Saturday, January 9, 2016

#301-400


301 आत्मसम्मान के हनन से विकास का विनाश हो जाता है।
302 आत्मस्तुति अर्थात अपनी प्रशंसा अपने ही मुख से नहीं करनी चाहिए।
303 आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।
304 आत्मा और शरीर दो भिन्न चीज हैं। जब व्यक्ति को यह ज्ञान होता हैं तो वह इस संसार से अपने को पृथक् समझने लगता हैं परमतत्व ज्ञान प्राप्त कर लेने पर जब मनुष्य का देहाभिमान नष्ट हो जाता हैं अथार्त वह अपने को शरीर न मानकर उससे भिन्न मानने लगता हैं तब वह उस स्थति में उसका मन जहाँ कहीं भी जाता हैं, वही उसे समाधि की अनुभूति होती हैं। अथार्त वह जाग्रत अवस्था में ही समाधि की स्थति में आ जाता हैं।
305 आत्मा कभी भी मानसिक चित्र के बिना नहीं सोचती है।
306 आत्मा जो चाहती है वो पा लेती है।
307 आत्मानुशासन आपके इरादों और विचारों पर विजय पाने से शुरू होती है। आप जो सोचते है अगर उसे नियंत्रित नहीं करते है, तो आप जो करते है उसे भी नियंत्रित नहीं कर सकेंगे। साधारणतः आत्मानुशासन आपको पहले सोचने और फिर आगे बढ़ने के योग्य बनाती है। 
308 आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फ़लां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो।
309 आदमी अपनी अच्छाइयों से ज्यादा अपनी बुराइयों द्वारा आसानी से शासित होता है। 
310 आदमी एक मात्र प्राणी है जो कभी उस तरह से नहीं रहना चाहता जैसा वह है।
311 आदमी एक लक्ष्यों की मांग करने वाला प्राणी है उसकी ज़िन्दगी का तभी अर्थ है जब वो अपने लक्ष्यों के लिए प्रयास करता रहे और उन्हें प्राप्त करता रहे।
312 आदमी की पहचान इससे होती है कि वो पॉवर के साथ क्या करता है।
313 आदमी प्रायः सच से टकराकर लड़खड़ा जाता है पर ज्यादातर लोग खुद को संभालकर आगे बढ़ जाते है। ऐसे जैसे की कुछ हुआ ही नहीं।
314 आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी और उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता। 
315 आनंद तभी मिलता  आनंद कि तालाश नही कर रहे होते है।
316 आप  बंद  मुट्ठी  से  हाथ  नहीं  मिला  सकते .
317 आप अच्छे leader बनना चाहते हैं, ये भी चाहते हैं, कि लोग आपकी बात सुने तो जयादा बातचीत न करें चुप्पी को हथियार बनायें।
318 आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका फ्यूचर बदल देगी।
319 आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका भविष्य बदल देगी।
320 आप अपने रहस्य यदि पवन पर खोल देते हैं तो वृक्षों में बात फैल जाने का दोष पवन पर मत मढ़ें।
321 आप अपने लक्ष्य के अनुरूप व्यवहार करें, फिर ईश्वर आपकी सहायता के लिए खुद जमीन पर उतर आएंगे, आपको अपने आप से एक वादा करना होगा कि आप कभी भी अपने लक्ष्य को नहीं भूलेंगे और उसी दिशा में हमेशा प्रयास करते रहेंगे।
322 आप अपने लक्ष्य तक कभी नहीं पहुच पाओगें यदि आप हर भौकने वाले कुते को पत्थर मारोगे, बेहतर तो यह हैं कि इनको बिस्कुट दो और आगे बढ़ो।
323 आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
324 आप आज जो करेंगे वह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें आप अपने जीवन का एक दिन लगा रहे हैं।
325 आप उन्हीं चीज़ों की तरफ आकर्षित होते हैं जो आपको समझ में नहीं आती।
326 आप एक युद्ध नेतृत्व नहीं कर सकते यदि आप सोचते है की आप घोड़े पर बैठे हुए मुर्ख दिख रहे है। 
327 आप कभी भी एक इन्द्रधनुष नहीं ढूंढ पाएंगे यदि आप नीचे देख रहे है।
328 आप का नग्न शरीर केवल उन लोगो से सम्बंधित होना चाहिए जो आपकी नग्न आत्मा से प्यार करते है।
329 आप किसका अर्थ जानना चाहते हैं ? ज़िन्दगी इच्छा है, अर्थ नहीं।
330 आप किसी चीज़ या व्यक्ति को खुल कर प्यार नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है की आपने अब तक खुलकर प्यार नहीं किया। 
331 आप किसी व्यक्ति के बारे में एक साल के वार्तालाप की बजाये एक घंटे के खेल में अधिक जान सकते हैं।
332 आप किसी व्यक्ति से जिस भाषा को वह समझता हो उसमें बात करें तो बात उसकी समझ में आती है। लेकिन आप अगर उससे उसकी मातृभाषा में बात करें तो वह उसके दिल में जाती है।
333 आप किसी से प्यार करते है तो हर हाल मेंकरें। जब देने को कुछ न हो, तब भी प्यार तो दे ही सकते है।
334 आप कौन है? क्या यह सत्य जानते हैं आप।  इसो जानने के लिए पूछिए मत, सिर्फ एक्शन लीजिए।  क्योंकि आपके कार्य से ही आपके बारे में पता चलता है।
335 आप क्या कुछ जानते हैं इस बात से किसी व्यक्ति को फर्क नहीं पड़ता, फर्क इससे पड़ता है कि आप क्या कर सकते हैं या अभी क्या कर रहे हैं।
336 आप खुद को  10 फीसदी जान लेते है तो जीवन जीने का क्या मतलब रह जाता है।
337 आप ग्राहक से पूंछकर उसकी पसंद के उत्पाद नहीं बना सकते क्योंकि जब तक आप वो बनाएंगे वो कुछ नया चाहने लगेंगे।  
338 आप चाहते है कि आने वाला कल, बीते हुए कल से अलग हो तो अतीत को पढ़ाना शुरू कीजिये।
339 आप चाहते है की दूसरे लोग आपके बारे में अच्छा सोचे तो आप खुद के बारे में अच्छा बोलना बिलकुल छोड़ दीजिए।
340 आप चाहे कितने भी अच्छे काम करो या कितने भी इमानदार बनो.,.. पर दुनिया तो आपकी एक गलती का इन्तजार कर रही है।
341 आप जहां भी जाएं, तीन प्रतीक हैं, जिन्हे हर कोई जानता है: यीशु मसीह, पेले और कोका कोला।
342 आप जिन चीजो की चिंता करते है, उनमे मास्टरी प्राप्त करते है।
343 आप जिस धर्म का अनुसरण करते है उसमें पूरी तरह उतर जाए।  इसका मतलब यह नहीं है की बाकी धर्मों की तरफ सम्मान से न देखें।  हर धर्म के प्रति सम्मान का भाव रखिए।
344 आप जो कुछ भी देखते हैं उसका संग्रह हूँ मैं.
345 आप जो पढ़ते हैं उससे परिवर्तित हो जायेंगे.
346 आप जो हैं वो ही आपके काम में दिखाई देगा।
347 आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
348 आप दिन में 24 घंटे भी कुछ नया सीख रहे हैं तो भी दिमाग को थकान नहीं होगी।
349 आप दुनिया में प्रेम फ़ैलाने के लिए क्या कर सकते हैं ? घर जाइये और अपने परिवार से प्रेम कीजिये !
350 आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है।
351 आप पर्यावरण के बारे में नहीं सोच रहे है तो इसका मतलब है की आप खुद को सुंदरता से दूर रखना पसंद करते है।
352 आप पाएंगे, भगवान भी मेहनती लोगों की ही मदद करता है। यह नियम बिलकुल स्पष्ट है।
353 आप बिना प्यार के और आधे-अधूरे मन से काम कर रहे हैं तो बेहतर है की आप उस काम को करना छोड़ दें।
354 आप भी इस बात को जानते हैं की टीम का नेतृत्व पीछे से ही किया जा सकता है।
355 आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
356 आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।
357 आप लगातार कोशिश करते जा रहें हैं।
358 आप वही बनते है जिसके बारे में आप पूरा दिन सोचते है।
359 आप वही बने रहें जो आप हैं और वही कहें जैसा आप  महसूस करते हैं, ... क्योंकि ... जिन्हें बुरा लगता है उनकी  कोई अहमियत नहीं और जिनकी अहमियत है वे बुरा नहीं मानते...
360 आप वो है जो आप रह चुके है, आप वो होंगे जो आप करेंगे।
361 आप शादीशुदा हैं, अपना कॅरिअर बना रही हैं तो अकसर लोग पूछेंगे कि घर और काम को कैसे बैलेंस करती हैं। आपका जवाब सिर्फ इतना-सा होना चाहिए कि यह बिल्कुल आसान नहीं है।
362 आप सारे लोगो को कुछ देर धोखा दे सकते है। या कुछ लोगो को हमेशा धोखे में रख सकते है। पर आप सभी लोगो को हमेशा धोखे में नहीं रख सकते।   
363 आप स्वयं के अलावा कोई भी इंसान आपकी जिंदगी में ख़ुशी नहीं ला सकता है।
364 आप हर मिनट गुस्से में होते है तो आप जिंदगी के 60 सेकंड ख़ुशी के खो देते है।
365 आप ही खुद के साथ तुलना कर सकते हैं, कोई दूसरा नहीं।
366 आपका इन्तजार किसी पर्वत की ऊँचाई को कम नहीं कर देगा
367 आपका दिल ज्वालामुखी की तरह है।  उसमे गुस्सा भरा है आप अपने हाथों में फूलों के खिलने की उम्मीद भी कैसे कर सकते है।
368 आपका दोस्त आपकी ज़रूरतों का जवाब है।
369 आपका बड़ा अवसर शायद वहीँ हो जहाँ अभी आप हैं।
370 आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये। बेकार की सोच में मत फंसिए,अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए। औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने इन्ट्यूशन को मत डूबने दीजिए। वे पहले से ही जानते हैं की तुम सच में क्या बनना चाहते हो। बाकि सब गौण है। 
371 आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच, आसक्ति और नफरत।
372 आपकी कड़ी मेहनत बेकार नहीं जाती है।
373 आपकी कीमत इसमें है कि आप क्या हैं, इसमें बिल्कुल नहीं कि आपके पास क्या है।
374 आपकी जिस काम में पहले से महारत है और उससे आगे बढ़कर अगर आपने कुछ अलग प्रयास नहीं किए तो आप कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
375 आपकी बुद्धि ही आपकी गुरु है।
376 आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं,आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं,आपके  शब्द  आपके  कार्य बन जाते हैं,आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
377 आपकी मूर्ती का टूट कर धूल में मिल जाना इस बात को साबित करता है कि इश्वर की धूल आपकी मूर्ती से महान है। 
378 आपकी योग्यता और लक्ष्यों पर संदेह करने वालो लोगो से परहेज रखें आपको जीवन में क्या और कैसे हासिल करना हैं, इसकी बिन मांगे सलाह देने वाले अच्छे दोस्त नहीं हो सकते।
379 आपकी सारी कोशिशे, सभी प्रयास आपके मकसद के लिए ही होने चाहिए दुसरे भ्रमित करे ऐसे हालत न बनने दे।
380 आपके  सबसे  असंतुष्ट  कस्टमर  आपके  सीखने  का  सबसे  बड़ा  श्रोत  हैं .
381 आपके अस्तित्व में आने से पहले आपके माता-पिता इतने उबाऊ नहीं थे। वे आपके बिल भर-भर कर, आपके कपडे धो-धो कर और आपकी बातें सुन कर ऐसे हो चुके हैं। इसलिए बेहतर हैं कि अपने आपको ठीक करें।
382 आपके ऊपर तब तक कोई सवार नहीं हो सकता जब तक की आपकी कमर झुकी नहीं हो, इसीलिए अपनी कमर सीधी करे और लक्ष्य के किए काम में जुट जाए।
383 आपके जीवन में आज़ादी नहीं है तो आप उस शरीर की तरह है जिसमें से आत्मा गायब है।
384 आपके दिमाग में हर बात बिलकुल साफ़ और स्पष्ट है तो इसका मतलब हुआ की आप अपने जूनून को लेकर बिलकुल स्पष्ट हैं। इसलिए साफ़ दिल वाला व्यक्ति ही प्यार करने का हुनर रखता हैं।
385 आपके पास अच्छी किताबें है तो आप किसी यूनिवर्सिटी से कम नहीं है।
386 आपके पास जो कुछ भी है  है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
387 आपके पास जो कुछ है उसको आपके पास जो नहीं है उसकी इच्छा करके नष्ट मत करो;  याद रखो की आज आपके पास जो है वो भी कभी उन चीज़ों में शुमार था जिसकी आपको इच्छा थी। 
388 आपके पास जो कुछ है, उसका मजा उठाए। उसके स्वाद को ये कहकर खराब न करे कि आपके पास क्या नहीं है।
389 आपके पास ज्ञान है तो आप इस दुनिया में भगवान का एक रूप हैं।
390 आपके पीछे क्या है, आपके आगे क्या है। इसके कोई मायने नहीं है। महत्वपूर्ण यह है की आपके अंदर क्या है।
391 आपके शत्रु है?अच्छी बात है इसका मतलब है आप जीवन मै किसी मूल्य के लिये कभी न कभी दृढ़ता से  खड़े हुए है।
392 आपके सबसे असंतुष्ट ग्राहक आपके सीखने का सबसे बड़ा स्त्रोत हैं।
393 आपके सम्मान की चिंता दुनिया नहीं करती हैं। दुनिया यह अपेक्षा करती हैं कि आप खुद के बारें में अच्छा महसूस करें, इससे पहले आप कोई काम पूरा कर लें।
394 आपको अपने अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना पड़ेगा। कोई भी आपको यह नहीं सीखा सकता, और न ही कोई आपको आध्यात्मिक बन सकता है। आपकी अपनी अंतरात्मा के अलावा आपका कोई शिक्षक नही है।
395 आपको अपने किसी भी दुशमन से ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़नी चाहिए, अन्यथा आप उसे अपना पूरा युद्ध कौशल सीखा देंगे। 
396 आपको कमाने के लिए कुछ का कुछ calculated risk तो लेना ही पड़ेगा।
397 आपको किसी चीज़ के प्रति तड़प है तो ही उसे पूरी करने के लिए कदम बढ़ाएंगे। 
398 आपको गेम के नियम सीखने चाहिए। और तब आप किसी भी खिलाडी से अच्छा खेलेंगे।
399 आपको पता है की आप कुछ गलत बोलने जा रहे हैं तो भी दो बार सोचिये जरूर।  इससे आपको मालूम चलेगा की आपकी बात का कितना गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
400 आपको पैसे का प्रबंधन करना चाहिए। विशेष रूप से बाजार की अर्थव्यवस्थाओं के साथ। हो सकता है कि आपके पास बहुत अच्छे उत्पाद(Products) हों लेकिन अगर आपकी नींव कमजोर है तो आप फेल हो जायेंगे।

Friday, January 8, 2016

201-300







201 अपने मद से अंधा हुआ  हाथी  यदि अपनी मंदबुद्धि के कारण, अपने  मस्तक  पर बहते मद को पीने के इच्छुक भौरों को, अपने कानों को फड़फड़ाकर भगा देता है तो इसमें भौरों की क्या हानि हुई है? अर्थात कोई हानि नहीं हुई। वहां से हटकर वे खिले हुए कमलों का सहारा ले लेते है और उन्हें वहां पराग रस भी प्राप्त हो जाता है, परन्तु भौरों के न रहने से हाथी के मस्तक की शोभा नष्ट हो जाती है।
202 अपने मित्रों को सावधानी से चुने। हमारे व्यक्तित्व की झलक न सिर्फ हमारी संगत से झलकती है बल्कि, जिन संगतों से हम दूर रहते है उनसे भी झलकती है।
203 अपने मिशन में सफल होने के लिए तुम्हे अपने लक्ष्य की तरफ एकाग्रचित्त होकर कार्य करना चाहिए।
204 अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें। दूसरों पर निर्भर ना रहे।
205 अपने लक्ष्य (Goal) पर ध्यान दें। 
206 अपने वचन को निभाने का सबसे अच्छा तरीका है कि वचन ही ना दें। लेकिन वह काम कर दीजिये। 
207 अपने विचारों की ऊंचाई आकाश जितनी रखिए, लेकिन छवि जमीन पर ही दिखती है। इसलिए अपने क़दमों को ज़मीन पर टिका कर रखिए।
208 अपने विचारों में इमानदार रहें। समझदार बने, अपने विचारों के अनुसार कार्य करें, आप निश्चित रूप से सफल होंगे। एक ईमानदार और सरल हृदय के साथ प्रार्थना करो, और आपकी प्रार्थना सुनी जाएगी।
209 अपने व्यवसाय में सफल नीच व्यक्ति को भी साझीदार नहीं बनाना चाहिए।
210 अपने संतान के प्रति पिता का कर्तव्य है कि अपने बच्चे को पांच वर्ष की आयु तक लाड-प्यार से रखे छः से पन्द्रह वर्ष तक उसकी ताड़ना करे, क्योकि यही उम्र पढने –लिखने की, सीखने और चरित्र निर्माण की तथा अच्छी प्रवर्ती को अपनाने की होती हैं बच्चे के सोलवे वर्ष में आते ही पिता मित्र जैसा व्यवहार करे उसे अच्छे बुरे की पहचान करायें इस अवस्था में आने पर पिता को चाहिए कि वह पुत्र को मित्र की भातिं केवल परामर्श दे, उससे झगड़ा आदि न करे और न ही उस पर हाथ उठाये।
211 अपने सुख-दुःख अनुभव करने से बहुत पहले हम स्वयं उन्हें चुनते हैं।
212 अपने से अधिक शक्तिशाली और समान बल वाले से शत्रुता न करे।
213 अपने से शक्तिशाली शत्रु को विनयपूर्वक उसके अनुसार चलकर, दुर्बल शत्रु पर अपना प्रभाव डालकर और समान बल वाले शत्रु को अपनी शक्ति से या फिर विनम्रता से, जैसा अवसर हो उसी के अनुसार व्यवहार करके अपने वश में करना चाहिए।
214 अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।
215 अपने स्थान पर बने रहने से ही मनुष्य पूजा जाता है।
216 अपने स्वामी के स्वभाव को जानकार ही आश्रित कर्मचारी कार्य करते है।
217 अपने हाथों से गुंथी हुई माला, अपने हाथो से घिसा हुआ चंदन और अपने हाथ से लिखा स्त्रोत, इन सबको अपने ही कार्य में लगाने से, देवताओं के राजा इंद्र की श्रीलक्ष्मी (धन-सम्पत्ति-ऐश्वर्य) भी नष्ट हो जाती है।
218 अपने हुनर को विकसित करे। हर मनुष्य के अन्दर कोई न कोई हुनर छिपा होता हैं लेकिन जरुरत होती हैं उसे विकसित करने की। इसलिए उस हुनर को खोजें और उसे पूरा करने का संकल्प लें।
219 अपने होसले को ये मत बताओ की तुम्हारी तकलीफ कितनी. बडी है अपनी तकलीफ को बताओ की तुम्हारा होंसला कितना बडा है।
220 अपमान कराकर जीने की अपेक्षा मर जाना बेहतर हैं क्योकि मरने का दुःख तो एक क्षण का होता हैं। परन्तु अपमानित होकर जीने का दुःख तो जीवनपर्यन्त पल-पल सताता हैं, सम्मानित जीवन ही जीने के योग्य होता हैं और वहीँ सत्य हैं।
221 अपमान कराके जीने से तो अच्छा मर जाना है क्योंकि प्राणों के त्यागने से केवल एक ही बार कष्ट होगा, पर अपमानित होकर जीवित रहने से जीवनपर्यन्त दुःख होगा।
222 अपराध के अनुरूप ही दंड दें।
223 अप्राप्त लाभ आदि राज्यतंत्र के चार आधार है।
224 अब मैं आज्ञा का पालन नहीं कर सकता, मैंने आज्ञा देने का स्वाद चखा है, और मैं इसे छोड़ नहीं सकता। 
225 अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला, मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है।
226 अभाग्य से हमारा धन, नीचता से हमारा यश, मुसीबत से हमारा जोश, रोग से हमारा स्वास्थ्य, मृत्यु से हमारे मित्र हमसे छीने जा सकते है, किन्तु हमारे कर्म मृत्यु के बाद भी हमारा पीछा करेंगे। 
227 अभिनेता ठुकराए जाने की तालाश करते हैं। यदि उन्हें ये नहीं मिलता तो वे खुद को ठुकरा देते हैं।
228 अभी  ये  अंत  नहीं  है।  यहाँ  तक  की  ये  अंत  की  शुरआत  भी  नहीं  है , बल्कि  शायद  ये  शुरआत  का  अंत  है।
229 अमीर की बेटी पार्लर में जितना दे आती है, उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती है....
230 अमेरिका अवसर का दूसरा नाम है।
231 अमेरिका को कभी बाहर से नष्ट नहीं किया जा सकेगा।  यदि हम लड़खड़ाते है और अपनी स्वतंत्रता खो देते है तो यह सिर्फ इसलिए होगा क्योंकि हम स्वयं अपने आप को नष्ट कर रहे है।
232 अर्थ कार्य का आधार है।
233 अर्थ, धर्म और कर्म का आधार है।
234 अवसर किसी काम में नहीं आप में छिपा होता है 
235 अवसर के बिना काबिलियत कुछ भी नहीं है। 
236 अविद्या से संसार की उत्पत्ति होती है। संसार से घिरा जीव विषयो में आसक्त रहता है। विषयासक्ति के कारण कामना और कर्म  निरंतर दबाव बना रहता है। कर्म शुभ और अशुभ दो प्रकार के हो सकते है और शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के कर्मो का फल मिलता है। 
237 अविनीत व्यक्ति को स्नेही होने पर भी अपनी मंत्रणा में नहीं रखना चाहिए।
238 अविनीत स्वामी के होने से तो स्वामी का न होना अच्छा है।
239 अविवेकी व्यक्ति अपने अज्ञान के कारण किसी सुन्दरी को अपने में ही अनुरक्त समझने का भ्रम पाल लेता हैं। वह अपनी इस मुर्खता के कारण उसके अधीन होकर मनोरंजन के लिए पाले हुए पक्षी के समान उसके संकेतों पर नाचने के लिए विवश हो जाता हैं।
240 अविश्वसनीय लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
241 अव्यवस्थित कार्य करने वाले को न तो समाज में और न वन में सुख प्राप्त होता है क्योंकि समाज में लोग उसे भला-बुरा कहकर जलते है और निर्जन वन में अकेला होने के कारण वह दुःखी होता है।
242 अशुभ कार्य न चाहने वाले स्त्रियों में आसक्त नहीं होते।
243 अशुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए।
244 असंतोष ही प्रगति की पहली आवश्यकता है।
245 असंतोषी ब्राह्मण और संतोषी राजा (जल्दी ही) नष्ट हो जाते है। लज्जाशील वेश्या और निर्लज्ज कुलीन स्त्री नष्ट हो जाती है।
246 असंभव चीज़ो को हासिल करने के लिए ही हम भगवान की तरफ देखते है।
247 असंभव शब्द सिर्फ बेवकूफों के शब्दकोष में पाया जाता है।
248 असंशय की स्तिथि में विनाश से अच्छा तो संशय की स्तिथि में हुआ विनाश होता है।
249 असफलता कभी मुझे पछाड़ नहीं सकती, क्योंकि मेरी सफलता की परिभाषा बहुत मजबूत है।
250 असफलता के समय "आँसू" पौछने वाली एक उगंली... उन दस उगंलियौ से अधिक महत्वपुर्ण है जो सफलता के समय एक साथ ताली बजाती है..।
251 असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं.
252 असफलता महत्त्वहीन है। अपना मजाक बनाने के लिए हिम्मत चाहिए होती है।
253 असफलताओ के बावजूद , हर बार उत्साह के साथ उठ कर चलना ही सफलता है।  
254 असली जोखिम से ही विश्वास की पहचान होती है।
255 असली ख़ुशी का अनुभव करने के लिए चीजो को समझना शुरू कीजिये।
256 असहाय पथिक बनकर मार्ग में न जाएं।
257 अस्थायी क्रोध को स्थायी भूल बनाने की जरूरत नहीं है। जितना जल्दी हो सके क्षमा कीजिये, आगे बढिए और कभी भी मुस्कराना और विश्वास करना मत भूलिए।
258 अस्थिर मन वाले की सोच स्थिर नहीं रहती।
259 अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....
260 अहंकार से बड़ा मनुष्य का कोई शत्रु नहीं।
261 अहसास इश्क ए हक़ीक़ी का सब से जुदा देखा, इन्सान ढ़ूँढें मँदिर मस्जिद मैंने हर रूह में ख़ुदा देखा..
262 अहिंसा उच्चतम नैतिकता तक ले जाती है, जो कि क्रमिक विकास का लक्ष्य है। जब तक हम अन्य सभी जीवित प्राणियों को नुक्सान पहुंचाना नहीं छोड़ते, तब तक हम जंगली हैं।
263 अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।
264 अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है।
265 अहिंसा, सत्य, क्रोध न करना, त्याग, शान्ति, निंदा न करना, दया लोभ का अभाव, मृदुलता लोक और सदाचार के विरुद्ध कार्य न करना, चंचलता का अभाव – ये मनुष्य के गुण हैं।
266 अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ो की लाज रखेंगे और उनमे प्राण फूकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।
267 अहो ! आश्चर्य है कि बड़ो के स्वभाव विचित्र होते है, वे लक्ष्मी को तृण के समान समझते है और उसके प्राप्त होने पर, उसके भार से और भी अधिक नम्र हो जाते है।
268 आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
269 आँखों के बिना शरीर क्या है?
270 आंखें ही देहधारियों की नेता है।
271 आंखों के समान कोई ज्योति नहीं।
272 आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
273 आओ आने वाले कल में कुछ नया करते है बजाए इसकी चिंता करने के, की कल क्या हुआ था।
274 आकांक्षा , अज्ञानता , और  असमानता  – यह  बंधन  की  त्रिमूर्तियां  हैं।
275 आकाश की तरफ देखिये. हम अकेले नहीं हैं. सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।
276 आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करते हैं।
277 आग के कारण लगने वाले घाव समय के साथ भर जाएंगें, लेकिन जो घाव शब्दों से आते है, वे कभी भरते नहीं हैं।
278 आग में आग नहीं डालनी चाहिए। अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए।
279 आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है।
280 आग से जलते हुए सूखे वृक्ष से सारा वन जल जाता है जैसे की एक नालायक (कुपुत्र) लड़के से कुल का नाश होता है। 
281 आगे बढ़ी , कभी रुको मत , क्योंकि आगे बढ़ना पूर्णता है . आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत , क्योंकि वे सिर्फ गन्दा खून निकालते हैं  .
282 आगे बढ़ने का रास्ता न ही आसान होता है और न छोटा, पर नतीजे अच्छे मिलते हैं।
283 आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले पीछे आइये। आप ऐसी इमारत खड़ी करना चाहते है जो इतनी ऊँची हो कि बादलों को  चीर कर ऊपर जाये तो उसके लिए पहले प्यार, अपनेपन और इंसानियत की नींव बनाइये।
284 आज अपने देश को आवशयकता है - लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की। हम बहुत दिनों तक रो चुके, अब और रोने की आवश्यकता नहीं, अब अपने पैरों पर खड़े होओ और मनुष्य बनो।
285 आज का दिन मेरा दिन है।
286 आज को संभाल कर रखिए, इसी से आने वाला वक्त खूबसूरत बनेगा।
287 आज जो समस्या है, आने वाले समय में मजाक से ज्यादा कुछ नहीं होगा। 
288 आज तक न तो किसी ने सोने का मृग बनाया हैं और न पहले से बना हुआ देखा और सुना ही हैं, फिर भी श्रीराम उसे पाने के लिए उत्सुक हो उठे और उसके पीछे भाग खड़े हुए। सच तो यह हैं की विनाश-काल आने के समय मनुष्य के सोचने की शक्ति जाती रहती हैं।
289 आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके.
290 आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है. पूरे देश को मजबूत होना होगा.
291 आजादी का असली मतलब वह बताने का अधिकार है जो लोग सुनना नहीं चाहते।
292 आजीविका की चिंता न करके धर्म-साधन की ही चिंता करनी चाहिए।
293 आज्ञा देने की क्षमता प्राप्त करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति को आज्ञा का पालन करना सीखना चाहिए।
294 आत्म-सम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है।
295 आत्मज्ञान सभी ज्ञानो की जननी है।
296 आत्मरक्षा से सबकी रक्षा होती है।
297 आत्मविजयी सभी प्रकार की संपत्ति एकत्र करने में समर्थ होता है।
298 आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को  मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।
299 आत्मविश्वास(self-confidence) से भरपूर रहे। संकल्प को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरुरी हैं इसलिए अपने मन में दोहराएं “मैं अपना लिया गया संकल्प पूरा करूँगा”।
300 आत्मसंयम क्या है ? आंखो को दुनियावी चीज़ों कि ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना।

Thursday, January 7, 2016

101-200

101 अच्छी तरह देखकर पैर रखना चाहिए, कपड़े से छानकर पानी पीना चाहिए, शास्त्र से (व्याकरण से) शुद्ध करके वचन बोलना चाहिए और मन में विचार करके कार्य करना चाहिए।
102 अच्छी तरह से जान लीजिये आपको आपके सिवा कोई और सफलता नहीं दिला सकता।
103 अच्छी शुरुआत से आधा काम हो जाता है।
104 अच्छी संगति से दुष्टों में भी साधुता आ जाती है। उत्तम लोग दुष्ट के साथ रहने के बाद भी नीच नहीं होते। फूल की सुगंध को मिट्टी तो ग्रहण कर लेती है, पर मिट्टी की गंध को फूल ग्रहण नहीं करता।
105 अच्छे आदमी के साथ बुरा नहीं हो सकता, ना इस जीवन में ना मरने के बाद।
106 अच्छे और विनर्म शब्दों की जानकारी होने के बावजूद दूसरों के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल करना वैसा ही है जैसे पेड़ पर पके हुए फल लगे होने के बावजूद कच्चे फल खाना।
107 अच्छे कर्म स्वयं को शक्ति देते हैं और दूसरों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देते हैं।
108 अच्छे कार्य करने के लिए कभी शुभ मुहूर्त मत पूछो।
109 अच्छे दोस्त आपको हर परिस्थिति का सामना करना सिखाते है, वे भी पुरे साहस के साथ।
110 अच्छे लीडर्स और लीडर्स बनाने की चेष्ठा करते हैं, बुरे लीडर्स और फालोवार्स बनाने की चेष्ठा करते हैं।
111 अच्छे लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करे, लेकिन मूर्खों के बीच चुप्पी अपनाएं।
112 अच्छे लोगों को जिम्मेदारी से रहने के लिए कहने हेतु क़ानून की ज़रुरत नहीं पड़ती, और बुरे लोग क़ानून से बच कर काम करने का रास्ता निकाल लेते हैं।
113 अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है … अन्यथा हम हमारे मन  को मजबूत और साफ रखने के लिए सक्षम नहीं हो पाएंगे।
114 अच्छे, सच्चे,ईमानदार व्यक्ति के साथ और ज्यादा अच्छे तरीके से, पूरी सच्चाई के साथ और ईमानदारी से पेश आइए। एक धोखेबाज़ व्यक्ति के साथ उससे भी ज्यादा धोखेबाज़ी करिये।
115 अजीब दस्तूर है ज़माने का... अच्छी यादें पेनड्राइव में. और... बुरी यादें दिल में रखते हैं...।।
116 अजीर्ण की स्थिति में भोजन दुःख पहुंचाता है।
117 अज्ञान के कारण आत्मा सीमित लगती है,  लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है।
118 अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है.
119 अज्ञानता, सभी बुराइयों का मूल कारण है।
120 अज्ञानी आदमी एक बैल है। ज्ञान में नहीं, वह आकार में बढ़ता है।
121 अज्ञानी और मूढ़ पुत्र की लम्बी आयु की अपेक्षा उसका उत्पन्न होते ही मर जाना अच्छा हैं, क्योंकि जन्म लेकर मरने वाले का दुःख तो थोड़े समय के लिए होता हैं –थोड़ी देर रोने-धोने के बाद माता-पिता मन को समझा लेते हैं और सम्बन्धियों की बात मानकर अपने कार्य के लग जाते हैं, परन्तु मुर्ख पुत्र जब तक जीता हैं, तब तक सभी को कष्ट देता हैं इसलिए मुर्ख पुत्र के उत्पन्न होने से उसका न होना अच्छा।
122 अज्ञानी लोगों द्वारा प्रचारित बातों पर चलने से जीवन व्यर्थ हो जाता है।
123 अज्ञानी व्यक्ति के कार्य को बहुत अधिक महत्तव नहीं देना चाहिए।
124 अति आसक्ति दोष उत्पन्न करती है।
125 अति सुंदर होने के कारण सीता का हरण हुआ, अत्यंत अहंकार के कारण रावण मारा गया, अत्यधिक दान के कारण राजा बलि बांधा गया। अतः सभी के लिए अति ठीक नहीं है। 'अति सर्वथा वर्जयते।' अति को सदैव छोड़ देना चाहिए।
126 अतीत पे धयान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो।
127 अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो.
128 अत्यंत क्रोध करना, कड़वी वाणी बोलना, दरिद्रता और अपने सगे-संबन्धियों से वैर-विरोध करना, नीच पुरुषो का संग करना, छोटे कुल के व्यक्ति की नौकरी अथवा सेवा करना-----ये छः दुर्गुण ऐसे है जिनसे युक्त मनुष्य को पृथ्वीलोक में ही नरक के दुःखो का आभास हो जाता है।
129 अत्यंत थक जाने पर भी बोझ को ढोना, ठंडे-गर्म का विचार न करना, सदा संतोषपूर्वक विचरण करना, ये तीन बातें गधे से सीखनी चाहिए।
130 अत्यधिक आदर-सत्कार से शंका उत्पन्न हो जाती है।
131 अत्यधिक भार उठाने वाला व्यक्ति जल्दी थक जाता है।
132 अत्यधिक लाड़-प्यार से पुत्र और शिष्य गुणहीन हो जाते है और ताड़ना से गुनी हो जाते है। भाव यही है कि शिष्य और पुत्र को यदि ताड़ना का भय रहेगा तो वे गलत मार्ग पर नहीं जायेंगे।
133 अत्यन्त क्रोध करना, कड़वी वाणी बोलना, दरिद्रता और अपने सगे सम्बन्धियों से वैर-विरोध करना, नीच पुरुषो का संग करना, छोटे कुल के व्यक्ति की नौकरी अथवा सेवा करना – ये छह दुर्गुण ऐसे हैं जिनसे पृथ्वीलोक में ही नरक के दुखो का आभास हो जाता हैं।
134 अथार्त आदमी परदेश में जाकर धन कमाता हैं परन्तु वहां उसे अनेक कष्ट भी उठाने पड़ते हैं इसलिए व्यक्ति को चाहिए की वह अपनी आय को समय के अनुरूप ढाल लें।
135 अधम, नीच व छोटे व्यक्ति इस संसार में धन को ही महत्व देते हैं बीच के, मध्यम स्तर के व्यक्ति धन के साथ मान को भी महत्व देते हैं, इन दोनों के विपरीत उत्तम पुरुष धन की अपेक्षा सम्मान-प्राप्ति को ही अधिक महत्व देते हैं उनके जीवन का लक्ष्य सम्मान प्राप्त करना होता हैं और इसे ही वे सबसे बड़ा धन समझते हैं।
136 अधर्म बुद्धि से आत्मविनाश की सुचना मिलती है।
137 अधिकतर आपकी गहन इच्छाओं से ही घोर नफरत पैदा होती है।
138 अधिकतर मनुष्यों के पास सम्पति या ताकत अर्जित करने के साधन नहीं होते, लेकिन ज्ञान अर्जन करने की क्षमता सबके पास होती है।
139 अधिकतर महान लोगों ने अपनी सबसे बड़ी सफलता अपनी सबसे बड़ी विफलता के एक कदम आगे हांसिल की है।
140 अधिकतर लोग उतने ही खुश होते है जितना की वे होना चाहते है। 
141 अधिकांश लोग कहते है की वो बुद्धि है जो एक महान वैज्ञानिक बनाती है।  वो गलत है चरित्र ही एक महान वैज्ञानिक बनाता है।
142 अनकहे शब्दों के तो हम मालिक है लेकिन मुंह से फिसले शब्दों केगुलाम।
143 अनजानी राहो पर वीर ही आगे बड़ा करते है कायर तो परिचित राह पर ही तलवार चमकाते है। 
144 अनुभव हमें सिखाता है कि कब्ज़ा जमाने के बाद दुश्मन को हटाने की तुलना में उसे कब्ज़ा करने से रोकना कहीं आसान है.
145 अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच पुल है।
146 अनुशासन से स्वतंत्रता आती है।
147 अनेक अनर्थो की जड़ होने के कारण मुर्खता बहुत कष्ट देने वाली हैं। इसी प्रकार यौवन भी कष्टकर होता हैं, परन्तु दूसरे व्यक्ति के घर में किसी विवशता के कारण रहना सर्वाधिक कष्टकर कार्य हैं।
148 अनेक जन्मो से किया गया दान, अध्ययन और तप का अभ्यास, अगले जन्म में भी उसी अभ्यास के कारण मनुष्य को सत्कर्मी की ओर बढाता है, अर्थात वह दूसरे जन्म में भी शास्त्रों के अध्ययन को  दान देने की प्रवृति को और तपस्यारत जीवन को  दुसरो के पास तक पहुंचाता है।
149 अनेक बातें गुप्त रखने की होती हैं बुद्दिमान व्यक्ति को निमंलिखित छ: बातें कभी किसी से नहीं कहनी चाहिए इन्हें अपने तक ही सीमित रखना चाहिए और दूसरों से यथासम्भव छिपाने की चेष्टा करनी चाहिए –
150 अनेक रंग और रूपों वाले पक्षी सायं काल एक वृक्ष पर आकर बैठते है और प्रातःकाल दसों दशाओं में उड़ जाते है। ऐसे ही बंधु-बांधव एक परिवार में मिलते है और बिछुड़ जाते है। इस विषय में शौक कैसा ?
151 अन्न और जल का दान अप्रितम दान हैं। भूखे को भोजन करा देना और प्यासे को पानी पिला देना से बाद कोई दूसरा दान नहीं हैं। द्वादशी जैसी को उत्तम तिथि नहीं हैं और गायत्री मंत्र से बड़ा कोई दूसरा मंत्र नहीं हैं। साप के दंश में विष होता है। कीड़े के मुह में विष होता है। बिच्छू के पूंछ में विष होता है। लेकिन दुष्ट व्यक्ति तो पूर्ण रूप से विष से भरा होता है।
152 अन्न की अपेक्षा उसके चूर्ण अथार्थ पिसे हुए आटे में दस गुना अधिक शक्ति होती हैं, दूध में आटे से भी दस गुना ज्यादा शक्ति होती हैं, मांस में दूध से भी आठ गुना ज्यादा शक्ति होती हैं और घी में मांस से भी दस गुना ज्यादा बल हैं।
153 अन्न की अपेक्षा उसके चूर्ण अर्थात पिसे हुए आटे में दस गुना अधिक शक्ति होती है। दूध में आटे से भी दस गुना अधिक शक्ति होती है। मांस में दूध से भी आठ गुना अधिक शक्ति होती है। और घी में मांस से भी दस गुना अधिक बल है।
154 अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है।
155 अन्न दान करने से भ्रूण हत्या (गर्भपात) के पाप से मुक्ति मिल जाती है।
156 अन्नदान व जलदान से बड़ा कोई अन्य दान नहीं, द्वादशी तिथि के समान कोई अन्य तिथि नहीं, गायत्री मंत्र के समान कोई अन्य मंत्र नहीं और माता के समान कोई दूसरा देवता नहीं।
157 अन्नहीन यज्ञ राजा को, मंत्रहीन यज्ञ करने वाले ऋत्विजों को और दानहीन यज्ञ यजमान को जलाता है। यज्ञ के बराबर कोई शत्रु नहीं है।
158 अन्याय से उपार्जित किया गया धन दस वर्ष तक रहता है। ग्यारहवें वर्ष के आते ही जड़ से नष्ट हो जाता है।
159 अन्याय,धूर्तता अथवा बेईमानी से जोड़ा-कमाया धन अधिक से अधिक दस वर्षो तक रहता हैं। ग्यारवे वर्ष में वह बढ़ा हुआ धन मूल के साथ ही नष्ट हो जाता हैं।
160 अपच में, भोजन पच जाने पर तथा भोजन के बीच तो जल का सेवन लाभप्रद हैं, परन्तु भोजन समाप्त करते ही अधिक जल पीना हानिकारक हैं अत: ऐसा नहीं करना चाहिए।
161 अपच होने पर पानी दवा है, पचने पर बल देने वाला है, भोजन के समय थोड़ा-थोड़ा जल अमृत के समान है और भोजन के अंत में जहर के समान फल देता है।
162 अपना एक विज़न रखो।  ये अदृश्य  को देखने की एक आवश्यक योग्यता है। और यदि आप अदृश्य द्देख सकते है तो आप असंभव भी प्राप्त कर सकते है।
163 अपना काम अच्छे तरीके से करने के बाद संतुष्ट होकर आराम कीजिए। दूसरे आपके बारे में क्या बात करते है, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए।
164 अपना काम उसी वजह से करें जिस वजह से सांस लेते है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो ज़िंदा रहना मुश्किल होगा।
165 अपना समय औरों के लेखों से खुद को सुधारने में लगाइए, ताकि आप उन चीजों को आसानी से जान पाएं जिसके लिए औरों ने कठिन मेहनत की है।   
166 अपनी आत्मा से द्वेष करने से मनुष्य की मृत्यु हो जाती है----दुसरो से अर्थात शत्रु से द्वेष के कारण धन का नाश और राजा से द्वेष करने से अपना सर्वनाश हो जाता है, किन्तु ब्राह्मण से द्वेष करने से सम्पूर्ण कुल ही का नाश हो जाता है।
167 अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए एक निश्चित योजना बनाएं, और तुरंत इसे क्रियान्वित करने की शुरुआत कर दें, चाहे आप तैयार हों या नहीं।
168 अपनी क्षमता का ध्यान रखकर काम करे और जब जरुरी हो तभी इसका प्रदर्शन भी करे।
169 अपनी क्षमताओं को जान कर और उनमे यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
170 अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।
171 अपनी दासी को ग्रहण करना स्वयं को दास बना लेना है।
172 अपनी पहली सफलता के बाद विश्राम मत करो क्योकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतज़ार में होंगे की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।
173 अपनी बुद्धिमता को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।
174 अपनी शक्ति को जगाये। कभी भी दूसरों पर निर्भर न रहे और न चीजों को खुद अपने तरीको से अकेले में करने की कोशिश करे, जो आपको मुश्किल लगती हैं।
175 अपनी शक्ति को जानकार ही कार्य करें।
176 अपनी सर्वोत्तम क्षमताओ के अनुसार राजनितिक मामलो में दोषसिद्धि हर नागरिक का कर्तव्य है।
177 अपनी सीमा अथार्थ आय के साधनों की उपेक्षा करके अन्धाधुन्ध खर्च करने वाला, सहायको के न होने पर भी दूसरों से झगडा बढ़ने वाला और सभी स्त्रियों (बाला, युवती, वृदा, स्वस्थ-अस्वस्थ, सुंदरी-असुन्दरी, उच्चवर्ण तथा निम्नवर्ण ) से सम्भोग करने वाला व्यक्ति शीघ्र ही नष्ट हो जाता हैं।
178 अपनी सेवा से स्वामी की कृपा पाना सेवकों का धर्म है।
179 अपनी सोच के अलावा किसी चीज़ पर हमारा पूरा नियंत्रण नहीं होता। 
180 अपनी स्त्री, भोजन और धन, इन तीनों में संतोष करना चाहिए और विद्या पढ़ने, जप करने और दान देने, इन तीनो में संतोष नहीं करना चाहिए।
181 अपने Job से प्यार करो पर अपनी Company से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते कि कब आपकी Company आपको प्यार करना बंद कर दे।
182 अपने अन्दर के बच्चे को जीवित रखें।  ऐसा करने से आप जीवन के हर मोड़ पर मिलने वाली छोटी-बड़ी ख़ुशी का लुफ्त उठा पायेंगे और यह आपको हमेशा जवान रहने का अहसास करायेगा।
183 अपने अहम के प्रकाश में हम सब सम्राट है।
184 अपने आचरण से शोक और संताप उत्पन करने वाले बहुत से पुत्रो की अपेक्षा तो कुल को ऊँचा उठाने वाला और कुल के सदस्यों को सुख देने वाला एक ही पुत्र अच्छा होता हैं।
185 अपने आप की तुलना किसी से मत करो, यदि आप ऐसा कर रहे है तो आप स्वयं अपनी बेइज़्ज़ती कर रहे है।
186 अपने आप को क्षमा कर देना साहस का सर्वोच्च कार्य है। उन सब कार्यों के लिए जो मैं नहीं कर सकता था लेकिन मैंने किया।
187 अपने काम में सुन्दरता तलाशो. उससे सुंदर और कुछ हों ही नहीं सकता। 
188 अपने कार्य की योजना बनाएं तथा अपनी योजना पर कार्य करें।
189 अपने कार्य की शीघ्र सिद्धि चाहने वाला व्यक्ति नक्षत्रों की परीक्षा नहीं करता।
190 अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा ।
191 अपने कुल अर्थात वंश के अनुसार ही व्यवहार करें।
192 अपने जीवन में उच्चतम एवं श्रेष्ठ लक्ष्य रखो और उसे प्राप्त करो।
193 अपने जॉब से प्यार करो पर अपनी कम्पनी से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते की कब आपकी कम्पनी आपको प्यार करना बंद कर दे।
194 अपने ज्ञान के प्रति ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है।
195 अपने दिल में यह बात बैठा लो की आज का दिन जिंदगी का सबसे अच्छा दिन है।
196 अपने दुश्मन के साथ शान्ति से रेहाना चाहते हैं तो उसके साथ काम करना शुरू कर दें।  इस तरह से वो आपका
197 अपने दुश्मनों को क्षमा कर दीजिये, पर कभी उनके नाम मत भूलिए। 
198 अपने दुश्मनों को हमेशा माफ़ कर दीजिये। उन्हें इससे अधिक और कुछ नहीं परेशान कर सकता। 
199 अपने धर्म के लिए ही कोई सत्पुरुष कहलाता है।
200 अपने प्रयोजन में द्रढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।

Monday, January 4, 2016

1-100

1 Age को कभी बाधा न बनने दें। 
2 Body Language को ठीक रखे। अपनी body language ठीक रखे क्योकि body language एक व्यक्ति के बारे में सब कुछ बयां कर देता हैं इसलिए संकोची प्रवर्ती को छोड़ कर अपने अन्दर आत्मविश्वास जगाये और दूसरों पर अच्छा प्रभाव छोड़ने के लिए इशारों को समझे।
3 Business World में Enter करने का ये सबसे अच्‍छा समय है क्‍योंकि अगले 10 सालों में Business World में इतना बदलाव होने जा रहा है जितना पिछले 50 सालों नहीं हुआ था।
4 Computer से अधिक दोस्ती न करे।Computer आपकी जिन्दगी का एक सबसे महतवपूर्ण हिस्सा बन चूका हैं परन्तु जरुरत से जयादा इसका इस्तेमाल करने से आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
5 Creativity भविष्य की सफलता की कुंजी हैं और प्राथमिक शिक्षा के दौरान एक शिक्षक ही इस Creativity को बच्चों में उत्पन्न कर सकता हैं।
6 E-mail शिष्टाचार का ध्यान रखे। E-mail आज के समय में संचार का सबसे तेज तरीका बन चूका हैं इसलिए अनुमान लगाया जा रहा हैं की दुनिया भर में रोजाना लगभग तीन अरब से भी अधिक emails भेजी जाती हैं लेकिन e-mail भेजने से पहले गलतियों पर ध्यान दे फिर spell-check tool का प्रयोग करें परन्तु e-mail का जबाब जल्दी दे और यदि जयादा परेशानी हो तो अगले दिन जरुर भेज दे।
7 Health के प्रति सचेत रहें। सेहत से सुन्दरता का गहरा रिश्ता हैं इसलिए संकल्प ले कि समय पर सोयंगे समय पर जागेंगे, समय पर भोजन करेंगे और नियमित रूप से morning walk पर भी जायेंगे या फिर exercise के लिए भी समय निकालेंगे।
8 High school से बाहर निकलते ही आप हजारो रूपये नहीं कमा सकते हैं। जब तक आप कमाते नहीं हैं तब तक Car और Phone नहीं ले सकते हैं।
9 IT professionls
10 Knowledge होने का यह मतलब नहीं हैं कि आप आगे बढ़ रहे हैं आगे बढ़ने का मतलब हैं कि knowledge के जरिये आपके जीवन में बदलाव आ रहे हैं।
11 Microsoft लालच के बारे में नहीं है, यह Innovation और निष्पक्षता के बारे में है।
12 Professional बनने की कोशिश करे। अपनी बातचीत और प्रदर्शन को प्रभावशाली बनाने के लिए अमीर लोगो से प्रेरणा ले, क्योंकि केवल व्यावसायिक सूट पहनना आपके पेशेवर होने को परिभाषित नहीं करता।
13 Science, Army का एक कप्तान और Practice सैनिको की तरह होती है।
14 Smoking करने से पहले आप cool नज़र नहीं आएंगे। वरन इससे आप उलटे कमज़ोर बुद्धि के लगेंगे। अगली बार जब आप बाहर जाएँ तो हो सकता हैं की 11 साल का बच्चा भी मुहं में कोई खिलौना लिए दिखे। आप भी ऐसे ही दिखेंगे, बस उम्र 20 की होगी, उस बच्चे को देख कर जो विचार आपने मन में आएंगे, वही दूसरों के मन में आपको smoking करते देखकर आ सकते हैं।
15 TV, कोई वास्तविक जीवन नहीं हैं। असली जीवन में लोगो को coffee shop का खुशनुमा माहौल छोड़ कर नौकरी पर जाना ही पड़ता हैं।
16 Time management अपनाये। सभी व्यक्तियों के लिए दिन में 24 घंटे ही होते हैं लेकिन फिर भी कई लोग कहते हैं की time नहीं मिलता, मुझे समय नहीं मिला, इसलिए time management 
17 अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं. मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे.
18 अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं। मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे।
19 अंत में वो आपकी ज़िन्दगी के साल नहीं है जो गिने जाते है बल्कि वो आपके सालों में ज़िन्दगी है जो गिनी जाती है।
20 अंधकार से अंधकार को दूर नहीं किया जा सकता है, केवल प्रकाश से ही ऐसा किया जा सकता है. नफरत से नफरत को नहीं हटाया जा सकता है, केवल प्यार से ही ऐसा किया जा सकता है।
21 अंधो के देश में एक आँख वाला ही राजा होता है। 
22 अंहकार   और   पेट   जब बढ़ जाता है तो इंसान चाह कर भी गले नहीं मिल सकता.
23 अकारण किसी के घर में प्रवेश न करें।
24 अकुलीन धनिक भी कुलीन से श्रेष्ठ है।
25 अकेलापन और किसी के द्वारा न चाहने की भावना का होना भयानक गरीबी के सामान है।
26 अकेले फूल को कई काँटों से इर्ष्या करने की ज़रुरत नहीं होती।
27 अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं , साथ में कितना ज्यादा.
28 अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद।
29 अक्सर आपको अपने अंतर्ज्ञान पर ही भरोसा करना होगा।
30 अक्सर क्षमा माँगना, अनुमति मांगने से आसान होता है। 
31 अगम्भीर विद्वान को संसार में सम्मान नहीं मिलता।
32 अगर अच्छाई की मांग नहीं होगी तो लोग ज्यादा समय तक अच्छे नहीं बनना चाहेंगे।
33 अगर आज मैं यहाँ एक क्रांतिकारी के रूप में खड़ा होता हूँ तो यह क्रांति के खिलाफ एक क्रांतिकारी के खड़े होने के  सामान होगा।
34 अगर आप Fail हो जाएँ तो कभी भी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L का अर्थ होता है “सीखने की आपकी पहली कोशिश” – End भी अंत नहीं होता, क्योंकि E.N.D का अर्थ होता है “कोशिश कभी बेकार नहीं जाती” – अगर आपको जवाब दिया जाता है No, तो भी कोई बात नहीं क्योंकि N.O का अर्थ होता है “अगला अवसर”। इसलिए हमेशा positive बने रहिए।
35 अगर आप अच्छा नहीं बना सकते तो कम से कम ऐसा तो कीजिए कि वह अच्छा दिखे।
36 अगर आप अच्छा नहीं बना सकते तो कम- से- कम ऐसा तो कीजिए कि वह अच्छा दिखे।
37 अगर आप अपनी समृद्धि की कल्पना नहीं करते है तो आप उसे अपने बैंक के खातों में कभी देख नहीं पाएंगे।
38 अगर आप ईश्वर को अपने भीतर और दूसरे वन्य जीवो में नहीं देख पाते, तो आप ईश्वर को कही नहीं पा सकते।
39 अगर आप किसी चीज पर विश्वास नही करते है, तो खुद पर भी मत करिये।
40 अगर आप कुछ सोच रहे है तो ही आप जीवित है।
41 अगर आप गरीब पैदा होते हैं, ये आपकी गलती नहीं है लेकिन आप गरीब मर रहे हैं तो ये आपकी गलती है।
42 अगर आप चाहते हैं कि कोई चीज अच्छे से हो तो उसे खुद कीजिये। 
43 अगर आप पहले से ही कोई लक्ष्य बना के चलते तो क्या आपको लगता हैं, कि आप उसे अब तक पूरा कर लेते।
44 अगर आप यह देखेंगे की लोग कैसे हैं तो आप के पास उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा।
45 अगर आप यह सोचते है की आप बहुत छोटे है तो एक मच्छर के साथ सोकर देखिये।
46 अगर आप संतुष्ट है तो आप आजाद रहेंगे। आजादी ही संतुष्टि का फल है।
47 अगर आप संतुष्ट है तो आपकी गिनती दुनिया सबसे अमीर लोगो में होगी।
48 अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये.
49 अगर आप समस्या को टालने में विश्वास रखते हैं तो इस आदत को 2016 में ही छोड़ दे, कोई समस्या या परेशानी हैं तो उसी वक्त उसका समाधान निकालें।
50 अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं, तो आपको पहले सूर्य की तरह ही जलना भी होगा।
51 अगर आप से कोई गलती हो गई हैं तो यह आपको parents की गलती नहीं हैं। अपनी गलतियों पर रोने के बजाय उनसे सीखे।
52 अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं-तो आप कर सकते हैं !अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते हैं- तो आप नहीं कर सकते हैं ! और किसी भी तरह से …आप सही हैं !
53 अगर आपका Business, Internet पर आधारित नहीं है तो आपका  Business, Business से बाहर हो जाएगा।
54 अगर आपका दुश्मन बिना हथियारों के लड़ने आया है तो अच्छी बात है। लेकिन अगर वह हथियार छोड़ना नहीं चाहता है तो उसके हथियारों को खुद उतारने की तैयारी करके जाइये।
55 अगर आपको कोई महत्व नहीं देता है तो चिंता कीजिए, पर महत्व प्राप्त करने के लिए कोशिश जारी रखिए।
56 अगर आपको पता चल जाए की आपका दोस्त पीठ के पीछे क्या बोल रहा है तो कम ही लोगों के अच्छे और सच्चे दोस्त होंगे। 
57 अगर आपने अपना कोई रहस्य किसी एक व्यक्ति को बताया है, तो आप उसे अपने इस रहस्य को दूसरे लोगो को बताने से रोक नहीं सकते है।
58 अगर इंसान शिक्षा की उपेक्षा करता है तो वह लंगडाते हुए अपने जीवन के अंत की तरफ बढ़ता है।
59 अगर एक अच्छा व्यक्ति आपके साथ कुछ बुरा करता है तो ऐसे बर्ताव कीजिये जैसे आपने ध्यान ही नहीं दिया। वो व्यक्ति जरूर इस बात पर ध्यान देगा और आगे से आपके शक के दायरे में ही नहीं रहेगा।
60 अगर औरते नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती। 
61 अगर कप्तान का केंद्र जहाज को सुरक्षित रखना है तो वे जहाज को कभी समुद्र में नहीं उतरने देगा। उसे पोर्ट में ही रखेगा।
62 अगर किसी देश को भ्रष्टाचार-मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं- पिता, माता और गुरु।
63 अगर कुछ महत्व रखता है तो वह है कर्म और प्रेम। 
64 अगर कुत्ते की पूँछ को पैर कहें, तो कुत्ते के कितने पैर हुए ? चार। पूछ को पैर कहने से वो पैर नहीं हो जाती। 
65 अगर कोई व्यक्ति खुद के साथ खुश है तो वह शादीशुदा जीवन और परिवार का मज़ा लेने के काबिल बनता है।
66 अगर कोई व्यक्ति पढ़ना पसंद नहीं करता है तो वह जिंदगी के अंतिम दिनों में बिलकुल अकेला दिखाई देता है।
67 अगर जरूरत के वक़्त पर थोड़ी सी मदद मिल जाए  तो उससे ज्यादा महत्वपूर्ण या बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता है।
68 अगर तथ्य सिद्धांत से नही मिलते है तो तथ्य को बदल डालिये।
69 अगर तुम पूर्व की ओर जाना चाहते हो तो पश्चिम की ओर मत जाओ।
70 अगर दुनिया में वाकई किसी तरह की शिक्षा है तो वह है खुद को शिक्षित करना।
71 अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.
72 अगर नॉलेज होने से समस्याएं बढ़ने लगती है तो फिर अनजान होने से उन समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।
73 अगर बात स्टाइल की है तो पानी के बहाव की तरह बहते जाएं। लेकिन अगर बात सिद्धांतों की है तो चट्टान की तरह खड़े रहे।
74 अगर मेरा अस्तित्व किसी के नष्ट होने का कारण बनता है तो मौत मुझे अधिक आकर्षक और प्रिय होगी।
75 अगर मैं एक दिन मर जाऊं तो मैं ख़ुशी से जाऊँगा क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की।  मेरे खेल ने मुझे ऐसा करने दिया क्योंकि ये दुनिया का सबसे बड़ा खेल है।
76 अगर मैं पहले से कोई अंतिम लक्ष्य बना के चलता तो क्या आपको नहीं लगता है कि मैं उसे सालों पहले पूरा कर चुका होता।
77 अगर शांती चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए।
78 अगर हम अगली सदी की तरफ देखें तो लीडर वो होंगे जो दूसरों को सशक्त बना सकें।
79 अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं, तो हम समस्या हैं।
80 अगर हर एक चीज में कुछ क्षमा करने को है तो कुछ निंदा करने को भी है। 
81 अगर हर एक व्यक्ति अपनी प्राकृतिक योग्यता के अनुसार,बिना और चीजों में पड़े, सही समय पर और सिर्फ एक काम करता तो चीजें कहीं गुना बेहतर और ज्यादा  होतीं।
82 अगली दुनिया में हम सेनापतियों से ज्यादा चिकित्सकों को लोगों की जिंदगियों के लिए जवाब देना होगा। 
83 अग्नि के समान तेजस्वी जानकर ही किसी का सहारा लेना चाहिए।
84 अग्नि देव ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वेश्यो के देवता है। ऋषि मुनियों के देवता ह्रदय में है। अल्प बुद्धि वालों के देवता मूर्तियों में है और सारे संसार को समान रूप से देखने वालों के देवता सभी जगह निवास करते है।
85 अग्नि में दुर्बलता नहीं होती।
86 अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, बूढ़े और बच्चे को कभी पैर नहीं लगाने चाहिए उन्हें पैर से छुना अनुचित हैं।
87 अग्नि, पानी, स्त्रियां, मूर्ख, सांप और राजाकुल से निकट संबंध सावधानी के साथ करना चाहिए क्योंकि ये छः तत्काल प्राणों को हरने वाले है।
88 अचानक दूर से आये थके-हारे पथिक से बिना पूछे ही जो भोजन कर लेता है, वह चांडाल होता है।
89 अच्छा जीवन जीने के लिए काम में अच्छा होना जरुरी है। अपनी गतिविधियों को अच्छा रखिए।
90 अच्छा दिमाग नही, दिमाग का अच्छा उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
91 अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह।
92 अच्छा व्यक्ति मृत्यु के बाद मिलने वाले पुरस्कार और दंड से बेख़ौफ़ होकर जीवन जीता है।
93 अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है।
94 अच्छाई, बुराई के बिना रह सकती है, लेकिन बुराई कभी अच्छाई के बिना नहीं रह सकती हैं।
95 अच्छी किताबे पढ़ने का मतलब है-आप दुनिया के सबसे ज्ञानी लोगो के बीच है और उनके साथ बातचीत कर रहे है।
96 अच्छी चीज को दुबारा करने में कोई नुकसान नहीं है।
97 अच्छी जिंदगी जीना या अच्छे तरीके से मरना, दोनों एक जैसी कला है।
98 अच्छी जिन्दगी जीने के दो ही तरीके है, जो पसन्द है उसे हासिल कर लो, जो हासिल है उसे पसन्द करना सीख लो।
99 अच्छी तरह जांच-पड़ताल करने पर यदि यह सिद्ध हो जाए कि अमुक अपराध अनजाने में ही हो गया है, तो उसे क्षमा के ही योग्य बताया गया है। 
100 अच्छी तरह जीने की कला और अच्छी तरह मरने की कला एक ही है।