 | ऐसे व्यक्ति से आपकी मुलाकात कभी-भी नहीं होगी जो पूछेगा कि जंग ताकत से जीती या स्ट्रेटजी बनाकर। |
685 | ऐसे व्यक्ति से सावधान रहिए जो कुछ नया सीखना चाहता है और सीखता भी है। लेकिन उसे खुद में कोई सुधार महसूस नहीं होता है। |
686 | ओउम् इतेकक्षर ब्रह्म अथार्त ब्रह्म का नाम ओउम हैं अथवा तत्वमसि अथार्त तू ही ब्रह्म हैं। इस प्रकार एक मंत्र के रूप में सच्चे तत्त्व ज्ञान का उपदेश देने वाले गुरु की जो व्यक्ति वंदना नहीं करता, वह सौ बार कुत्ते की योनी में जन्म लेने के उपरान्त चाण्डाल योनि में उत्पन्न होता हैं। |
687 | ओरों में बहुत कुछ क्षमा कर दीजिये, खुद में कुछ भी नहीं। |
688 | और क्या कभी यह जाना गया है कि प्रेम स्वयं अपनी गहराई नहीं जानता है जब तक कि बिछड़ने का वक़्त ना आये ? |
689 | और यह समझो कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ; हाँ, काल के अंत तक. |
690 | औरत की उम्र कोई मायने नहीं रखती है क्योकि बढ़िया धुनें पुरानी वायलिन से ही निकलती है। |
691 | औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी की वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ। |
692 | कई कम्पनियों ने छंटनी करने का फैसला किया है,शायद उनके लिए ये सही होगा। हमने अलग रास्ता चुना है। हमारा विश्वास है कि अगर हम कस्टमर के सामने अच्छे प्रोडक्ट्स रखते रहेंगे तो वो अपना पर्स खोलते रहेंगे। |
693 | कई बार अपनी इच्छा को पूरा करने के बजाय एक इंसान बनना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। |
694 | कई बार कुछ न बोलकर भी आप दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते है। वैसे चाहे बोलकर हो या न बोलकर, चोट हमेशा दूसरे व्यक्ति को ही लगती है। |
695 | कई बार जीवन में ऐसे पल आते हैं जब हम खुद की काबिलियत पर शक करने लगते हैं जो गलत हैं अच्छा महसूस करने के लिए इन बातों को याद रखिएं… |
696 | कई बार दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास में हम जीने का तरीका ही भूल जाते हैं। यदि आपके चलते किसी को दुःख नहीं हो रहा हैं, तो जिन्दगी को अपने तरीके से जीने में कोई बुराई नहीं हैं। रिश्ते खत्म होने में समय नहीं लगता लेकिन अपनी जिन्दगी हमें खुद ही जीनी हैं। |
697 | कई बार मुश्किल परिस्थितियों में आपने जबर्दस्त प्रदर्शन दिया हैं। |
698 | कई बार लगता है की ज़िन्दगी बेकार या खराब है। लेकिन हर व्यक्ति यहाँ किसी न किसी उद्देश्य के साथ आया है, लेकिन बहुत बार हम अपने उद्देश्य से भटक जाते है। |
699 | कई बार हम दूसरों कि जरूरतों को खुद से आगें रख देते हैं यह गलत हैं खुद की जरूरतों को प्राथमिकता दें। |
700 | कई बार हम नियमित और रोजमर्रा के काम में इतने ज्यादा आदी हो जाते हैं कि दुसरे काम करना और दायरें से बाहर जाना पसंद नहीं करते हैं, इस चक्कर में अवसर आते हैं और चले जाते हैं। कोई मौका आता हैं तो उसे पकड़ने के लिए आगे कदम नहीं बढ़ा पातें, हमें भ्रम(Doubt) हो जाता हैं कि इसके लियें ख़ास तरह के ज्ञान और योग्यता की जरुरत हैं, हम असहज हो जाते हैं और अवसर निकल जाता हैं। जबकि सच्चाई यह हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी अवसर को आजमाने की लिए 100 प्रतिशत तैयार नहीं होता हैं, सफल व्यक्ति अपने Comfort zone से बाहर निकलता हैं, risk लेता हैं और नई चीजें सीखता हैं आगे बढ़ जाता हैं। |
Saturday, January 16, 2016
#601-700
Monday, January 11, 2016
#501-600
501 | इस संसार में जब तक मनुष्य का शरीर निरोग और स्वस्थ रहता हैं, जब तक मृत्यु समीप नहीं आती, तब तक मनुष्य को आत्मकल्याण अथवा मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए उसे दान, तीर्थसेवन, सत्संग व्रत पूजा आदि शुभ कर्म कर लेने चाहिए क्योकि जब तक जीवन हैं और शरीर स्वस्थ है तब तक ही मनुष्य कुछ करने में समर्थ हो सकता हैं शरीर के व्याधिग्रस्थ हो जाने पर अथवा मृत्यु के निकट आने पर मनुष्य के लिए कुछ भी करना सम्भव नहीं होगा। |
502 | इस संसार में दुःखो से दग्ध प्राणी को तीन बातों से सुख शांति प्राप्त हो सकती है - सुपुत्र से, पतिव्रता स्त्री से और सद्संगति से। |
503 | इस संसार में मनुष्य की सभी इच्छाए पूरी नहीं होती। किसी को भी मनचाहा सुख नहीं मिलता वस्तुतः सुख-दुःख की प्राप्ति मनुष्य के अपने हाथ में न होकर ईश्वर के अधीन हैं। यह सोचकर मनुष्य को जितना भी मिलता हैं उतने से ही सन्तोष करना चाहिए। |
504 | इस संसार में विद्वान की ही प्रशंसा और विद्वान की ही सब कहीं पूजा होती हैं वस्तुत: विधा से संसार की सभी दुर्लभ वस्तुए भी प्राप्त हो सकती हैं यही कारण हैं कि इस संसार में विधा का और विधावान का सब कहीं आदर-सम्मान होता हैं। |
505 | इस संसार में वे ही लोग सुख और सम्मान का जीवन व्यतीत करते हैं, जो सम्बन्धियों के प्रति उदारता, सेवको के प्रति दया और दुर्जनों के प्रति कठोरता बरतते हैं जो सज्जन पुरूषों में अनुराग रखते हैं, नीच पुरूषों के प्रति अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते हैं और विद्वानों के प्रति विनयशीलता बरतते हैं, शत्रुओं को अपनी शूरता का परिचय देते हैं, गुरुओ के प्रति सहनशीलता दिखाते हैं तो स्त्रियों पर अधिक विश्वास न करके उनके साथ चातुर्यपूर्ण व्यवहार करते हैं। |
506 | इस संसार में सबसे अधिक बलवान काल अथवा समय हैं काल का चक्र स्रष्टि के आदि से अन्त तक चलता रहता हैं वह कभी रुकता नहीं जो उनकी उपेक्षा करता हैं काल उसको पीछे छोड़ कर आगे निकल जाता हैं। |
507 | इस संसार में सभी प्रकार के दान, यज्ञ, होम तथा बलिदान कर्मफल-भोग के उपरान्त नष्ट हो जाते हैं, परन्तु सत्पात्र को दिया गया दान तथा जीवों को दिया गया अभयदान भी नष्ट नहीं होता और न ही क्षीण होता हैं। उनका फल अक्षय होता हैं। |
508 | इस संसार में.... सबसे बड़ी सम्पत्ति "बुद्धि " सबसे अच्छा हथियार "धेर्य" सबसे अच्छी सुरक्षा "विश्वास" सबसे बढ़िया दवा "हँसी" और आश्चर्य की बात कि "ये सब निशुल्क हैं " |
509 | इस संसार मैं लक्ष्मी अस्थिर हैं, प्राण अनित्य हैं, जीवन भी सदा रहने वाला नहीं, घर परिवार भी नष्ट हो जाने वाला हैं सब पदार्थ अनित्य और नश्वर हैं केवल धर्म ही नित्य और शाश्वत हैं। |
510 | इस संसार रूपी विष-वृक्ष पर दो अमृत के समान मीठे फल लगते है। एक मधुर और दूसरा सत्संगति। मधुर बोलने और अच्छे लोगो की संगति करने से विष-वृक्ष का प्रभाव नष्ट हो जाता है और उसका कल्याण हो जाता है। |
511 | इस संसार सागर को पार करने के लिए ब्राह्मण रूपी नौका प्रशंसा के योग्य है, जो उल्टी दिशा की और बहती है। इस नाव में ऊपर बैठने वाले पार नहीं होते, किन्तु नीचे बैठने वाले पार हो जाते है। अतः सदा नम्रता का ही व्यवहार करना चाहिए। |
512 | इस संसाररूपी वृक्ष के दो फल हैं, जो अमृत के समान मधुर होने से ग्रहणीय हैं प्रथम –अच्छी भाषा और अच्छे बोल और दूसरा –साधु पुरुषो का संग। |
513 | इसका मतलब है, जो लोग उच्च और जिम्मेदार पदों पर है, अगर वे धर्म के खिलाफ जाते है, तो धर्म ही एक विध्वंसक के रूप में तब्दील हो जाएगा। |
514 | इसके साथ ये लोग बचपन से ही मेरी सौत सरस्वती की उपासना करते रहते हैं। और ये लोग शंकर की उपासना करने के लिए प्रतिदिन मेरा घर (कमलपुष्प) ही उजाड़ते रहते हैं। |
515 | इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जो जिसके गुणों के महत्त्व को नहीं जानता, वह सदैव निंदा करता है। जैसे जंगली भीलनी हाथी के गंडस्थल से प्राप्त मोती को छोड़कर गुंजाफल की माला को पहनती है। |
516 | इसलिए उम्र के लिहाज से काम करने के बारे में सोचना बंद कर दे। |
517 | इससे पहले कि आपके सपने सच हो आपको सपने देखने होगे। |
518 | इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे। |
519 | इसी प्रकार मुर्ख व्यक्ति का ह्रद्य उदार भावों-दया, करुणा तथा ममता आदि से सर्वथा शून्य होता हैं। |
520 | इसीलिए राजा खानदानी लोगो को ही अपने पास एकत्र करता है क्योंकि कुलीन अर्थात अच्छे खानदान वाले लोग प्रारम्भ में, मध्य में और अंत में, राजा को किसी दशा ने भी नहीं त्यागते। |
521 | ईख, जल, दूध, मूल (कंद), पान, फल और दवा आदि का सेवन करके भी, स्नान-दान आदि क्रियाए की जा सकती है। |
522 | ईख, तिल, क्षुद्र, स्त्री, स्वर्ण, धरती, चंदन, दही,और पान, इनको जितना मसला या मथा जाता है, उतनी गुण-वृद्धि होती है। |
523 | ईमानदारी अधिकतर बेईमानी से कम लाभदायक होती है। |
524 | ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता। |
525 | ईर्ष्या आत्मा का अल्सर है। |
526 | ईर्ष्या करने वाले दो समान व्यक्तियों में विरोध पैदा कर देना चाहिए। |
527 | ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी। |
528 | ईश्वर ने ही मुझे इस मार्ग पर चलाया हैं, यह विश्वास मेरे हर्द्य में बहुत पहले ही हो गया था |
529 | ईश्वर मुझे माफ़ कर देगा। ये उसका काम है। |
530 | ईश्वर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना होना क्योकि ईश्वर वह नही देता जो आपको अच्छा लगता है बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा होता है। |
531 | ईश्वर, मुझे ऐसी ताकत दो की मैं हासिल करने से ज्यादा की चाहत रख सकू। |
532 | उच्च कुल में उत्पन्न और गुण संपन्न व्यक्ति भी यदि दान नहीं करता तो उसे जीवन में यश नहीं मिलता। अत: इस लोक में यश और सुख तथा पारलौकिक कल्याण के लिए दान सर्वोतम साधन हैं यह सब उसी तरह से हैं, जैसे समुद्र शंख का पिता है और उसके पास सभी रत्नों का भण्डार है और देवी लक्ष्मी शंख की बहन है। लेकिन फिर भी शंख दर दर पर भीख मांगने वालो के हाथ में होता हैं। |
533 | उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है। |
534 | उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो , तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो , तुम तत्व नहीं हो , ना ही शरीर हो , तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो। |
535 | उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। |
536 | उत्कंठा ज्ञान की शुरुआत है। |
537 | उत्कृष्टता एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है कोई संयोग नहीं। |
538 | उत्कृष्टता वो कला है जो प्रशिक्षण और आदत से आती है। हम इस लिए सही कार्य नहीं करते कि हमारे अन्दर अच्छाई या उत्कृष्टता है, बल्कि वो हमारे अन्दर इसलिए हैं क्योंकि हमने सही कार्य किया है। हम वो हैं जो हम बार बार करते हैं, इसलिए उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है। |
539 | उत्तम कर्म करते हुए एक पल का जीवन भी श्रेष्ठ है, परन्तु लोक-परलोक में दुष्कर्म करते हुए हजारों वर्षो का जीना भी श्रेष्ठ नहीं है। |
540 | उत्तम स्वभाव से ही देवता, सज्जन और पिता संतुष्ट होते है। बंधु-बांधव खान-पान से और श्रेष्ठ वार्तालाप से पंडित अर्थात विद्वान प्रसन्न होते है। मनुष्य को अपने मृदुल स्वभाव को बनाए रखना चाहिए। |
541 | उत्साह कामयाबी का सबसे ताकतवर हथियार है। किसी भी काम को पुरे उत्साह से करे। पूरी आत्मा इसमें लगा दे। उस काम में आपका व्यक्तित्व झलके। ऊर्जावान रहे। विश्वास से भरे हो। बगैर उत्साह के दुनिया में कुछ भी हासिल नहीं किया गया है। |
542 | उत्साह मनुष्य की भाग्यशीलता का पैमाना है। |
543 | उत्साहहीन व्यक्ति का भाग्य भी अंधकारमय हो जाता है। |
544 | उदारता जितना आप दे सकते हैं उससे अधिक देना है , और गर्व जितना आप ले सकते हैं उससे कम लेना है। |
545 | उद्देश्यपूर्ण जीवन जिए। सफल जिंदगी जीने के लिए जीवन में कोई न कोई उद्देश्य अवश्य बनाएं। |
546 | उद्धयोग-धंधा करने पर निर्धनता नहीं रहती है। प्रभु नाम का जप करने वाले का पाप नष्ट हो जाता है। चुप रहने अर्थात सहनशीलता रखने पर लड़ाई-झगड़ा नहीं होता और वो जागता रहता है अर्थात सदैव सजग रहता है उसे कभी भय नहीं सताता। |
547 | उन तर्कों पर हम ज्यादा जल्दी विश्वास करते है जिनका आविष्कार खुद करते है, क्योंकि हम उनकी सच्चाई जानते है। |
548 | उन लोगो के साथ रहे, जो आपको समझते हैं जिनको यह पता हैं कि आप किन चुनौतियों से जूझ रहे हैं। |
549 | उन लोगों कि बातों पर ध्यान मत दीजिए, जो आप के काम और आचरण की प्रशंसा करते हैं बल्कि उन लोगो कि बातों पर ध्यान दीजिए जो आप के काम में कमियां निकालते हैं |
550 | उन लोगों में से एक बनिए जिन्हें कर्म में ही सुंदरता दिखती है। जैसे मुझे साइंस से ज्यादा खूबसूरत कुछ नहीं लगता है। |
551 | उनमे से हर कोई किसी न किसी भेस में भगवान है. |
552 | उन्नति और अवनति वाणी के अधीन है। |
553 | उपकार का बदला चुकाने के भय से दुष्ट व्यक्ति शत्रु बन जाता है। |
554 | उपकार का बदला उपकार से देना चाहिए और हिंसा वाले के साथ हिंसा करनी चाहिए। वहां दोष नहीं लगता क्योंकि दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना ही ठीक रहता है। |
555 | उपदेश देना सरल है, पर उपाय बताना कठिन। |
556 | उपहार से नहीं इच्छा से आप दाता बनते है। |
557 | उपाय से सभी कार्य पूर्ण हो जाते है। कोई कार्य कठिन नहीं रहता। |
558 | उपायों को जानने वाला कठिन कार्यों को भी सहज बना लेता है। |
559 | उपार्जित धन का त्याग ही उसकी रक्षा है। अर्थात उपार्जित धन को लोक हित के कार्यों में खर्च करके सुरक्षित कर लेना चाहिए। |
560 | उम्मीदे प्रथम श्रेणी के सत्य का एक रूप है: यदि लोग कुछ होने का विश्वास करते हैं तो वह सचमुच होता है। |
561 | उम्र के अनुरूप ही वेश धारण करें। |
562 | उम्र के साथ अपना नजिरया भी विकसित करना आवश्यक हैं। अपने दिल कि आवाज सुनिए और लीक से हटकर काम कीजिये। |
563 | उम्र बढ़ना किसी निराशा से काम नहीं है। इसकी कोई दवा भी उपलब्ध नहीं है। अगर आप यह न समझे हंसना ही हर बात का इलाज़ है। |
564 | उलाहना देती हुई, एक गोपी श्रीकृष्ण को कहती हैं, हे श्रीकृष्ण! तुमने एक बार गोवर्धन नामक किसी एक छोटे से पर्वत को क्या उठा लिए की इस लोक में ही नहीं बल्कि स्वर्गलोक में भी गोवर्धनधारी के रूप में प्रसिद्ध हो गए। परन्तु आश्चर्य ही है की में तीनो लोको को धारण करने वाले तुम्हे अपने ह्रदय में धारण करती हूँ परन्तु मुझे कोई त्रिलोकधारी जैसी पदवी नहीं देता वास्तव में यश-सम्मान तो पुण्य और भाग्य से ही मिलता हैं। |
565 | उस धन-सम्पति से क्या लाभ जो कुलवधू के समान केवल स्वामी के अपने ही उपभोग में आती हैं। लक्ष्मी तो वही उत्तम हैं जो वेश्या के समान न केवल सभी नगरवासियों के उपभोग में आएं, बल्कि पथिको का भी हित करें। |
566 | उस मनुष्य का ठाट-बाट जिसे लोग प्यार नहीं करते, गांव के बीचोबीच उगे विषवृक्ष के समान है। |
567 | उस रास्ते पर मत चलो जो पहले से बना है। वहां चलो, जहां कोई नहीं चला रास्ता बनाओ। |
568 | उस लक्ष्मी (धन) से क्या लाभ जो घर की कुलवधू के समान केवल स्वामी के उपभोग में ही आए। उसे तो उस वेश्या के समान होना चाहिए, जिसका उपयोग सब कर सके। |
569 | उस वक्त तक डरने की कोई जरूरत नहीं है जब तक आप जानते हैं कि जो कर रहे हैं वह बिल्कुल सही है। उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंच रहा है। |
570 | उस व्यक्ति के लिए कुछ भी बहुत ज्यादा नहीं होता जिसके लिए ज्यादा का मतलब ही कम होता है। |
571 | उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता। |
572 | उसकी धन दौलत से नहीं। |
573 | उसके(भगवान के) अनुग्रह की हवा दिन और रात आपके सिर के ऊपर बह रही है। अपनी नाव(मन) के पाल खोलो, यदि आप जीवन रूपी सागर के माध्यम से तेजी से प्रगति करना चाहते हैं। |
574 | उसी व्यक्ति का यकीन करिए जो वैसी ही मुश्किल से गुज़र चुका हो। |
575 | उसी व्यक्ति को हीरो कहा जा सकता है, जिसे मालूम हो की सिर्फ एक मिनट तक टंगे रहने का क्या फायदा है। |
576 | उसी वक़्त आप खुद के साथ समय गुजारना चाहते है जब आपको कई लोगो के साथ रहने को कहा जाता है। |
577 | ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए। |
578 | ए बुरे वक़्त ! ज़रा “अदब” से पेश आ !! “वक़्त” ही कितना लगता है “वक़्त” बदलने में……… |
579 | ए मुसीबत जरा सोच के आना मेरे करीब कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये.... |
580 | एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है . |
581 | एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। |
582 | एक creative व्यक्ति के हाथो में और दिमाग में पूरी दुनिया होती हैं। |
583 | एक अकेला पहिया नहीं चला करता। |
584 | एक अच्छा इंसान और एक अच्छा नागरिक बनना एक बात नहीं है। |
585 | एक अच्छा और समझदार व्यक्ति सिर्फ knowledge की ख्वाहिश रखता हैं। |
586 | एक अच्छा दिमाग और एक अच्छा दिल हमेशा से विजयी जोड़ी रहे हैं। |
587 | एक अच्छा नॉवल, किसी फिलोसोफी को इमेजिस में डालने जैसा होता है। |
588 | एक अच्छा पेशेवर इंजीनियर बनने के लिए आपको अपनी परीक्षा की तैयारी हमेशा देर से शुरू करनी चाहिए क्योंकि यह आपको समय को मैनेज करना और इमरजेंसी को हैंडल करना सिखाएगा। |
589 | एक अच्छा शिक्षक अपने छात्रों के लिए पढ़ाई आसान बना देता है। यहां तक की शिक्षक के जाने के बाद भी छात्र उनके पढाए पाठ के बारे में हैं। |
590 | एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक पुस्तकालय के बराबर होता है। |
591 | एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय) के बराबर होता है |
592 | एक आदमी एक दीपक की रोशनी से भी भागवत पढ़ सकता है, और एक ओर बहुत प्रकाश में भी कोई जालसाजी कर सकता हैं इन सबसे दीपक अप्रभावित रहता है। सूरज दुष्ट और गुणी व्यक्ति के लिए प्रकाश में कोई अंतर नहीं लाता और दोनों पर समान प्रकाश डालता है। |
593 | एक आम इंसान कुछ लोगों से ज्यादा प्यार करता है। उसके लिए इसके बिना प्यार का कोई मतलब नहीं होता। |
594 | एक आवारा, एक सज्जन, एक कवि, एक सपने देखने वाला, एक अकेला आदमी, हमेशा रोमांस और रोमांच की उम्मीद करते है। |
595 | एक इंसान जो अपने हाथों से काम करता है वो एक श्रमिक है; एक इंसान जो अपने हाथों और दिमाग से काम करता है वो एक कारीगर है; लेकिन एक इंसान जो अपने हाथों, दिमाग और दिल से काम करता है वो एक कलाकार है। |
596 | एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है। |
597 | एक ईसाई होने के नाते मुझे खुद को ठगे जाने से बचाने का कोई कर्तव्य नहीं है, लेकिन सत्य और न्याय के लिए लड़ने का मेरा कर्तव्य है। |
598 | एक औंस किया गया कार्य एक टन बात करने के बराबर है। |
599 | एक कलाकार की पहचान उसके काम से होती है, न कि काम की पहचान कलाकार के नाम से। |
600 | एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है। |
Sunday, January 10, 2016
#401-500
401 | आपको बड़ा पाना है या बड़ा बनना हैं तो बड़ा जोखिम लेना सीखो। |
402 | आपको लगता हैं कि आपका टीचर सख्त हैं तो अपने Boss का इंतजार करें। |
403 | आपको लोगों को क्षमा करना होगा, इसलिए नहीं कि वे इस के योग्य हैं बल्कि इसलिए कि आप उनसे मुक्ति के योग्य हैं। |
404 | आपको शक्ति (पॉवर) की तभी जरूरत होती है जब आप किसी को नुकसान पहुंचाना चाहे, अन्यथा प्यार काफी है हर काम को करने के लिए। |
405 | आपकों खुद की skills पर मेहनत करने की जरुरत हैं। |
406 | आपत्ति से बचने के लिए धन की रक्षा करे क्योंकि पता नहीं कब आपदा आ जाए। लक्ष्मी तो चंचल है। संचय किया गया धन कभी भी नष्ट हो सकता है। |
407 | आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे भूल जाओ। और कभी किसी ने आपका बुरा किया हो तो उसे भूल जाओ। |
408 | आपमें चाहे कितनी भी योग्यता क्यों ना हो, आप एकाग्रचित्त होकर ही अपना महान कार्य कर सकते हैं। |
409 | आपात स्थिति में मन को डगमगाना नहीं चाहिये। |
410 | आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है। |
411 | आमतौर पर महान उपलब्धियां महान बलिदानों का फल होती हैं, और कभी भी स्वार्थ का परिणाम नहीं होतीं। |
412 | आमतौर पर सिपाही लड़ाइयाँ जीतते हैं; सेनापति उसका श्रेय ले जाते हैं। |
413 | आयु सोचती है, जवानी करती है। |
414 | आलसी का न वर्तमान होता है, न भविष्य। |
415 | आलसी राजा अपने विवेक की रक्षा नहीं कर सकता। |
416 | आलसी राजा अप्राप्त लाभ को प्राप्त नहीं करता। |
417 | आलसी राजा की प्रशंसा उसके सेवक भी नहीं करते। |
418 | आलसी राजा प्राप्त वास्तु की रक्षा करने में असमर्थ होता है। |
419 | आलसी व्यक्ति से सबसे कठिन कार्य करवाओ वो उस काम को सबस आसान रास्ते से उसको हल करेगा और आपको वह कार्य करने का आसान मार्ग मिल जायेगा। |
420 | आलस्य के कारण तथा अभ्यास के अभाव में प्राप्त विद्या भी नष्ट हो जाती हैं, दुसरे के हाथ में गया हुआ धन काम नहीं आता और न लौट कर वापस ही आता हैं, थोडा बीज डालने से खेत फलता-फूलता नहीं है तथा सेनापतिरहित सेना विजयी नहीं होती। |
421 | आलस्य में जीवन बिताना आत्महत्या के समान है। |
422 | आलस्य से विध्या नष्ट हो जाती है। दूसरे के पास गई स्त्री, बीज की कमी से खेती और सेनापति के न होने से सेना नष्ट हो जाती है। |
423 | आलस्य में दरिद्रता बसती है, लेकिन जो, व्यक्ति आलस्य नहीं करते उनकी मेहनत में लक्ष्मी का निवास होता है। |
424 | आलोचना से बचने का एक ही तरीका हैकुछ मत करो, कुछ मत कहो और कुछ मत बनों। |
425 | आवश्यकता, आविष्कार की जननी है। |
426 | आवाप अर्थात दूसरे राष्ट्र से संबंध नीति का परिपालन मंत्रिमंडल का कार्य है। |
427 | आविष्कार करने के लिए, आपको एक अच्छी कल्पना और कबाड़ के ढेर की जरूरत होती है। |
428 | आशा जागते हुए देखा गया स्वप्न है। |
429 | आशावादी बने। मैं ऐसा चाहता हूँ की जगह में आशा करता हूँ कहें यह आपके अन्दर आशावादी द्रष्टिकोण (hope) पैदा करेगा। |
430 | आश्चर्य , दार्शनिक की भावना है और दर्शन आश्चर्य से शुरू होता है। |
431 | आश्चर्य, भय, तोड़-फोड़, हत्या के ज़रिये दुश्मन को अन्दर से हतोत्साहित कर दो। यह भविष्य का युद्ध है। |
432 | आसमान को छूने के लिए संकल्प की जरुरत होती हैं, मेहनत की नहीं। पक्के इरादों की जरुरत होती हैं, संसाधनों की नहीं। होंसलो की जरुरत होती हैं, ताकत की नहीं। |
433 | आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है। |
434 | आज़ाद होने के लिए पूरी दुनिया में कोई भी आसान रास्ता नहीं है। |
435 | आज़ादी खुद को बेहतर बनाने के तरीके से ज्यादा कुछ नहीं है। |
436 | इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है। |
437 | इंतज़ार मत करिए, सही समय कभी नहीं आता। |
438 | इंतजार करने वाले लोगो को केवल उतना मिलता है, जितना कोशिश करने वाले लोग छोड़ देते है। |
439 | इंतजार करने वालो को केवल प्राप्त होता है, जो मेहनत करने वाले छोड़ जाते है। |
440 | इंद्रियों के अत्यधिक प्रयोग से बुढ़ापा आना शुरू हो जाता है। |
441 | इंसान की तरह बोलना न आये तो जानवर की तरह मौन रहना अच्छा है। |
442 | इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं. |
443 | इंसान को जीवन में मुश्किलों की जरुरत हैं क्यूंकि यही मुश्किलें सफलता का सुख अनुभव कराती हैं। |
444 | इंसान को सबसे बड़ा धोखा अपने विचारो से ही मिलता हैं। |
445 | इंसान खुश तभी रह सकता है जब वह इस जीवन का उद्देश्य समझना छोड़ दे। |
446 | इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक की वो अपने दिमाग में हार ना मान ले। |
447 | इंसान भीतर से जितना मजबूत होगा उतना ही उसका कद ऊंचा होगा। |
448 | इंसान वो है जो की उनकी माँ उन्हें बनाती है। |
449 | इंसानो को नियंत्रित करने के लिए यदि क़ानून जरुरी हो जाए तो फिर ऐसे कानून से स्वतंत्रता की अपेक्षा न रखे। |
450 | इंसानों की नफरत ख़तम हो जाएगी, तानाशाह मर जायेंगे, और जो शक्ति उन्होंने लोगों से छीनी वो लोगों के पास वापस चली जायेगी। और जब तक लोग मरते रहेंगे, स्वतंत्रता कभी ख़त्म नहीं होगी। |
451 | इच्छा आधा जीवन है और उदासीनता आधी मौत। |
452 | इच्छा और ख्वाहिशों के अनुरूप हर व्यक्ति अपना भगवान खुद बनाता है। |
453 | इच्छा ही सभी उपलब्धियों का प्रारंभिक बिंदु है। |
454 | इच्छाओं को काबू में रखने से खुशियों का अनुभव होता है। इच्छाओं को पूरा करते रहने की दौड़ में नुकसान पहुँचता है। |
455 | इतनी चाहत तो लाखो रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है....... |
456 | इतिहास पढ़िए ,इतिहास पढ़िए . इतिहास में ही राज्य चलाने के सारे रहस्य छिपे हैं। |
457 | इतिहास को पढ़ने से पता चलता है की सरकार कितनी बुरी होती है। |
458 | इतिहास विजेताओं द्वारा लिखा गया हैं। |
459 | इतिहास सहमती से किया गया झूठ का संग्रह है। |
460 | इतिहास से हम क्या सिख सकते है, यही की कोई व्यक्ति इतिहास से कभी -कुछ नहीं सीख सकता है। |
461 | इतिहास, जीतेने वालों द्वारा लिखा जाता है। |
462 | इन छ: चीजों से सावधानी बरतनी चाहिए ये हैं आग, जल, स्त्री, मुर्ख पुरुष, सर्प और राजकुल से व्यवहार। क्योकि जहा ये अनुकूल होने पर अभीष्ट फल देती हैं, वहीँ थोड़ी सी असावधानी होने पर तक्षण प्राण भी हर लेती हैं। |
463 | इन सातो को जगा दे यदि ये सो जाए 1. विद्यार्थी 2. सेवक 3. पथिक 4. भूखा आदमी 5. डरा हुआ आदमी 6. खजाने का रक्षक 7. खजांची |
464 | इन सातो को नींद से नहीं जगाना चाहिए1. साप 2. राजा 3. बाघ 4. डंख करने वाला कीड़ा 5. छोटा बच्चा 6. दुसरो का कुत्ता 7. मुर्ख |
465 | इन्द्रियों को वश में करना ही तप का सार है। |
466 | इन्द्रियों पर विजय का आधार विनर्मता है। |
467 | इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए. |
468 | इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए। |
469 | इन्स्पीरेशन सोच है जबकि मोटीवेशन कार्रवाई है। |
470 | इरादों में मजबूती होने से आगे बढ़ना आसान होता है, लेकिन व्यर्थ बैठे रहने से कुछ भी हासील नहीं हो पाता है। |
471 | इस दस्तावेज़ की लम्बाई इस पढ़े जाने के जोखिम से बचाती है। |
472 | इस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, आग नहीं जला सकती, जल गीला नहीं कर सकता और वायु सुखा नहीं सकती, इस संसार में ज्ञान के समान कोई पविता वस्तु नहीं हैं उस ज्ञान को योग से सिद्ध और समय से व्यक्ति स्वयं आत्मा में प्राप्त करता हैं। |
473 | इस कार्य को करने का एक बेहतर तरीका है – उसे खोजो। |
474 | इस खूबसूरत धरती से बेहतर स्वर्ग का रास्ता मेरे लिए नहीं हो सकता। |
475 | इस जगत में क्षमा वशीकरण रूप है। भला क्षमा से क्या नहीं सिद्ध होता ? जिसके हाथ में शांति रूपी तलवार है, उसका दुष्ट पुरुष क्या कर लेंगे। |
476 | इस जीवन को जी-जान से प्यार करना होगा दरिद्रता को आभूषण बनाकर हर एक के बीच काम करने के लिए जाना होगा भगवान के प्रति प्यार की मूर्ति ही यह कार्य हैं हमारे प्यार का स्पर्श किसी न किसी के लिए तो निर्दिर्ष्ट हैं ही |
477 | इस दुनिया मे कोई किसी का हम दर्द नहीं होता लोग ज़नाजे के साथ भी होते हैं तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने केलिए |
478 | इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं।😔"और कितना वक़्त लगेगा"... |
479 | इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है। |
480 | इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं। |
481 | इस धरती पर कर्म करते हुए सौ साल तक जीने की इच्छा रखो, क्योंकि कर्म करने वाला ही जीने का अधिकारी है। जो कर्मनिष्ठा छोड़कर भोगवृत्ति रखता है, वह मृत्यु का अधिकारी बनता है। |
482 | इस धरती पर कोई भी दो चीजे पूर्ण रूप से सामान नहीं होती |
483 | इस पृथ्वी पर तीन ही रत्न है -----जल, अन्न, और मधुर वचन ! बुद्धिमान व्यक्ति इनकी समझ रखता है, परन्तु मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ो को ही रत्न कहते है। |
484 | इस पृथ्वी पर दुर्जन व्यक्ति को सज्जन बनाने का कोई उपाय नहीं है, जैसे सैकड़ो बार धोने के उपरांत भी गुदा-स्थान शुद्ध इन्द्री नहीं बन सकता। |
485 | इस बात को भी खुद से जाने दीजिए कि सभी काम एक ही पल में पुरे हो जायेंगे, हर काम को करने में अलग अलग समय लगता हैं। |
486 | इस बात को याद रखना की मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी ज़िन्दगी के बड़े निर्णय लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार मौत के बारे में सोचता हूँ तब सारी उम्मीद, सारा गर्व, असफल होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है। इस बात को याद करना की एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप पहले से ही नंगे हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है की आप अपने दिल की ना सुने। |
487 | इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये. |
488 | इस बात में कोई सच्चाई नहीं की सभी रूढ़िवादी, बेवकूफ होते है। यह सच है की सभी बेवकूफ, रूढ़िवादी जरूर होते है। |
489 | इस बात से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई भी बात हो सकती जब दो लोग एक-दूसरे की आँखों में आँखे डाल कर देखते है, घर को अपनेपन से भर देते है, दुश्मनो को घर से बाहर और दोस्तों को भरपूर प्यार देते है। |
490 | इस मक्कार दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है, यहाँ तक की हमारी परेशानिया भी नहीं। |
491 | इस राजनीति शास्त्र का विधिपूर्वक अध्ययन करके यह जाना जा सकता है कि कौनसा कार्य करना चाहिए और कौनसा कार्य नहीं करना चाहिए। यह जानकर वह एक प्रकार से धर्मोपदेश प्राप्त करता है कि किस कार्य के करने से अच्छा परिणाम निकलेगा और किससे बुरा। उसे अच्छे बुरे का ज्ञान हो जाता है। |
492 | इस विचार को खुद से अलग कर दे कि दूसरे लोगों के पास आपसे बेहतर चीजें हैं क्योकिं जैसा आप सोच रहे हैं, वैसा ही अगला व्यक्ति भी सोच रहा होगा। |
493 | इस विचार को भी अपने दिल से जाने दे कि आपकी तुलना में दूसरा व्यक्ति ज्यादा कमजोर हैं हर व्यक्ति मज़बूत होता हैं और कोई भी कमजोर नहीं हैं। |
494 | इस विचार को भी छोड़ दीजिए कि सभी लोग आपकों पसंद करें ही ये मुमकिन नहीं हैं अत: इसे छोड़ दें। |
495 | इस संसार के दुखो से संतप्त लोगो को तीन बातों से ही शान्ति मिल सकती हैं – अच्छी संतान, पतिवर्ता स्त्री और सज्जन महात्माओं की संगति। |
496 | इस संसार में आज तक किसी को भी प्राप्त धन से, इस जीवन से, स्त्रियों से और खान-पण से पूर्ण तृप्ति कभी नहीं मिली। पहले भी, अब भी और आगे भी इन चीजो से संतोष होने वाला नहीं है। इनका जितना अधिक उपभोग किया जाता है, उतनी ही तृष्णा बढ़ती है। |
497 | इस संसार में ऐसा कोई मूल्यवान पदार्थ नहीं हैं। जिसे गुरु को अर्पण करके शिष्य गुरु के इस ऋण (एकाक्षर का ज्ञान अथार्त मिथ्या मायामोह से हटाकर ब्रह्म से साक्षात्कार कराना) से उऋण हो सके। |
498 | इस संसार में कामवासना के समान कोई भयंकर रोग नहीं हैं काम एक ऐसा रोग हैं जो मनुष्य के शरीर को खोखला करके उसे सवर्था अशक्त बना देता हैं, मोह जैसा कोई अजेय-शत्रु नहीं, क्रोध जैसी कोई दूसरी आग नहीं ज्ञान से बढ़कर कोई सुख नहीं। |
499 | इस संसार में कोई भाग्यशाली व्यक्ति ही मोह-माया से छूटकर मोक्ष प्राप्त करता है। उनका कहना है -----'धन-वैभव को प्राप्त करके ऐसा कौन है जो इस संसार में अहंकारी न हुआ हो, ऐसा कौनसा व्यभिचारी है, जिसके पापो को परमात्मा ने नष्ट न कर दिया हो, इस पृथ्वी पर ऐसा कौन धीर पुरुष है, जिसका मन स्त्रियों के प्रति व्याकुल न हुआ हो, ऐसा कौन पुरुष है, जिसे मृत्यु ने न दबोचा हो, ऐसा कौन सा भिखारी है जिसे बड़प्पन मिला हो, ऐसा कौनसा दुष्ट है जो अपने सम्पूर्ण दुर्गुणों के साथ इस संसार से कल्याण-पथ पर अग्रसर हुआ हो।' |
500 | इस संसार में कोई मनुष्य स्वभावतः किसी के लिए उदार, प्रिय या दुष्ट नहीं होता। अपने कर्म ही मनुष्य को संसार में गौरव अथवा पतन की ओर ले जाते है। |
Subscribe to:
Posts (Atom)