Tuesday, January 19, 2016

#901-1000


901 किसी व्यक्ति के लिए स्वयं पर विजय पाना सभी जीतों में सबसे पहली और महान है।
902 किसी व्यक्ति को खुद जैसा बनाना चाहते है या उसे बदलना चाहते है तो उसका हाथ पकड़िए और सहीं मार्ग पर ले जाए।
903 किसी समस्या का हल ऐसे निकाले कि वे दूसरी समस्याओं को हल करने का नियम बन जाए। और उस एक नियम से दूसरी समस्याओं का हल निकाला जा सके।
904 किसी समस्या का हल निकालने के लिए उस समस्या को इतने हिस्सों में बाटे जितना की हल निकालने के लिए जरूरी है। ऐसा करने से ज्यादा हल निकल आएंगे।
905 किसी से दोस्ती करने में धीमे रहिये, लेकिन अगर दोस्ती हो जाएँ तो उसे मजबूती से निभाइए और हमेशा जरुरत के समय दोस्तों के साथ रहिये।
906 किसी से नफरत करना आसान है, मगर प्यार करना मुश्किल है। इन्हीं दो बातो के इर्द गिर्द पूरी दुनिया घूमती है। अच्छी चीजे बहुत मुश्किल से मिलती है और बुरी आदते उतनी ही मुश्किल से जाती है।
907 किसी से भी मिलते वक़्त आवशयकता से अधिक अच्छे रहो।  प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह का युद्ध लड़ रहा है।
908 किसी ख़ास समुदाय को ध्यान में रखकर उत्पादों को डिजाइन करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि  बहुत से लोग नहीं जानते है की वो क्या चाहते है जब तक की आप उन्हें दिखाए नहीं।
909 की ब्राह्मण-कुल में उत्पन्न अगस्त्य ऋषि ने गुस्से में मेरे पिता समुद्र को ( जो मेरे पिता है) पी लिया।
910 कीर्ति वीरोचित कार्यो की सुगन्ध है।
911 कीड़ों तथा मलमूत्र का घर यह शरीर पुण्य और पाप को भी जन्म देता है।
912 कुछ  मत  पूछो , बदले  में  कुछ  मत  मांगो ,जो  देना  है  वो  दो ; वो  तुम  तक  वापस  आएगा , पर  उसके  बारे  में  अभी  मत  सोचो।
913 कुछ  सच्चे , इमानदार  और  उर्जावान  पुरुष  और  महिलाएं ;  जितना  कोई  भीड़  एक  सदी  में  कर  सकती  है  उससे  अधिक  एक  वर्ष  में  कर  सकते  हैं।
914 कुछ उपाय हैं गुस्सा कम करने के  रोज नारियल पानी पियें।  चन्दन के पेस्ट को अपने माथे पर लगाये। तले हुए मसालेदार खाने से परहेज करे। और लाल रंग से दूर रहने का प्रयास करें क्योकि यह आपके अन्दर गुस्सा उत्पन्न करता हैं।
915 कुछ करने का जूनून होना और समझदारी दोनों एक ही बात है।
916 कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
917 कुछ न समझना ही सब कुछ क्षमा कर देने का रहस्य है.
918 कुछ पढने कि इच्छा न होने के बावजूद कुछ पढ़ने से memory का नुकसान होता हैं, ऐसे में आप जो कुछ पढ़ते हैं उसमे से कुछ भी याद नहीं रहता हैं।
919 कुछ बातें ऐसी है जो एक पीढ़ी के लोगों के लिए खराब या गलत हो सकती है। लेकिन वही बातें आने वाली पीढ़ियों के लिए सही साबित हो सकती है।
920 कुछ भी उपयुक्त हासिल करने के लिए तीन महत्त्वपूर्ण चीजें हैं कड़ी मेहनत, दृढ़ता और Common sense।
921 कुछ लोग आपकी ज़िन्दगी में आशीर्वाद की तरह  कुछ लोग एक सबक की तरह।
922 कुछ लोग तीन तरह के दुःख झेलते हैं- एक जो वे पहले भुगत चुके हैं, दूसरा जो अभी भुगत रहे हैं और तीसरा आने वाली समस्याओं का डर। 
923 कुछ लोग निजी उद्यमों को आदमखोर शिकारी मानते है ,जिसे गोली मार देनी चाहिये।कुछ इसे ऐसी गाय मानते है, जिसका वे दूध निकाल सकते है।लेकिन बहुत कम देख पते है की वह एक स्वस्थ घोडा है जो एक भारी वेगन खींच रहा है।
924 कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
925 कुछ लोग सोचते हैं कि अवसर केवल किस्मत वालो को मिलते हैं लेकिन मेरा विश्वास हैं कि अवसर तो हमारें चारो तरफ हैं कुछ लोग इसको भुनाना जानते हैं और कुछ लोग खड़े रहते हैं और इसको जाने देते हैं।
926 कुछ लोगो के द्वारा प्राप्त की गई महान सफलता इस बात का प्रमाण है की बाकी सारे लोग भी इसे प्राप्त कर सकते है।
927 कुछ लोगों को लगता है की वे सब जानते है। इस किस्म के लोग उन लोगों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बनते है जो वाकई जानकार है।
928 कुछ सुखों की इच्छा ही मेरे दुःखों का अंश है।
929 कुत्ते  से छः गुण ग्रहण  करने  चाहिए  -1. बहुत  अधिक  खाने की शक्ति ,  (2) यथाप्राप्त स्वल्प भोजन से सन्तुष्ट  रहना , (3) गहरी निद्रा , (4) जरा सी आहट से झटपट  जाग जाना, (5) स्वामीभक्ति तथा (6) शत्रु पर शूरवीरता के साथ झपटना ।वहवाशी  स्वल्पसन्तुष्टः सनिद्रो  लघुचेतनः  ।स्वामिभक्तश्च शूरश्च षेडते श्वानतो गुणाः ।।
930 कुमुदिनी के पत्तो के मध्य विकसित उसके पराग कणो से मस्त हुआ भौंरा, जब भाग्यवश किसी दूसरी जगह पर जाता है तो वहा मिलने वाले कटसरैया के फूलों के रस को भी अधिक महत्व देने लगता है।
931 कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
932 कुलटा (चरित्रहीन) स्त्रियों का प्रेम एकान्तिक न होकर बहुजनीय होता है। उनका कहना है की कुलटा स्त्रियां पराए व्यक्ति से बातचीत करती है, कटाक्षपूर्वक देखती है और अपने ह्रदय में पर पुरुष का चिंतन करती है, इस प्रकार चरित्रहीन स्त्रियों का प्रेम अनेक से होता है।
933 कुशल और निरंतर प्रचार के ज़रिये, कोई लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा  सकता है या एक बिलकुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा  सकता है। 
934 कुशल लोगों को रोजगार का भय नहीं होता।
935 कृतघ्न अर्थात उपकार न मानने वाले व्यक्ति को नरक ही प्राप्त होता है।
936 कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
937 केवल आशा के सहारे ही लक्ष्मी प्राप्त नहीं होती।
938 केवल इंसानों में अपने विचारों को भौतिक वास्तविकता में बदलने की शक्ति होती है; केवल इंसान सपने देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है।
939 केवल एक गुणवान और विद्वान बेटा सैकडो गुणहीन निकम्मे बेटों से अच्छा होता हैं, जिस प्रकार एक ही चाँद रात्रि के अंधकार को दूर करता हैं असंख्य तारे मिलकर भी रात्रि के गहन अंधकार को दूर नहीं कर सकते उसी प्रकार एक गुणी पुत्र ही अपने कुल का नाम रोशन करता हैं, उसे ऊँचा उठाता हैं।
940 केवल तर्क ही शाश्वत है, बाक़ी सभी चीज़ें नष्ट हो जाती हैं।
941 केवल धन देने भर से संतुष्ट न हों, धन पर्याप्त नहीं है, वह पाया जा सकता है लेकिन उन्हें आपके प्रेम की आवश्यकता है, तो जहाँ भी आप जायें अपना प्रेम सबमे बांटे।
942 केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
943 केवल प्रेम ही वास्तविकता है , ये महज एक भावना नहीं है.यह एक परम सत्य है जो सृजन के ह्रदय में वास करता है।
944 केवल मृत लोगों ने युद्ध का अंत देखा है।
945 केवल वही व्यक्ति सब की उपेक्षा उत्तम रूप से करता है जो पूर्णतया निस्वार्थी है, जिसे न धन की  लालसा है, न कीर्ति की और न अन्य किसी वस्तु की। 
946 केवल वही, जो युवाओं का मालिक होता है, भविष्य में लाभ उठता है। 
947 केवल साहस से कार्य-सिद्धि संभव नहीं।
948 कॉम्पिटिशन का सामना न करने वाले लोग ही लड़ाई-झगड़े करने लगते है।
949 कोई  भी व्यक्ति उस क्षेत्र में सफलता नहीं प्राप्त कर सकता जिसे वह पसंद ना करता हो।
950 कोई अपराध इतना बड़ा नही है,जितना की श्रेष्ठ बनने की धृष्टता करना।
951 कोई आदमी कितना सच्चा है या उसकी मान्यता है यह नहीं, बल्कि वह सच्चाई तक पहुंचने के लिए क्या प्रयत्न करता है यह उसका मोल या महत्व दर्शाता है।
952 कोई आपको धोखा दें यह उसकी गलती है वही इन्सान अगर आपको दोबारा धोखा दे तो यह आपकी गलती है।
953 कोई आपको ज़ख्म देता है तो बेशक आप उसे एक बार भूल जाए, लेकिन अगर आप किसी को दर्द पहुंचाते हो तो उसे जीवन भर नहीं भूल पाते हो।
954 कोई इंसान बिना किसी कठिनाई के जीतता है तो यह केवल एक विजय है; लेकिन यदि कोई इंसान बहुत सी कठिनाइयों के बावजूद जीतता है तो यह इतिहास है।
955 कोई एक दिन निश्चित करें कि उस दिन कोई भी नेगेटिव चीजे नहीं सोचंगे Gossip झूठ या धोखा हम सबके साथ होता हैं इससे आप भी नहीं बच सकते, लेकिन कई चीजे अच्छी भी होती हैं उनके बारें में सोचिये इससे अलग तरह कि उर्जा मिलेगी।
956 कोई क़ानून या अध्यादेश समझ से शक्तिशाली नहीं हैं।
957 कोई कुछ मांगे तो उसे दे दीजिए, लेकिन आपसी समझ के आधार पर किसी को कुछ देना सबसे सर्वश्रेष्ठ है।
958 कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है.
959 कोई तर्क अकेले ही इतना मजबूत नहीं हो सकता जो मानव ज्ञान की सम्पूर्णता को बयां कर सके।
960 कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
961 कोई नई बात या नई चीज़ सीखना अच्छा लगता है, लेकिन किसी नए कार्य को करने से जिस तरह के आनंद का अनुभव होता है, वे अतुलनीय है।
962 कोई नया काम या किसी नई चीज की खोज यह सोचकर मत करिए कि इससे कोई फायदा होगा की। आप सिर्फ खोज करिए। अच्छी खोज दूसरों की भलाई के काम आ जाती है।
963 कोई भी अच्छा निर्णय जानकारियो पर निर्भर करता है। आंकड़ों या संख्याओ पर नहीं।
964 कोई भी इस बात से नुकसान नहीं पहुंचा सकता है की भगवान एक है, बीस है, भगवान या है ही नहीं।
965 कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है।
966 कोई भी कानून आपकी समझदारी से ज्यादा अहमियत नहीं रखता है।
967 कोई भी चीज जो बिके नहीं, मैं उसका आविष्कार नहीं करना चाहूँगा उसका बिकना उपयोगिता का प्रमाण है और उपयोगिता ही सफलता है।
968 कोई भी निर्णय लेने के पहले हज़ारों बार सोचो पर एक बार निर्णय लेने के बाद कभी उसे मत पलटो चाहे इसके लिए आपको हज़ारों तकलीफे उठानी पड़े।
969 कोई भी पुजारी या पंडित उस वक़्त तक अच्छा इंसान नहीं बन सकता है। जब तक वे अपने टाइटल को प्यार करे, न की अपने काम को।
970 कोई भी मनुष्य ख़ुशी या उत्साह के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इसलिए अगर मनुष्य को उत्साह नहीं मिले तो उसका रुझान दूसरी चीज़ों की तरफ होने लगता है।
971 कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति का दोस्त नहीं हो सकता है, जिससे उसे प्यार न मिले।
972 कोई भी व्यक्ति किसी को आसानी से नुकसान पंहुचा सकता है, लेकिन हर व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा नहीं कर सकता है।
973 कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।
974 कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिस पर वह उत्पन्न हुई है। 
975 कोई भी सुझाव, योजना, या उद्देश्य मन में विचार को बार-बार दोहरा कर बैठाया जा सकता है।
976 कोई वहां तक माफ़ करता है जहाँ तक वो प्यार करता है। 
977 कोई व्यक्ति अपने अधिकारों से ज्यादा अपने हितों के लिए लडेगा। 
978 कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.
979 कोई व्यक्ति यदि कुछ मामलो में अपना विवेक नहीं खो देता है तो इसका मतलब है उसके पास खोने  के लिए कुछ नहीं है।
980 कोई व्यक्ति सिर्फ चाह कर नास्तिक नहीं बन सकता।
981 कोए से पांच  बाते सीखनी चाहिए - 1 गुप्त  स्थान  पर  मादा का भोग (2) चारो ओर दृष्टि  रखना अर्थात  चौकन्ना रहना, (3) उचित समय पर भविष्य  के लिए  संग्रह करना 4 .  कभी आलस्य  न करना ,  (5) किसी पर विश्वास    करना ।गूढमैथुन चारित्वं काले काले च संग्रहम् ।अप्रमतम विश्वासं पञ्च  शिक्षेच्च  वायसात् ।।
982 कोमल स्वभाव वाला व्यक्ति अपने आश्रितों से भी अपमानित होता है।
983 कोयल की कुक सबको अच्छी  है।
984 कोयल की मीठी वाणी अथार्थ उसका कर्णप्रिय स्वर ही उसका रूप है कोयल भी कौए के समान काली और कुरूप होती है परन्तु उसका स्वर लोगो के कानो को इतना मधुर और प्रिय लगता हैं कि वे उसके कुरूप होने की उपेक्षा करके उससे स्नेह करने लगते हैं, इसी प्रकार स्त्रियों का सच्चा सौन्दर्य उनका पतिवर्ता होना हैं यदि रूपवती युवती चरित्रहीन हैं तो उसके रूप-सौन्दर्य का कोई लाभ नहीं, वह सुंदरी होने पर भी समाज की द्रष्टि में पतिता मानी जाती हैं।
985 कोयल की वाणी तभी तक मौन रहती है, जब तक कि सभी जनों को आनंद देने वाली वाणी प्रारम्भ नहीं हो जाती।
986 कोयल की शोभा उसके स्वर में है, स्त्री की शोभा उसका पतिव्रत धर्म है, कुरूप व्यक्ति की शोभा उसकी विद्वता में है और तपस्वियों की शोभा क्षमा में है।
987 कौवे से ये पांच बाते सीखे 1.अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे 2.नीडरता 3.उपयोगी वस्तुओ का संचय करे 4.सभी ओर द्रष्टि घुमाये 5.दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे।
988 क्या कभी किसी  ने सोचा है कि वे  जो चाहता था वो उन्हें  इसलिए नहीं मिला क्योंकि उनके पास प्रतिभा नहीं थी, या शक्ति नहीं थी , या धीरज नही था , या प्रतिबद्धता नहीं थी ?
989 क्या तुम लोहे की धधकती छड़ सिर्फ इसलिए अपने हाथ में पकड़ सकते हो क्योंकि कोई तुम्हे ऐसा करना चाहता है ? तब , क्या तुम्हारे लिए ये सही होगा कि तुम सिर्फ अपनी इच्छा पूरी करने के लिए दूसरों से ऐसा करने को कहो। यदि तुम अपने शरीर या दिमाग पर दूसरों के शब्दों या कृत्यों द्वारा  चोट बर्दाश्त नहीं कर सकते हो तो तुम्हे दूसरों के साथ अपनों शब्दों  या कृत्यों द्वारा ऐसा करने का क्या अधिकार है ?
990 क्या तुम्हे मालूम है कि सात्विक प्रकृति का मनुष्य कैसे ध्यान करता है वह आधी रात को अपने बिस्तर में ध्यान करता है, जिससे लोग उसे देख ना सके।
991 क्या पैसा मुझे प्रोत्साहित करता हैं, नहीं मैं तो अपने शेयर होल्डर्स के लिए पैसा कमा रहा हूँ मुझे तो केवल उपलब्धि चाहिए, मैं हमेशा कुछ कठिन कार्य करना चाहता हूँ।
992 क्या भगवान हमें नहीं देख रहे हैं?
993 क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म-सम्मान आत्म-निर्भरता के साथ आता है?
994 क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है,  न मरती है।
995 क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है। 
996 क्रोध एक उपहार है।
997 क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।
998 क्रोध की शुरुआत गलती से होती है और अंत प्रायश्चित से।
999 क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
1000 क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं।

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