Monday, July 11, 2016

#3601-


3601 हर इंसान अपने स्वास्थ्य या बीमारी का लेखक है।
3602 हर उस व्यक्ति के लिए समय कि सीमा नहीं रहेगी, जिसे समय का उपयोग करना आता हैं।
3603 हर एक कठिनाई जिससे आप मुंह मोड़ लेते हैं,एक भूत बन कर आपकी नीद में बाधा डालेगी।
3604 हर एक कामयाबी और दौलत की शुरआत एक विचार से होती है।   
3605 हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो। घृणा से विनाश होता है।
3606 हर एक पर्वत में मणि नहीं होती और हर एक हाथी में मुक्तामणि नहीं होती। साधु लोग सभी जगह नहीं मिलते और हर एक वन में चंदन के वृक्ष नहीं होते।
3607 हर काम में तेजी लाने की जरुरत नहीं है।  लेकिन समझने की शक्ति में तेजी लाने से फायदा होगा।
3608 हर किसी से अपनी तुलना मत कीजिये इससे आप खुद को ही छोटा महसूस करेंगे बेहतर हैं कि अपने आप से खुद कि तुलना कीजिये पहले क्या थे और अब क्या हैं ये सोचने से आपने मन से इर्ष्या का भाव दूर होगा।
3609 हर कोई उस तरह का काम करने में आनंद उठता है जिसे करने के लिए वो उपयुक्त है।
3610 हर कोई, हर किसी की मदद चाहता है।
3611 हर नई चीज अच्छी होती है लेकिन दोस्त पुराने ही अच्छे होते है....
3612 हर पल अपने प्रभुत्व को बनाए रखना ही कर्त्यव है।
3613 हर पीढ़ी खुद को पिछली से ज्यादा दिमाग वाला (तेज़) और अगली पीढ़ी से ज्यादा बुद्धिमान समझती है।
3614 हर प्रकार की knowledge का जनम हमारे विचारों में ही होता हैं।
3615 हर बच्चा इसी सन्देश के साथ आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है।
3616 हर बच्चे के अंदर एक वयस्क और हर वयस्क के अंदर एक बच्चा छिपा होता है।
3617 हर बार किस्मत से लड़ने की ज़रूरत नहीं। उसके पीछे चुपचाप चलते जाइए।
3618 हर मनुष्य के पास, कुछ भी करने की पूरी आज़ादी होनी चाहिए।  लेकिन उसे किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन को नुकसान पहुँचाने की इज़ाज़त नहीं होनी चाहिए।
3619 हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ। और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है।
3620 हर राष्ट, चीन से यह सीख सकता है की हमे ग्रामीण स्टार पर अच्छे उद्यमों, अच्छी गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाओ और शैक्षिक सुविधाओ के निर्माण पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
3621 हर रोज दो choice मिलती हैं- तनाव को बढ़ाना या शांति का अनुभव करना।
3622 हर लड़ाई को इसके होने से पहले जायज ठहराने की कोशिश होती है , हर पक्ष इसे मारने पर आमादा, दूसरे पक्ष के खिलाफ आत्मरक्षा के रूप में पेश करता हैं।
3623 हर विपत्ति, हर असफलता और हर मनोव्यथा अपने साथ उतने ही महान फायदों के बीज लेकर आता है। 
3624 हर व्यक्ति अपने नेचर के आधार पर चीज़ों को अपनाता है।
3625 हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं उनकी आत्मा अमर और दिव्य होती है।
3626 हर व्यक्ति के लिए रोटी, कपडा, मकान के साथ काम भी होना चाहिए।
3627 हर व्यक्ति के सुख और दुख बिल्कुल अलग होते हैं।
3628 हर व्यक्ति को एक कोच की जरुरत होती है।  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप एक बास्केटबाल, एक टेनिस खिलाडी, एक पहलवान , क्रिकेटर  , हॉकी खिलाडी या एक ब्रिज प्लेयर है।
3629 हर व्यक्ति को खुश रखा जा है, इसके लिए उन सभी लोगो को समझाना होगा जो हमेशा उदास या हताश रहते है।
3630 हर व्यक्ति को गलती करने का अधिकार है। लेकिन कुछ लोगो को गलतियां करने का शौक होता है। उन्हें बार-बार गलती करने का जुनून या रूझान भी हो सकता है।
3631 हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि आत्मा एक राज़ा की समान होती है जो शरीर, इन्द्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग होती है। आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है।
3632 हर व्यक्ति में कोई न कोई कलाकार छिपा होता है। केवल उसे तराशे।
3633 हर व्यक्ति सभी काम नहीं कर सकता है।
3634 हर व्यक्ति से विनम्र रहिये लेकिन कुछ लोगो से विनम्र होने का दिखावा करिए।
3635 हर व्यक्ति ज़िन्दगी का मज़ा अलग अंदाज़ में लेता है, लेकिन असल तरीका वही है जिसमें आप दूसरों के लिए कुछ करने के योग्य बन सकें।  उन्हें खुशियां बाट सकें।  
3636 हर समय सेहत की चिंता करते रहना ही जीवन में सबसे बड़ी रूकावट है।
3637 हर साल भी अगर एक बुरी आदत को दूर फेका जाएँ, तो बुरे से बुरा व्यक्ति भी अच्छा बन सकता हैं।
3638 हां और नहीं- ये दुनिया के सबसे पुराने और छोटे शब्द है, लेकिन इनके इस्तेमाल के लिए सबसे ज्यादा सोचना पड़ता है।
3639 हाथ की शोभा दान से होती है, न की कंगन पहनने से, शरीर की शुद्धि स्नान से होती है, न की चन्दन लगाने से, बड़ो की तृप्ति सम्मान करने से होती है, न कि भोजन कराने से, शरीर की मुक्ति ज्ञान से होती है, न की शरीर का शृंगार करने से।
3640 हाथी के चलाने के लिए अंकुश, घोड़े के लिए हाथ में एक चाबुक, सींग वाले बैल आदि पशु के लिए डंडे की आवश्कता होती हैं, परन्तु दुष्ट व्यक्ति सरलता से वश में नहीं आता, उसके लिए तो हाथ में तलवार लेनी पड़ती हैं उसे सीधे रास्ते पर लाने के लिए कभी-कभी उसकी हत्या भी कर देनी पड़ती हैं।
3641 हाथी को अंकुश से, घोड़े को चाबुक से, सींग वाले बैल को डंडे से और दुष्ट व्यक्ति को वश में करने के लिए हाथ में तलवार लेना आवश्यक है।
3642 हाथी मोटे शरीर वाला है, परन्तु अंकुश से वश में रहता है। क्या अंकुश हाथी के बराबर है ? दीपक के जलने पर अंधकार नष्ट हो जाता है। क्या अंधकार दीपक बराबर है ? वज्र से बड़े-बड़े पर्वत शिखर टूटकर गिर जाते है। क्या वज्र पर्वतों के समान है ? सत्यता यह है कि जिसका तेज चमकता रहता है, वही बलवान है। मोटेपन से बल का अहसास नहीं होता।
3643 हार जाने का डर, इंसान के हारने की सबसे बड़ी वजह है।
3644 हार मत मानो, हमेशा अगला मौका ज़रूर आता है।
3645 हालाँकि मुझे दूसरों को क्या करना चाहिए, के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है, मुझे लगता है कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूँ और एक बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से समाज को वापस देने के लिए एक जिम्मेदारी महसूस कर रहा हु।
3646 हालाँकि मुझे दूसरों को क्या करना चाहिए, के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है, मुझे लगता है कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूँ और एक बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से समाज को वापस देने के लिए एक जिम्मेदारी महसूस कर रहा हूँ।
3647 हालात मनुष्य से ज्यादा मजबूत होते है।
3648 हालात से तालमेल बिठाओ या फिर खत्म हो जाओ- हर युग में प्रकर्ति का यही नियम हैं। 
3649 हास्य टॉनिक है, राहत है, दर्द रोकने वाला है.
3650 हिंसा हमेशा बाधा को जल्दी से हटा सकती है पर ये कभी सृजनात्मक नहीं हो सकती।
3651 हीरे की काबलियत रखते हो तो अंधेरो में चमका करो रोशनी में तो काँच भी चमकते है।
3652 हे अर्जुन! जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि हुई हैं तब-तब मैं अपने को रचता हूँ अथार्थ अवतरित होता हूँ।
3653 हे अर्जुन! निसंदेह मन बहुत चंचल हैं और बड़ी कठनाई से वश में होता हैं किन्तु सदा अभ्यास और वैराग्य से वह वश में हो जाता हैं।
3654 हे केतकी ! यद्यपि तू सांपो का घर है, फलहीन है, कांटेदार है, टेढ़ी भी है, कीचड़ में ही पैदा होती है, बड़ी मुश्किल से तू मिलती भी है, तब भी सुगंध रूपी गुण से तुम सभी को प्रिय लगती हो। वाकई एक गुण सभी दोषो को नष्ट कर देता है।
3655 हे बुद्धिमान पुरुष ! धन गुणवानो को दे, अन्य को नहीं। देखो, समुद्र का जल मेघो के मुँह में जाकर सदैव मीठा हो जाता है और पृथ्वी के चर-अचर जीवों को जीवनदान देकर कई करोड़ गुना होकर फिर से समुद्र में चला जाता है।
3656 हे महिला, तुम नीचे झुककर क्या देख रही हो? क्या तुम्हारा कुछ जमीन पर गिर गया है? हे मुर्ख, मेरे तारुण्य का मोती न जाने कहा फिसल गया। अथार्थ समझदार व्यक्ति को चाहिए कि किसी भी वृद्ध का उपहास न करें, क्योंकि यह स्थति तो एक दिन सभी की होनी हैं।
3657 हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।
3658 ख़ुशी आत्म निर्भरता से सम्बंधित होती है।
3659 ख़ुशी का रहस्य  ज्यादा पाने में नहीं बल्कि थोड़े का आनंद लेने की क्षमता विकसित करने में है।
3660 ख़ुशी की उम्मीद करना और उसके लिए प्रयास करना भी ख़ुशी है।
3661 ख़ुशी ही जीवन का उद्देशय और अर्थ है।
3662 ज़रा आसमान की तरफ देखिए। हम अकेले नहीं हैं। पूरी दुनिया हमारी दोस्त हैं और जो लोग सपने देखते हैं और उनके लिए काम करते हैं, केवल उन्हें यह सब कुछ देने के लिए हर तरह से तैयार रहती है।
3663 ज़िंदगी भी विडियो गेम सी हो गयी है  एक लैवल क्रॉस करो तो अगला लैवल और मुश्किल आ जाता हैं.....
3664 ज़िन्दगी और समय, विश्व के दो बड़े अध्यापक है। ज़िन्दगी हमें समय का सही प्रयोग करना सिखाती है, जबकि समय हमें ज़िन्दगी की उपयोगिता बताता है।
3665 ज़िन्दगी खुशनुमा है और मौत शांतिपूर्ण। इन दोनों के बीच का सफर मुश्किलों भरा है।
3666 ज़िन्दगी में एक बार अपने बारे में अवश्य सोचे अन्यथा आप संसार की सबसे बड़ी कॉमेडी मिस कर सकते है।
3667 ज़िन्दगी में मैंने किसी चीज़ में कुछ ज्यादा देखा है तो वे सिर्फ अपने लीडर या महान लोगों के साथ जुड़कर ही।

Sunday, July 10, 2016

#3501-3600


3501 हंस पक्षी श्मशान में नहीं रहता। अर्थात ज्ञानी व्यक्ति मुर्ख और दुष्ट व्यक्तियों के पास बैठना पसंद नहीं करते।
3502 हंसने का बहाना ढूंढे। कौन कहता हैं कि आपके पास हंसने का मौका नहीं हैं एक बार हँसने का प्रयास तो कीजिये, आप हास्य गुरु बन जायेंगे क्योकि शहरों में laughter clubs के खुलने से पता चलता हैं की बेहतर मानसिक, भावनात्मक, अध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए हँसना जरुरी हैं।
3503 हंसने की इच्छा ना हो...तो भी हसना पड़ता है... कोई जब पूछे कैसे हो...?? तो मजे में हूँ कहना पड़ता है
3504 हंसी के बिना बिताया हुआ दिन बर्वाद किया हुआ दिन है।
3505 हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है।
3506 हज़ार छूरों की तुलना में चार विरोधी अखबारों से अधिक डरना चाहिए। 
3507 हजार लड़ाई जीतने से अच्छा है अपने आप को जीतना. फिर जीत तुम्हारी है। इसे तुमसे कोई नहीं ले सकता न ही स्वर्गदूतों द्वारा न ही राक्षसों द्वारा, न ही स्वर्ग या नरक में।
3508 हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाए।
3509 हथेली पर रखकर नसीब, तु क्यो अपना मुकद्दर ढूँढ़ता है। सीख उस समन्दर से, जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है"!!!
3510 हम  केवल तभी याद किये  जाएंगे यदि हम हमारी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दे सके जो की सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आर्थिक समृद्धि के परिणाम स्वरुप प्राप्त हो।
3511 हम  जो  बोते  हैं  वो  काटते  हैं।  हम  स्वयं  अपने  भाग्य   के  विधाता  हैं।  हवा  बह  रही  है ; वो  जहाज  जिनके  पाल  खुले  हैं , इससे टकराते  हैं , और  अपनी  दिशा  में  आगे  बढ़ते  हैं , पर  जिनके  पाल  बंधे  हैं हवा  को  नहीं  पकड़  पाते। क्या  यह  हवा  की  गलती  है ?…..हम  खुद  अपना  भाग्य   बनाते  हैं।
3512 हम अगर किसी चीज़ की कल्पना कर सकते हैं तो उसे साकार भी कर सकते हैं।
3513 हम अपना Behavior बदलने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च कर देते हैं।
3514 हम अपने जीवन में जिन चीजो की ख्वाहिश रखते है उसी से हमारे चरित्र के बारे में पता लगाया जा सकता है।
3515 हम अपने शाशकों को नहीं बदल सकते पर जिस तरह वो हम पे राज करते हैं उसे बदल सकते हैं.
3516 हम उन्हीं बदलावों को देख पाते है जिनके बारे में हम पहले से जानते है। साथ ही, हम उन्हीं बदलावों को महसूस कर पाते है जिन्हे हम आंखों से देखते है।
3517 हम उस बच्चे को आसानी से माफ़ कर सकते है जो की अँधेरे से डरता है; लेकिन जीवन की वास्तविक त्रासदी तब है जब आदमी प्रकाश से डरने लग जाए।
3518 हम एक दिन या एक समय निराहार रहकर उपवास करते हैं और इसी से कितनी वेदना होती हैं, फिर जो लोग कई दिन तक लगातार निराहार या आधा पेट खाकर रहते हैं, उनके मुहँ में दो मुट्ठी अन्न दे देना तो दूर की बात, जो चीज बिना खर्च किये सम्भव हो सकती हैं, वह मौखिक सहानुभूति भी क्या हम दे सकते हैं?
3519 हम एक बच्चे को आसानी से माफ़ कर सकते है जो की अँधेरे से डरता है लेकिन जीवन की असली त्रासदी तब है जब इंसान प्रकाश से डरने लगे। 
3520 हम कितने भी पैसे क्यों न कमा ले, हम अपने विचारो में परिवर्तन नहीं ला सकतें।
3521 हम किसी वस्तु के 1 परसेंट के 10 लाखवें हिस्से के बारे में भी नहीं जानते हैं।
3522 हम खुद को हर किस्म की बुराई से महफूज रख सकते है। लेकिन मृत्यु की तुलना ऐसे शहर से की जाती है जहां घरो में दीवारें ही नहीं होती है।
3523 हम गलत को सही मानने में पारंगत है और अंत में जब गलत साबित हो जाते हैं, फिर भी तथ्यों को तोड़-मरोड़कर खुद को सही बताने का असफल प्रयास करते है।
3524 हम जितना जानते है उससे कही ज्यादा बुद्धिमान है।
3525 हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा , और परमात्मा उसमे बसेंगे।
3526 हम जितना भी पैसा कमाते है उसकी तुलना जूतो से की जा सकती है। जूता छोटा है तो वो पैरों को काटने लगेगा। जूते का आकार बड़ा है तो लड़खड़ाकर गिर भी सकते है।
3527 हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।
3528 हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है। यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम  करता है , तो उसे कष्ट ही मिलता है। यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोडती।
3529 हम जो दुनिया के जंगलों के साथ कर रहे हैं वो कुछ और नहीं बस  उस चीज का प्रतिबिम्ब है जो हम अपने साथ और एक दूसरे के साथ कर रहे हैं।
3530 हम जो सोचते हैं , वो बन जाते हैं।
3531 हम तब स्वतंत्र होते हैं जब हम पूरी कीमत चुका देते हैं।
3532 हम तो पागल हैं शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही दिल की बात कह जाते हैं और कई इन्सान गीता पर हाथ रख कर भी सच नहीं कह पाते है…
3533 हम दुनिया को साबित कर सकते हैं कि भारत सक्षम राष्ट्र हैं. हम भारतीयों को प्रतियोगिता से डर नहीं लगता . भारत उपलब्धियां प्राप्त करने वालों का राष्ट्र है।
3534 हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम उसे प्रेम करते हैं।
3535 हम दुनिया में मौजूद हर चीज सीखने नहीं आये है। लेकिन उन चीजो  जानकारी होना जरूरी है जिनसे हमारे चरित्र और व्यवहार का निर्माण होगा।
3536 हम धर्म और ध्यान के बिना रह सकतें है, लेकिन हम मानव स्नेह के बिना जीवित नहीं रह सकते।
3537 हम बहादुर कार्यों के द्वारा ही बहादुर बन सकते है।
3538 हम बाहरी दुनिया में कभी शांति नहीं पा सकते हैं, जब तक की हम अन्दर से शांत ना हों।
3539 हम भले ही पुराने सड़े घाव को स्वर्ण से ढक कर रखने की चेष्टा करे, एक दिन ऐसा आएगा जब वह स्वर्ण वस्त्र खिसक जायेगा और वह घाव अत्यंत वीभत्स रूप में आँखों के सामने प्रकट हो जायेगा।
3540 हम भारतीयों की समस्या यह है कि हमने बड़ा सोचने की आदत खो दी है
3541 हम महानता के सबसे करीब तब होते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं।
3542 हम में से अधिकतर लोग क्षमा कर देते हैं और भूल भी जाते हैं, हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि दूसरा व्यक्ति ये न भूले कि हमने उसे क्षमा किया है।
3543 हम यहां पर ब्रह्मांड में सेंध लगाने के लिए है। अन्यथा हम यहां पर है क्यों ?
3544 हम युद्ध करते है ताकि हम शांति में रह सके।
3545 हम ये प्रार्थना ना करें कि हमारे ऊपर खतरे न आयें, बल्कि ये करें कि हम उनका सामना करने में निडर रहे। 
3546 हम वही बन जाते है जैसा हम बनने की कोशिश करते है, इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति जैसा बनने से पहले थोड़ी सावधानी बारतीए।
3547 हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं।  शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
3548 हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के सामान है।
3549 हम सभी एक दूसरे की मदद करना चाहते हैं। मनुष्य ऐसे ही होते हैं। हम एक दूसरे के सुख के लिए जीना चाहते हैं, दुःख के लिए नहीं।
3550 हम सभी के पास अपनी टाइम मशीन है।  इनमें से कुछ बीते हुए समय में ले जाती हैं,  जो यादें कहलाती है। कुछ आने वाले समय के बारे में बताती हैं जिन्हें सपने कहते हैं। 
3551 हम सभी को ऐसे लोगों की जरूरत है जो हमे feedback (प्रतिक्रिया) दे सके। क्योंकि इन्ही के कारण हम सुधार करते है।
3552 हम सभी, जीवन भर संघर्ष करते हैं, क्यूंकि जो हम चाहते हैं वो हम नहीं पा पाते। मैंने जीवन में एक महत्वपूर्ण चीज़ सीखी है कि कैसे अपने लक्ष्य के प्रति अडिग बने रहें, कैसे उम्मीद ना छोड़ें क्यूंकि पहले ही प्रयास में सफल नहीं हुआ जाता।
3553 हम सोचते बहुत हैं और महसूस बहुत कम करते हैं।
3554 हम हमारी समस्याओं को उसी सोच के साथ ख़त्म नहीं कर सकते है, जिस सोच के साथ हमने उन्हें पैदा किया हैं।
3555 हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है।  हमने उनके देश की जमीन नहीं हड़पी है, अपनी संस्कृति, अपने इतिहास और अपने जीवन जीने के तरीके को उन पर लागू करने की कोशिश नहीं की।
3556 हमने क्या क्षमा किया है ये हमें समान्यत: याद रहता है।
3557 हममें से हर किसी के पास समान अवसर होते हैं और ये बात सभी के लिए सत्य है।
3558 हमारा  एक  नॉर्मल  होता है . जब  आप  अपने  कम्फर्ट  जोन  से  बाहर  निकल  जाते  हैं   तो जो  एक  समय  अनजाना  और  भयभीत  करने  वाला  था  अब  आपका  न्यू  नॉर्मल   बन  जाता  है .
3559 हमारा कर्तव्य है की हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीने के संघर्ष में प्रोत्साहित करे, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लेन का प्रयास करे।
3560 हमारा कार्य समुंद्र में पानी की एक बूंद के समान हो सकता हैं, किन्तु उस समुंद्र में एक बूंद जल भी न पड़ता, तो समुंद्र एक बूंद जल से वंचित हो जाता
3561 हमारा चरित्र पेड़ की तरह है। और हमारा चरित्र उसकी छाया की तरह। हम हमेशा छाया की और देखते है, जबकि असली चीज तो पेड़ है।
3562 हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो ज़रूरी काम हैं उनमे लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है.
3563 हमारी ताकत दुगुनी हो जाती है अगर हम विश्वास के साथ लड़ते है। 
3564 हमारी नाक के सामने क्या हो रहा है, यह समझना एक लगातार संघर्ष है।
3565 हमारी प्रार्थना केवल आशीर्वाद पाने के लिए होनी चाहिए क्योकि ईश्वर सब जानता हैं, कि आपके लिए क्या अच्छा हैं और क्या बुरा।
3566 हमारी बिजनेस से सम्बंधित समस्याएं नहीं होतीं , हमारी लोगों से सम्बंधित समस्याएं होती हैं।
3567 हमारी वैज्ञानिक शक्ति ने हमारी आध्यात्मिक शक्ति को कुचल दिया। हमारे पास गाइडेड मिसाइल तो है, लेकिन लोग मिस गाइडेड है।
3568 हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है, हार मान लेना। हमेशा से सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है एक बार और प्रयास करना।.
3569 हमारी ज़िंदगी कोई सपना नही है, लेकिन उसे एक आनंदमय सपना जरूर बनाया जा सकता है।
3570 हमारे जीवन का उद्देश्य प्रसन्न रहना है।
3571 हमारे जीवन का उस दिन अंत होना शुरू हो जाता है, जिस दिन हम उन मुद्दो के बारे में चुप हो जाते है जो आम समाज के लिए मायने रखते है।
3572 हमारे जीवन के गहनतम अंधकार के वक़्त हमें अपना ध्यान रोशनी देखने पर केंद्रित करना चाहिए।
3573 हमारे पास क्या है उससे फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है की हमे किन चीजो से खुशी का अनुभव होता है।
3574 हमारे लिए चींटी से बढ़कर और कोई उपदेशक नहीं है। वह काम करती है और खामोश रहती है।
3575 हमारे स्वप्न विशाल होने चाहिए।  हमारी महत्त्वाकांक्षा ऊँची होनी चाहिए।  हमारी प्रतिबद्धता गहरी होनी चाहिए और हमारे प्रयत्न बड़े होने चाहिए।  रिलायंस और भारत के लिए यही मेरा सपना है।
3576 हमे ऐसी शिक्षा चाहिए, जिसमे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।
3577 हमे करोडो लोगो के देश की तरह सोचना और कार्य करना चाहिए न की लाखो लोगो के देश की तरह।  सपना, सपना, सपना !
3578 हमे जो मिलता है उससे हमारी ज़िंदगी चलती हैऔर जो हम देते है उससे ज़िंदगी बनती है।
3579 हमे प्रयत्न करना नहीं छोड़ना चाहिए और समस्याओ से नहीं हारना चाहिए।
3580 हमे युवाओ को नौकरी चाहने वालो की अपेक्षा नौकरी देने वाला बनाना होगा।
3581 हमे सीमित निराशा को स्वीकार करना चाहिए, लेकिन असीमित आशा को कभी नहीं भूलना चाहिए।
3582 हमें  दया  दिखानी  चाहिए , पर  माँगना  नहीं  चाहिए।
3583 हमें अपने नजरिये को पूंजी की तरह संभाल कर रखना चाहिए, भले ही हमारे जीवन में कितने भी उतार—चढ़ाव क्यों न आएं।
3584 हमें अपने पैर पर खड़े रहने के लिए गूगल बिंग जैसे ब्रांड से प्रेरणा लेते हैं।
3585 हमें कोई नहीं चाहता, यही भावना सबसे बड़ा रोग हैं मानव जीवन में इससे बड़ा रोग नहीं हो सकता आज कुष्ठ रोग के उपचार की भी औषधि बन गई हैं,किन्तु  मैं अवांछित हूं, मुझे कोई नहीं चाहता, इस भावना जैसा भयंकर रोग अन्य कोई है, यह मुझे ज्ञान नहीं, इस व्याधि को दूर करने की एक ही औषधि है और वह है – ‘प्रेम’
3586 हमें त्याग करना होगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी समृद्ध हो ।
3587 हमें बदलाव और चुनौतियों का स्वागत करना चाहिए क्योंकि ये जीवन में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। 
3588 हमें भाईयों की तरह मिलकर रहना अवश्य सीखना होगा अन्यथा मूर्खों की तरह सभी बरबाद हो जाएंगे।
3589 हमें मुस्कराहट का परिधान जरूर पहनना चाहिये तथा उसे सुरक्षित रखने के लिये हमारी आत्मा को गुणों का परिधान पहनाना चाहिये।
3590 हमें हमेशा केवल सर्वोत्तम के लिए प्रयास करना चाहिए। गुणवत्ता पर समझौता नहीं किया जा सकता, अगर वस्तु सर्वोतम नहीं हैं तो उसे अस्वीकार कर दो, और यह केवल भारत के लिए नहीं बल्कि विश्व के लिए होना चाहिए।
3591 हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं को हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
3592 हमेशा  ध्यान  में  रखिये  की  आपका  सफल  होने  का  संकल्प  किसी  भी  और  संकल्प  से  महत्त्वपूर्ण  है.
3593 हमेशा अपने दिमाग में यह बात बैठाकर रखे की सफलता के प्रति आपका अपना दृष्टिकोण सबसे महत्त्वपूर्ण है बजाय दुसरो के।
3594 हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।
3595 हमेशा अपने शत्रुओं को क्षमा कर दो- ये ही उन्हें सबसे ज्यादा परेशान करता है।
3596 हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो , क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है
3597 हमेशा ध्यान में रखिये की आपका सफल होने का संकल्प किसी भी और संकल्प से महत्त्वपूर्ण है।         
3598 हमेशा सर्वश्रेष्ठ रास्ता हीचुनिए। शुरुआत में इस पर चलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आसान हो जाता है।
3599 हमेशा ही विश्वास के खिलाफ लड़ना ज्ञान के खिलाफ लड़ने से अधिक कठिन होता है।
3600 हर आदमी कहता है मै अच्छा हू लेकिन लोग क्या मानते है यह ज्यादा महत्वपूर्ण बात है।

Saturday, July 9, 2016

#3401-3500


3401 साधू पुरुष किसी के भी धन को अपना ही मानते है।
3402 सामजिक होना मतलब माफ़ करने वाला होना है। 
3403 सामान्य के बीच अपनी योग्यता को साबित करना ही सफलता(Success) हैं।
3404 सामान्य व्यक्ति धर्म के बारें में हजारों बुराइया करता हैं, लेकिन धर्म को प्राप्त करने का प्रयास बिल्कुल नहीं करता। जबकि बुद्धिमान व्यक्ति जोकि धर्म का काफी ज्ञान रखता हैं और उसका आचरण भी धर्मअनुसार ही हैं कम ही बोलता हैं।
3405 सारे धर्म इंसानों द्वारा बनाये गए हैं। 
3406 सारे भूखो के मुँह में अन्न नहीं दिया जा सकता सभी रोगियों की सेवा कर पाना भी सम्भव नहीं हैं, तब क्या सेवा ,दान, प्यार आदि को छींके पर टांग कर रख दे? नहीं, मार्ग में चलते हुए यदि आँखों के सामने कोई भूखा आ खड़ा हो, तो उसे देखना ही धर्म है, उसकी भूख मिटाने के लिए आगे बढ़ना मानवता का कर्तव्य हैं
3407 साहस मानवीय गुणों में प्रमुख है, क्योकि यह बाकी सभी गुणों की गारंटी देता है।
3408 साहस मुक्ति का एक प्रकार है।
3409 साहस ये जानना है कि किससे नहीं डरना है।
3410 साहस सभी मानवीय गुणों में प्रथम है क्योंकि यह वो गुण है जो आप में अन्य गुणों को विकसित करता है।
3411 साहस सिर्फ खड़े होकर बोलना ही नही, बैठकर धैर्यपूर्वक सुनना भी है।
3412 साहस, प्यार के समान है दोनों को आशा रूपी पोषण  आवशयकता होती है। 
3413 साहसी बनो। मैंने व्यापार में मंदी के कई दौर देखे हैं। हमेशा अमेरिका इनसे और अधिक शक्तिशाली और समृद्ध होकर निकला है। अपने पूर्वजों की तरह बहादुर बनो। विश्वास रखो ! आगे बढ़ो !
3414 साहसी लोगों को अपना कर्तव्य प्रिय होता है।
3415 सिंह  से एक गुण सीखना चाहिए  कि  काम छोटा हो या बड़ा  , जब हाथ  मे लिया  जाए तो उसे पूरा करने  मे सारी शक्ति  लगा  देनी चाहिए । किसी  भी स्वीकृत  कार्य  को  महत्वहीन  समझकर  उसकी उपेक्षा  नही करनी चाहिए । कार्य  की  असफलता  से प्रतिष्ठित  व्यक्ति की  कीर्ति  कलंकित होती है ।
3416 सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।  
3417 सिद्ध हुए कार्ये का प्रकाशन  करना ही उचित कर्तव्य होना चाहिए।
3418 सिनेमा सनक है। दर्शक वास्तव  में स्टेज पर जीवंत अभिनेताओं को देखना चाहते हैं।
3419 सिर्फ एक कलाकार ही जिंदगी का असली अर्थ समझ सकता है।
3420 सिर्फ एक ही चीज पर विश्वास रखना चाहिए। वह एक चीज है मनुष्य की ताकत, उसकी दृढ़ सोच।
3421 सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते।
3422 सिर्फ जानकारियों के आधार पर खुद को इस दुनिया में महफूज रख सकते है।
3423 सिर्फ जीना मायने नहीं रखता, सच्चाई से जीना मायने रखता है।
3424 सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है।  यह इसका प्रयोग करने वाले के हाथ से खून निकाल देता है।
3425 सिर्फ दो बातें लोग एक दुसरे के बारे में याद रखते हैं.वो साथ रहते हैं, इसलिए नहीं क्यूंकि वे भूल जाते हैं, बल्कि इसलिए कि वे क्षमा कर देते हैं।
3426 सिर्फ स्वतंत्र लोग ही समझौता कर सकते है।  कैदी लोग समझौता नहीं कर सकते। आपकी और मेरी आज़ादी अलग नहीं है।
3427 सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है, हम बिना दर्द के नहीं सीख सकते है।
3428 सीखना, रचनात्मकता को जन्म देता है। रचनात्मकता, विचार की ओर ले जाती है, विचार आपको ज्ञान देता है। ज्ञान आपको महान बना देता है।
3429 सीधे और सरल व्तक्ति दुर्लभता से मिलते है।
3430 सीमाओ को जाने। आप उस व्यक्ति को कुछ नहीं समझा सकते, जो आप पर विश्वास नहीं करता लेकिन सीमा में रहते हुए आप अपनी तरफ से प्रयास जरुर करें इस तरह आप खुद को बेहतर साबित कर सकते हैं।
3431 सुंदरता भगवान द्वारा दिया जाने वाला सबसे अमूल्य तोहफा है। भगवान यही तोहफा गंदी सोच वाले लोगो को भी देता है।
3432 सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब.... बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता .
3433 सुख और दुःख में समान रूप से सहायक होना चाहिए।
3434 सुख और दुःख सिक्के के दो पहलु है। सुख जब मनुष्य के पास आता है तो दुःख का मुकुट पहन कर आता है
3435 सुख का आधार धर्म है।
3436 सुख चाहने वालो को विधा कहाँ और विधार्थी को सुख कहाँ? सुख चाहने वाले विधा की आशा न रखे और विधार्थी सुख की इच्छा न रखे।
3437 सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं।
3438 सुख-दुःख व मान-सम्मान जीवन के दो पहलू हैं, जो उनमे लिप्त नहीं होता वह प्रसन्न रहता हैं।
3439 सुधार का मतलब है बदलना और परफेक्ट होने का मतलब है बार बार बदलना।
3440 सुन्दर रंगों को देखने के लिए आँखे है। मधुर संगीत को सुनने के लिए कान है। उसी तरह से चीज़ों को समझने के लिए दिमाग है।
3441 सुबह पछतावे के साथ उठाने के लिए जीवन बहुत ही छोटा है, अत: उन लोगों से प्यार कीजिये जिन्होंने आपके साथ अच्छा बर्ताव किया, उन लोगों को क्षमा कर दीजिये जिन्होंने अच्छा बर्ताव नहीं किया और ऐसा विश्वास रखिये कि सभी कुछ किसी कारण से होता है।
3442 सूचना ज्ञान नहीं है।
3443 सूर्य अपनी जगह रहता है और बाकी सभी गृह उसके इर्द-गिर्द घुमते है।  इसका मतलब है की गुणी व्यक्ति या जिस व्यक्ति में कोई क्वालिटी होती है वह अपनी जगह पर या सेंटर में रहता है और बाकी दुनिया उसके इर्द-गिर्द चलती रहती है।
3444 सेवक को स्वामी के अनुकूल कार्य करने चाहिए।
3445 सेवकों को अपने स्वामी का गुणगान करना चाहिए।
3446 सेवा के कार्य में पग-पग पर विपति की आशंका रहती हैं हमें सदा यह बात याद रखनी होगी कि हम जो भी कुछ करें सब उनके लिए करें
3447 सेवानिवृत्ति का तो कोई प्रश्न ही नहीं हैं। मेरा कारोबार तो मेरा शौक हैं यह मेरे लिए एक बोझ नहीं है। रिलायंस को तो मेरे बिना भी चलाया जा सकता हैं।
3448 सैकड़ो अज्ञानी पुत्रों से एक ही गुणवान पुत्र अच्छा है। रात्रि का अंधकार एक ही चन्द्रमा दूर करता है, न की हजारों तारें।
3449 सोच भाषा को भ्रष्ट बनाती है, लेकिन भाषा भी सोच को भ्रष्ट कर सकती है।
3450 सोच विचार करने में समय लगाएँ,  लेकिन जब काम का समय आए, तो सोचना बंद करें और आगे बढ़ें।
3451 सोचने का मतलब है की आपकी आत्मा खुद से बातचीत कर रही है।
3452 सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से.. पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
3453 सोने की जाँच चार प्रकार से की जाती हैं –उसे कसौटी पर घिसा जाता हैं, काट कर देखा जाता हैं, तपाया और कूटा-पीटा जाता हैं इसी प्रकार मनुष्य के कुल अर्थात् अथार्त श्रेष्ठता की जाँच भी चार प्रकार – त्याग, शील, गुण और उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यो से होती हैं।
3454 सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने जैसी दिखाई पड़ती है अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवश्य पड़ता है। 
3455 सौंदर्य अलंकारों अर्थात आभूषणों से छिप जाता है।
3456 सौंदर्य एक अल्पकालिक अत्याचार है।
3457 स्कूलों में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ऐसे महिला और पुरुष तैयार करना है जो अपने दम पर नई चीजें कर सके, न की वही चीजें दोहराएं जो पिछली पीढियां करती है।
3458 स्तुति करने से देवता भी प्रसन्न हो जाते है।
3459 स्त्रियाँ कभी भी एक व्यक्ति से प्रेम नहीं करती हैं वे बातें किसी ओर से करती हैं, विलासपूर्वक देखती किसी और को हैं तथा हर्द्य में चिंतन किसी और के विषय में करती हैं। इस प्रकार उनका प्रेम एकान्तिक न होकर बहुजनीय होता हैं, उनकी प्रत्येक चेष्टा में चतुराई छिपी होती हैं।
3460 स्त्रियां पुरुषो से दोगुना अधिक भोजन करती हैं इसके साथ ही चाणक्य का यह भी कहना हैं कि स्त्रियों में लज्जा पुरुष की अपेक्षा चार गुणा अधिक होती हैं यही कारण हैं कि आदमी उनके मन की कोई बात समझने में कभी पूर्णतया समर्थ नहीं होता वह कितना ही प्रयत्न करे स्त्रिया कभी भी खुलकर अपने मन की बात नहीं बताती, स्त्रिया में साहस आदमियों की  अपेक्षा छह गुणा अधिक होता हैं तथा उसमे कामवासना आठ गुणा अधिक होती हैं
3461 स्त्रियां स्वभाव से ही झूठ बोलने वाली, अत्यंत साहसी, छली-कपटी, धोखा देने वाली, मूर्खतापूर्ण बाते करने वाली, अत्यन्त लोभी, अपवित्र और दया–माया से रहित होती हैं।
3462 स्त्रियो की स्थिति में सुधार न होने तक विश्व के कल्याण का कोई भी मार्ग नहीं है।
3463 स्त्रियों का गुरु पति है। अतिथि सबका गुरु है। ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य का गुरु अग्नि है तथा चारों वर्णो का गुरु ब्राह्मण है।
3464 स्त्री का आभूषण लज्जा है।
3465 स्त्री का वियोग, अपने लोगो से अनाचार, कर्ज का बंधन, दुष्ट राजा की सेवा, दरिद्रता और अपने प्रतिकूल सभा, ये सभी अग्नि न होते हुए भी शरीर को दग्ध कर देते है।
3466 स्त्री के प्रति आसक्त रहने वाले पुरुष को न स्वर्ग मिलता है, न धर्म-कर्म।
3467 स्त्री के बंधन से मोक्ष पाना अति दुर्लभ है।
3468 स्त्री न तो दान देने से, न ही उपवास से तथा न ही नाना तीर्थो के सेवन से शुद्ध होती हैं बल्कि वह तो केवल पति के चरणों को श्रदापूर्वक छु लेने से ही शुद्ध हो जाती हैं।
3469 स्त्री रत्न से बढ़कर कोई दूसरा रत्न नहीं है।
3470 स्नेह और दया रहित धर्म, विधाविहीन गुरु, क्रोधी स्वभाव की पत्नी और स्नेहरहित सम्बन्धियों को छोड़ ही देना चाहिए इन्हें अपनाने से लाभ के स्थान पर हानि होने की संभावना रहती हैं ये बातें दुःख का कारण होती हैं।
3471 स्नेह करने वालों  का रोष अल्प समय के लिए होता है।
3472 स्मरण शक्ति (याददास्त) को तेज करे। यदि आपको कोई चीज याद नहीं रहती है तो उसको जोर-जोर से पढ़े फिर आप पाएंगे की वह चीज आपको 50% ज्यादा याद हो चुकी हैं अच्छी स्मरण-शक्ति व्यक्ति की personality को बढाती हैं।
3473 स्वजनों को तृप्त करके शेष भोजन से जो अपनी भूख शांत करता है, वाह अमृत भोजी कहलाता है।
3474 स्वतंत्र  होने  का  साहस  करो। जहाँ  तक  तुम्हारे  विचार  जाते  हैं  वहां  तक  जाने  का  साहस  करो , और  उन्हें  अपने  जीवन  में  उतारने  का  साहस  करो।
3475 स्वतंत्र वही है, जो अपना काम स्वयं कर लेता है।
3476 स्वतंत्र होना , अपनी जंजीर को उतार देना मात्र नहीं है, बल्कि इस तरह जीवन जीना है  कि औरों का सम्मान और स्वतंत्रता बढे।
3477 स्वतंत्रता की अधिकता, चाहे वो राज्यों या व्यक्तियों में निहित हो, केवल गुलामी की अधिकता में बदल जाती है।
3478 स्वभाव का अतिक्रमण अत्यंत कठिन है।
3479 स्वभाव का मूल अर्थ लाभ होता है। 
3480 स्वभाव रखना है तो उस दीपक की तरह रखो जो बादशाह के महल में भी उतनी रोशनी देता है जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में।
3481 स्वयं अशुद्ध व्यक्ति दूसरे से भी अशुद्धता की शंका करता है।
3482 स्वयं को इस जन्म औए अगले जन्म में भी काम में लगाइए।  बिना प्रयत्न के आप समृद्ध नहीं बन सकते। भले भूमि उपजाऊ हो, बिना खेती किये उसमे प्रचुर मात्र में फसले नहीं उगाई जा सकती।
3483 स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
3484 स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेना सबसे श्रेष्ठ और महानतम विजय होती है। 
3485 स्वयं में बहुत सी कमियों के बावजूद अगर में स्वयं से प्रेम कर सकता हुँ तो दुसरो में थोड़ी बहुत कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हुँ।
3486 स्वयं से लड़ो , बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयम पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।
3487 स्वर्ग की प्राप्ति शाश्वत अर्थात सनातन नहीं होती।
3488 स्वर्ग के बारे में सिर्फ एक बार सोचना ही सबसे बड़ी प्रार्थना है।
3489 स्वर्ग से इस लोक में आने पर लोगो में चार लक्षण प्रकट होते है -----दान देने की प्रवृति, मधुर वाणी, देवताओ का पूजन और ब्राह्मणों को भोजन देकर संतुष्ट करना।
3490 स्वर्ग से भूलोक पर उतरे हुए दिव्य पुरुष जब जन्म लेते हैं तो उनकी पहचान उनके चार प्रमुख गुणों से होती हैं उनमे दान देने की प्रवर्ती होती हैं, वे सैदव मधुर और मीठी वाणी बोलते हैं, वे देवताओ की पूजा अर्चना करते हैं और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र आदि देकर उन्हें प्रसन्न करने का यत्न करते हैं।
3491 स्वर्ग-पतन से बड़ा कोई दुःख नहीं है।
3492 स्वर्ण कहता है -मुझे न तो आग से तपाने का दुःख है , न काटने पीसने से और न कसौटी पर कसने से, मेरे लिए तो जो महान दुःख का कारण है, वह है घुंघची के साथ मुझे तोलना। 
3493 स्वर्ण मृग न तो ब्रह्मा ने रचा था और न किसी और ने उसे बनाया था, न पहले कभी देखा गया था, न कभी सुना गया था, तब श्री राम की उसे पाने (मारीच का मायावी रूप कंचन मृग) की इच्छा हुई, अर्थात सीता के कहने पर वे उसे पाने के लिए दौड़ पड़े। किसी ने ठीक ही कहा है ------'विनाश काले विपरीत बुद्धि।' जब विनाश काल आता है, तब बुद्धि नष्ट हो जाती है।
3494 स्वस्थ रहने के लिए, परिवार को ख़ुशी देने के लिए, सभी को शांति देने के लिए, व्यक्ति को सबसे पहले स्वयं के मन को अनुशासन में रखना होगा। अगर कोई व्यक्ति अपने मन को अनुशासन में कर लेता है तो वो ज्ञान की तरफ बढ़ता है।
3495 स्वस्थ्य  नागरिक  किसी  देश  के  लिए  सबसे  बड़ी  संपत्ति  होते  हैं।
3496 स्वस्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है.
3497 स्वाभिमानी व्यक्ति प्रतिकूल विचारों को सम्मुख रखकर दोबारा उन पर विचार करे।
3498 स्वामी के क्रोधित होने पर स्वामी के अनुरूप ही काम करें।
3499 स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।
3500 स्वेट मार्डन ने भी कहा हैं था कि जैसे आपके विचार होते हैं वैसी ही आपकी शारीरिक स्थिति बन जाती हैं, स्वामी विवेकानन्द भी यही कहते थे की अच्छे विचार आपकी प्रेरणा के स्त्रोत्र होते हैं।