3301 | सफलता की कहानियां मत पढ़ो, उससे आपको केवल एक सन्देश मिलेगा। असफलता की कहानियां पढ़ो, उससे आपको सफल होने के कुछ ideas (विचार) मिलेंगे। |
3302 | सफलता की खुशियां मनाना ठीक है लेकिन असफलताओं से सबक सीखना अधिक महत्वपूर्ण है। |
3303 | सफलता की सीढ़ियों में शिखर पर कभी भी भीड़ नहीं होती। |
3304 | सफलता क्या हैं? यह हर किसी व्यक्ति के लिए अलग-अलग परिभाषित हैं। किसी के लिए पैसा कमाना, किसी के लिए यश कमाना, किसी के लिए ज्ञान अर्जित करना और किसी के लिए सांसारिक त्याग #अपनी इच्छाओं का त्याग)। |
3305 | सफलता हासिल करने के लिए ज्यादातर लोगो को कठिन से कठिन परिश्रम करना पड़ता है। |
3306 | सब जानते है की दूसरा व्यक्ति क्या सोचता है। जो वे करते है उसी तरफ ध्यान दे। जो वे कहते है उस ओर ज्यादा ध्यान देने की कोई जरूरत नहीं है। |
3307 | सबका चहेता बनने की कोशिश करे। |
3308 | सबके प्रति दयावान रहो, क्योंकि जिससे भी तुम मिलते हो वह जीवन की एक कठिन लड़ाई लड़ रहा है। |
3309 | सबको प्यार करके ही हम भगवान के पास पहुंच पाएंगे इसके अतिरिक्त किसी अन्य मार्ग से वहां पंहुचा जा सकता हैं या नहीं, यह मुझे नहीं मालूम |
3310 | सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना। स्वयं पर विश्वास करो। |
3311 | सबसे अच्छा वक्त, सबसे जल्दी गुजर जाता है। |
3312 | सबसे अच्छी सोच एकांत में की गयी होती है और सबसे बेकार उथल-पुथल के माहौल में। |
3313 | सबसे आसान और विनर्म तरीका यह है की आप दुसरो को कुचले नहीं बल्कि खुद में सुधार करे। |
3314 | सबसे खतरनाक फल उस नफरत से पैदा होता है जो टूटी हुई दोस्ती पर उगता है। |
3315 | सबसे गर्मजोशी वाले प्यार का सबसे ठंडा अंत होता है। |
3316 | सबसे ज्यादा खूबसूरती, सर्वाधिक स्पष्टता में ही निहित होती है। |
3317 | सबसे ज्यादा भयंकर बात क्या है? वे यह है की एक दिन आप उठते है और देखते है की दसवी की कक्षा के छात्र देश चला रहे है। |
3318 | सबसे दुखद चीज जिसकी मैं कल्पना कर सकत हूँ वो है विलासिता का आदी होना। |
3319 | सबसे बड़ा धन काम में संतोषपूर्वक जीना है। |
3320 | सबसे बड़ा रोग किसी के लिए भी कुछ न होना है। |
3321 | सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है , बल्कि अवांछित होना ही सबसे बड़ी बीमारी है। |
3322 | सबसे बड़ी त्रासदी बुरे व्यक्तियों का अत्याचार और दमन नहीं बल्कि इस पर अच्छे लोगो का मौन रहना है। |
3323 | सबसे महत्वपूर्ण बात इतिहास रचना है, न की इतिहास लिखना। |
3324 | सभा के मध्य जो दूसरों के व्यक्तिगत दोष दिखाता है, वह स्वयं अपने दोष दिखाता है। |
3325 | सभा के मध्य शत्रु पर क्रोध न करें। |
3326 | सभी के दिन आते हैं और कुछ दिन औरों से ज्यादा लम्बे होते हैं। |
3327 | सभी आदमियों की प्रकृति ज्ञान चाहने वाली होती है। |
3328 | सभी औषधियों में अमृत प्रधान है, सभी सुखो में भोजन प्रधान है, सभी इन्द्रियों में नेत्र प्रधान है सारे शरीर में सिर श्रेष्ठ है। |
3329 | सभी औषधियों में अमृत प्रधान हैं, क्योकि इसमें सभी रोगों के समन करने की अदभुत क्षमता होती हैं सभी प्रकार के सुखो में भोजन प्रधान हैं क्योकि भूख की निवृति के बिना मनुष्य को शान्ति प्राप्त हो ही नहीं पाती, सभी इन्द्रियों- आँख, कान, नाक, जिव्ह्या आदि में नेत्र प्रधान हैं क्योकि द्रष्टि के बिना तो सर्वत्र अंधकार ही अंधकार हैं तथा शरीर के सभी अंगो में सर अथार्थ चिंतनशक्ति –अंग ही प्रधान अथार्थ सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। |
3330 | सभी के साथ विनम्र रहे, पर कुछ ही के साथ अन्तरंग हों, और इन कुछ को अपना विश्वास देने से पहले अच्छी तरह परख लें. |
3331 | सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है। |
3332 | सभी प्रकार की सम्पति का सभी उपायों से संग्रह करना चाहिए। |
3333 | सभी प्रचार लोकप्रिय होने चाहिए और इन्हें जिन तक पहुचाना है उनमे से सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति के भी समझ में आने चाहियें . |
3334 | सभी प्रमुख धार्मिक परम्पराएं मूल रूप से एक ही संदेश देती हैं – प्रेम , दया,और क्षमा , महत्वपूर्ण बात यह है कि ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होनी चाहियें। |
3335 | सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं? |
3336 | सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अवशोषित और अयोग्य बनाती हैं। |
3337 | सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं , और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं। |
3338 | सभी महान आन्दोलन लोक्रप्रिय आन्दोलन होते हैं। वे मानवीय जूनून और भावनाओं का विस्फोट होते हैं , जो कि विनाश की देवी या लोगों के बीच बोले गए शब्दों की मशाल के द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं . |
3339 | सभी महान आन्दोलन लोक्रप्रिय आन्दोलन होते हैं। वे मानवीय जूनून और भावनाओं का विस्फोट होते हैं, जो कि विनाश की देवी या लोगों के बीच बोले गए शब्दों की मशाल के द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं। |
3340 | सभी मार्गों से मंत्रणा की रक्षा करनी चाहिए। |
3341 | सभी लोग ख़ुशी-ख़ुशी एक दूसरे के साथ कैसे रह सकते है ? ऐसा मुमकिन है ,अगर सभी को मालूम हो की सब लोग एक ही ईश्वर को प्रेम करते है। उससे जुड़े है। |
3342 | सभी लोगों के समान योग्यता नहीं होती, लेकिन सभी लोगों को अपनी योग्यता को विकसित करने के लिए समान अवसर अवश्य मिलता है। |
3343 | सभी लोगों में सही का अनुसरण करने का साहस होना चाहिए न की जो स्थापित है उसका। |
3344 | सभी व्यक्ति प्राकृतिक रूप से सामान हैं, एक ही मिटटी से एक ही कर्मकार द्वारा बनाये गए;और भले ही हम खुद को कितना भी धोखें में रख लें पर भगवान को जितना प्रिय एक शसक्त राजकुमार है उतना ही एक गरीब किसान। |
3345 | सभी व्यक्तियों का आभूषण धर्म है। |
3346 | सभी शरीर नाशवान है, सभी धन-संपत्तियां चलायमान है और मृत्यु के निकट है। ऐसे में मनुष्य को सदैव धर्म का संचय करना चाहिए। इस प्रकार यह संसार नश्वर है। केवल सद्कर्म ही नित्य और स्थाई है। हमें इन्हीं को अपने जीवन का अंग बनाना चाहिए। |
3347 | सभी ख़ुशी के पीछे भागते है, जबकि वे नहीं जानते की ख़ुशी उनके क़दमों के नीचे है। |
3348 | समझदार व्यक्ति इसीलिए बोलता है क्योंकि उसके पास बोलने के लिए या दुसरो से बांटने के लिए कई अच्छी बाते होती है, लेकिन एक बेवकूफ व्यक्ति इसीलिए बोलता है क्योंकि उसे कुछ न कुछ बोलना होता है। |
3349 | समझने का अर्थ है क्षमा कर देना, खुद को भी। |
3350 | समय का ज्ञान न रखने वाले राजा का कर्म समय के द्वारा ही नष्ट हो जाता है। |
3351 | समय का ध्यान नहीं रखने वाला व्यक्ति अपने जीवन में निर्विघ्न नहीं रहता। |
3352 | समय के साथ अच्छे लोगो के साथ की गई दोस्ती गहरी होन लगती हैं। ठीक वैसे ही जैसे उम्र के साथ अच्छी किताब और ज्यादा पसंद आने लगती हैं। |
3353 | समय के साथ किसी भी चीज को जोड़ा जा सकता हैं तो वे सच ही हो सकता हैं। |
3354 | समय को समझने वाला कार्य सिद्ध करता है। |
3355 | समय परिवर्तन का धन है, परन्तु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं। |
3356 | समय सीमा पर काम ख़तम कर लेना काफी नहीं है ,मैं समय सीमा से पहले काम ख़तम होने की अपेक्षा करता हूँ। |
3357 | समय, धैर्य तथा प्रकृति, सभी प्रकार की मुश्किलों को दूर करने और सभी प्रकार के जख्मों को भरने वाले बेहतर चिकित्सक हैं। |
3358 | समर्थ एवं शक्तिशाली पुरुषों के लिए कुछ भी कर सकना कठिन नहीं वो जो सोचते हैं उसे कर गुजरते हैं, व्यवसायी लोगो के लिए दूरी कोई अर्थ नहीं रखती, इसी प्रकार प्रिय और मधुर बोलने वाले का कभी कोई शत्रु नहीं होता। |
3359 | समर्थ को भार कैसा ? व्यवसायी के लिए कोई स्थान दूर क्या ? विद्वान के लिए विदेश कैसा? मधुर वचन बोलने वाले का शत्रु कौन ? |
3360 | समर्थ व्यक्ति को कोई दोष देना कठिन हैं। जो बात सामर्थ्यवान के लिए सिद्धदायक हो सकती हैं, वही सामान्य व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकती हैं। देखिये अमृत पीना तो अच्छा है लेकिन राहू की मौत अमृत पीने से ही हुई। विष पीना नुकसानदायी है लेकिन भगवान् शंकर ने जब प्राणघातक विष पिया तो वह भी उनके गले का आभूषण बन गया। |
3361 | समर्थ व्यक्ति द्वारा किया गया गलत कार्य भी अच्छा कहलाता है और नीच व्यक्ति के द्वारा किया गया अच्छा कार्य भी गलत कहलाता है। ठीक वैसे, जैसे अमृता प्रदान करने वाला अमृत राहु के लिए मृत्यु का कारण बना और प्राणघातक विष भी शंकर के लिए भूषण हो गया। |
3362 | समस्त कार्य पूर्व मंत्रणा से करने चाहिए। |
3363 | समस्त दुखों को नष्ट करने की औषधि मोक्ष है। |
3364 | समस्या जितनी बड़ी होती है, उसे हल करने का स्वाद उतना ही मीठा होता है। |
3365 | समस्याएं इतनी ताक़तवर नहीं हो सकती जितना हम इन्हें मान लेते हैं , कभी सुना है कि " अंधेरों ने सुबह ही ना होने दी हो " |
3366 | समाज की सबसे अच्छी सेवा उन लोगों का चुनाव करके की जा सकती है, जो Hardworking, Intelligent हों और Long Term की सोचते हों। |
3367 | समाज में एक चीज़ जरुरी है वह है बदलाव, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले ये मत सोचिये की दुनिया कैसी है? यह जरुर सोचिए की दुनिया कैसी हो सकती है? भविष्य का ध्यान रखिए। |
3368 | समाज में से धर्म को निकाल फेंकने का प्रयत्न बांझ के पुत्र करने जितना ही निष्फल है और अगर कहीं सफल हो जाय तो समाज का उसमे नाश होता है। |
3369 | समान गुण, कर्म, स्वभाव और आर्थिक स्थिति वाले व्यक्ति से ही प्रेम-सम्बन्ध ठीक रहता हैं, इसी प्रकार सेवा अथवा नौकरी आदि करने हो तो सरकारी नौकरी ही करनी चाहिए, लोक –व्यहार में निपुण व्यक्ति ही समाज में श्रद्धा प्राप्त करता हैं इसी प्रकार रूपवती स्त्री की शोभा अपने घर में ही होती हैं। |
3370 | समुंद्र ने गुणी मेघ को जल का दान करके एक ओर अपने खारे जल को मीठा बना दिया, दूसरी और जड़-चेतन को जीवन प्रदान करने का पुण्य भी अर्जन किया तथा दिए गए जल से अधिक परिणाम में जल पुन: प्राप्त कर लिया इस प्रकार स्पष्ट हैं कि गुणी को दिया गया दान ही सफल होता हैं अतः गुणवान को ही दान देना चाहिए। |
3371 | समुंद्र में बादलो का बरसना व्यर्थ हैं, जिसका पेट भरा हुआ हो ऐसे आदमी को भोजन कराना बेकार हैं, धनी व्यक्ति को दान देना व्यर्थ हैं और सूर्य के प्रकाश में दिन में दीपक जलाना व्यर्थ हैं। |
3372 | समुद्र के पानी से प्यास नहीं बुझती। |
3373 | समुद्र में वर्षा का होना व्यर्थ है, तृप्त व्यक्ति को भोजन करना व्यर्थ है, धनिक को दान देना व्यर्थ है और दिन में दीपक जलाना व्यर्थ है। |
3374 | समुद्र शांत हो तो कोई भी जहाज चला सकता है. |
3375 | समृद्धता से कोई गुणवान नहीं हो जाता। |
3376 | समृद्धि की चाहत न करना और समृद्धि आने पर उदण्ड न होना महापुरुषों का लक्षण हैं, वे सदा नम्र बने रहते हैं। |
3377 | सम्पन्नता धन के कब्जे में नहीं उसके उपयोग में है। |
3378 | सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है। |
3379 | सर्वशक्तिमान तीनो लोको के स्वामी श्री विष्णु भगवान को शीश नवाकर मै अनेक शास्त्रों से निकाले गए राजनीति सार के तत्व को जन कल्याण हेतु समाज के सम्मुख रखता हूं। |
3380 | सर्वश्रेष्ठ किताबें वही बातें बताती हैं जो आप पहले से जानते है। |
3381 | सहिष्णुता के अभ्यास में, आपका शत्रु ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक होता है। |
3382 | सही उद्यमशीलता जोखिम लेने से ही आता है। |
3383 | सही काम करना जितना जरुरी हैं, उतना ही जरुरी सही तरीके से करना हैं इसी तरह, सही काम करें न कि आसानी से होने वाला काम हर काम का shortcut ढूंढेंगे तो गलत रास्ता अख्तियार करना होगा। |
3384 | सही काम करने के लिए समय हर वक्त ही ठीक होता है। |
3385 | सही मार्ग पर ही सही दौड़ना तो आपको ही पड़ेगा |
3386 | सांप को दूध पिलाने से विष ही बढ़ता है, न की अमृत। |
3387 | सांप में विष हो अथवा न हो, उसकी फुंकार ही डराने के लिए काफी हैं यदि वह ऐसा नहीं करता तो वह लोगो के कोप का पात्र बन जाता हैं लोग उसे पत्थर मारते हैं उसकी उपेक्षा करते हैं इसी प्रकार आदमी को अपना प्रभाव स्थिर रखना चाहिए। |
3388 | सांप, राजा, सिंह, बर्र (ततैया) और बालक, दूसरे का कुत्ता तथा मूर्ख व्यक्ति, इन सातो को सोते से नहीं जगाना चाहिए। |
3389 | साख बनाने में बीस साल लगते हैं और उसे गंवाने में बस पांच मिनट. अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो आप चीजें अलग तरह से करेंगे. |
3390 | सागर की तुलना में धीर-गम्भीर पुरुष को श्रेष्ठतर माना है वे कहते है कि जिस सागर को लोग इतना गम्भीर समझते है, प्रलय आने पर वह भी अपनी मर्यादा भूल जाता हैं और किनारों को तोड़ कर जल-थल एक कर देता हैं परन्तु साधू अथवा श्रेष्ट व्यक्ति संकटों का पहाड़ टूटने पर भी श्रेष्ठ मर्यादायो का उलंघन नहीं करता। |
3391 | सात घनघोर पाप: काम के बिना धन;अंतरात्मा के बिना सुख;मानवता के बिना विज्ञान;चरित्र के बिना ज्ञान;सिद्धांत के बिना राजनीति;नैतिकता के बिना व्यापार ;त्याग के बिना पूजा। |
3392 | सादगी से जिए ताकि दूसरे भी जी सकें। |
3393 | साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैंयही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते हैं। |
3394 | साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं, यही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते हैं। |
3395 | साधारण दोष देखकर महान गुणों को त्याज्य नहीं समझना चाहिए। |
3396 | साधारण पुरुष परम्परा का अनुसरण करते है। |
3397 | साधु अर्थात महान लोगो के दर्शन करना पुण्य तीर्थो के समान है। तीर्थाटन का फल समय से ही प्राप्त होता है, परन्तु साधुओं की संगति का फल तत्काल प्राप्त होता है। |
3398 | साधु पुरुषो की रक्षा के लिए और दुष्कर्म करने वाले के नाश के लिए तथा धर्म की स्थापना करने के लिए में युग- युग में प्रकट होता हूँ। |
3399 | साधु महात्माओ के संसर्ग से पुत्र, मित्र, बंधु और जो अनुराग करते है, वे संसार-चक्र से छूट जाते है और उनके कुल-धर्म से उनका कुल उज्जवल हो जाता है। |
3400 | साधु-महात्मा साक्षात तीर्थ-स्वरुप हैं अथार्थ तीर्थो के सेवन जैसा पुण्य ही साधुओ के दर्शनों से भी प्राप्त होता हैं। तीर्थयात्रा का फल तो समय आने पर मिलता हैं परन्तु साधु-सज्जनों के संग और दर्शन से तत्काल लाभ हो जाता हैं क्योकि वे कोई अच्छी बात ही कहेंगे या कोई अच्छी सीख ही देंगे। |
Friday, July 8, 2016
#3301- 3400
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