1201 | जब कोई काम करने का तरीका तलाश रहा होगा तो अंतिम बार जिसके बारे में उसने सोचा होगा वह ये है की किस चीज़ को आगे रखे। |
1202 | जब कोई मनुष्य भावनाओं में बहने लग जाता है तो उसका खुद पर काबू खत्म होने लग जाता है। |
1203 | जब कोई राष्ट्र हथियार युक्त देशो से घिरा हो, तो उसे भी हथियार युक्त होना पडेगा। |
1204 | जब घर में अतिथि हो तब चाहे अमृत ही क्यों न हो, अकेले नहीं पीना चाहिए। |
1205 | जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते। |
1206 | जब तक आप न चाहें तब तक आपको कोई भी ईर्ष्यालु, क्रोधी, प्रतिशोधी, या लालची नहीं बना सकता है। |
1207 | जब तक इच्छा लेशमात्र भी विद्यमान है जब तक ईश्वर के दर्शन नहीं हो सकते, अतएव स्वविवेक द्वारा अपनी छोटी बड़ी इच्छाओं का त्याग कर दो। |
1208 | जब तक काम कर न लिया जाए तब तक वह काम असंभव लगता है। |
1209 | जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। |
1210 | जब तक चीज़ों के साथ प्रयोग न किया जाए या उन्हें उपयोग में न लाया जाए तब तक कोई निष्कर्ष निकालना मुश्किल है। |
1211 | जब तक पुण्य फलों का अंश शेष रहता है, तभी तक स्वर्ग का सुख भोग जा सकता है। |
1212 | जब तक पूरा भारत उठकर खड़ा नहीं होगा, संसार में कोई हमारा आदर नहीं करेगा। इस दुनियाँ में डर की कोई जगह नहीं है केवल शक्ति की पूजा होती है । |
1213 | जब तक भारत दुनिया में अपने कदमो पर खड़ा नहीं है, तब तक हमे कोई आदर नहीं करेगा। इस दुनिया में डर के लिए कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती है। |
1214 | जब तक मनुष्य को यह आज़ादी मिले की वह जो पूछना चाहता है पूछ सके, जो सोचता है वह कह सके और जैसा चाहता है वैसा कर पाए तो ही वह हमेशा आज़ाद रहेगा। |
1215 | जब तक यह जीवन हैं और तुम जीवित हो, सीखते रहना चाहिए। |
1216 | जब तक लाखो लोग भूखे और अज्ञानी है तब तक मै उस प्रत्येक व्यक्ति को गद्दार मानता हुँ जो उनके बल पर शिक्षित हुआ और अब वह उसकी और ध्यान नही देता। |
1217 | जब तक लोग एक ही प्रकार के ध्येय का अनुभव नहीं करेंगे, तब तक वे एकसूत्र से आबद्ध नही हो सकते। जब तक ध्येय एक न हो, तब तक सभा, समिति और वक्तृता से साधारण लोगो एक नहीं कर सकता। |
1218 | जब तक सत्य घर से बाहर निकल पाता है तब तक तो झूठ आधी दुनिया घूम चूका होता है। |
1219 | जब तक हम अपने आप से सुलह नही कर लेते तब तक हम दुनिया से भी सुलह नहीं कर सकते। |
1220 | जब तक हम कुछ न कुछ करते रहेंगे तब तक जीवित माने जाएंगे। जिस दिन शांत बैठ जाएंगे तो मृतक ही कहलाएंगे। |
1221 | जब तक हम दुःख का अनुभव पूरी तरह से न कर पाएं तब तक हम उसका समाधान भी नहीं निकाल पाएंगे। |
1222 | जब दिमाग सोच रहा होता है तो वो खुद से बात कर रहा होता है। |
1223 | जब दो या दो से ज्यादा लोग बातचीत करते है तो वे जिन बातों में विश्वास करते हैं उन्हें सही और जिन बातों को न पसंद करते है उन्हें गलत साबित करने में लग जाते है। |
1224 | जब परिवार का कोई व्यक्ति साधु बन जाता हैं, संसार के माया-मोह को छोड़ कर वैराग्य को अपना लेता हैं तो उस समय उसे उसके बन्धु-बान्धव, स्त्री –पुरुष और मित्र आदि सभी कुछ दूर तक उसके साथ जाकर उसे विदा करके लौट आते हैं इस प्रकार अपने परिवार के एक प्रबुद्ध सदस्य को मोह-माया से विरक्त देखकर भी वे पुनः अपने घर आकर माया-मोह में फंस जाते है जबकि सबको उससे प्रेरणा लेनी चाहिए। |
1225 | जब परेशान होते है या थकावट ज्यादा होती है तो दो चीज़ें समझ में आती है। हंसना या रोना। हंसना इसलिए ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि हंसने के बाद सफाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है। |
1226 | जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है. |
1227 | जब प्रलय का समय आता है तो समुद्र भी अपनी मर्यादा छोड़कर किनारों को छोड़ अथवा तोड़ जाते है, लेकिन सज्जन पुरुष प्रलय के समान भयंकर आपत्ति एवं विपत्ति में भी अपनी मर्यादा नहीं बदलते। |
1228 | जब फूल खिलता है, मधुमक्खियों बिन बुलाए आ जाती हैं। |
1229 | जब बिलकुल अँधेरा होता है, तब इंसान सितारे देख पाता है। |
1230 | जब भी आप अपनी उम्र को खुद पर हावी होने का मौका देंगे, तब आप बहुत से अवसरों का लाभ उठाने से चूक जायेंगे फिर आप वे काम करना शुरू कर देंगे, जिन्हें करने के लिए आपका दिल कभी राजी नहीं होगा |
1231 | जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें। |
1232 | जब भी कोई मेरे ईमानदार होने की बात करता है तो मेरे अंदर कँपकँपी होती है। |
1233 | जब मन में सच जानने की जिज्ञासा पैदा हो जाए तो दुनियावी चीज़े अर्थहीन लगती हैं। |
1234 | जब मै कुछ अच्छा करता हूं तो मुझे अच्छा लगता है, और जब मै कुछ बुरा करता हूं तो मुझे बुरा लगता है। यही मेरा धर्म है। |
1235 | जब मैं खुद पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ कम हो जाता है। |
1236 | जब मैं छोटा था तो मैं हर रोज़ भगवान को नयी साइकिल के लिए पूजता था। तब मुझे एहसास हुआ कि भगवान इस तरह काम नहीं करे इसलिए मैंने एक साइकिल चुराई और उनसे क्षमा करने के लिए कह दिया। |
1237 | जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो- हमेशा। |
1238 | जब मैं पूरी तरह से तय कर लेता हूँ कि कोई परिणाम प्राप्त करने योग्य है तो मैं आगे बढ़ता हूँ और परीक्षण पर परीक्षण करते चला जाता हूँ जब तक कि इच्छित परिणाम ना आ जाये। |
1239 | जब रात को आप अपने कपडे फेंकते हैं तो उसी वक़्त अपनी चिंताओं को भी फेंक दीजिये। |
1240 | जब से मुझे पता चला की उपरवाला मेरे साथ है, तब से मैंने यह सोचना बंद कर दीया की कौन कौन मेरे खिलाफ है..........!! |
1241 | जब हम एक-दूसरे की मदद करने या उन्हें समझाने के लिए मुड़ते हैं तो हम अपने दुश्मनों की संख्या काम कर देते है। |
1242 | जब हम दैनिक समस्याओ से घिरे रहते है तो हम उन अच्छी चीज़ों को भूल जाते है जो की हम में है। |
1243 | जब हम परेशानियों में फँसे होते हैं तो हमें अहसास होता है कि एक छुपा हुआ साहस हमारे अंदर है जो हमें तब ही दिखाई देता है जब हम असफलता का सामना कर रहे होते हैं। हमें उसी छुपे हुए साहस और शक्ति को पहचानना है । |
1244 | जब हम बाधाओं का सामना करते हैं तो हम पाते हैं, कि हमारे भीतर साहस और लचीलापन मौजूद है जिसकी हमें स्वयं जानकारी नहीं थी और यह तभी सामने आता है जब हम असफल होते हैं। जरूरत है कि हम इन्हें तलाशें और जीवन में सफल बनें। |
1245 | जब हम बोलना नही जानते थे, तो हमारे बोले बिना'माँ' हमारी बातो को समझ जाती थी और आज हम हर बात पर कहते है ''छोङो भी 'माँ' आप नही समझोगी''। |
1246 | जब हमारे पास सत्य को अपनाने की ताकत नहीं होती तो हम-'शायद ये हो सकता था.. . ' को ही अपना लेते है। |
1247 | जब हमारे हस्ताक्षर, ऑटोग्राफ में बदल जाये तो यह सफलता की निशानी है। |
1248 | जब हमे लगता है कि हम कोई सपना देख रहे है, तो उस वक़्त हम सच के बिलकुल करीब होते है। |
1249 | जब हवा चलने लगे तो पंखा चलाना छोड़ देना चाहिए, पर जब ईश्वर की कृपा दृष्टि होने लगे, तो प्रार्थना तपस्या नहीं छोड़नी चाहिए। |
1250 | जमीन अच्छी हो, खाद अच्छा हो परंतु 'पानी' अगर 'खारा' हो तो फूल कभी खिलते नहीं। भाव अच्छे हो विचार भी अच्छे हो मगर 'वाणी' खराब हो तो 'सम्बन्ध' कभी टिकते नहीं। |
1251 | जय क्षणभंगुर है, लेकिन अन्धकार हमेशा के लिए है। |
1252 | जरुरत के मुताबिक “जिंदगी” जिओ – “ख्वाहिश”….. के मुताबिक नहीं... |
1253 | जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है, और ख्वाहिशें ….. बादशाहों की भी “अधूरी रह जाती है”….. |
1254 | जरुरी नहीं की मुश्किल काम करने से ही फायदा होता है या सफलता मिलती है। |
1255 | जर्नलिज़्म का मतलब वह खबर देना है जो दूसरे छपने नहीं देना चाहते। इसके अलावा सब पब्लिक रिलेशन है। |
1256 | जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!. |
1257 | जल में तेल, दुर्जन के पास गुप्त रहस्य, सत्पात्र को दिया गया दान तथा बुद्धिमान को दिया गया उपदेशरूप में शास्त्र का ज्ञान थोडा होने पर भी वस्तु की शक्ति से स्वयं विस्तार को प्राप्त हो जाते हैं। |
1258 | जल में मूत्र त्याग न करें। |
1259 | जलदबाज़ी और तत्काल के बजाय अहमियत पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। |
1260 | जलवायु परिवर्तन एक भयानक समस्या है, और इसे पूरी तरह से हल किया जाना चाहिए। यह एक बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। |
1261 | जलवायु परिवर्तन एक भयानक समस्या है, और इसे पूरी तरह से हल किया जाना चाहिए।यह एक बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। |
1262 | जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही मिलती । |
1263 | जल्दी गुस्सा करना जल्द ही आपको मूर्ख साबित कर देगा। |
1264 | जवानी के जोश से भरे हुए अपने दिनों को सही दिशा दे और उन्हें व्यर्थ ना जाने दें। क्योंकि एक बार वे गुजर गए तो फिर आप जितनी मर्जी दौलत लुटा दें, उन्हें वापस नहीं पा सकते। |
1265 | जहाँ आयकर होता है, वहां उचित व्यक्ति अनुचित व्यक्ति की अपेक्षा उसी आय पर अधिक कर देगा। |
1266 | जहाँ जाइये प्यार फैलाइए. जो भी आपके पास आये वह और खुश होकर लौटे. |
1267 | जहाँ जाइये प्यार फैलाइए। जो भी आपके पास आये वह और खुश होकर लौटे। |
1268 | जहाँ तक मेरा सवाल है, मैं बस इतना जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता। |
1269 | जहाँ देह है वहाँ कर्म तो है ही, उससे कोई मुक्त नहीं है। तथापि शरीर को प्रभुमंदिर बनाकर उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए। |
1270 | जहाँ प्रकाश है वहां अँधेरा भी है। जहाँ ठंड है वहां गर्मी है। जहाँ ऊँँचाई है वहां खाई है। जहाँ शान्ति है वहां हलचल है। जहाँ समृद्धि है, वही गरीबी है। और जहाँ जीवन है, वही मृत्यु भी है। |
1271 | जहाँ प्रेम है वहां जीवन है। |
1272 | जहाँ सम्मान है वहां डर है, पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है, क्योंकि संभवतः डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है। |
1273 | जहां अच्छे विचारों की कमी होती है वहीँ पर बोरियत महसूस होने लगती है। |
1274 | जहां आजीविका अथवा लोगों में सामाजिकता- एक-दूसरे के सुख-दुःख में साथ देने की प्रवर्ती – नहीं, ऐसे स्थान अथवा गाँव में निवास, किसी नीच व्यक्ति की नौकरी, गन्दा सडा-गला बासी अथवा अरुचिकर भोजन, झगड़ालू स्त्री, मुर्ख पुत्र और विधवा कन्या – ये छः मनुष्य के शरीर को बिना किसी आग के जलाते रहते हैं इनसे व्यक्ति के मन की सुख शान्ति जाती रहती हैं। |
1275 | जहां जानकारी साथ छोड़ देती है, वही से प्यार की शुरुआत होती है। |
1276 | जहां जीविका, भय, लज्जा, चतुराई और त्याग की भावना, ये पांचो न हों, वहां के लोगो का साथ कभी न करें। |
1277 | जहां धनी, वैदिक ब्राह्मण, राजा,नदी और वैद्य, ये पांच न हों, वहां एक दिन भी नहीं रहना चाहियें। भावार्थ यह कि जिस जगह पर इन पांचो का अभाव हो, वहां मनुष्य को एक दिन भी नहीं ठहरना चाहिए। |
1278 | जहां बच्चे होते है,वही सुनहरे भविष्य की कामना की जा सकती है। |
1279 | जहां ब्राह्मणों के चरण नहीं धोये जाते अर्थात उनका आदर नहीं किया जाता, जहां वेद-शास्त्रों के श्लोको की ध्वनि नहीं गूंजती तथा यज्ञ आदि से देव पूजन नहीं किया जाता, वे घर श्मशान के समान है। |
1280 | जहां मूर्खो का सम्मान नहीं होता, जहां अन्न भंडार सुरक्षित रहता है, जहां पति-पत्नी में कभी झगड़ा नहीं होता, वहां लक्ष्मी बिना बुलाए ही निवास करती है और उन्हें किसी प्रकार की कमी नहीं रहती। |
1281 | जहां लक्ष्मी (धन) का निवास होता है, वहां सहज ही सुख-सम्पदा आ जुड़ती है। |
1282 | जहां सज्जन रहते हों, वहीं बसें। |
1283 | जहां सुख से रहा जा सके, वही स्थान श्रेष्ठ है। |
1284 | जहां हर चीज सपने की तरह होती है वहां सवाल-जवाब या बहस का कोई मतलब नहीं होता। सच्चाई और जानकारियां भी कोई भूमिका नहीं निभाते है। |
1285 | ज़रूरतमंद दोस्त की मदद करना आसान है , लेकिन उसे अपना समय देना हमेशा संभव नहीं हो पाता। |
1286 | ज़िन्दगी को प्यार करने और उसके लिए लालची होने के बीच एक बहुत बारीक रेखा है . |
1287 | ज़िन्दगी इसे जीने वाले को प्यार करती है. |
1288 | ज़िन्दगी करीब से देखने में एक त्रासदी है , लेकिन दूर से देखने पर एक कॉमेडी। |
1289 | ज़िन्दगी को एक नाटक की तरह जीना चाहिए। |
1290 | ज़िन्दगी नहीं, बल्कि एक अच्छी ज़िन्दगी को महत्ता देनी चाहिए। |
1291 | ज़िन्दगी बढ़िया हो सकती है अगर लोग आपको अकेला छोड़ दें। |
1292 | जागरण का अर्थ है कर्म में अवतीर्ण करना। |
1293 | जाति-बिरादरी के लोगो को खिला-पिला कर प्रसन्न रखना चाहिए और ब्राह्मणों को आदर-सम्मानपूर्वक से प्रसन्न किया जा सकता हैं। |
1294 | जाहिर वो है जो तब तक नहीं पता चलता जब तक कि कोई उसे सरलता से व्यक्त नहीं कर देता। |
1295 | जिंदगी का मकसद खुश होना नहीं है। इसका मकसद उपयोगी, सम्माननीय, सवेदनशील होना है। इसका मकसद कुछ ऐसा अलग काम करना है, जिसमे आप जिए है और बेहतर बने है। |
1296 | जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है, जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंज़िल मिलती है। |
1297 | जिंदगी जीने के दो तरीके है। पहला यह कि कुछ भी चमत्कार नहीं है, दूसरा यह कि दुनिया की हर चीज चमत्कार है। |
1298 | जिंदगी बहुत छोटी है, दुनिया में किसी भी चीज़ का घमंड अस्थाई है पर जीवन केवल वही जी रहा है जो दुसरो के लिए जी रहा है, बाकि सभी जीवित से अधिक मृत है। |
1299 | जिंदगी भर "सुख" कमाकर दरवाजे से घर में लाने की कोशिश करते रहे। पता ही ना चला कि कब खिड़कियों से "उम्र" निकल गई।।. |
1300 | जिंदगी मे चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से नही आती है, क्योकि किस्मत भी किस्मत वालो को ही आज़माती है.. |
Friday, January 22, 2016
#1201 -1300
Labels:
#ज़िन्दगी
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