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Thursday, January 21, 2016

#1101 -1200



1101 गुणी वहीँ होता हैं जिसकी प्रशंसा अन्य लोग करें। अपने मुंह से अपनी प्रशंसा करना अच्छी बात नहीं अन्य व्यक्तियों द्वारा प्रशंसित गुण ही सच्चे अर्थो में गुण होते हैं।
1102 गुणी व्यक्ति का आश्रय लेने से निर्गुणी भी गुणी हो जाता है।
1103 गुणों की सभी जगह पूजा होती है, न की बड़ी सम्पत्तियों की। क्या पूर्णिमा के चाँद को उसी प्रकार से नमन नहीं करते, जैसे दूज के चाँद को ?
1104 गुणों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।
1105 गुरु और देवता के पास भी खाली नहीं जाना चाहिए।
1106 गुरु, देवता और ब्राह्मण में भक्ति ही भूषण है।
1107 गुरुओं की आलोचना न करें।
1108 गुरुजनों की माता का स्थान सर्वोच्च होता है।
1109 गुरुत्वाकर्षण लोगो के प्यार में गिरने के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।
1110 गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।
1111 गुस्सा ज्यादा आता हैं तो सबसे पहले अपनी इस आदत में सुधार लाने की कोशिश करें क्योकिं कई बार थोड़ी परेशानी में भी बड़ी गलती कर बैठते हैं।
1112 गुस्से (temper) पर नियंत्रण रखे। 
1113 गुज़रता वक्त कभी वापस नहीं आता है।
1114 घमंड ऐसी चीज है जो फरिश्तों को राक्षस बना देती है और इंसानियत ऐसी चीज है जो इंसान को फ़रिश्ते का रूप देता है।
1115 घर आए अतिथि का  विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए।
1116 घर आनंद से युक्त हो, संतान बुद्धिमान हो, पत्नी मधुर वचन बोलने वाली हो, इच्छापूर्ति के लायक धन हो, पत्नी के प्रति प्रेमभाव हो, आज्ञाकारी सेवक हो, अतिथि का सत्कार और श्री शिव का पूजन प्रतिदिन हो, घर में मिष्ठान व शीतल जल मिला करे और महात्माओ का सत्संग प्रतिदिन मिला करे तो ऐसा गृहस्थाश्रम सभी आश्रमों से अधिक धन्य है। ऐसे घर का स्वामी अत्यंत सुखी और सौभाग्यशाली होता है।
1117 घर के सुखो अथवा परिवार में मोह रखने वाला कभी विधा प्राप्त नहीं कर सकता, मांस खाने वाले के मन में कभी दया का भाव नहीं उपज सकता, धन का लोभी कभी सत्यभाषण नहीं कर सकता, स्त्रियों में आसक्ति रखने वाला कामी पुरुष पवित्र सदाचारी नहीं रह सकता।
1118 घर-गृहस्थी में आसक्त व्यक्ति को विद्या नहीं आती। मांस खाने वाले को दया नहीं आती। धन के लालची को सच बोलना नहीं आता और स्त्री में आसक्त कामुक व्यक्ति में पवित्रता नहीं होती।
1119 घास का तिनका हल्का है। रुई उससे भी हल्की है। भिखारी तो अनंत गुना हल्का है। फिर हवा का झोंका उसे उड़ा के क्यों नहीं ले जाता। क्योंकि वह डरता है कहीं वह भीख न मांग ले।
1120 घृणा, घृणा से नहीं प्रेम से खत्म होती है, यह शाश्वत सत्य है।
1121 चंचल चित वाले के कार्य कभी समाप्त नहीं होते। 
1122 चंदन का कटा हुआ वृक्ष भी सुगंध नहीं छोड़ता, बूढ़ा होने पर भी गजराज क्रीड़ा नहीं छोड़ता, ईख कोल्हू में पीसने के बाद भी अपनी मिठास नहीं छोड़ती और कुलीन व्यक्ति दरिद्र होने पर भी सुशीलता आदि गुणों को नहीं छोड़ता।
1123 चतुरंगणी सेना (हाथी, घोड़े, रथ और पैदल) होने पर भी इन्द्रियों के वश में रहने वाला राजा नष्ट हो जाता है।
1124 चन्दन कट जाने पर भी अपनी महक नहीं छोड़ते। हाथी बुढा होने पर भी अपनी विलासलीला नहीं छोड़ता। गन्ना निचोड़े जाने पर भी अपनी मिठास नहीं छोड़ता। उसी प्रकार ऊँचे कुल में पैदा हुआ व्यक्ति अपने उन्नत गुणों(सुशीलता,उदारता तथा त्यागशीलता आदि) को नहीं छोड़ता भले ही उसे कितनी भी गरीबी में क्यों ना बसर करना पड़े।
1125 चन्द्रमा- जो अमृत का भण्डार हैं और औषधियों में रस डालने वाला होने से उनका अधिपति हैं और अत्यन्त चमकीला हैं परन्तु सूर्य के मण्डल में पहुंचते ही एकदम निस्तेज हो जाता हैं। अथार्त दुसरे के घर में जाने से व्यक्ति का बड़प्पन बना नहीं रहता अथार्त अपना प्रयोजन लेकर किसी के घर जानें में आदमी को संकोच से काम लेना चाहिए।
1126 चमचमाती हुई स्वर्ण से जड़ित अनुपयोगी ढाल से गोबर की उपायोगी टोकरी अधिक सुंदर है।
1127 चरित्र और किस्मत एक ही सिक्के की दो साइड की तरह है।
1128 चरित्र का उल्लंघन कदापि नहीं करना चाहिए।
1129 चरित्र का निर्माण तब नहीं शुरू होता जब बच्चा  पैदा होता है; ये बच्चे के पैदा होने के  सौ  साल पहले से शुरू हो जाता है.
1130 चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।
1131 चरित्र को अनुनय का सबसे अधिक कारगर साधन कह सकते है।
1132 चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते हैं। 
1133 चलते-चलते रास्ता भटक जाना निराशाजनक है, लेकिन लक्ष्य से भटक जाना तो अपराध है। 
1134 चलने का तरीका ठीक करे। चलने का तरीका आपके कई रहस्यों से पर्दा उठा सकता हैं क्योकि जब आप छाती को आगे करके गर्व चलते हैं, तब यह आपकी शक्ति का प्रदर्शन करता हैं लेकिन जब आगे की और झुक करके चलते हैं तब यह आपके एक हारे हुए व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित करता हैं।
1135 चलने-फिरने या कूदने से अच्छी एक्सरसाइज़ कोई नहीं है।  रोज़ कुछ वक़्त वॉक करने के लिए खुद को तैयार करे।
1136 चलिए जब भी एक दूसरे से मिलें मुस्कान के साथ मिलें, यही प्रेम की शुरुआत है।
1137 चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा। नहीं.-मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं। और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ।
1138 चाहता तो हु की ये दुनिया बदल दूं .... पर दो वक़्त की रोटी के जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती 
1139 चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ लें या बोल लें, वो आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते?
1140 चाहे आपमें कितनी भी योग्यता क्यों न हो, केवल एकाग्रचित्त होकर ही आप महान कार्य कर सकते हैं।
1141 चाहे जो हो जाये शादी कीजिये। अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी ज़िन्दगी खुशहाल रहेगी, अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप दार्शनिक बन जायेंगे।
1142 चाहे वो Google हो या Apple या फ्री सौफ्टवेयर, हमारे कुछ शानदार प्रतिस्पर्धी हैं जो हमें चौकन्ना रखते हैं।
1143 चाहे वो गूगल हो या एप्पल या फ्री सौफ्टवेयर, हमारे कुछ शानदार प्रतिस्पर्धी हैं जो हमें चौकन्ना रखते हैं।
1144 चिंता करने वाले व्यक्ति के मन में चिंता उत्पन्न होने के बाद की जो स्थिति होती है अर्थात उसकी जैसी बुद्धि हो जाती है, वैसी बुद्धि यदि पहले से ही रहे तो भला किसका भाग्योदय नहीं होगा।
1145 चिंता से अधिक कुछ और शरीर को  बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।
1146 चीजो को समझने की कोशिश जितनी करोगे, डर उतना कम होगा
1147 चीज़ो को जानने और उन्हें पाने की ख्वाहिश ही मनुष्य को मनुष्य बनाती है।
1148 चीज़ों को अलग नज़रिए से देखना ही नई खोज करने जैसा है।
1149 चीज़ों को समझने का मतलब गलतियों को माफ़ करना होता है। 
1150 चुगलखोर व्यक्ति के सम्मुख कभी गोपनीय रहस्य न खोलें।
1151 चुगलखोर श्रोता के पुत्र और पत्नी उसे त्याग देते है।
1152 चुनाव के माध्यम से एक महान व्यक्ति खोजने से पहले एक ऊंट सुई की आंख से निकल जायेगा।            
1153 चूँकि हम सब भगवान के पुत्र है इसलिए हम हर उस चीज़ से बड़े है जो हममे हो सकती है।
1154 चोर और राजकर्मचारियों से धन की रक्षा करनी चाहिए।
1155 छः कानो में पड़ने से (तीसरे व्यक्ति को पता पड़ने से) मंत्रणा का भेद खुल जाता है। 
1156 छोटा काम करना या छोटी सोच वालो के साथरहने से कोई फायदा नहीं है। आप जिस तरह का जीवन व्यतीत कर सकते है , उससे कम स्तर की ज़िन्दगी जीना गलत है।
1157 छोटी कक्षा में अच्छी ट्रेनिंग मिलना ही पढ़ाई-लिखाई का सबसे अहम हिस्सा होता है।
1158 छोटी चीजों में वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित है।
1159 छोटी चीज़ों से ही दिमाग को आराम मिलता है, क्योंकि छोटी बातें ही दिमाग और दिल को परेशान कर देती है। 
1160 छोटी छोटी बातो मे आनंद खोजना चाहिए क्योकि बङी बङी तो जीवन मे कुछ ही होती है।
1161 छोटी-छोटी चीज़े मिलकर महान बनाती है, लेकिन महानता कभी छोटी नहीं हो सकती।
1162 छोटे दिमाग वाले लोग सिर्फ एक्स्ट्राऑर्डिनरी यानी साधारण चीज़ों के बारे में सोचते है, जबकि महान लोग साधारण चीज़ों में से ही कुछ असाधारण ढूंढ निकालते हैं। 
1163 छोटे से अंकुश से इतने बड़े हाथी को साधना, छोटे से दीपक से इतने बड़े व्यापक अन्धकार का नष्ट होना तथा छोटे से वज्र से विशाल-उन्नत पर्वतो का टूटना इस सत्य का प्रमाण हैं कि तेज-ओज की ही विजय होती हैं, तेज में ही शक्ति रहती हैं मोटापे को बल का प्रतीक नहीं समझना चाहिए अथार्थ मोटे व्यक्ति को बलवान समझना भ्रान्ति हैं।
1164 छोटे-छोटे मन-मुटाव को जाने दीजिए, जिन्दगी छोटी हैं बेकार बातों को लेकर परेशान होने से कोई फायदा नहीं हैं।
1165 जंग के समय बेहतरीन स्पीच देने से कोई मतलब नहीं है, लेकिन गोली का निशाने पर लगना महत्वपूर्ण है।
1166 जंग न होने का मतलब सिर्फ शांति नही होता है। यह एक खूबी है, हमारी मानसिक स्थिति है। आत्मविश्वास और कानून भी यही है।
1167 जगत को जिस वस्तु की आवश्यकता होती है वह है चरित्र। संसार को ऐसे लोग चाहिए जिनका जीवन स्वार्थहीन ज्वलंत प्रेम का उदाहरण है। वह प्रेम एक -एक शब्द को वज्र के समान प्रतिभाशाली बना देगा।
1168 जनरलस सोचते हैं कि युद्ध मध्य युग की खेल-कूद प्रतियोगिताएं की तरह छेड़े जाने चाहिए। मुझे शूरवीरों का कोई काम नहीं है, मुझे क्रांतिकारी चाहियें। 
1169 जन्म देने वाला पिता, उपनयन संस्कार कराने वाला, विध्या देने वाला गुरु, अन्नदाता और भय से रक्षा करने वाला---- ये पांच 'पितर' माने जाते है।
1170 जन्म से अंधे को कुछ दिखाई नहीं देता, काम में आसक्त व्यक्ति को भला-बुरा कुछ सुझाई नहीं देता, मद से मतवाला बना प्राणी कुछ सोच नहीं पाता और अपनी जरूरत को सिद्ध करने वाला दोष नहीं देखा करता।
1171 जन्म, व्याधि, जरा और मृत्यु ये तो केवल अनुषांगिक है, जीवन में यह अनिवार्य है, इसिलिये यह एक स्वाभाविक घटना है।
1172 जन्म-मरण में दुःख ही है।
1173 जब  आपको  किसी  को  मारना  ही  है  तो  विनम्र  होने  में  क्या  जाता  है.
1174 जब  तक  मैं  जीवित  हूँ , तब  तक  मैं  सीखता  हूँ  . वह  व्यक्ति  या  वह  समाज  जिसके  पास  सीखने  को  कुछ  नहीं  है  वह  पहले  से  ही  मौत  के  जबड़े  में  है।
1175 जब  लोग  तुम्हे  गाली  दें  तो  तुम  उन्हें  आशीर्वाद  दो।  सोचो  , तुम्हारे  झूठे  दंभ  को  बाहर निकालकर  वो  तुम्हारी  कितनी  मदद  कर  रहे  हैं।
1176 जब आप उन लोगों को जिन्होंने आपको ठेस पहुंचाई हो, याद करके उनके भी भले की कामना कर पायें, वहीँ से क्षमा का प्रारंभ होता है।
1177 जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है। जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है। यही सापेक्षता है।
1178 जब आप किसी को क्षमा करते हैं तो आप कभी बीते समय को नहीं बदलते लेकिन यकीकन आप भविष्य को बदल सकते हैं।
1179 जब आप किसी को प्यार करते है तो आपकी मुलाक़ात दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत व्यक्ति से होती है यानी खुद के साथ। 
1180 जब आप किसी चीज से संतुष्ट नहीं होते, तब आप उसे सीखने की ओर बढ़ते हैं।
1181 जब आप किसी लक्ष्य का सपना देखते हैं केवल तभी आप वो लक्ष्य पा सकते हैं।
1182 जब आप कुछ करना चाहते है तो उसे यह सोच कर करने का प्रयास करें की पूरी दुनिया आपको देख रही है।
1183 जब आप कुछ गँवा बैठते है तो उससे प्राप्त शिक्षा को न गवाएं।
1184 जब आप कुछ नया सीखते है तो सबसे पहले लगता है जैसे आपने कुछ खो दिया हो।  बाद में कुछ मिलने का पता चलता हैं। 
1185 जब आप दिल से बोलने की हिम्मत करते है तो आपको किसी तैयारी की जरूरत नहीं होती।
1186 जब आप पैदा हुए थे तो आप रोए थे और दुनिया हंसी थी। जिंदगी में ऐसा काम करो कि जब आप दुनिया से जाओ तो आप हंसो और दुनिया रोए।
1187 जब आप बोरियत की तरफ ध्यान देना शुरू कर देंगे तो वह जरुरत से ज्यादा मनोरंजक बन जाएगी।
1188 जब आप माफ़ करते हैं तब आप भूत को नहीं बदलते हैं– लेकिन आप निश्चित रूप से भविष्य को   बदल देते हैं। 
1189 जब आप सभी संभावनाओं से थक गए हैं, तब याद रखिये – ये आपने नहीं किया है।
1190 जब आप समुद्री डांकू बन सकते है तो फिर नौसेना में जाने कि क्या ज़रुरत है?
1191 जब आपकी इच्छाएं मजबूत होंगी तो आपको लगेगा कि आपके अन्दर उन्हें पूरा करने की अलौकिक शक्ति आ गयी है।
1192 जब आपके हाथ में पैसा होता है तो केवल आप भूलते है की आप कौन है लेकिन जब आपके हाथ खाली होते है तो सम्पूर्ण संसार भूल जाता है की आप कौन है।
1193 जब आपको पता नहीं होता कि आगे क्या करना है, उस समय आपकी समझदारी और ज्ञान ही काम आते है।
1194 जब कभी कोई व्यक्ति कहता है कि वो ये  नहीं कर सकता है , तो असल में वो दो चीजें कह रहा होता है. या तो मुझे पता नहीं है कि ये कैसे होगा या मैं इसे करना नहीं चाहता।
1195 जब कभी बुरा वक़्त आए या किसी मुश्किल परिस्तिथि में फंस जाएँ तो दिल में किसी ख़ूबसूरत विचार के बारे में सोचिए।
1196 जब कभी संभव हो दयालु बने रहिये। यह हमेशा संभव है।
1197 जब कलयुग के समाप्त होने में दस हज़ार वर्ष शेष रह जाएगे तो भगवान भारत से बाहर चले जायेगे और पांच हज़ार वर्ष शेष रहने पर इस धरती पर गंगा का जल भी नहीं रहेगा तथा ढाई वर्ष पूर्व ग्रामदेवता भी ग्रामो से कूच कर जायेंगे, कहने का तात्पर्य हैं की जब अधर्म बढ़ जाता हैं तो अपने भी साथ छोड़ जाते हैं।
1198 जब किसी को किसी अन्य व्यक्ति का अमंगल करना हो तो उस व्यक्ति को सर्वदा मधुर और प्रिय व्यवहार करना चाहिए। उदाहरण के लिए मृग को मारने को मारने की इच्छा रखने वाल शिकारी उसे मोहित करने के लिए मधुर स्वर में बीन बजता हैं अथार्त मानव की वाणी में रस होना चाहिए, तभी वह अपनी इच्छा को पूर्ण कर सकता हैं और लाभ उठा सकता हैं।
1199 जब कुछ सेकण्ड की मुस्कराहट से तस्वीर अच्छी आ सकती है,तो हमेशा मुस्करा के जीने से जिन्दगी अच्छी क्यों नहीं हो सकती।
1200 जब कोई अकेले सफर करता है तो उसे ज्यादा जगह देखने का मौका मिलता है।